हेलो दोस्तों पार्ट्स लाते उपलोआड हो रहे है उसके लिए आप लोगों से माफी माँगना चाहूँगा. अगर आप लोग जानना चाहते हो की स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट कब उपलोआड होगा, तो मैं कॉमेंट सेक्षन में तारीख (डटे) मेन्षन कर दूँगा. आप वाहा जाके चेक कर सकते है.
इस सीरीस में अब तक आप लोगों ने पढ़ा है, की कैसे मैं और मनु दी एक-दूसरे से प्यार करने लगे थे, और अब हम एक-दूसरे के लंड छूट का स्वाद चख चुके थे. दूसरी और मम्मी को चिंता सता रही थी. अब आयेज:-
अब तो मैं और दीदी बिल्कुल खुल चुके थे एक-दूसरे से. हम दोनो कॉलेज के लिए निकल जाते है. मैने दीदी को स्कूटी चलाने के लिए बोला, और मैं पीछे बैठ गया. मैने दीदी को पीछे से हग कर रखा था, और दीदी के लिए भी ये नॉर्मल हो गया था.
कॉलेज जाने में हमे बस 20 मिनिट लगते है, और मैं पुर 20 मिनिट तक जब भी कोई नही देखता, तभी दीदी के बूब्स दबाने लगता. दीदी भी मेरी हिम्मत देख के इंप्रेस हो रही थी.
कॉलेज पहुँच कर मैं अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने चला गया. पार्टी के बाद टानू (मेरी गफ़) मुझसे मिलने आई. हम सब मेरे एक दोस्त के केफे में पार्टी कर रहे थे. टानू के आने पे मैने अपने दोस्त को बोला की किसी को अंदर मत आने देना. तो उसने हमे कॅबिन में जाने को बोला.
कॅबिन में जाते ही हम एक-दूसरे को पागलों की तरह किस करने लगे. टानू कुछ ज़्यादा ही जोश में थी. आज शायद आज वो अपना मॅन बना के आई थी की चुड के ही रहेगी. उसने मुझे सोफे पे बिता दिया, और मेरे उपर आके मेरे होंठो को चूसने लग गयी.
मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा था टानू मुझे पूरी तरह से डॉमिनेट कर रही थी. पर कसम से दोस्तों जब कोई लड़की सामने से छुड़वाना चाहती हो, और डॉमिनेट कर रही हो, तो मज़ा तो बहुत ज़्यादा आता है.
मैने देर ना करते हुए सीधा उसके बूब्स पकड़ लिए, और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. टानू को दर्द तो बहुत हो रहा था, पर उसको मज़ा भी बहुत आ रहा था उस मीठे दर्द से. फिर टानू मेरी नेक पे किस करने लगी, और मेरी शर्ट के सारे बटन खोल दिए. बटन खोलते ही वो मेरी चेस्ट पे हाथ फेरने लगी, और मेरे निपल्स पे उंगलियाँ घूमने लगी. आज पता चल रहा था की एक लड़का जब लड़की को डॉमिनेट करता है तो कैसा लगता है.
अगले ही पल वो मेरी चेस्ट पे किस करने लगी, तो अचानक उसने मेरे निपल को मूह में ले लिया. मेरी तो जैसे पूरी बॉडी में करेंट सा दौड़ने लगा. मेरा लंड पूरी तरह से जीन्स में खड़ा हो चुका था, और मुझे दर्द दे रहा था. मेरी गोद में बैठे होने के कारण टानू को अपनी छूट पे मेरा लंड महसूस हो रहा था.
टानू अब सोफे के नीचे मेरे पैरों के बीच बैठ गयी, और जीन्स खोलने लगी. लास्ट टाइम फ्रेशर पार्टी में जो टानू को नही मिला था, आज वो उसे पाना चाहती थी. उसने एक साथ मेरी जीन्स और अंडरवेर घुटनो तक निकाल दी, और मेरा लंड स्प्रिंग के जैसे उछाल के उसकी आँखों के सामने आ गया. टानू की तो जैसे खुशी का ठिकाना ही नही था. मेरा 6 इंच+ का लंड देख उसने हवस भारी स्माइल दी.
उसने अपना मूह खोल के लंड को मूह में लेने की कोशिश की. तभी मैने उसे रोक दिया. मैने उसे कहा की क्यूँ ना दोनो एक-दूसरे को 69 में चूज़. इस बात पे वो बहुत खुश हुई, और मैने जीन्स निकाल के फेंक दी.
मैने उसकी छूट पहली बार देखी थी. बिल्कुल क्लीन शेव्ड, गोरी दूध जैसी, और छ्होटी सी टाइट छूट. एक-दूं गुलाबी (पिंक पुसी), एक पिंक रशियन जैसी छूट थी उसकी.
फिर मैं सोफे पे लेट गया, और टानू मेरे मूह पर आके बैठ गयी. उसने आयेज झुक कर मेरा लंड पकड़ा, और अपनी छूट मेरे होंठो पे रख दी. हम दोनो 69 पोज़िशन में एक-दूसरे को चूस रहे थे. कुछ ही देर में दोनो बिल्कुल गरम हो चुके थे. टानू मेरे मूह से उठ कर मेरे लंड पे बैठ गयी. वो मेरे लंड को पकड़ करके अपनी छूट पे रगड़ने लगी.
तभी मुझे याद आया की मैं तो अपना पहला सेक्स मनु दीदी के साथ करना चाहता था. पर अब टानू को कैसे माना करता लंड अंदर डालने से. टानू ने मेरा लंड अपनी छूट के छेड़ पे सेट किया, की तभी मेरा फोन रिंग करने लगा. मैने देखा तो मम्मी का कॉल था. मैने सोचा यही सही मौका था सेक्स टालने का. फिर मैने कॉल उठाया तो मम्मी ने कहा की आज जल्दी घर आ जाना तेरे लिए गिफ्ट लेने जाना है, और कट कर दिया.
मैने टानू को बोला: मुझे अभी घर जाना पड़ेगा, मम्मी को काम है.
टानू के फेस से तो जैसे स्माइल ही गायब हो गयी. मैने सॉरी बोला और प्रॉमिस किया की मैं जल्दी ही उसकी सारी प्यास बुझा दूँगा. तब जाके वो थोड़ी खुश हुई, और उसको एक लंबी किस करके मैं घर आ गया.
मम्मी के कॉल करने के बाद लगभग 30 मिनिट में मैं घर पहुँच गया. घर पहुँचा तो पापा की कार खड़ी थी, मतलब पापा घर आ चुके थे. पापा की नाइट ड्यूटी थी, तो अगले दिन सुबा जल्दी घर आ जाते है.
मैं घर में घुसा तो लिविंग रूम में त.व. चल रहा था, पर कोई दिख नही रहा था. मैने त.व. बंद किया तो मम्मी पापा के रूम से थप्पड़ मारने की आवाज़ आ रही थी. शायद मम्मी और पापा का झगड़ा हो गया था. मैं सुनने के लिए कमरे के बाहर गाते पे कान लगा कर ध्यान से सुनने लगा, तो मुझे आवाज़ और सॉफ सुनाई देने लगी.
वो आवाज़ थप्पड़ की नही बल्कि मम्मी की छूट पे जब पापा के गोते (टेस्ट्स) टकरा रहे थे, उसकी आवाज़ थी. मम्मी-पापा सेक्स कर रहे थे. मेरी तो आवाज़ सुनते ही लंड खड़ा हो गया. वैसे ये मेरे लिए पहली बार नही था की मैं मम्मी पापा के सेक्स की आवाज़ सुन रहा था. आज से पहले भी 4-5 बार सुन चुका था.
मैं वही खड़ा होके आवाज़ सुनने लगा. तो मम्मी के मूह से आवाज़ आ रही थी आ आ की.
पापा: चल पलट जेया.
मम्मी: नही पीछे से नही. बहुत दर्द होता है पीछे से करते हो जब.
पापा: नही करूँगा दर्द, प्यार से मारूँगा. करने दे ना.
मम्मी: अछा ठीक है, पर आराम से
उसके बाद 10 मिनिट तक पलंग तोड़ चुदाई की मम्मी की पापा ने. आवाज़ बंद होते ही मैं अपने रूम में भाग गया. 2 मिनिट बाद मम्मी रूम से निकली तो देखा त.व. बंद था. फिर मम्मी ने मेरे रूम में देखा तो मैं फोन चला रहा था. मम्मी सीधे वॉशरूम में चली गयी, और अपनी छूट सॉफ करने लगी.
अपने मा बाप की चुदाई इमॅजिन करके मुझे बहुत अछा लगता है. मैं अपने रूम में लंड निकाल के मूठ मारने लगा, और मम्मी को छूट सॉफ करते इमॅजिन करने लगा. मेरा जोश बढ़ गया, और तेज़-तेज़ हिलने लगा. तभी मुझे वॉशरूम का गाते खुलने की आवाज़ आई, और मैने जल्दी से लंड अंदर डाल लिया. पर जल्द-बाज़ी में मेरा खड़ा लंड सॉफ दिख रहा था. मम्मी मेरे पास आई और मेरे लंड को देखे जेया रही थी.
फिर मम्मी ने मुझसे कहा की उनको जाना था, और मेरे लिए बर्तडे गिफ्ट भी लेना था. मैं एग्ज़ाइटेड हो गया और मान गया. 30 मिनिट बाद फ्रेश होके हम स्कूटी से बेज़ार चले गये.
आयेज क्या हुआ ये अगले पार्ट में बतौँगा दोस्तों. अपने रिव्यू नीचे कॉमेंट सेक्षन में बता सकते है. और अगर कोई सवाल है तो वो भी कॉमेंट कर सकते है. थॅंक योउ.