मेरे सगे भाई ने मेरी बुर की चटनी बना दी

मैं आपकी प्यारी दोस्त नेहा हूं। दोस्तों मैं तो चुदक्कड़ हूं ही, फिर चाहे किसी का लंड हो चुद जाती हूं। क्योंकि बुर की प्यास बुझानी रहती हैं। मैं 20 साल की मस्त जवान लड़की हूं फिगर साइज 32″ है। अबकी बार मेरी बी.ए. फाइनल है, मैं चाहती हूं कि मेरी ऊपर लंड की बौछार हो।पर यहां के मर्द बहुत ठंडे है, इसलिए अपनी प्यास कैसे भी बुझा लेती हूं।

दोस्तों मै एक-दम कोमल हूं। जिसने भी मेरी बुर चोदी है, उसको पूरा मजा दी हूं। क्यूंकी लडकों को मजा देना मेरा काम है।

मैं पिछले 2 सालो में 19 लंड खा चुकी हूं।फिर भी बुर की गर्मी शांत नहीं होती, नया-नया लंड लेने की इच्छा होती रहती हैं।

दोस्तों मेरे तीन भाई है पर मेरा एक छोटा भाई है उसका नाम साहिल है। ये अभी फर्स्ट ईयर में पढ़ता है। इसकी एक गर्लफ्रेंड है।

बात है उस समय की जब मैं दो महीने से कोई लंड नहीं ले पाई थी। बुर में तो हलचल मची थी कब लंड पा जाए कब खा जाए मेरी बुर।

मेरे चार बॉयफ्रेंड है, जिसमें से एक अमर है, अमर से मैं चुदी नही हूं, पर चुद जाऊंगी जल्दी ही। मेरा अमर बहुत प्यारा है। उसका लंड मैं देखी हूं 6 इंच का है। मैं अपनी दो महीने की प्यास बुझाना चाहती थी। पर कोई था ही नहीं तो मैं अमर से कही-

मैं: अमर तुम ही आ जाओ।

अमर बोला: नहीं बेबी, अभी मुझे चोट लगी है। मैं नहीं आ सकता।

दोस्तों मैं नाराज हो गई।

पर मेरा अमर मुझे खुश देखना चाहता है, फिर चाहे मैं किसी से भी चुदूं। मेरा सगा भाई भी मस्त जवान है 19 साल का है। उसको पता है बुर चोदने के तरीके, क्यूंकी उसकी एक गर्लफ्रेंड है।

मैं सोची भाई है घर का माल। एक बार मना लूंगी तो बार-बार चोदेगा मुझे। फिर तो मेरी बुर की सारी समस्या दूर। मेरी बुर को भी डेली लौड़ा मिलता रहेगा, और मैं जन्नत की सैर करुंगी।

पर भाई है, कैसे कह दूं ऐसे ही सामने से? भले ही मेरी एक बार बुर चोद चुका है, पर शर्म आती है।

मैं सोची अमर से कहलवा दूंगी कि मेरा भाई आके मेरी बुर चोदे।

एक दिन मैं कॉल करके अपने भाई को दे दी। फिर अमर ने मेरे भाई को समझाया, और मेरे भाई साहिल को अमर ने रेडी कर दिया मेरी चुदाई के लिए। मैं उस रात बहुत खुश थी। लगभग 12 बजे रात को मेरा सगा भाई आया मेरे रूम में, और बोला-

भाई: दीदी आपने मुझे याद किया?

मैं बोली: हां तो।

वह बोला: क्या बात है मेरी नेहा दीदी, आज इतने दिन बाद मैं आपको याद आया?

मैं भी बोली: चल अब नाटक मत कर, मैं जानती हूं तू किसलिए आया है।

साहिल बोला: तो देरी क्यों मेरी बहन, चलो शुरु करता हूं।

मैं बोली: ठीक है।

दोस्तों मेरा भाई मेरे उपर आ गया, और मेरे बूब्स दबाने लगा, मेरी कुर्ती उतारने लगा, फिर मेरी पेंटी भी उतार दी। उसको शर्म नहीं आ रही थी क्यूंकी हम दोनों भाई बहन पहले भी कर चुके है।

थोड़ी देर में ही मुझे नंगी कर दिया। मैं एक-दम नंगी लेटी थी अपने सगे भाई के सामने।

उसने अपना लंड निकाला, और बोला: नेहा ले इसे मुंह में।

मै तो उसके लंड पे टूट पड़ी।

क्यूंकी मैं तो हूं ही पक्की चुदक्कड़। मेरी बुर में अगर कोई हाथ भी डाल दे, तो भी मैं आसानी से सह सकती हूं। मेरी बुर की गहराई 7 इंच की है। अब मेरे भाई का लंड 6 इंच का है। मैं उसका लंड चूसने लगी। वो उफ्फ उफ्फ नेहा ऐसे करने लगा। ‌थोड़ी देर बाद उसे मैं नंगा कर दी। अब हम दोनों भाई बहन नंगे थे।

मैं बोली: साहिल मेरी बुर चाट पहले।

वो मेरी बुर में टूट पड़ा दोस्तों, अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह क्या मस्त फीलिंग थी दोस्तों।

फिर वो बोला: नेहा अब तेरी बुर चोदता हूं। तू हिम्मत जुटा ले। नहीं तो मेरा लौड़ा तेरी बुर फाड़ देगा।

ये कहके वो मेरी नाजुक सी बुर में हमला कर दिया। मेरी दोनो टांगो को उठाया, और अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह अअह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह मैं जोर-जोर से कराह रही थी।

मैं: साहिल फाड़ दे इस बुर को।

वो भी कहता: नेहा आज तेरी बुर तेरे भाई के हाथ लगी है। तू चिंता मत कर, तेरी बुर की आज चटनी बना दूंगा।

ये कहके वो और जोर-जोर से मेरी बुर चोदने लगा। मैं हिल रही थी और अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह कर रही थी। फिर वो मुझे अपने लंड पे बिठाया। मैं उसके लंड पे उछल रही थी, और मजे ले रही थी।

वो मुझे अपनी रंडी कह रहा था, और कह रहा था-

साहिल: नेहा मेरी रंडी है तू आज।

और जोर-जोर से मेरी बुर में चोदे जा रहा था। मैं तो बस अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह भाई कर रही थी। फिर मुझे उसने उल्टा लिटा दिया, और उल्टा ही चोदने लगा। मेरी गर्दन पकड़ के मैं उसके लंड के झटके से पूरी हिल रही थी।

मुझे खूब मजा आ रहा था। मैं भी भाई को जोश दिला रही थी कि तेरे बस की बात नहीं है, रहने दे तूं।

दोस्तों वह और गुस्से में आ जाता, और फिर मेरी बुर की धज्जियां उड़ाता।

वो कहता: नेहा अब तो तू गई साली, तेरी बुर भी याद रखेगी मेरा ये लौड़ा।

दोस्तों वह मेरी बुर को सहलाता, चाटता, किस करता, फिर बुर की दोनों फाकों को चकलाता, और थूक देता। फिर लंड पेलता। फिर मेरे मुंह में वही लंड ठूस देता।

मैं खुशी-खुशी चुदवा रही थी, और मजा ले रही थी उसके लौड़े का।

फिर मैं बोली: साहिल मेरी बुर में मत डालना अपना माल।

तो वो बोला: साली तू तो है ही रंडी, तुझे क्या फर्क?

मैं बोली: कुत्ते तेरी बहन हूं समझा।

तो वह थोड़ा डर गया और बोला: ठीक है नेहा, नहीं गिराउंगा अंदर माल।

दोस्तों वो मुझे 69 पोजीशन में चोद रहा था, और उसका पूरा 6 इंच का लौड़ा मेरी बुर फाड़े ही जा रहा था। मेरी भी बुर लेती जा रही थी उसका लौड़ा।‌ लास्ट में उसने अपना सारा माल मेरे बूब्स और पेट पे गिरा दिया और बोला-

साहिल: नेहा मेरी बहन, चाटो इसे।

मैं थोड़ी बहुत चाटी फिर नहीं चाटी। फिर साहिल ने माल लगा हुआ लौड़ा मेरे मुंह में पेल दिया और बोला-

साहिल: अब चाट लो मेरी बहन।

दोस्तों मैं उसका लौड़ा पूरा चाट के साफ कर दी। अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह उफ्फ वो गरम-गरम माल पीके मजा आ गया। फिर मैं उसे लिटा ली अपने पास। कुछ घंटे बाद हम दोनों फिर से दूसरा राउंड किए और फुल मजे के साथ किए।

दोस्तों मै पूरे 2 महीने बाद चुदी थी, इसलिए मेरे भाई का लंड किसी वरदान से कम नहीं था।

मैं उसके लंड से खूब खेली-कूदी। फिर मुंह में लेती। फिर अपने गालों पर सहलाती।

दोस्तों आपको मेरी यह सगे भाई बहन की चुदाई कैसी लगी मुझे मेल करके जरूर बताइएगा।

और हां दोस्तों, मै आप लोगों के लिए ही बनी हूं, जितने लड़के मेरी बुर चोदे है, सबको संतुष्ट की हूं।

आप भी मेरी बुर चोद सकते है। बस आपके लौड़े में ताकत होनी चाहिए।

चोदना चाहते हो नेहा की कोमल सी बुर तो मेल कर सकते हो। अन्यथा मत कीजिएगा।

यह कहानी भी पड़े  दूसरे मर्द से संबंध बनाने के लिए तैयार बीवी की कहानी


error: Content is protected !!