भाई ने चोदी जवान बहन की चूत

रोहित और रानी के घर के हालत ठीक नही थे इसलिए उनके मा बाप किसी एक को ही आचे से पढ़ा लिखा सकते थे.

रानी के बाप ने सोचा अगर रोहित को आचे से पढ़ा लिखा दिया जाए तो हमारी आयेज चल कर हालत सुधार सकते है. और रानी की भी आचे घर मे दहेज देके उसका बिहाः करा सकते है.

इसमे रानी की मा ने भी मंजोरी दे दी और रोहित को सहर पढ़ने भेज दिया. (रोहित अपने मामा के घर पेर रह कर पढ़ाई करने लगा). वही रानी को गॅव के सरकारी स्कूल मे नाम लिखवा दिया.

देखते देखते समय गुज़रता गया और रानी ने 12त तक पढ़ाई करके घर के काम काज करने लगी. और रोहित आयेज इंजिनियरिंग की पढ़ाई मे लग गया.

कुछ सालो बाद…

जब रोहित अपने फाइनल एअर मे था और कॉलेज की सम्मर हॉलिडेज़ पे अपने गॅव आया. (बहुत लंबे समय के बाद.)

घर आकर सबसे मिलने पेर वो बहुत कुश हुआ मा. बाप के पेर छुए कहना पिया किया और फन के नीचे बैठ कर ढेर सारी बाते करने लगा तभी-

रोहित – पाप! रानी कहा गयी है, दिख नही रही?

मा – तेरे आने की खुशी मे आम लाने गयी है बगीचे से.

बाप – बगीचा तोड़ा दूर है ना, इसलिए तोड़ा समय लग रहा है.

रोहित – अछा, वैसे बचपन मे ही देखा था उसे, अब पता नही केसी धिकती होगी.

तभी भागते भागते रानी ने आवाज़ लगाई – मेरा रोहित भैया आ गया.

ये सुनकर रोहित ने जब बाहर देखता तो उसकी अनंखे बाड़ी सी हो गयी. “रानी के बूब्स बड़े बड़े बूब्स एसए उपेर नीचे हो रहे जेसे पानी के गुबारे बस फटने वेल हो, वैसे भी उसने बस उपर ब्लाउस पहना था और नीचे घग्रा”.

रोहित ने अपने हाथ खोले और रानी को बहो मे भर लिया और दोनो खुशी से घूमने लगे.

कुछ देर बाद…

रानी – क्या भैया आप इतनी देर कर दी अपने आने मे, क्यू याद नही आती थी क्या?

रोहित – याद तो बहुत आती थी पगली लेकिन तुझे पता तो है किस लिए गया था.

रानी – चलो कोई नही, अब तो आ गये ना यही बहुत है.

रोहित – वैसे रानी तू हो बड़ी सेक्सी गयी है.

रानी – क्या भैया क्या सेक्सी हो गयी हू?

रोहित – वो वो सेक्सी मतलब मोटी हो गयी है.

रानी – क्या भैया आप आते ही मज़ाक उधने लगे.

फिर उनके मा बाप हँसने लगे और उनको अंदर लेके चले गये..

रोहित – रानी ये बातरूम मे पानी है क्या नहाने के लिए?

रानी – भैया आप बातरूम मे चाहिए मई पानी लेके आती हू.

रोहित ठीक है कह के बातरूम मे चला गया.

पीछे से रानी पानी के बाल्टी लेके बातरूम मे घुसी और तोड़ा झुक के बाल्टी को सरकने लगी. जब वो झुकी तो पीछे से रोहित खड़ा होके उसकी गंद पे उबरे पनटी के निशा को गौर से देखने लगा.

फिर रानी खड़ी हुई.

रानी – देखिए भैया अगर और पानी चाहिए हो तो बोल देना मई ले ओंगी.

रोहित – ठीक ठीक.

रानी के जाने के बाद रोहित ने बातरूम का गाते लगाया और उसपे सिर रखने अपने आप से कहने लगा. “रानी को क्या चोर के गया था क्या माल बन गयी है.”

ये बोल कर जेसे ही घुमा सामने रानी के पँतिया लटक रही थी. रोहित ने जाड़ा देर करते हुए सबको अपने हंतो मे ले कर बारी बारी से सूंघने लगा. जिससे उसका लंड खड़ा हो गया.

बस फिर क्या था, रानी के बूब्स के बारे मे सोच सोच कर हिलता गया. और सारा माल उसके नाम पे गिरता रहा. फिर जल्दी जल्दी उसने नाहया और पॅंटीस को वापस लटका के बाहर गया.

शाम को जब रोहित आराम करके उठा तो घर मे कोई नही था.

उसने आवाज़ लगाई – माआ.. मा.. बापू बापू… लेकिन किसका आवाज़ नही आई फिर उसने रानी को आवाज़ लगाई.. राणिि…

रानी – भैया मई बातरूम मे नहा रही हू, आप थोड़ी देर रुकिये आती हू.

ये सुनकर रोहित का मॅन मचल उठा फिर उसने कंट्रोल करा. थोड़ी देर और रानी नहा के बाहर आई और कपड़े सूखने के छत पे चली गयी. बदन गीला होंने के कारण रानी का गंगरा उसकी गंद से चिपक गया.

ये देख कर रोहित ने उसका पीछा किया और छत पेर पहुच गया. रानी जब जब बाल्टी से कपड़े लेने झुकती. तब उसकी गंद से चिपकी उसका घग्रा निकल जाता. इससे रोहित को ये पता चल गया की रानी ने पनटी नही पहना है.

तभी रोहित ने अपना दिमाग़ लगाया.

रोहित – रानी सब मा-बापू कहा गये है?

रानी – मा भागल वाली चाची के घर और बापू खेत से सब्जी लाने गये है.

रोहित – वैसे बगीचा यहा से कितना दूर है?

रानी – जाड़ा दूर नही है, बस बगल मे ही है.

रोहित – वैसे अपने पास तो बगीचा नही था ना?

रानी – वो गॅव के सुनील चाचा का है, अभी सहर गये है तो हमे देखने क लिए कह के गये है.

रोहित – अछा अछा..

रानी – चलिए मई आपको बगीचा घुमा के लाती हू.

रोहित – (कुशी भारी आवाज़ से) ठीक है चलते है.

दोनो फिर चल पड़े, रास्ते मे मा से कहते गयी की भैया को बगीचा घुमा के लाती हू.

मा – जाड़ा देर ना करियो.

रोहित – मैं हू ना मा.

फिर रोहित-रानी निकल गये.

(बगीचा सच मे बहुत दूर था.)

जाते जाते शाम की धूप ख़त्म हो गयी. आख़िर दोनो बगीचा पहुच गये. रोहित के दिमाग़ मे था की रानी ने पनटी नही पहनी है. इसलिए उसने रानी को पेड़ से आम तोड़ने को कहा.

रानी झट से पेड़ पे चाड गयी. नीचे रोहित उसके नीचे खड़ा हो गया और उसकी गंद सॉफ सॉफ दिखने लगी. तभी रानी ने अपना एक पेर उसकी डाल पे रख कर अपने टांगे फैला ली.

नीचे से रोहित को जो नज़ारा धिका रोहित तो बस अब पागला सा गया था. रानी की छूट सॉफ सॉफ धिक रही थी. जिससे देख कर रोहित के मूह मे पानी आ गया.

रोहित (रानी की छूट को देख कर) – आम को पाक गया है.

रानी (पेड़ पेर आम की तरफ़ देखकर) – हन भैया, पके आम खाने मे बहुत मज़ा आता है.

रोहित – आजा फिर आम खाते है.

रानी 3-4 आम तोड़ कर नीचे आ गयी और रोहित की आम देने के लिए जेसे ही हाथ बाध्या. रोहित ने रानी का हंत पकड़ कर उसे अपनी बहो मे भर लिया.

रानी – ये क्या कर रहे हो भैया?

रोहित – आम खा रहा हू.

रानी – तो मुझे क्यू पकड़ लिया?

रोहित – तू ही तो मेरी आम है, पकई हुई आम.

रानी – भैया ये आप क्या कह रहे हो, क्या कर रहे हो, मुझे कुछ समझ नही आ रहा है…

तभी रोहित ने रानी का गंगरा उठा कर उसकी गंद को मसालने लगा. ऐसा करने पे रानी को सब समझ आ गया और उसने रोहित को धक्का देके उससे अलग हो गयी.

रानी – भैया ये ग़लत है बहुत ग़लत, चलो घर चलते है वैसे भी रात हो गयी है.

इतना कह के रानी पलट कर जाने लगी. तभी रोहित ने उसका हाथ पकड़ के उससे चिपक गया और उसके बूब्स को ब्लाउस के उपर से ही मसालने लगा.

रोहित – क्या गजब का आम है तेरे बड़े बड़े बिल्कुल और उपर से तेरा बगीचा, सोचा नही था बड़ी होगे क़यामत ढाएगी.

रानी – नही भैया एसा मत कीजिए ये ग़लत है.

इतना कह कर रोहित ने ब्लाउस के बटन खोल कर ब्लाउस उतार फेका. रानी एक हंत से अपने बूब्स को ढकने लगी. लेकिन रोहित ने रानी की ब्रा का हुक भी खोल कर नीचे गिरा दिया और उसे चोर दिया.

रोहित – हन अभी जेया घर, अगर एसए गॅव गयी तो तुझे पता है क्या होगा. नही तो आजा मेरे पास दोनो साथ घर चलेंगे.

रानी – भैया एसा क्यू कर रहे हो आप, प्लीज़ मेरी ब्रा दे दो भैया.

रोहित – आजा मेरे पास, ले ले आके.

रानी धीरे धीरे रोहित के पास बढ़ने लगी. रोहित ने झटके से उसको दोबारा पकड़ कर उससे अपने करीब ले आया.

रोहित – मई तुझे प्यार करने लगा हू रानी. इसलिए कह रहा हू दोनो साथ घर चलेंगे तो किसी को कुछ पता नही चेलेगा, वरना तू देख ले.

रानी – लेकिन भैया ये ग़लत है ना..!

रोहित – तू हन करेगी तो कुछ ग़लत नही होगा.

इतना कह कर रोहित ने रानी के होंठ पे एक चूमि दी और उसके बाद उसके होंठो को अपने होंठ के झाल मे फसा लिया. नीचे धीरे धीरे रानी का गंगरा उठाने लगा.

रानी अपना घाग्रा नीचने करने की कोशिश कर रही. लेकिन उसकी एक ना चली और आख़िर मे गंगरा को रोहित ने निकल ही दिया.

अपनी रानी को अपने आँखो के सामने नंगा देख कर उसके पंत मे तंबू बन गया. और उसने झट से अपनी पंत ककचे के साथ निकल कर साइड फेक दिया. फिर सामने बैठ कर रानी की छूट चाटने लगा.

उपर रानी एक होंठ को मूह मे दबाए हुए दूसरे हंत से रोहित का सर पकड़े हुए थी. फिर वही रोहित लेट गया और अपने लंड को सिडा कर के रानी को उसपे बिता दिया.

(तोड़ा रानी को परेशानी हुई. लेकिन थूक लगा के नीचे से झटका मारने पे लंड का टोपा छूट के अंदर चल गया. फिर 1-2 ढाके से लंड पूरी तरह रानी की छूट मे घुस गया.)

नीचे से रोहित हल्के हल्के धक्के लगाए जेया रहा था. रानी रोहित के पेट पेर हंत रख कर अपने गंद के हिस्से हो उपर नीचे करे जेया रही. साथ ही मूह से आवाज़ ना निकले इसके लिया मूह मे उंगली दबाए चुदाई का मज़ा ले रही थी.

तक कर रोहित ने रानी को लिटा दिया और उसके दोनो पैरो को अपने कांडो पे रख कर उसकी छूट पेर धक्के देने लगा. साथ साथ रोहित रानी के बड़े बड़े बूब्स को आम की तरह मसले लगा.

रानी भी पानी बिन मछली की तरह छटपटाने लगी. अपने हाथो से अपनी कमर को आयेज पीछे करने मे मद्धत करने लगी. आख़िर मेी रोहित रानी के होंठो को चूमते चूमते लंड का सारा माल रानी के छूट मे ही चोर दिया.

थोड़ी देर तक लंड उसकी छूट मे ही रहा. सारा माल उसकी छूट मे छोड़ने के बाद जब लंड उसकी छूट से बाहर निकाला. तो बिल्कुल निढाल हो चुका था. रोहित सीधा रानी के बगल मे ले गया और आसमान की तरफ देखने लगा.

रानी – ये जो आज अपने मेरे साथ करा वो ग़लत है.

रोहित – ग़लत तो है, लेकिन मुझे ये बता तुझे आज मज़ा आया?

रानी – मज़ा की बात अलग है भैया, वो तो आया लेकिन…

रोहित – उसकी तरफ हल्का सा मुड़ा और उसकी चूत मे बीच की उगली डाल कर… लेकिन वेकीन अब चोर और कपड़े पहन सब इंतेज़ार कर रहे होंगे.

फिर दोनो खड़े हुए और अपने अपने कपड़े पहन कर बगीचे से निकल गये. रानी आयेज आयेज चल रही थी और रोहित उसके पीछे पीछे. उसकी मटकती मटकती गंद देखते देखते आधे रास्ते पहुच कर रोहित का मॅन और लंड फिर से तंन गया.

रोहित ने रानी को आयेज खेत मे धक्का दिया जिससे रानी मूह के बाल गिरी. जेसे ही उठाने की कॉसिश करती रोहित ने उसका गंगरा उठा दिया. और उसके पेर को चोरदा करके उसकी गंद के छेड़ पे लंड टिका कर फिर से धक्के मारने चालू कर दिया.

रानी – भैया अब गॅव आ गया है, कोई भी हमे देख लेगा.. भैया उठिए भैय्ाआ.. उठिए.. मान जाइए ना..

रोहित – बस 2 मिंट्स मे हो जाएगा बस 2 मिंट्स..

2 मिंट्स कह कर लंबे देर तक धक्के मारता रहा और माल झाड़ कर खड़ा हो गया. रानी भी पीछे से खड़ी हुए और अपना घग्रा सही कर के रोहित के बराबर चलने लगी.

रोहित – आयेज चल ना.

रानी – अब आपका बारोशा नही!

ऐसे ही चलते चलते उनका घर आ गया.

मा – बहुत देर कर दी तुम दोनो ने, वाहा क्या करने लगे थे?

रोहित – मा वो आम पक्का हुआ देखा तो मूह मे पानी आ गया खाने का जी करने लगा तो बस इसी कारण लाते हो गये.

रानी – हन मा.

फिर मा अंदर चली गयी और रानी को आवाज़ लगाई.

रोहित जाती हुई रानी के गंद पे एक चाहता मारा. जब रानी ने रोहित के तरफ देखा तो उसने अपने लंड की तरफ इशारा करने लगा. रानी मूह बना कर अंदर चली गयी.

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