ही दोस्तों, आपने पिछले कुछ एपिसोड्स में पढ़ा है की कैसे लंडन से आए मेरे भाई के साथ मेरा चुदाई का सिलसिला शुरू हुआ, और मैने अपनी देवरानी रूपाली और मेरे मामा की लड़की शालिनी को भी उसके लंड का स्वाद चखाया. और मैने भी अपने दूसरे मामा के लड़के मोहित के साथ चुदाई का मज़ा लिया.
विजय को पता चला की मैं कल रात मोहित से अपनी छूट मरवा चुकी थी, तो उसका मूह फूल गया. उसको जेलासी होने लगी थी, और वो मुझसे नाराज़ लग रहा था. अब मैने विजय की हेल्प करी, और डिशस रेडी करके गार्डेन में ले गये. हमने देखा मोहित और शालिनी किस कर रहे थे.
मोहित का हाथ शालिनी के बूब पर था, और वो उसको हल्के से दबा रहा था. वो इतने खो गये थे, की हमने सब सेट उप किया उनको पता ही नही चला. मैने कहा –
मैं: हे गाइस. आप दोनो का ऐसे ही पेट भर रहा है तो ठीक है. आप चाहो तो ये डिशस टेस्ट कर सकते हो. विजय ने बहुत मेहनत करके बनाई है. बेचारा दिन रात मेहनत करता है ( मैं हासणे लगी, और वो दोनो तोड़ा घबरा गये).
विजय: अर्रे दीदी आपने क्यूँ दोनो को डिस्टर्ब किया? बेचारे कितना पीस्फुली रोमॅन्स कर रहे थे.
मैं: सॉरी गाइस. आप दोनो कंटिन्यू करो ( मैं और ज़ोर से हसनी लगी).
शालिनी (शरमाते हुए): शीला तुम ना बहुत बिगड़ गयी हो. विजय तुम भी कुछ कम नही हो.
मैं: गाइस मुझे तो बहुत भूख लगी है (मैने वो डिश टेस्ट की, बहुत डेलीशियस थी). विजय तुम हर एक चीज़ में पर्फेक्ट हो.
शालिनी: हा, सभी चीज़ों में.
शीला: मोहित को भी कम मत समझो. वो भी बहुत डॉमैनेटिंग है. लास्ट नाइट हे वाज़ टू गुड ( मैने विजय का हाथ पकड़ लिया, ताकि उसको बुरा ना लगे. हम सब ब्रेकफास्ट कर रहे थे, और बातें कर रहे थे).
मोहित: आप दोनो भी कुछ कम नही हो. मुझे तो पता ही नही था की मेरे घर में मुझे हॉट चिक्स मिल जाएँगी.
शालिनी: हमे भी कहा पता था हमारे सारे डिज़ाइर्स हमारे भाई पूरा कर सकते है. वरना इतने साल कों वेस्ट करता. वैसे मैने और मोहित ने पार्ट्नर चेंज कर लिया. अब आप दोनो क्या करोगे? किसके साथ?
मैने विजय की और देखा और मूह में स्लाइस रख कर विजय को खिलाया. फिर हम दोनो लिप्स तो लिप्स किस करने लगे. हम दोनो को शालिनी और मोहित मूह खोल कर देखने लगे. हमने कुछ 2 मिनिट तक किस किया. कज़िन्स के सामने अपने सगे भाई को किस, मेरी लाइफ का बहुत ही अद्भुत एक्सपीरियेन्स रहा.
शीला: तो शालिनी तुम्हे जवाब तो मिल गया ना, की हम सब कज़िन्स यहा एंजाय करने आयए है. तो अब आयेज का क्या सोचा है?
मोहित (उसका लंड बाहर निकाल कर): अब मुझसे रहा नही जेया रहा. कुछ तो करना पड़ेगा.
शालिनी (उसका लंड देख कर): श मी गोद. कितना लंबा है. पंत में कैसे अड्जस्ट कर लेते हो? ( उसकी और नॉटी स्माइल पास करके) ये बहुत बड़ा हो गया है और सख़्त भी. मैं तुम्हे इसको शांत करने में हेल्प करती हू.
अब शालिनी उसका लंड पकड़ कर उसको बेडरूम की और ले-जाने लगी. उनको देख कर विजय बोला-
विजय: बेस्ट ऑफ लक ब्रो. कल रात शालिनी मुझे यही बोल कर बेडरूम में ऐसे ही पकड़ कर ले गयी थी. बहुत मेहनत करवाती है. तक मत जाना.
शालिनी: कम पड़ा तो तुम चले आना.
मैं: हा विजय तो एक साथ 2-2 को सॅटिस्फाइ कर सकता है (विजय मेरी और देख कर नॉटी स्माइल पास कर रहा था. मैने देखा उसका लंड पंत के उपर से बड़ा हुआ दिख रहा था). अब तेरा क्या इरादा है?
मैने आज मरून कलर का प्रिंटेड बॉडयकों ड्रेस पहना था जो की बहुत शॉर्ट था. मैं खड़ी हुई और विजय के सामने बेंड हो कर उसको मेरी गांद और पनटी दिखा कर सिड्यूस करने लगी. मैने मेरी चोकॉलते स्किन पर हल्का मेकप किया था, तो मैं पूरी इंडियन पॉर्न स्तर जैसी दिख रही थी.
अब मैं विला में गयी. विजय मेरे पीछे-पीछे चला आ रहा था. मैं स्टेर से 1स्ट्रीट फ्लोर के बेडरूम की और जेया रही थी, और अपने सेक्सी मूव्स दिखा रही थी. विजय मेरी चुदाई करने के लिए तड़प रहा था. वो भाग कर मेरी पास आया, और मुझे उठा कर बेडरूम में ले गया. उसने मुझे बेड पर पटक दिया, और डॉमिनेट करके मुझे किस करने लगा. वो लगातार मेरे लिप्स चूस रहा था.
विजय: दीदी आज आप बहुत ही सेक्सी दिख रही हो. आपको देखा है तब से कंट्रोल नही हो रहा था. आज तक आपका ऐसा लुक नही देखा. देखो ना कब से मेरा लंड आपको छोड़ने के लिए तड़प रहा है. क्या सेक्सी माल लग रही हो. मॅन कर रहा है आज आपकी छूट को फाड़ डू. आपकी ये सेक्सी गांद अफ. आज आप किसी पॉर्न स्तर से कम नही लग रही हो. रंडी बना कर छोड़ना चाहता हू.
मैं: तेरे लिए तो आज इतनी साज-धज कर तैयार हुई हू. आज तक तेरा जीजा भी मुझे ऐसे नही देख पाया है. कल तूने शालिनी की जैसे चुदाई की, ऐसी चुदाई मेरी भी कर दे मेरे भाई. कब से मेरी छूट तेरे लंड को लेने के लिए तड़प रही है. वैसे भी तुम भाइयों ने मिल कर मुझे रंडी ही बना दिया है. अब तो आप लोगों के लंड के बिना रहा नही जाएगा.
विजय ( मेरी गांद पर छाँटा मार कर): हा कल से तुम हम भाइयों की रंडी बन गयी हो. एक भाई कम पद रहा था जो दूसरे से छुड़वा रही थी? साली अब तो तुझे ऐसी छोड़ूँगा की पूरी ज़िंदगी याद रखेगी.
शीला: हा बहनचोड़, तू भी कल अपनी और एक बेहन की छूट फाड़ कर आया है. आज तेरी गर्मी मुझे दिखा दे.
विजय: हा तो मुझे क्या पता था की मेरी बहने इतनी बड़ी रंडियन है, जो अपने भाइयों से अपनी छूट मरवाएगी.
विजय पूरा नंगा हो गया, और मुझे घुटनो पर बिता दिया. फिर मेरे बाल पकड़ कर मेरे मूह के पास लंड रख कर बोला-
विजय: चल रंडी, अपना मूह खोल, और और मेरे लंड को तैयार कर. आज इसी लंड से तेरी छूट की सारी खुजली मिटा दूँगा.
शीला: तेरे इसी लंड ने मुझे रंडी बना दिया है. तेरे लंड को पाने के लिए मैने क्या कुछ नही किया. तू चाहता है की तेरी रंडी बेहन बाहर किसी के साथ मूह काला ना करे. तुझे मेरी प्यास बुझानी है.
मेरे इतना कहते ही विजय ने मेरे गाल पर एक थप्पड़ मारा, और लाल कर दिया. उसने मेरे मूह में पूरा लंड दल दिया, और मूह की चुदाई करने लगा. पता नही उसको मेरा मोहित के साथ चूड़ना अछा नही लगा था. वो उसका पूरा गुस्सा मुझ पर निकल रहा था. वो मेरे बाल पकड़ कर उसके लंड पर मूह दबा रहा था. उसका लंड मेरे गले में फ़ासस गया था.
मोटा लंड होने के कारण मेरे जॉस भी दर्द कर रहे थे. मुझसे साँस लिया नही जेया रहा था. मैं झटपटाने लगी. मेरी आँखों से आँसू निकल गये थे. वो कमीना इतना वाइल्ड हो गया था, की मेरी जान की उसको परवाह ही नही थी. मुजसे अब रहा नही गया, तो मैने उसके लंड को दांतो से दबाया. उसको दर्द हुआ, तो उसने मेरे बालों को छ्चोढ़ दिया.
उसने जैसे ही लंड बाहर निकाला, मैं साँस लेने लगी. मेरे मूह से लार तपाक रही थी. मुझे घबराहट महसूस होने लगी. विजय को मेरे उपर गुस्सा आया, तो उसने मुझे खींच कर थप्पड़ मारा. उसने मुझे मेरे बाल पकड़ कर खड़ा किया, और मेरी पनटी फाड़ दी. उसने मुझे घोड़ी बना कर सीधा लंड छूट में घुसा दिया.
मेरी आ निकल गयी, और मैं चिल्लाने लगी. मेरी सूखी छूट में उसका मोटा लंड जाने से बहुत दर्द हो रहा था, और जलन हो रही थी.
विजय: साली कुटिया, रंडी बनने का शौंक है ना? आज बताता हू रंडी की चुदाई कैसे होती है. आज तेरी छूट की सारी गर्मी निकाल देता हू.
अब मैं भी तोड़ा वाइल्ड हो गयी. पता नही पर आज मुझे ऐसी गालियाँ सुन कर चूड़ने में मज़ा आ रहा था. कुछ डिफरेंट एक्सपीरियेन्स हो रहा था. मेरा भाई मुझे बहुत प्यार करता है, तो उसको मेरा किसी और के साथ चूड़ना अछा नही लगा. और आज गुस्से में वो मेरी तबाद-तोड़ चुदाई कर रहा था. उसका हर एक धक्का मेरे जिस्म में दर्द और मज़ा देने लगा था. मैने भी कहा-
मैं: हा बहनचोड़ छोड़-छोड़ कर अपनी बेहन को मार डाल. तेरी गांद में जितना दूं है, वो सब निकाल कर आज मुझे छोड़. बहुत प्यासी है तेरी रंडी बेहन. अब तो हर रोज़ ऐसी तगड़ी चुदाई करवानी है. मैं तेरी रंडी हू. अपनी रंडी को तेरे लंड की ताक़त बता दे.
विजय ने मेरे बालों को पकड़ कर मुझे पीछे से बेंड किया, और मेरी रफ चुदाई करने लगा. मैं चिल्ला रही थी. मेरी छूट में बहुत जलन हो रही थी. धीरे-धीरे मेरी छूट गीली होने लगी, तो मुझे अब राहत मिलने लगी. अब उसका लंड बड़ी आसानी है अंदर-बाहर हो रहा था. मैं मोन करने लगी. मेरी सेडक्टिव वाय्स से विजय को और जोश आ रहा था.
अब विजय ने मुझे सीधा कर दिया, और मेरा बॉडयकों ड्रेस निकाल दिया. मैने ब्रा नही पहनी थी. उसने मेरे बूब्स को पकड़ लिया और बड़ी बेरेहमी से दबाने लगा. मेरे निपल्स को वो काटने लगा. मेरे बूब्स पर उसके दांतो के निशान बन गये थे.
अब उसने मुझे लिटा दिया, और मेरी छूट में एक झटके में पूरा लंड डाल दिया. मेरी आ निकल गयी. वो मुझे छोड़ते-छोड़ते तो मेरा गला दबा कर चोक करने लगा. मेरी साँस फूल रही थी.
विजय ने मुझे घोड़ी बनने को कहा. मैं गांद उपर उठा कर घोड़ी बन गयी. मैं अपनी छूट में उसके लंड का वेट करने लगी, पर उस छूतिए ने सीधे लंड मेरी गांद में घुसा दिया. मेरी गांद सूखी पड़ी थी. उसने कुछ गीला नही लगाया. लंड जाते ही मेरी और उसकी दोनो की चीख निकल गयी. उसको भी लंड पर जलन होने लगी.
मेरा तो हाल इतना बुरा था की ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला कर रोने लगी. मुझे रोता देख वो खुश हो रहा था. उसको भी जलन हो रही थी, पर मुझे रुला कर छोड़ कर उसका गुस्सा निकल रहा था. जब कोई गुस्से से चुदाई करता है, बॉडी का सिस्टम हिल जाता है. मैं तड़पति हुई बोली-
मैं: प्लीज़ मेरे भाई, इतना गुस्सा मत कर. तुम कहोगे तो तुम्हारे अलावा किसी के साथ नही चुड़ूँगी. प्लीज़ अपना लंड निकाल दे यार. नही सहा जाता प्लीज़ मेरे भाई.
मैं बहुत रोने लगी, पर उसने मेरी एक बात नही मानी, और अपनी पूरी ताक़त से मेरी गांद फाड़ रहा था. 5-10 मिनिट के बाद मेरी गांद में दर्द कम और मज़ा ज़्यादा आने लगा.
मैं: और ज़ोर से छोड़ मेरे राजा. तेरा लंड बहुत मस्त है बहनचोड़. छोड़-छोड़ कर तूने अपनी बेहन को अपनी रंडी बना दिया है. अब से मैं तेरे इस लंड की गुलाम हू. पहले पता होता तू इतना बड़ा बहनचोड़ है, तो तेरे साथ यूके सेट्ल हो जाती. रोज़ तेरे लंड के नीचे रहती.
विजय: मुझे पता होता मेरी बेहन इतनी बड़ी रंडी है, तो मैं कही जाता ही नही. रोज़ तेरी छूट मारता. मेरा तो अब तुझे छ्चोढ़ कर जाने का मॅन नही कर रहा. और अब तो तू इतनी बड़ी रंडी बन गयी है, की मेरे जाने के बाद ऐसी चुदाई के बिना रह नही पाएगी.
शीला: सच कहा मेरे भाई. अब तो मुझे ऐसी चुदाई की आदत बन गयी है.
विजय ने लगातार 15 मिनिट मेरी गांद मारी और लंड बाहर निकाल कर मेरे मूह में धकेल दिया. मैं भी उसको आचे से चूसने लगी. वो मेरे मूह पर झाड़ गया. मेरे फेस पर से सारा स्पर्म उंगली पर लिया, और चाट गयी और मुस्कुराने लगी. उसने भी मुस्कुरा कर आँख मारी और तक कर बेड पर सो गया.
मैं बातरूम में गयी, और मिरर में देखा तो मेरे बाल बिखर गये थे. मेरा मेकप उतार गया था. मेरे बालों पर तोड़ा स्पर्म गिरा हुआ था. मैं सस्ती रंडी की तरह लग रही थी.