भाई ने बहन को ज़बरदस्त चोदा

वेलकम रीडर्स, सॉरी फ्रेंड्स लाते हो गया स्टोरी पोस्ट करने में. अब बिना टाइम वेस्ट किए आयेज की स्टोरी स्टार्ट करता हू.

जनवी मेरे को अपनी गांद हिलाते हुए हवस की नज़रो से देखते हुए रूम से बाहर जाने लगी.

मैं उसको देख के अपने लंड को बाहर ही सहलाने लगा, और जनवी के आने का इंतेज़ार करने लगा. मैने 10 मिनिट इंतेज़ार किया, बुत वो नही आई. तो मैने अपना लोवर सेट किया, और नीचे चलने लगा.

मैने देखा मम्मी के रूम का फन चल रहा था. तो मैं उनके रूम में झाँकने की कोशिश करने लगा. बुत परदा लगा होने की वजह से कुछ सॉफ नही दिख रहा था. तो मैं नीचे आया, और हल्के से परदा साइड करके रूम में झाँक के देखा. मेरे तो होश उडद गये.

मम्मी रूम में ओन्ली पनटी में थी. उनकी बॅक इतनी सेक्सी लग रही थी, जिसको देख के मेरा लंड खड़ा हो गया, और गांद देख के मैं अपना लंड बाहर निकाल के हिलने लगा. वो निघट्य पहनने लगी थी. और निघ्ी पहनते हुए जनवी को आवाज़ लगाई.

माआ: जनवी, स्लॅब पे पानी का ग्लास रखा है. ले आ मुझे डॉवा खानी है.

जनवी: ओक मुम्मा.

ये बोल के वो किचन से पानी का ग्लास लेके आने लगी, और मुझे मम्मी को देख के मूठ मारते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. बुत वो बिना कुछ बोले रूम में चली गयी. वो मम्मी से बोली-

जनवी: मम्मी आप ने ड्रेस चेंज कर ली?

मा: हा बेटा.

जनवी: मम्मी आप ब्रा नही पहनती हो रात में?

मा: हा बेटा, काफ़ी रिलॅक्स मिलता है सोते टाइम बिना ब्रा के.

जनवी: तो रूम का गाते लगा के सोया करो. ऐसे सही नही लगता.

मा: ओक बेटा.

मैं बाहर खड़ा हो कर सारी बातें सुन रहा था, और मूठ मार रहा था.

जनवी: ओक मुम्मा, गुड नाइट. लोवे योउ.

मा: लोवे योउ टू बेटा.

और जनवी बाहर आने लगती है. बाहर आते ही वो मेरा लंड पकड़ लेती है और बोलती है-

जनवी: मदारचोड़, अपनी मा को नंगा देख के मूठ मार रहा था.

मे: तेरी वजह से हुआ बेहन की लोदी.

जनवी (शॉक्ड होते हुए): मेरी वजह से कैसे?

मे: तू दूध पी के जल्दी आ जाती तो मैं नीचे नही आता, और ना मम्मी को ऐसे देख पाता.

जनवी: तू वेट नही कर सकता था? अभी अगर मम्मी तुझे देख लेती तो क्या होता मदारचोड़?

मे: होता क्या, लॉडा चूस्टी वो भी.

जनवी: अछा भोंसड़ी के! तू अपनी मा को छोड़ेगा?

मे: अगर मा चूड़ने को राज़ी हो, तो पीछे तो नही हटूँगा.

इतना बोल के मैने जनवी के बूब्स पकड़ के दबा दिए.

जनवी (गुस्से में): उपर तो चलने दे कमीने.

मे: तो चल ना.

हम दोनो उपर आ गये. वो अपने रूम में जेया रही थी. मैने उसको पीछे से जाके उसकी गांद पकड़ के, अपनी साइड खींचा और बोला-

मे: कहा जेया रही है?

जनवी: सोने जेया रही हू.

मे (अपने लंड की तरफ देख के): पहले इसको तो सुला दे.

जनवी: तू बहुत बेरहें है.

मे: क्या हुआ मेरी रॅंड?

जनवी रॅंड सुनते ही मेरे लंड को जीन्स के अंदर से पकड़ के सहलाने लगी.

जनवी: आज तुझे बहुत गाली आ रही है.

मे: मुझे गाली देके चुदाई करना बहुत पसंद है. और तू कॉन्सा कम गाली दे रही है बेहन की लोदी.

जनवी: मुझे कोई गाली दे, मैं उसको रिप्लाइ में गाली ही देती हू बेहन के लोड.

इतना सुन के मैं उसको अपने पास खींच के उसकी गांद को दबाने लगा, और हम दोनो एक-दूसरे को लीप तो लीप किस करने लगे. 10-15 मिनिट बाद मैं उसकी स्पोर्ट्स ब्रा साइड में करके बूब्स बाहर करके चूसने लगा.

जनवी: बहनचोड़, अब क्या यही बाहर चूस्टा रहेगा, या अंदर भी चलेगा?

मे: मेरा मॅन कर रहा है, तेरे को नीचे किचन की स्लॅब पे छोड़ू.

जनवी: ऊ हीरो, पहले रूम में दिखा ले दूं कितना है. फिर रूम के बाहर चुड़ूँगी.

इतना सुन के मैने उसको गोद में उठा के, रूम में ले जेया के बेड पे पटक दिया. फिर मैं लोवर उतार के उसके उपर टूट पड़ा. वो भी मेरा साथ दे रही थी, और जाम के मेरे होंठ चूस रही थी.

फिर मैने उसकी ब्रा उतार के फेंक दी, और उसके बूब्स चूसने लगा. वो मेरे सर को सहला रही थी

जनवी: और ज़ोर से चूस बहनचोड़!

मैने उसके बूब्स चूस्टे हुए उसकी शॉर्ट्स को एक हे झटके में नीचे उतार के फेंक दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी. वो अब मेरे को लिटा के मेरे लॉड को लोवर से बाहर निकाल के अपनी जीभ से चाटने लगी. और सिर्फ़ लॉड के टोपे को मूह में अंदर-बाहर करने लगी. मैं तो सातवे आसमान पे पहुँच गया था.

मे: और चूस बेहन की लोदी.

अब उसने मेरे पुर लंड को चूसना स्टार्ट कर दिया. मैने भी उसकी टाँग पकड़ के उसकी छूट को अपने मूह के उपर कर लिया, और 69 के पोज़िशन में आ गया. मैं उसकी पनटी को छूट से साइड करके चाटने लगा.

उसकी छूट बहुत गीली हो चुकी थी. मैं उसकी छूट को चाट-ते हुए उसकी छूट में उंगली करने लगा, और वो मेरा लंड हाथ से उपर-नीच करके चूस्टी रही. करीब 25-30 मिनिट चूसने के बाद, हम दोनो झाड़ गये. फिर मैने उसकी छूट का पूरा माल चाट के सॉफ किया, और मेरा माल उसके पुर मूह पे फैला हुआ था.

फिर वो उठ के मेरे लंड को पकड़ के बातरूम की तरफ ले जाने लगी. वाहा उसने मेरा लंड धोया, और अपनी छूट पे मेरे से पानी डलवाया.

फिर उसने अपना मूह ढोने के लिए वॉशबेसिन साइड मूडी, और मेरा लॉडा उसकी गांद को देख के फिर खड़ा हो गया. मैने पीछे से उसकी छूट में लंड सेट करके फिरसे पेल दिया.

जनवी: बेहन के लोड, बाहर निकाल इसको.

मे: क्या हुआ रंडी. अभी तो सिर्फ़ टोपा गया है. पूरा जाना अभी बाकी है.

जनवी: भोंसड़ी के, रंडी नही हू मैं. बेड पे लिटा के ले जितना ले पाए. एक तो इतना बड़ा है. उस पर से खड़े होके छोड़ेगे.

मे: हा तो तुझे तो मैं रंडी की तरह छोड़ूँगा. पूरा चूस लूँगा तुझे आज.

जनवी इतने में खुद को मेरे से च्चूदवा के, बेड पे आके, अपनी दोनो टांगे चौड़ी करके मुझे अपनी उंगलियो के इशारो से बुलाने लगी, और एक हाथ से अपनी छूट को रब करने लगी.

मैं बेड पे गया, और उसकी छूट में लंड सेट किया. फिर एक ज़ोरदार झटका दिया, और मेरे लंड उसकी छूट को चीरता हुआ आधा अंदर घुस गया. जनवी की चीख निकल गयी.

जनवी: आहह, निकाल इसको.

और वो रोने लगी.

मैं अब कहा उसकी बात को सुनने वाला था. मैने एक और झटका मारा, और मेरा लंड उसकी छूट को चीरता हुआ पूरा छूट में समा गया. वो मुझे कस्स के हग करके पकड़ी रही, और कान में बोली-

जनवी: भाई हिल मत, प्लीज़ रुक जेया थोड़ी देर प्लीज़.

मे: क्यूँ क्या हुआ? अभी तो बोल रही थी बेड पे लिटा के ले जितना लेना हो.

जनवी: भोंसड़ी के, इतना मोटा और लंबा पहली बार ले रही हू. दर्द तो होगा ना? कोई रंडी नही हू मैं.

मे: चल अब धीरे-धीरे छोड़ता हू.

जनवी: भाई प्लीज़ रुक जा ना.

मैने उसकी नही सुनी, और धीरे-धीरे लंड बाहर किया, और फिर धीरे-धीरे अंदर किया. लगबघ 25-30 बार करने के बाद अब जनवी को रिलॅक्स मिल गया और जनवी एंजाय करने लगी

जनवी: आहह आ.

मैने झटके के स्पीड बढ़ा दी, और ज़ोर से छोड़ने लगा. और उसके बूब्स से खेलने लगा

जनवी: आ उफ़फ्फ़ उहह.

मे: भोंसड़ी वाली, अब मज़े आने लगे.

जनवी (मदहोशी वाली आवाज़ में): पूच मत भोंसड़ी वाली के. राजा छोड़े जेया तू आज. छोड़-छोड़ के मेरे को चूसने को बोल रहा था ना, चूस ले बेहन के लोड.

मे: आज तो तेरी छूट का भोंसड़ा बना दूगा. इतनी बुरी तरह तेरी छूट छोड़ूँगा.

जनवी: छोड़ मेरे भद्वे, बात कम कर चुदाई ज़्यादा कर. तेरे को मैं भी जन्नत दिखौँगी.

हम दोनो चुदाई में इतने मज़े में थे, की हमने गाते तक बंद नही किया, और चुदाई करते-करते मैने शीशे में गाते की साइड देखा, तो मम्मी हम दोनो की चुदाई देख के अपनी छूट में उंगली कर रही थी. मैने उनको देख के झटके की स्पीड और बढ़ा दी

जानवी: और ज़ोर से भोंसड़ी वाले. भोंसड़ा बना दे अपनी बेहन के छूट का तू आज.

मे (और ज़ोर से झटके देते हुए): बेहन की लोदी, ले तू चुड. तू इतनी खरी माल है, तेरी मा तो और ला-जवाब होगी. उसको छोड़ने में और भी मज़ा आएगा.

ये बोलते हुआ मैं शीशे में मम्मी की तरफ देख रहा था. उन्होने मुझे देख लिया और नीचे जाने लगी.

जानवी: आह उफ़फ्फ़.

45-50 मिनिट बाद जनवी झाड़ गयी. उसकी छूट गरम हो गयी थी. उसकी गर्मी की वजह से मैं थोड़ी देर बाद झाड़ गया, और उसी के उपर लेट गया. मैने फोन में टाइम देखा तो 12 बजने वाले थे

बुत मेरे मॅन में मम्मी का अपनी छूट में उंगली वाला सीन चल रहा था. और जनवी एक-दूं बेहोश थी. मैने उसको ब्रा पहनाई, और और शॉर्ट्स पहना के उसके रूम में लिटा आया. अब मैं अपने रूम में आया, और शॉर्ट्स डाल के नीचे गया.

नीचे जेया कर क्या देखा, ये आप मेरे नेक्स्ट पार्ट में जाँएंगे.

तो फ्रेंड्स कैसी लगी स्टोरी कॉमेंट में ज़रूर बताना. मिलूँगा अपनी नेक्स्ट स्टोरी में.

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