पढ़िए कैसे पिछले पार्ट में मैने नेहा को नंगा नहाते देख उसकी ब्रा पनटी पे मूठ मारी, और उन्हे धोना भूल गया. फिर जब उन्हे वापस ढोने गया, तो वो मुझे मिली या नही इस पार्ट में पढ़िए.
जैसे ही मुझे याद आया की मैने नेहा की पनटी बिना धोए ही छोढ़ दी थी, तो मैं तुरंत भागा-भागा नेहा के बातरूम में गया.
जब मैने जाके देखा तो नेहा की ब्रा और पनटी वाहा नही थी. मैं घबरा गया और चुप-छाप लिविंग रूम में आके बैठ गया. मैं मोबाइल चलाने लगा, और आइसे दिखाने लगा की मुझे तो कुछ पता ही नही था. नेहा ने मुझसे बोला-
नेहा: भैया मैं च्चत पे कपड़े सूखने जेया रही हू. अगर मम्मी आए तो दरवाज़ा खोल देना.
मैं: हा… हा ठीक है.
नेहा के जाने के 10 मिनिट बाद ही मामी भी सब्ज़ी लेकर आ गयी. पता नही मामी के अंदर ऐसा क्या च्छूपा था की उन्हे देखते ही मेरा लंड सख़्त हो जाता, और शायद मैं धीरे-धीरे उनकी और आकर्षित होता जेया रहा था, आंड उन्हे मामी की कम और एक औरत की नज़र से ज़्यादा देखने लगा था.
मैने मामी के लिए जैसे ही गाते खोला, तो उनका समान उठा के अंदर रख दिया. इस बीच मामी ने मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स में से आचे से देख लिया था, जो की मैने उन्हे देखते हुए देख लिया था. मामी ने मुझसे पूछा की
मामी: और नहा लिया?
मैं: हा मामी, वो बाहर के बातरूम में पानी नही आया था, तो नेहा के बातरूम में नहाना पड़ा.
मामी: अछा लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है? अभी टंकी तो पूरी भारी थी.
मामी बोल ही रही थी की तभी नेहा ने पीछे से आके मामी को एक टाइट हग दे दिया, जिससे उनके बूब्स डब गये.
मामी (इरिटेशन में): छ्चोढ़ ना, क्या कर रही है?
नेहा: कुछ नही, बस एक हग ही तो दे रही हू आपको.
मामी: हा तो ऐसे हग देते होंगे, गढ़ी. तू ये बता की बाहर के बातरूम में पानी क्यूँ नही आ रहा है?
उसने बातरूम में जाके नाल खोला, तो पानी आ रहा था.
नेहा: हो सकता है कचरा आ गया होगा नाल में इसलिए.
मैं: हा यही होगा.
मैं इसलिए बोला की मामी मेरे बारे में ग़लत ना समझे की मैने झूठ बोला. लेकिन ये भी सच था की जब मैने देखा तो पानी नही था. नेहा बीच में बात करते हुए बोली-
नेहा: अर्रे मैं ये बोल रही थी की क्यूँ ना हम सब मार्केट चले घूमने आज?
मामी: हा ठीक है. वैसे भी अभी तक अपन भी तो नही गये ना.
मैं (नॉर्मली आक्ट करते हुए): हा बढ़िया है.
नेहा: तो फिक्स है हम आज मार्केट चलेंगे.
अब मैं और नेहा 10 बजे करीब हॉल में टीवी देख रहे थे, और मामी किचन में खाना बना रही थी. नेहा ने टीवी पे रोमॅंटिक सॉंग चला रखे थे. मैं मोबाइल चला रहा था, और नेहा मेरे बगल में ही बैठी थी. तो मैं उँचा होने के कारण हल्की नज़र से उसका क्लीवेज बार-बार देख लेता. वो मेरे पास आई, और बहुत धीरे से बोली-
नेहा: भैया बताओ ना आपकी गफ़ है क्या?
मैं (धीरे से): अर्रे यार तू नही मानेगी, ले मोबाइल चेक कर ले.
नेहा: अछा-अछा ठीक है. लेकिन आपने मेरे बारे में नही पूछा?
मैं: अछा चल ठीक है. बता तेरा ब्फ है क्या?
नेहा एग्ज़ाइट्मेंट और सिड्यूसिंग स्टाइल में बोली-
नेहा: नही है. आप बनॉगे?
मुझे अब बस नेहा का वो नंगा शरीर याद आ रहा था, और मैं बस हा बोलने ही वाला था की-
मैं: हॅट, पागल है क्या!? तू और मैं भाई-बेहन है. अपने बीच ऐसा कुछ नही हो सकता.
नेहा हासणे लगी और कहा-
नेहा: क्यूँ भैया, चौंक गये ना. आपका चेहरा देखने लायक था.
उसके बाद हमने खाना खाया, और अपने-अपने कमरे में सोने चले गये. जब मैं सो रहा था, तो मामा खाना खाने आए थे. उन्हे कुछ काम था, तो बोल गये की वो मार्केट नही जाएँगे. अब हमे मामी ने 3 बजे के करीब उठाया और बोला-
मामी: मार्केट के लिए तैयार हो जाओ. वरना वाहा से आने में लाते हो जाएगा.
हम अपने-अपने कमरो में तैयार हो गये, और फिर 4 बजे मार्केट के लिए निकल गये. मामा बिके पे गये थे, तो हम तीनो को एक ही स्कूटी पे जाना था. मैं स्कूटी चलाने वाला था, नेहा बीच में, और मामी पीछे. नेहा ने ब्लॅक कलर का सेक्सी सा क्रॉप टॉप और जीन्स पहना था, और मामी ने स्लीव्ले ब्लाउस वाली महरूण सारी पहनी थी.
अब मैं स्कूटी चला रहा था, तो जगह ना होने के कारण नेहा मुझसे बिल्कुल सतत के बैठी थी. उसके सॉफ्ट बूब्स बार-बार मेरी छाती से आदते और गड्ढो में उसका हाथ मेरे लंड पे लग जाता.
अब हमने ज़्यादा कुछ नही किया, बस चाट वग़ैरा खाई, और थोड़ी शॉपिंग करके 7 बजे तक वापस आ गये. अब आके हमने तोड़ा रिलॅक्स किया और मामी ने 8 बजे तक खाना बना लिया. उसके थोड़ी देर बाद ही मामा भी सिटी से आ गये.
हमने 9 बजे तक खाना खाया, और टीवी देखने लगे. मैने नोटीस करा की पहले मामी सोफे पे बैठी थी, और जैसे ही मामा आए वो उठ के कमरे में चली गयी. अब मामा थोड़े उदास से हो गये और टीवी देखने लगे.
मैं समझ तो गया था की उनका झगड़ा बढ़ते ही जेया रहा था. अब हमने 10 बजे तक टीवी देखा, और अपने-अपने कमरे में सोने चले गये. कल की तरह आज रात भी 10 बजे करीब बिजली चली गयी. जैसे ही लाइट गयी, पुर घर में अंधेरा हो गया. मैं समझ गया की नेहा मेरे कमरे में आती ही होगी, और 2 मिनिट बाद ही वो मेरे कमरे में आ गयी. उसने वही बात बोली की-
नेहा: यार भैया लाइट चली गयी, और मुझे अंधेरे में दर्र लगता है. तो इधर ही सो जौ क्या?
मैं: हा सो जेया, लेकिन मामा से कह तो पहले.
नेहा: वो तो मैं कल कह दूँगी.
मैं तो मोबाइल चलाने लगा. लेकिन वो बेड पे बैठ के मुझे घूर्ने लगी. लगभग 5 मिनिट बाद मैं बोला-
मैं: हा-हा समझ गया, तुझे गर्मी लग रही है, और टॉप उतारना है.
उसने स्माइल देकर सर हिलाया. अब मैं नेहा को देखने का मौका बिल्कुल नही खोना चाहता था. तो कल की तरह मैने मेरा मूह बस चादर से धक लिया. अब जैसे ही नेहा ने उसका टॉप उतार कर ब्रा का हुक मुझसे खुलवाया. मैने जल्दी से एक नज़र उसकी छाती पे मार ली.
फिर नेहा और मैने थोड़ी बहुत कॉलेज की बातें करी और नेहा 11:30 पे सो गयी. लेकिन आज मुझे नींद नही आने वाली थी. अब इस उमर में अगर कोई भी लड़की किसी लड़के के बगल में ब्रा में सोएगी, वो भी हुक खोल कर, तो भला कैसे ही नींद आएगी.
मैं मोबाइल चलते हुए नेहा के सोने का इंतेज़ार करने लगा, और वो 1 बजे तक गहरी नींद में सो गयी थी. मैने जल्दी से नेहा को धीरे से आवाज़ लगा के कन्फर्म किया की वो सो गयी थी ना. मेरी रेस आज बिजली के साथ थी क्यूंकी अगर लाइट आ गयी तो मैं कुछ नही कर पौँगा.
मैने झट से उसकी ब्रा को शोल्डर्स से नीचे करके उसके सॉफ्ट और बड़े बूब्स को आज़ाद कर दिया, और उसके होंठो को हल्के से चूमा.
मुझे उस एक पल में बस ऐसा फील हुआ की अब नेहा बस मेरी थी. मैने उसके होंठो को चूमने के बाद उसके कान में हल्के से कहा-
मैं: ई रियली वाना फक योउ नेहा.
और उसके कान को हल्के से बीते कर लिया. मुझे नही पता था की नेहा इतनी हेवी स्लीपर थी. अब मैं उसके कान को काटने के बाद गर्दन पे किस करता हुआ नीचे बढ़ा, और उसके बूब्स और निपल्स को लीक करने लगा. नेहा की एक बहुत ही धीमी आ निकल गयी, जो शायद उस एकांत में ही सुनाई दे सकती थी.
मुझे लगा की हो सकता था नींद में निकल गयी होगी. मैने बिना टाइम वेस्ट करे मेरा हाथ उसके एक बूब पे रखा, और उसे दबाने लगा, और मेरा मूह उसके निपल्स चूस रहा था. उसके स्वेटी बुत सॉफ्ट बूब्स की खुश्बू ने मुझे मदहोश सा कर दिया था.
मुझसे रहा नही गया और मेरा हाथ उसके बूब्स से फिसल कर, उसकी कमर से फिसलता हुआ लेगैंग्स पे पहुँच गया. मैने बहुत ही हल्के हाथ से नेहा की छूट को उसकी लेगैंग्स के उपर से ही रब करा.
लगभग 5 मिनिट लेगैंग्स के उपर से रब करके उसके बूब्स लीक करते हुए मैने अपना हाथ उसकी लेगैंग्स के अंदर डाल दिया. उसकी छूट पे बहुत ही छ्होटे-छ्होटे बाल थे, जैसे की 3 या 4 दिन पहले ही शेव किए हो.
जैसे ही मैने मेरा हाथ उसकी छूट पे रखा, उसकी एक और आ निकल गयी. मुझे शक हुआ की कही नेहा जाग तो नही रही थी. लेकिन उस वक्त मैं इतना मदहोश था, की मुझे कुछ नही सूझा.
मैं उसकी छूट पे हाथ फेरने लगा, और 2 मिनिट बाद ही मैने मेरी एक उंगली उसकी छूट में डाल दी. वो पूरी तरीके से अंदर से गीली थी, और इससे मेरा शक कन्फर्म हो गया की वो जागी हुई थी.
मैने पहले तो मेरा हाथ उसकी लेगैंग्स से बाहर निकाला, और सोचा की अगर नेहा जागी हुई थी, तो तब से मुझे रोक क्यूँ नही रही थी? और अगर रोक नही रही थी, तो इसका मतलब था की वो भी इसे कंटिन्यू रखना चाहती थी. अब मैं ये बात खुद नेहा के मूह से सुनना चाहता था की-
नेहा: भैया प्लीज़ अब मुझसे और बर्दाश्त नही होता. ई वाना हॅव सेक्स वित योउ.
इसलिए मैने एक प्लान बनाया और तुरंत प्लान के मुताबिक नेहा के बूब्स लीक करते हुए उसकी छूट में उंगली करने लगा. मुझे ज़्यादा टाइम नही लगा और नेहा तेज़-तेज़ साँसे लेने लगी और तोड़ा-तोड़ा हिलने लगी.
मैं समझ गया की अब उसकी छूट से पानी निकालने ही वाला था, और मैने जल्दी से मेरी उंगली उसकी छूट से निकाल ली. फिर उस उंगली को पहले नेहा के होंठो पे लगा के रगड़ा, और फिर मैने चूस कर सॉफ कर दिया.
अब ये जो कारनामा मैने नेहा के साथ किया था, इससे उसके अंदर की एक चिंगारी आग के शोलों में बदल चुकी थी, और अब मेरा लंड भी इस चीज़ से खड़ा हो गया था, तो मैने उसे ये विश्वास दिलाया की अब मैं इन दोनो मा और बेटी को छोड़ कर ही दूं लूँगा.
तब तक के लिए मैं बातरूम में गया और मूठ मारने लगा. 10 मिनिट बाद जब मैं मूठ मार कर कमरे में आ रहा था, तो मैने मामा के कमरे के दरवाज़े से कुछ आवाज़े सुनी (अब वो आवाज़े क्या थी, ये अगले पार्ट में).
जब मैं मामा के कमरे से हो कर मेरे कमरे में पहुँचा, तो नेहा सोने का नाटक कर रही थी. मैं ये देख कर चादर ओढ़ कर लेट गया. 10 या 15 मिनिट बाद मैने देखा की नेहा हल्की आवाज़ में मेरा नाम लेके अपनी छूट में ज़ोर-ज़ोर से उंगली कर रही थी, और वो उसी वक्त झाड़ गयी. उसकी पनटी और लेगैंग्स पूरी तरह भीग गये थे. तो वो उठी, और उसके कमरे में चली गयी.
मैं तो सोने का नाटक कर रहा था. वो 10 मिनिट बाद नयी लेगैंग्स पहन के आई और सो गयी. अब मुझे मेरा प्लान सक्सेस्फुल होते दिख रहा था, आंड जो आवाज़े मैने मामा के कमरे से सुनी, उनसे तो मेरा प्लान और भी ईज़ी हो गया था.
अब मैने मामा के कमरे में क्या बातें सुनी, और नेहा मुझे अप्रोच करेगी या नही, पढ़िए अगले पार्ट में.
ओक गाइस, आयेज की स्टोरी अगले पार्ट में. तब तक के लिए गुडबाइ. योउ कॅन टॉक तो मे ओर गिव मे सजेशन्स तो मेक माइसेल्फ बेटर अट राइटिंग स्टोरीस ओं