मेरी सिस्टर सेक्स स्टोरी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैं दीदी के बूब्स को पहले अपनी फिंगर से, और फिर अपने लंड से फक करता हू. इसमे दीदी को बड़ा मज़ा आता है. अब आयेज-
अब दीदी मेरे लंड को पकड़ लेती है, और बोलती है-
नेहा दी: हा मैं सही थी. ये डबल मज़ा तेरे लंड से ही आ रहा है. तू ऐसे ही करता रह, बहुत मज़ा आ रहा है.
फिर मैं थोड़ी देर वैसे ही बूब्स में लंड आयेज-पीछे करता हू. उसके बाद दीदी को किस करने लग जाता हू, और बोलता हू-
मैं: नेहा दी आपको अब जब डबल मज़ा आ गया है, तो मेरी मर्ज़ी बतौ, जो आपने बोला था कुछ भी होगी तो भी आप पूरी करोगी?
नेहा दीदी: हा मैने बोला था. तो अब तू जो भी चाहे माँग ले, कुछ भी हो कैसे भी हो मैं तुझे माना नही करूँगी.
मैं: ठीक है दीदी, तो मैने जो अभी किया वो मैं कही और भी करना चाहता हू. मीन्स की जैसे मैने अभी बूब्स में लंड आयेज-पीछे किया था, वैसे ही मैं आपकी छूट में भी अपना लंड डाल के आयेज-पीछे करना चाहता हू. तो क्या मैं ये कर सकता हू?
नेहा दी: अछा बेटे, तो अब तेरे माइंड में तेरी ही बेहन को छोड़ने के ख़याल आ रहे है?
मैं: अब दीदी जब इतना कुछ हो ही गया है, तो ये भी तो कर सकते है ना वैसे? अगर आप माना करोगे तो मैं नही कहूँगा कुछ भी.
नेहा दी: अछा, लेकिन तुझे खुद को कंट्रोल नही करना पड़ेगा? तू ये कर सकता है. तुझसे चुड के मुझे भी बहुत मज़ा आएगा, और बहुत खुशी होगी.
फिर मैं नेहा दी की ये बात सुनते ही उनके उपर टूट पड़ता हू, और उनको लीप किस करने लग जाता हू. वो भी पूरा सपोर्ट कर रही थी, और आचे से किस कर रही थी.
अब मैं लिप्स पे किस करते हुए सब जगह किस करता हू, और नीचे आता हू. फिर नेक पे किस करता हू, और दीदी भी मेरी पीठ सहलाती रही. फिर मैं एग्ज़ाइट्मेंट में उनकी नेक पे बीते करता हू. वो भी नही रोकती है और बोलती है-
नेहा दी: आहह नील, बहुत मज़ा आ रहा है, और ये तेरी लोवे बीते ने दिल खुश कर दिया. एक बार और कर.
मैं: नेहा दी, अब आपको तो मज़ा आ गया. एक लोवे बीते मुझे भी दो ना.
फिर दीदी भी मुझे 2-3 लोवे बाइट्स देती है. फिर मैं और नीचे आता हू और अब बूब्स को चूसने लग जाता हू. अब मैं एक बूब्स को चूस रहा था, तो दूसरे को दबा रहा था. कभी मैं दीदी की निपल्स के साथ में खेलता.
दीदी भी बोलती: नील बहुत मज़ा आ रहा है आअहह. ऐसे ही करते रहो आ.
फिर उसके बाद में मैं दीदी की नाभि चाटने लगता हू. मैं फिर आता हू दीदी की पनटी पे, और उसके उपर से ही दीदी की छूट पे किस करता हू. फिर मैं मेरे दांतो से दीदी की पनटी उतारता हू, और उनकी छूट को देखता ही रहता हू. तब दीदी बोलती है-
नेहा दी: नील अब क्या सिर्फ़ देखता ही रहेगा? अब जल्दी से कुछ कर भी. मैने और इस छूट ने तेरा और तेरे लंड का बहुत इंतेज़ार किया है. अब हम दोनो को और मत तडपा.
मैं: दीदी, हा मैं जानता हू बहुत वेट किया आपने. लेकिन आपकी ये गुलाबी क्लीन छूट देख कर मेरे होश उडद गये.
फिर मैं दीदी की छूट पे किस करता हू. जैसे ही मेरे लिप्स दीदी की छूट पे टच होते है, दीदी की ज़ोर से आ निकल जाती है. वो बोलती है-
नेहा दी: हाए नील, इसी दिन का तो इंतेज़ार था. अब इसको सिर्फ़ किस नही, पूरा चूस ले.
मैं: ठीक है दीदी, लेकिन फिर आपको भी मेरा लंड चूसना पड़ेगा छूट की चुसाई के बाद में.
नेहा दी: हा पक्का, लेकिन बाद में क्यूँ, अभी चूस लेती हू ना. साथ में तू भी चाट-ते रहना हम दोनो 69 की पोज़िशन में आ जाते है, तो दोनो का काम एक साथ हो जाएगा.
फिर मैं और नेहा दी दोनो 69 की पोज़िशन में आ जाते है, और अपनी-अपनी चुसाई शुरू करते है. हम दोनो की ये फर्स्ट टाइम चुसाई थी, तो दोनो ने बहुत एग्ज़ाइट्मेंट के साथ मज़ा लिया और दिया.
थोड़ी देर की चुसाई के बाद हम दोनो डिसचार्ज हो गये, और दोनो ने फर्स्ट टाइम एक वीर्या टेस्ट किया. फिर हम एक-दूसरे की छूट और लंड सॉफ किए, और वापस सीधे होके किस करने लगे. किस होने से मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. तब दीदी बोली-
नेहा दी: देख इसको कितनी जल्दी है छूट में जाने की. वापस से खड़ा हो गया.
मैं: तो दीदी अब वेट किसकी है? जब ये रेडी है, मैं रेडी हू, आप रेडी हू, तो डालु इसको?
नेहा दी: रुक, इसको कॉंडम तो पहना डू. और मेरे प्यारे भाई, मेरा भी फर्स्ट टाइम है तो आराम से करना.
फिर दीदी कॉंडम पहनती है, और मैं दीदी की छूट पे अपना लंड सेट करता हू, और डालने के लिए झटका देता हू. छूट गीली होने की वजह से लंड का टिप अंदर चला जाता है, लेकिन दी बोलती है –
नेहा दी: आआआहह नील, बहुत दर्द हो रहा है. तोड़ा रूको, वरना मैं नही बचूंगी.
फिर मैं दीदी को किस करता हू, उसके बूब्स डाबता हू, और थोड़ी देर बाद वापस एक झटका देता हू. इस बार लंड आधा अंदर जेया चुका था. लेकिन दीदी को बहुत दर्द हो रहा था. मैं थोड़ी देर रूखा. फिर एक ज़ोर का झटका दिया और पूरा लंड अंदर डाल दिया.
नेहा दी: कुत्ते ये क्या किया तूने? आहह कितनी ज़ोर से अंदर डाला. मैं मॅर गयी आ. बोला था ना आराम से करना? मैने तुझे करने से माना नही किया ना, लेकिन आराम से कर ना प्लीज़.
फिर मैं दीदी को सॉरी बोलता हू क्यूंकी सच में उनको बहुत दर्द हुआ था. उनकी आँखों से आँसू आ गये थे. अब थोड़ी देर उनके खड़े निपल्स के साथ खेलने के बाद, मैं लंड को आयेज-पीछे करने लगता हू.
फिर दी ने बेडशीट को कस्स के पकड़ लिया, और आँखें बंद कर ली. बस उनके मूह से सिर्फ़ आ आ की आवाज़ आ रही थी, जिससे मुझे पता चल रहा था की मज़ा ज़्यादा दर्द हो रहा था.
अब थोड़ी देर की चुदाई के बाद मैने स्पीड बढ़ा दी. तो दीदी बोली-
दीदी: आ नील आह, तोड़ा धीरे आह. बहुत तेज़ कर रहे हो आआहह.
फिर भी मैं नही सुनता और उसी स्पीड में दीदी को छोड़ता रहता हू. थोड़े टाइम बाद वो बोलना बंद हो जाती है. अब पुर रूम में सिर्फ़ आहह आह और हमारी चुदाई की आवाज़ आ रही थी. अब दीदी को भी मज़ा आने लगा था. मैं भी धीरे-धीरे स्पीड बढ़ा रहा था. लेकिन बीच में तेज़ वाले झटके भी दे रहा था.
तब दीदी बोलती है: तुझे बहुत मस्ती सूझ रही है ना? तुझे तो मैं बाद में देखुगी.
अब मेरा होना वाला था. मैने दीदी को बोला तो उन्होने बोला मूह में निकाल दो. फिर मैने मूह में लंड डाला, और डालते ही मैं मूह को छोड़ने लग गया. दीदी के लंड गले तक जेया रहा था. और मैने उनके गले में ही मेरा सारा पानी छ्चोढ़ दिया. फिर दीदी बोली-
नेहा दी: ऐसे गाले तक लंड कों डालता है? (और वो इशारे से माना कर रही थी) तुम सुन्न भी नही रहे, मुझे साँस भी नही आ रही थी. अगर अगली बार ऐसा किया ना तो लंड काट लूँगी दाँत से.
मैं: ठीक है दी सॉरी, अब से ऐसा नही होगा.
फिर मैं दीदी की छूट को भी जो की दूसरी बार अपना पानी छ्चोढने वाली थी, उसको चाट के पानी निकाला और सॉफ किया. फिर हम दोनो अब बेड पे ही लेट गये, और बहुत खुश थे. उस रात हमने 2 बार और चुदाई की. उस रात के बाद से हमारा रिश्ता और ज़िंदगी दोनो बदल गयी. अब हुमको जब भी मौका मिलता, हम चुदाई करते है, और रात में तो एक बार चुदाई करके ही सोते है हम.
तो फ्रेंड्स ये थी बेहन की चुदाई वाली सीरीस. आप सब ये सीरीस एंजाय करे, और अपना फीडबॅक ज़रूर दे कॉमेंट्स में. जो भी रीडर्स मुझसे बात करना चाहते है, वो मुझे मैल कर सकते है, मेरी एमाइल ईद है –