Bhabhi Sang Meri Antarvasna- Part 3

भाभी सामान्य होने पर अपने कपड़े ठीक करके बाहर चली गईं.. मगर मैं ऐसे ही पड़ा रहा।

कुछ देर बाद भाभी चाय का कप लेकर मेरे पास आईं और मुझे देख कर हँसने लगीं क्योंकि मैं अब भी नँगा ही पड़ा हुआ था।

तभी दरवाजे की घण्टी बजी.. शायद मम्मी-पापा आ गए थे। मैं उठ कर जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगा और भाभी चाय का कप मेरे पास रख कर दरवाजा खोलने चली गईं।

मम्मी-पापा आ गए थे इसलिए भाभी उनके पास चली गईं.. और मैं चाय पीने लगा।

उसके बाद मेरी और भाभी की कोई बात नहीं हुई मगर मेरा जब भी भाभी से सामना होता.. तो भाभी मुझे देख कर मुस्कुराने लगतीं और मैं भी भाभी की मुस्कुराहट का जवाब मुस्कुराहट से देता।

दोस्तो, मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मेरी इस कहानी में मजा आया होगा.. मुझे ईमेल करें।

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