ये बात है होली की. मैं और मेरी बेहन च्चत पर होली खेल रहे थे. दीदी मेरे उपर पिचकारी से पानी डाल रही थी, और मैं पीपे से दीदी को भिगो रहा था. मैं जान-बूझ कर दीदी के बूब्स के उपर पानी डाल रहा था प्रेशर से.
वो पूरी गीली हो गयी थी. दीदी ने पता नही क्यूँ लेकिन उन्होने ब्रा नही पहन रखी थी. उनके निपल्स दिखाई दे रहे थे. मेरा वही खड़ा हो गया. मुझे अब हिलने का मॅन कर रहा था. होली खेलने के बाद हम लोग नहाने चले गये बातरूम में.
पहले दीदी नहाने गयी. मुझे बहुत हॉर्नी फील हो रहा था दीदी के निपल्स देखने के बाद. मैने सोच लिया था की मुझे अब दीदी को नंगे देखना ही था. तो जब दीदी नहा रही थी तो मैने एक चेर ला कर बातरूम के दरवाज़े के उपर वाले विंडो से झाँकने की कोशिश की.
मुझे दीदी सॉफ-सॉफ दिखाई भी देने लगी. वो पूरी नंगी हो कर नहा रही थी, और मुझे यकीन भी नही हो रहा था की मैं अपनी बड़ी बेहन को नंगे देख पा रहा था. क्या मस्त बॉडी थी उसकी. उसके बूब्स काफ़ी बड़े थे, और गांद एक-दूं गोल और गोरी. छूट के तो क्या ही कहने. हल्की सी झाँत के बाल के साथ उनकी छूट क्या लग रही थी. ऐसे ही रोज़ मैं उनको नहाते हुए देख हिलता था.
असली कहानी अब स्टार्ट होती है. एक दिन मेरे 6 दोस्त मुझसे मिलने मेरे घर आए. पता नही क्यूँ लेकिन वो लोग सुबह के करीब 8 ही बजे आ गये थे. हम लोग मेरे रूम मे मस्ती कर रहे थे. तभी दीदी भी सोक उठ कर नहाने के लिए जा रही थी.
उनको नही पता था की मेरे दोस्त आए थे. हमारा बातरूम मेरे रूम के जस्ट आयेज ही था. मेरी दीदी ने छ्होटी सी शॉर्ट्स और तिघ त-शर्ट पहनी थी. उनके बड़े बूब्स बाहर आने को तड़प रहे थे. उनका शॉर्ट्स इतनी छ्होटी थी की गांद भी पता चल रही थी. ये देख मेरे दोस्तों का लंड खड़ा ही हो गया.
मेरे दोस्त मुझसे बोले की यार तेरी बेहन का क्या मस्त फिगर है. काश छोड़ने को मिल जाता. मुझे ये सुन कर अछा लग रहा था.
ऐसे ही मैने उनसे पूछा: मेरी दीदी को नंगा देखोगे?
वो लोग हैरान हो गये और बोले: हा बिल्कुल.
मैं फिर उन सब को बातरूम के पास ले गया और वाहा चेर रख दी. बारी-बारी सब लोग चेर के उपर चढ़ के दीदी को देखने लगे. सब ने उनके बूब्स, गांद और छूट की खूब तारीफ की. सब उनको छोड़ना चाहते थे. मेरा एक दोस्त फोटो लेने की कोशिश किया.
जैसे ही उसने फोटो ली, मोबाइल का फ्लश ओं हो गया, और दीदी ने उसकी तरफ देख लिया. हम सब बहुत दर्र गये और रूम में घुस गये. सब को दर्र लग रहा था की अब क्या होगा. दीदी फिर मेरे रूम में आती थी. उन्होने सिर्फ़ टवल लपेटा था, और अंदर पूरी नंगी थी.
वो सबसे पूछती है की तुम लोग मुझे नहाते हुए देख रहे थे? कोई कुछ नही बोल सका.
दीदी फिर बोली: कोई बात नही. तुम लोगों ने मुझे नंगा देखा है, अब मेरी बारी.
सब ये सुन हैरान हो गये. दीदी सब के पास आ कर उनकी पॅंट्स खोलने लगती है. सब के काले मोटे और 8 इंच लंबे लंड को देख उनके मूह में पानी आ जाता है. वो सब को ब्लोवजोब देना स्टार्ट करती है. सब का लंड उन्हे बहुत टेस्टी लग रहा था.
मेरे एक दोस्त ने अपना पूरा लंड उनके गले तक घुसा दिया. दीदी के आँखों में पानी आ गया था. सब ने अब दीदी को दीपत्र्ोआट देना स्टार्ट कर दिया था. वो अपने 8 इंच के लंड को पूरी तरह उनके गले में घुसा दे रहे थे. उनको ज़रा भी तरस नही आ रहा था. उन्हे बस हार्ड ब्लोवजोब लेना था.
लेकिन दीदी को भी मज़े आ रहे थे. वो कुटिया की तरह लंड की माँग करने लग रही थी. अगर कोई अपना लंड ना डाला रहे उनके मूह में, तो वो तुरंत खुद ही झपट पड़ती थी. मेरी दीदी इतनी रंडी है, मैने सोचा भी नही था. आधे घंटे तक ऐसे ही उन्होने सब का चूसा.
फिर दीदी ने अपना टवल गिरा दिया. सब जानवरो की तरह उनपे टूट पड़े. 2 लोग उनके चुचियो को दबा रहे थे. एक छूट में उंगली कर रहा था, और एक गांद चाट रहा था. 2 लोगों का दीदी हिला रही थी. सब उन्हे टच कर रहे थे एक साथ. इतने सारे हाथो को मेरी दीदी के मज़े लेते हुए देख मुझे मज़ा आ रहा था.
मेरी दीदी को सब ने बेड पर फेंक दिया, और उन्हे छोड़ने के लिए कूद पड़े. स्टार्टिंग में ही एक ने उनकी गांद में अपना पूरा लंड घुसा दिया. दीदी ने कभी भी अनल नही किया था, और दीदी बहुत ज़ोर से चिल्लाई. दूसरे ने उनके उनके मूह में दे दिया, जिससे दीदी चिल्ला भी नही पा रही थी. 2 लोगों को हॅंजब मिल रहा था. फिर एक ने उनकी छूट में अपना लंड डाल दिया.
दीदी का अब डबल पेनेट्रेशन हो रहा था. इससे अछा नज़ारा अब क्या होगा. लेकिन मेरे जानवर दोस्त यही नही रुके. जो मेरी दीदी की छूट मार रहा था, उसने भी गांद में डालना स्टार्ट कर दिया. दीदी की गांद में अब 2 लंड एक साथ थे, और तीसरे ने आ कर उनकी छूट में भी लंड डाल दिया. अब उनका ट्रिपल पेनेट्रेशन हो गया था.
3 मोटे लंड एक साथ दीदी के अंदर थे. उन्हे देख लग रहा था उन्हे बहुत दर्द हो रहा था. पर मज़ा भी तो उन्हे आ रहा था ना. उसी टाइम एक उन्हे दीपत्र्ोआट कर रहा था. दीदी चीख भी नही पा रही थी. 2 लोगों का वो ज़ोर से हिला रही थी. सब बारी-बारी उन्हे ऐसे ही 3 लोग साथ में छोड़ते गये. मैं सोफे पर बैठ देख कर मज़े ले रहा था.
दीदी उनकी सेक्स स्लेव बन गयी थी. अब कम करने की बारी आई तो सब ने एक साथ उनके मूह में अपना कम पिलाया. उनका मूह पूरी तरह भर गया था. पर दीदी ने बड़े मज़े से उसे निगल लिया. इसके बाद में दोस्तों को पता नही क्या हुआ. वो लोग उन्हे अपना मूट भी पिलाने लगे.
सब अपने मूट से उन्हे नहलाने लगे. दीदी पानी समझ कर उसे पी भी रही थी. सब ने उनसे नीचे गिरे कम को भी कुत्तों की तरह चटवाया. क्या नज़ारा था वो. सब छोड़ कर घर चले गये अपने. दीदी तो चलने की भी हालत में नही थी. वो फिर नहाने चली गयी.