Bhabhi Sang Meri Antarvasna- Part 1

भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा- बोलो क्या पूछना है?
मेरी आवाज नहीं निकल रही थी इसलिए मैंने हाथ के इशारे से किताब में वो प्रश्न बता दिया और भाभी मुझे बिस्तर पर बिठा कर समझाने लगीं।

मगर मेरा ध्यान पढ़ने में कहाँ था.. मैं तो बस भाभी को ही देखे जा रहा था और मेरा लिंग तो मेरी हाफ पैंट को फाड़ कर बाहर आने को हो रहा था।

कुछ देर में ही भाभी ने वो सवाल हल कर दिया और कहा- समझ आ गया?
मैंने झूठ-मूठ में ही ‘हाँ’ कह दिया जबकि मैंने तो ठीक से किताब की तरफ भी नहीं देखा था.. मैं तो बस भाभी के अंगों को ही देखे जा रहा था।
भाभी ने कहा- तो फिर चलो अब मुझे सोना है।

भाभी के कमरे से आने को मेरा दिल तो नहीं हो रहा था.. मगर फिर भी मैं वहाँ से आ गया और भाभी ने फिर से दरवाजा बन्द कर लिया।

भाभी के गोरे बदन को देख कर मुझे बहुत मजा आ रहा था और मेरे लिंग ने तो पानी छोड़-छोड़ कर मेरे अण्डरवियर को भी गीला कर दिया था.. मगर अब क्या करें?

तभी मुझे एक तरीका सूझा और मैंने फिर से भाभी के कमरे का दरवाजा बजा दिया।
भाभी ने दरवाजा खोल कर मुस्कुराते हुए पूछा- अब क्या हुआ?
मैंने कहा- भाभी एक बार फिर से बता दो.. मुझसे नहीं हो रहा है।

भाभी फिर से मुझे वो सवाल समझाने लगीं.. मगर मेरा ध्यान तो भाभी पर ही था और वैसे भी मैं पढ़ने भी कहाँ आया था.. मैं तो भाभी की पारदर्शी नाईटी से दिखाई देते उनके अंगों को देखने आया था।

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कुछ देर में ही भाभी ने वो सवाल फिर से हल कर दिया, मुझे फिर से उनके कमरे से आना पड़ा।
कुछ देर बाद मैंने एक नया सवाल लेकर फिर से भाभी का दरवाजा बजा दिया।

इस बार भाभी दरवाजा खोलकर हँसने लगी और हँसते हुए कहा- फिर से..
मैंने कहा- नहीं.. ये दूसरा है।

शायद भाभी समझ गई थीं कि मैं बार-बार क्यों आ रहा हूँ इसलिए वो हँसने लगीं और हँसते हुए कहा- सारी पढ़ाई आज ही करनी है क्या?

भाभी के कमरे में सोना शुरू किया
मेरे बार-बार भाभी का दरवाजा बजाने की आवाज सुनकर पापा अपने कमरे से बाहर आ गए और पापा के आते ही भाभी दरवाजे के पीछे छुप गईं।

पापा ने मुझे डांटते हुए कहा- क्यों परेशान कर रहा है भाभी को?
मैंने कहा- मैं तो बस पढ़ने आया था।
पापा ने कहा- तो फिर बार-बार दरवाजा क्यों बजा रहा है?
मैंने बताया- वो सवाल पूछने के लिए आना पड़ता है।

पापा ने कहा- तुम कल से अपनी भाभी के कमरे में ही बिस्तर क्यों नहीं लगा लेते हो.. वो तुम्हारी खबर भी लेती रहेगी और तुम्हें पढ़ा भी देगी।

इतना कह कर पापा वापस अपने कमरे में चले गए। भाभी के कमरे में बिस्तर लगाने की बात से मुझे बहुत खुशी हुई क्योंकि अब तो रात भर भाभी के साथ ही रहूँगा।

पापा के जाते ही मैं अपना सामान भाभी के कमरे में लाने लगा.. मगर भाभी ने मना कर दिया और हँसते हुए कहा- अभी रात को रहने दो.. मैं कल तुम्हारा सामान यहाँ ले आउँगी.. अभी तो ये बताओ तुम्हें पूछना क्या है?

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मैंने एक नया सवाल भाभी के सामने रख दिया.. मगर भाभी ने कहा- तुम्हें पहले वाला समझ आ गया?
मैंने जल्दी से ‘हाँ’ कह दिया।
भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा- तो ठीक है जरा मुझे पहले वाला करके तो दिखाओ?

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