कहानी जिसमे भाई ने बहन के जिस्म का लिया मज़ा

हेलो दोस्तों मेरा नाम अयान है, और मैं हयदेराबाद का रहने वाला हू. मेरी आगे 24 है. मैं जॉब करता हू. मेरी हाइट 5’9″ है, और मैं स्लिम आंड फेर हू. मेरी बेहन रूबी जो की हाइट में थोड़ी छ्होटी है, लेकिन देखने पर एक-दूं किसी हेरोयिन जैसी ही लगती है.

गोरा रंग और मस्त फिगर है उसका. उसके बूब्स आवरेज है, और स्लिम है वो. एक-दूं सेक्सी सा बॉडी शेप है उसका. उसकी आगे 21 है, और वो मेरे चाचा की लड़की है. हम सब एक ही घर में रहते थे तब.

बचपन से ही वो मुझे भैया कह कर ही बुलाती थी. मेरी कोई बेहन नही है, और मुझे पहले उसको देख कर ऐसी फीलिंग नही आती थी.

ये बात 2 साल पहले की है, जब हम साथ खेलते थे, और साथ रहते थे. तब मुझे उसको लेकर कोई फीलिंग नही थी. लेकिन मुझे पॉर्न देखने की बहुत आदत लग चुकी थी, और हवस की नज़र हो गयी थी मेरी.

एक दिन रूबी खेल रही थी बिना दुपट्टे के, तो खेल-खेल में ग़लती से उसके बूब्स मेरे हाथो को महसूस हुए. मैने खेल-खेल में उसको पीछे से पकड़ा हुआ था. उस वक़्त मेरा लंड एक-दूं से खड़ा हो गया, और तभी से दिल कर रहा था की रूबी के बूब्स को दबौउ.

मैं बार-बार मौका देख रहा था, की कब मैं उसको पाक्ड़ू, और उसके नरम-नरम बूब्स दबौउ. ऐसे ही खेल-खेल में एक-दो बार मैने रूबी के बूब्स को दबा दिया. फिर रात हो गयी, और हम सूब खाना खा कर सो गये.

दूसरे दिन वो अपने कॉलेज चली गयी, और मैं अपने कॉलेज चला गया. लेकिन रूबी मेरे ख़यालों से नही जेया रही थी. उसकी बॉडी और उसके बूब्स मेरे दिमाग़ से जेया नही रहे थे.

अब उसके लिए बेहन की नज़र से नही हवस की नज़र से देखना शुरू कर दिया था मैने. कुछ रातें ऐसे ही मैं रूबी को सोच कर मूठ मार कर सो जाता, और रूबी को मेरे ड्रीम्स में नंगा देखा करता. बहुत मस्त सेक्सी नज़र आ रही थी वो मुझे.

मैं मौका ढूँढ रहा था, की उसके साथ सेक्स करू. लेकिन दर्र भी बहुत लग रहा था, क्यूंकी वो मेरी बेहन थी. फिर एक रात घर में सब लोग कही बाहर गये हुए थे, तो हम सब बच्चे घर पर ही थे.

रात को खेल कर हम साथ ही सोए थे. मेरी तो खुशी का ठिकाना नही था. खाना खा कर सब साथ ही सोए थे. मेरे और रूबी के बीच में उसकी छ्होटी बेहन सोई हुई थी. सब के सोने के बाद मैने रात को बड़ी हिम्मत करते हुए रूबी के उपर हाथ डाला.

फिर मैं उसको सहलाने लगा. मैं देख रहा था की वो सोई हुई थी या नही. फिर कुछ देर बाद डरते हुए मैने उसकी चेस्ट पर हाथ रखा. हाथ रखते ही उसके नरम-नरम बूब्स चू कर इतना सुकून मिल रहा था.

फिर मैने हिम्मत करते हुए उसके बूब्स को हाथ से दबाना शुरू किया. मज़ा आ रहा था बहुत. मेरा लंड खड़ा होकर टाइट हो गया था. मेरा दिल कर रहा था की उसके बूब्स को चूस लू, उसके निपल्स को कतर लू.

कुछ देर वैसे ही बूब्स को दबाते हुए हिम्मत की, और रूबी के टॉप के उपर गले के पास से हाथ अंदर डाला. हाथ डालते ही उसका बूब मेरे हाथ में आ गया, और मुझे उसका निपल फील होने लगा.

क्या मस्त निपल था. मुझे तो बस बहुत खुशी हो रही थी, और दर्र भी लग रहा था. फिर उसको मैं दबा रहा था, और निपल को हल्के से पिंच कर रहा था. उस रात को मैने उसके बूब्स को दबा कर बहुत मज़े लिए. तभी एक-दूं से रूबी के आँख खोल गयी.

मैने जल्दी से हाथ हटा लिया. अब मुझे दर्र लग रहा था, की कही उसको पता ना चल जाए. इसलिए दिल में घबराहट हो रही थी, की कही वो घर वालो को ना बता दे. लेकिन उसके बूब्स दबा कर जो मज़ा आया था, उसके कोई जवाब नही.

अब मुझे उसकी छूट को महसूस करना था. फिर दूसरे दिन भी मुझे मौका मिला. क्यूंकी हमारी फॅमिली कही दावत में गयी हुई थी. इसलिए हम खाना खा कर और खेल कर तक कर सो गये थे. इस आबर किस्मत मेरे साथ थी. रूबी मेरे बगल में ही सोई हुई थी.

रात को जब सब तक कर सोए हुए थे, तब मैं अपनी बेहन रूबी को देख रहा था. उसके नाज़ुक से होंठ, गाल, और उसका प्यारा सा फेस देख कर सोच रहा था, की कब उसको छोड़ूँगा. क्यूंकी वो बहुत प्यारी लग रही थी. फिर मैने अपना काम अंजाम दिया. रूबी बिल्कुल सीधा सोई हुई थी, और मैं उसकी बगल में ही था. इसलिए बड़ी आसानी के साथ मैं उसकी बॉडी पर हाथ डाल सकता था.

मैने पहले बूब्स को दबाना चालू किया. हाए, क्या बतौन क्या जन्नत थी. सीधा सोई हुई थी वो, और उसके बूब्स सीधे हाथ में आ रहे थे. मैं मज़े से उसके बूब्स दबा रहा था. रूबी गहरी नींद में थी, तो उसको कुछ महसूस नही हो रहा था.

बूब्स दबाते-दबाते मैं उसके टॉप के उपर से ही बूब्स को चूस रहा था. हाए, क्या मज़ा आ रहा था दोस्तों. मॅन तो कर रहा था उसका टॉप फाड़ कर उसके बूब्स को चूस लू, और निपल्स को कतर लू. लेकिन कर नही सकते थे ना.

मैं ऐसे ही टॉप पर से ही बूब्स चूस रहा था, तो उसके बूब्स के पास चूसने की वजह से टॉप गीला हो गया था. फिर मैं एक हाथ रूबी की छूट की तरफ ले गया. मैने सलवार पर जैसे ही हाथ रखा तो पता लगा की रूबी ने अंडरवेर नही पहन रखा था.

उसकी छूट उपर से ही महसूस हो रही थी. क्या मस्त छूट थी उसकी. छूट पर हल्के से बात महसूस हो रहे थे. फिर मैने बिना किसी दर्र के सलवार के अंदर हाथ डाला, और छूट को सहलाने लगा. दोस्तों ये पहली बार था जब किसी छूट को फील कर रहा था.

उंगली से मैं छूट के लिप्स को टच कर रहा था. बहुत मज़ा आ रहा था मुझे. अब बस मुझे मेरी बेहन की छूट छोड़नी थी. क्यूंकी उसकी छूट बहुत मस्त थी. ये सोच कर मैं छूट सहला रहा था. तभी एक-दूं से रूबी ने नींद में ही मुझे पकड़ लिया.

वो मुझे मेरी बीवी की तरह पकड़ कर सो गयी. मैं एक-दूं से दर्र गया, लेकिन मैं भी उसको पकड़ कर, उसकी बॉडी को मेरा लंड लगा कर रब करने लगा था. मेरा फेस उसके फेस के सामने था, और उसकी साँसे मुझे महसूस हो रही थी.

मैने उसके लिप्स को हल्के से टच किया मेरे लिप्स से. उसके मुलायम से लिप्स हाए, क्या मस्त थे. वैसे ही हल्के से मैं उसको चूम कर सो गया पकड़ कर उसको.

दूसरे दिन सब घर पर आ गये. हम सब अपने काम पर लग गये थे. मैं रोज़ रूबी के नाम की मूठ मार कर सो जाता था. मैं बस उसको अब छोड़ना चाहता था, और मौका ढूँढ रहा था.

बहुत दिन के बाद:-

हमारे घर में सब लोग 2 दिन के लिए आउट ऑफ सिटी जाने वाले थे. साथ में रूबी को भी लेकर जाना चाहते थे. लेकिन रूबी ने साथ जाने से इनकार कर दिया. पता नही क्यूँ, लेकिन वो नही गयी. बस मेरी तो खुशी का ठिकाना नही था.

फिर रात को सब खेल कर सोए हुए थे. रूबी भी नींद में थी. फिर मैने अपना खेल शुरू किया. वो इस बार भी मेरे बगल में सोई थी, लेकिन पलट कर. अब मैं उसको चिपक कर उसके बूब्स दबा रहा था. मज़ा बहुत आ रहा था. फिर उपर से हाथ डाल कर बहुत दबा रहा था.

नींद में रूबी एक-दूं से सीधी हुई, और मुझे और आसानी से बूब्स दबाने को मिल रहे थे. मैं उपर से बूब्स चूस रहा था. निपल को पिंच कर रहा था बिनी किसी दर्र के. फिर कुछ देर बाद मैने उसकी छूट के उपर हाथ रखा.

आए-हाए! क्या मस्त गरम छूट थी उसकी. उसकी छूट के लिप्स को छेड़ते हुए खेल रहा था मैं. हल्की सी छूट गीली हो रही थी. मैने दर्र कर अपनी उंगली निकली, और अपनी जगह सो गया. कुछ देर हुई थी बस, तभी मुझे कुछ महसूस हुआ.

रूबो ने मेरी कमर में अपना पैर डाला था, और मेरी तरफ पलट कर सो रही थी. इससे मेरा लंड बराबर रूबी की छूट को टच कर रहा था. आहा, क्या मस्त मज़ा आ रहा था. मैं ऐसे ही रूबी को रब कर रहा था. वो मेरे साथ चिपक कर सोई हुई थी.

उसके लिप्स को चूम रहा था मैं. फिर कुछ देर बाद फील हुआ की वो मेरे हाथ को अपनी छूट पर लगा रही थी. मैने हल्की सी आँख खोली तो मैं हैरान हो गया. रूबी ने मेरा हाथ को अपनी छूट पर लगाया और सोने का नाटक करने लगी.

मैं भी अब बिना किसी दर्र के उसकी छूट को उंगली से रब करने लगा और बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. रूबी सिसकियाँ लेने लगी. वो भी बहुत हॉर्नी हो गयी थी. लेकिन नींद में थी ऐसे नाटक कर रही थी.

मैं बिना किसी दर्र के रूबी के उपर चढ़ गया. फिर उसकी लेग्स के बीच में जेया कर, मेरा लंड उसकी छूट पर लगा कर रब करने लगा, और उसको नेक किस करने लगा.

मैं उसकी पूरी गर्दन को चाट रहा था पागलों की तरह, और लंड को रग़ाद रहा था. वो भी सिसकियाँ भर रही थी, और आ आ की हल्की सी आवाज़ निकाल रही थी. ऐसे ही मैं उसकी गर्दन पर किस कर रहा था.

फिर उसने बेकाबू हो कर आँखें खोली, और मुझे अपने हाथो से पकड़ लिया, और मुझे लीप-किस करने लगी. आह भैया, आह आ की आवाज़ निकाल रही थी वो.

रूबी: बहुत मज़ा आ रहा है, और करो भैया.

वो ये सब कह रही थी. बहुत देर तक वैसे ही उसको नेक किस और लीप किस करते हुए मैं उसकी छूट को मेरे लंड से गरम कर रहा था. अब मुझे उसके बूब्स चूसने थे, जो मुझे बहुत दिन से ख्वाहिश थी.

तो मैने रूबी को बोला-

मैं: रूबी दूध पिलादे.

रूबी बोली: ठीक है भैया आ जाओ.

फिर मैने उसके बाजू में आ कर उसके टॉप को उठाया, और मैं रूबी के हाथ पर सर रख उसके बूब्स को देख रहा था.

रूबी ने कहा: मेरे बेबी को दूड्दू चाहिए?

मैने कहा: हा, मुझे दूड्दू चाहिए.

फिर उसने मुझे एक मा अपने बेबी को जैसे दूध पिलाती है, वैसे ही अपना निपल मूह में रखा और कहा-

रूबी: ये लो दूड्दू पियो.

मैं निपल लिप्स से पकड़ कर चूस रहा था. आह क्या मस्त था वो. क्या मज़ा आ रहा था. रूबी मेरा सर सहला रही थी. मैं उसके बूब्स को चूस रहा था बिल्कुल एक बच्चे की तरह. दोनो बूब्स को बहुत चूसा, और निपल्स को बहुत कतर रहा था.

रूबी बोल रही थी: भैया कत्रो मत दर्द हो रहा है.

मैं फिर भी वैसे ही चूस रहा था, और कतर रहा था. बहुत मज़ा आ रहा था.

आयेज की कहानी नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा. किसी आंटी, या भाभी, या किसी लड़की कोई सेक्स छत या फिर कुछ चाहिए तो

करे. फिर मिलते है अगले पार्ट में. दोस्तों कहानी किसी लगी बताना. थॅंक योउ.

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