भतीजे ने भरा बुआ की चूत में माल

जैसे की आपने पिछली कहानी में पढ़ा, आयेज यहा से उसका पार्ट कंटिन्यू है.

मैं: ओये रॅंड, चल अपनी टांगे फैला कर कुर्सी पे जेया कर बैठ जेया. रंडी की तरह गांद उठा के रखना, ताकि मुझे तेरे दोनो होल क्लियर दिखे.

बुआ उठी और कुर्सी पे जेया कर बैठ गयी, और अपनी टांगे और गांद उठा के पोज़िशन में आ गयी, जैसे मैने ऑर्डर दिया था.

बुआ: पति जी आओ मेरी छूट फाड़ दो, और मुझे अपनी रॅंड औरत बना लो हमेशा-हमेशा के लिए. प्लीज़ मुझे तुम्हारा लंड चाहिए. छूट मेरी तड़प-तड़प के फिरसे गीली हो चुकी है.

मैं बुआ के पास गया और अपना लंड उनकी छूट पे पटक दिया, और ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड से उनकी छूट पे थप्पड़ मारने लगा. वो मानो जैसे मछली की तरह तड़पने लगी. मेरा लंड पकड़ के अपनी छूट में घुसने लगी. पर मैने उसे और तड़पाने का सोचा, और हाथ बाँध दिए, और फिरसे छूट पे थप्पड़ मारने लगा अपने लंड से.

बुआ सिर्फ़ मेरे थप्पड़ से ही झाड़ गयी. शायद इतने सालों से चूड़ी नही थी, तो उसकी छूट बहुत सेन्सिटिव हो चुकी थी.

बुआ: आहह म्ह ससस्स अर्रे मदारचोड़ अब डाल भी दे अपना लंड. कब तक तडपाएगा मुझे? बस कर ना यार, डाल भी दे अब.

फिर मैने अपना लंड धीरे से उसकी छूट पे रगड़ा, और अपना टोपा उसकी छूट में घुसा दिया. बुआ की छूट बहुत टाइट थी. बहुत सालों से चूड़ी नही थी, और मेरा लंड भी मोटा और लंबा है, तो घुस नही पा रहा था. टोपा घुसते ही बुआ चीख पड़ी-

बुआ: अहह मदारचोड़ ह.

मैं: अर्रे रॅंड, इतने में ही दूं निकल गया क्या तेरा? अभी तो बस टोपा घुसाया है.

बुआ: क्या? झूठ मत बोल की ये तेरा आधा लंड है.

बुआ ने जब देखा तो और दर्र गयी, की बस टोपे से ये हाल हुआ था, तो अभी तो 7 इंच घुसना बाकी था. फिर मैने अपना लंड आधा घुसाया उसकी छूट में. बुआ रो पड़ी. उसकी आँखों से आँसू आने लग चुके थे दर्द के मारे. और वो कुर्सी टाइट पकड़ के बदन टाइट कर रही थी.

बुआ: आहह म्ह हाए, ऑश फक. तू तो असली मर्द है यार. मुझे पहली बार जीवन में औरत का सुख मिल रहा है. तेरे फूफा का तो तेरे आधे का भी आधा नही है यार. और चाहिए मुझे. पूरा घुसा दे इसे. फाड़ दे मेरी छूट, बिल्कुल भी रहम मत दिखना.

मैं: ठीक है मेरी रॅंड, जैसी तेरी मर्ज़ी. अब देख तू मेरा जानव्र्पण, कैसे तुझे सच की रंडी बनता हू. सिर्फ़ 1 रौंद में.

फिर मैने उसकी छूट फादी और अपना पूरा लंड ज़बरदस्ती उसकी छूट में घुसा दिया एक ही झटके में. उसकी छूट फटत गयी और खून निकल आया, मानो जैसे नयी नवेली दुल्हन की सील तोड़ी हो मैने.

बुआ: आह आह हुहह मदारचोड़, बहनचोड़, बुआचोड़, सेयेल छूट फाड़ दी मेरी. खून निकाल दिया. क्या खा के पैदा किया था तेरी मा ने तुझे, जो ऐसा जानवर पैदा किया है. तू तो सील तोड़ के छूट फाड़ने के लिए ही पैदा हुआ है मेरी जान. और ज़ोर से छोड़, मुझपे बिल्कुल रहम मत करना.

मैं: रंडी साली, मदारचोड़ किसको बोली?

फिर मैने बुआ के चुचो पे थप्पड़ मारते हुए ज़ोर से अपना लंड झटका दिया.

बुआ: आ, मदारचोड़ तुझे बोली क्यूंकी मुझे पता है तेरा लंड देख कर तो तेरी मा बेहन ने भी तेरे आयेज घुटने टेक दिए होंगे, और तुझसे चुडवाया होगा जी भर के. झूठ मत बोलना मुझसे.

मैं: हा वो दोनो भी मेरी रंडिया है. दोनो की एक साथ लेता हू.

बुआ: ह वाह मेरे राजा, ये हुई ना बात. नेक्स्ट टाइम तीनो की एक साथ लेना, चॅलेंज है तुझे.

मैं: ठीक है रंडी, चॅलेंज आक्सेप्टेड. अब चुप छाप अची रंडी की तरह गांद हिला और चुड मुझसे.

बुआ: जी मेरे मर्द, जैसे तुम्हारा हुकुम.

फिर मैने 1 अवर तक लगातार बुआ की चुदाई की बिना रुके. अब बुआ की छूट ढीली हो चुकी थी, और झटके आराम से लग रहे थे. अब मैं भी झड़ने वाला था. बुआ तो अब तक 4-5 बार से ज़्यादा झाड़ चुकी थी. पानी-पानी कर चुकी थी पूरा रूम. और मेरा लंड काउंट ही करना छ्चोढ़ दिया की कितनी बार वो मेरे पे झड़ी.

मैं: रंडी सुन, मेरा निकालने वाला है. मैं लंड बाहर निकालने जेया रहा हू. तू पिएगी क्या मेरा माल?

बुआ ने ये सुनते ही ज़ोर से अपनी टाँगो से मुझे अपनी तरफ जाकड़ लिया, और छ्चोढा नही.

बुआ: बिल्कुल भी नही. तू लंड बाहर नही निकलेगा. अंदर ही माल छोढ़ मेरी बच्चे-दानी में पूरा माल भर दे.

मैं: पर मेरी रॅंड, अंदर माल छ्चोढा, और तू कही प्रेग्नेंट हो गयी तो क्या करेगी?

बुआ: अर्रे मेरे पागल मर्द. मैं चाहती ही हू की तू मुझे प्रेग्नेंट करे. मुझे तेरे जैसा बेटा चाहिए. तेरा ही बच्चा चाहिए. देगा ना तू मुझे?

मैं: ठीक है मेरी रॅंड. पर ये बच्चे का हक मेरा होगा, तेरे पति का नही समझी.

बुआ: ठीक है मेरे राजा. ये तेरा ही बच्चा होगा. तुझे पापा बुलाएगा, चिंता मत कर. टाइम आने पर तेरे फूफा से डाइवोर्स लेके सारा माल अपने नाम ले लूँगी. लड़का हुआ तो तेरी तरह लंड होगा उसका. उससे भी चड़वौनगी और लड़की हुई तो उसको भी तेरी रंडी बना लेना उसके 18 होने के बाद. दोनो मा बेटी की साथ में लेना फिर.

मैं: अछा रंडी, अभी से फ्यूचर की चुदाई सेट करके रख ली है तूने तो, वाह.

ये सब बातें करते-करते मैने अपना गाढ़ा माल बुआ के अंदर छ्चोढ़ दिया.

बुआ: ह म्ह कितना सारा और कितना गरम माल है यार तेरा. अमृत लग रहा एक-दूं. मेरी पूरी बच्चे-दानी गरम करदी तूने तो.

अपना माल अंदर झाड़ के मैने लंड अंदर ही रहने दिया, और ऐसे ही उसको उठा के बेड पे ले आया. फिर ऐसे ही एक-दूसरे के उपर सोक तोड़ा आराम किया. मेरा लंड उसकी छूट में ही रहने दिया. फिर भी मेरा माल बह रहा था बाहर तोड़ा-तोड़ा क्यूंकी अंदर पूरा फुल हो चुका था.

बुआ: आह म्ह आआआः बेबी कितना ज़्यादा अमाउंट है. बहुत गरम फील हो रहा है.

मैं: रुक रॅंड, मैं मूट के आता हू.

बुआ: अर्रे किधर जेया रहा मेरे राजा, यही मूट दे.

मैं: यहा किधर मूटु रे रंडी?

बुआ: मेरे अंदर ही तेरा मूट निकाल दे, और जो बचेगा मेरे मूह में दे डियो.

मैं: कितनी बड़ी रॅंड है तू, मेरा मूट भी नही छ्चोढेगी.

बुआ: चल अब देदे.

फिर मैने उसकी छूट में अपना मूट छोढ़ दिया, और बाकी जो बचा था, उसके मूह में अपना लंड गले तक घुसा के मूट छोढ़ दिया. वो आखरी बूँद तक पी गयी मेरा मूट.

फिर हम ऐसे ही गंदे हाल में एक-दूसरे को लिपट कर सो गये. लेकिन दोस्तों पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त. तीसरे पार्ट में पढ़िए कैसे मैने बुआ की गांद मारी और उसकी अनल वर्जिनिटी तोड़ी.

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