भाइयो ने किया दीदी ने गंगबांग

हेलो दोस्तो मे साना शीक आपके लिए लेके आई हू मेरी हक़ीकत कहानी और ये मेरी दोसरि कहानी है.. अपने मेरी पहली खानी पढ़ी होगी. अगर अपने नही पढ़ी है तो देसी कहानी पे पढ़ सकते है. दीदी और मेरा गंगबांग.

आपका जाड़ा समय ना लेते हुए कहानी पर आती हू. आपको मेरा फिगर पता है 34 28 36 और रंग मिल्की वाइट है और दीदी का 36 30 40 है.

चलो अब कहानी शुरू करती हू. जब मे अंदर गई तब मे दीदी को पूछा ये सब क्या है. वो तीनो घबरा गये थे. दीदी के बदन पे दोनो का स्पर्म गिरा हुआ था.

दीदी :- कुछ नही बस खेल रहे थे हम.

मई:- ये कॉन्सा खेल है जो मेरे साथ नही खेलते.

दोनो भाई हासणे लगे. मुझे भी यही मोका चाहिए था मुझे भी चूड़ना था. बुत वो लोग नही मान रहे थे. क्योंकि मई छोटी थी इसलिए.

भाई 1 :- ज़रूर खेलेंगे तेरे साथ भी. लेकिन तेरी पढ़ाई होने के बाद.

भाई2 :- हा हा क्यो नही हम तो चाहते है तेरे साथ खेलना. तू तो हमारी प्यारी बहें है.

मई बोली :- चलो फिर चालू करते है.

दीदी :- बेशर्म चली जा यहा से अब तेरी ये खेल खेलने की उमर नही हुई है.

तभी भाई बोला ठीक है तेरे साथ भी करेंगे पर तेरे बर्तडे के दिन.

मई :- बुत मेरे बर्तडे के लिए तो 1 मंत बाकी है.

भाई :- तो वेट कर ना साना

मुझे अब रहा नही जा रहा था दीदी की चुदाई देख के. और ये मोका हट से जाने नही देना चाहती थी. पर वो नही माने तो मैने कहा ठीक है लेकिन बर्तडे के दिन अगर मेरे साथ नही खेलोगे तो मई अब्बू को सब बतौँगी. वो बोले ठीक है.

फिर वो अपने कपड़े पहें के चले गये और दीदी भी नाहके आ गयी थी पर वो मुज़से नज़रे नही मिला पा रही थी.

मे भी दिन भर दीदी के चुदाई के बारे मे सोच रही थी और छूट मे उंगली दल के सहला रही थी. दो बार मेरी छूट से पानी निकला. दीदी के उपर मेरा शक तोड़ा और बढ़ गया मैने सोच लिया की कल भी दीदी की चुदाई देख लू. इसलिए मैने कल बेडरूम मे ही चुपके देखने का फ़ैसला किया.

हमारे रूम मे एक रेफ्रिजरेटर का बॉक्स पड़ा था. मैने उसमे एक छोटा सा होल किया बेड की तरफ और सुबह 5 बजे उठके स्कूल जाने के वक्त उसमे जाके चिप गयी.

6 बजे के करीब डोर किसी ने ओपन किया था. तब मैने देखा की बड़े अब्बू के दो बेटे रूम ने आए थे. तो उभोने दीदी को जगाया और बाकी दोनो को बाहर भेज दिया और उनको सॉंग लगाने बोल दिया. वो लोग सॉंग लगाके चले गये.

फिर ये दोनो दीदी के कपड़े निकालने लगे और फिर दीदी ने भी उनके कपड़े निकले. मुझे तो और एक झटका लग गया, मुझे लगा दीदी सिर्फ़ हमारे रूम मे जो रहते है उनके साथ ही चुदाई करती है बुत दीदी तो पूरी चुड़काक्द निकली.

दीदी ने लपके के उनके लंड हट मे लेके हिलने लगी. फिर थोड़ी देर बाद एक एक करके मूह मे लेने लगी. वो दोनो भी ज़ोर ज़ोर से दीदी का मूह छोड़ने लगे. इनका भी लंड बड़ा था समद भाई का 8 इंच का लग रहा था. दीदी भी एक रंडी की तरह उनका लंड चूस रही थी.

फिर समद भाई ने दीदी को बेड पे लिटके उसकी छूट चाटने लगे और दूसरे भाई दीदी मूह को छोड़ रहे थे. थोड़ी देर बाद समद भाई ने दीदी के छूट पे अपना लंड लगड़ना शुरू किया. दीदी और भी कामुक होते जराही थी.

यहा मे भी अपने छूट मे उंगली डालके छूट को शांत कर रही थी. फिर धीरे धीरे भैया ने दीदी के छूट मे लंड दल दिया और ज़ोर ज़ोर से दीदी को छोड़ना चालू किया और एक उसके बूब छत रहा था. दीदी का चिल्लाना चालू हो गया क्यूंकी 8 इंच का लंड उसकी छूट को छोड़ रहा था पर सॉंग्स के आवाज़ से किसी को कुछ पता नही चल रहा था.

15 मिनिट्स के बाद समद भाई दीदी छूट से लंड निकलके दीदी के मूह मे सारा पानी छोड़ दिया. अब दूसरे भाई आए उन्होने भी वैसे ही दीदी को छोड़ना चालू कर दिया.

दीदी भी ऐसे चुड रही थी जैसे वो हर दिन चुड्ती है. एकदम रॅंड की तरह. शायद वो मेरे स्कूल जाने के बाद रोज करती है.

करीब 15 मिनिट्स के बाद दूसरे भाई भी दीदी मूह मे पानी निकल दिए और दीदी को सारा पानी पीने बोल दिया और दीदी ने पी लिया.

फिर थोड़ी देर रेस्ट किया उंहोने. फिर समद भैया ने दीदी की लंड चूसने कहा. दीदी ने उन दोनो का लंड चुस्के खड़ा कर दिया. फिर जावेद भाई को बेड पे सोने बोल दिया. और उनके लंड पे दीदी को लंड छूट मे लेके बिताया और छोड़ने बोल दिया.

वो दीदी को छोड़ रहे थे, तब समद बही ने दीदी के गांद पे आयिल डाला तब दीदी पीछे देखने लगी. क्योंकि वो समाज़ गयी की आज ये गांद भी मरेगा.

दीदी माना कर रही थी उतने मे ही समद भाई ने दीदी के गांद पे अपना लंड दल दिया और ज़ोर लगाके गांद के अंदर लंड घुसा दिया. अब दीदी और ज़ोर से चिल्लाने लगी पर अब वो दीदी बेरेहमी से छोड़ रहे थे. एक छूट मे और एक गांद ने एकसाथ छोड़ रहे थे. दीदी शायद एसए पहले भी अपने गांद मरवाई थी इसलिए उसने जाड़ा कुछ बोली नही.

10 मिनिट्स नॉनस्टॉप चुदाई के बाद जावेद भाई का माल निकालने वाला था. तो दीदी को साइड करके दीदी के मूह मे झाड़ गये. पर समद भाई अभी भी दीदी की गांद मार रहे थे.

5 मिनिट्स के बाद उन्होने अपना लंड दीदी के गांद से निकल के दीदी के फेस पर माल निकले. फिर दीदी ने दोनो का लंड चुस्के साफ किया. वैसे ही बेड पे बैठ गयी.

तभी समद भाई ने बाकी दोनो को बुलाया और पूछा. तुमको भी करना है क्या? तब दोनो ने हन कहा तब समद भाई बोले ठीक है तुम भी छोड़ लो इसे पर सिर्फ़ गांद छोड़ना कोई भी छूट नही छोड़ेगा क्योंकि कल इसको मेरे दोस्तो पास भेजना है.

दीदी सम्ज़ गयी थी की कल कही बाहर उसकी चुदाई होने वाली है और वो खुश हो गयी थी. उसी टाइम मेरी चीख निकली और भाई ने देख लिया.

आयेज क्या हुआ पढ़िए अगले पार्ट मे और स्टोरी कैसी लगी ज़रूर बताना कॉमेंट करके पर.

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