भाभी ने कहा कि तुम बड़े शैतान हो-1

सोनिया- पर लड़के बड़े गंदे होते हैं.. वो मजे करने के बाद सारी बातें उड़ा देते हैं।
मैं- मैं ऐसा नहीं हूँ। मैं हर बात को गुप्त रखता हूँ.. ताकि हमारी लाइफ पर असर ना पड़े.. क्योंकि इसमें कुछ गलत नहीं होता है।

फिर वो मुझे देख कर मुस्कुराने लगी इतने में मम्मी और बहन आ गईं और हमारी बातें वहीं खत्म हो गईं।

अगले दिन नाश्ता करने के बाद 10 बजे मम्मी और बहन कुछ काम से मार्केट चले गए। मैं घर में अकेला बोर हो रहा था.. तो मैं बालकनी में आ गया।

मैंने देखा कि सोनिया भाभी भी बालकनी में अपने बेबी के साथ में आ गई थी। मैं आपको बताना ही भूल गया उसका एक 6-7 महीने का बेबी भी है।

हमने फिर से बातें करना शुरू कर दीं। बातों ही बातों में उसने अपने बेबी को मेरी गोद में दे दिया और कहा- जाओ चाचा की गोद में..

भाभी के चूचे
गोद में उसको लेते समय मेरा हाथ सोनिया के मम्मों में लग गया, मेरे पूरे शरीर में करंट सा दौड़ गया।
वो बेबी मेरी गोद में आकर रोने लगा.. तो मैंने कहा- जाओ मम्मी के पास..
उसे देते टाइम मैंने जानबूझ कर उसके मम्मों फिर से टच कर दिए।

उसके चेहरे से साफ दिख रहा था कि उसे भी मजा आ रहा था। मैंने बेबी वापस दिया ही था कि.. ये क्या.. उसने फिर से बेबी को मेरी तरफ दे दिया।

इस बार मैंने बेबी को पूरी तरह से हाथ में नहीं लिया। मेरा हाथ उसके मम्मों पर था और मैंने ऐसे ही रहने दिया। कुछ मिनट तक सोनिया ने भी कुछ नहीं कहा.. बस मुझे बड़ी कामुक नजरों से देख रही थी।

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पर बेबी रो रहा था तब मैंने सोनिया से कहा- मेरे कमरे में चलते हैं.. बेबी रो रहा है.. उसे टीवी दिखा देंगे.. वो चुप हो जाएगा।
वो मान गई और दीवार की साइड में आ कर खड़ी हो गई।

मैं उसे और वो मुझे देख रहे थी। उसने फिर से मुझे बेबी देना चाहा.. पर मैंने बेबी को बीच में रखते हुआ उसकी पतली कमर पर हाथ फेर दिया और उसके कान के नीचे एक किस कर दिया..
वो सिहर उठी।

भाभी गर्म हो गई
मुझे तो मानो हरी झण्डी मिल गई। मैं उसके गले पर.. गालों पर किस करने लगा। वो भी पागलों की तरह सिसकारियां भर रही थी.

फिर मैंने उसके होंठ पर होंठ रख रख दिए और पागलों की तरह उसे किस करने लगा, वो भी मेरा साथ दे रही थी।
हम तो भूल ही गए थे कि वो बेबी हमारे बीच में है।

जब वो रोने लगा.. तब हमें होश आया।
वो एकदम से शर्मा गई।
उसने मुझसे कहा- तुम तो बड़े शैतान हो।
मैंने कहा- वो तो मैं हूँ..

इतना कह कर वो अपने कमरे में भाग गई और अपने कमरे की लाइट बंद करके अंधेरे में लेट गई।

मैंने अपने आपको सम्भाला और इधर-उधर देखने के बाद उसके कमरे में चला गया और उसे किस करने लगा। हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे।

मैं तो पूरा पागल हो गया था। मैं सोनिया के मम्मों को दबा रहा था।
वो कह रही थी- आराम से करो.. दर्द हो रहा है।

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पर मैं कहाँ रुकने वाला था। मैंने उसे अपना कमीज उतारने को कहा पर उसने मना कर दिया और कहा- अभी यहाँ से चले जाओ.. कोई आ जाएगा।

मुझे भी यह बात सही लगी और मैं अपने कमरे में आ गया।

दोस्तो, सोनिया का साथ मुझे इतना अच्छा लगने लगा था कि मैं किस काम से दिल्ली से हरिद्वार आया था.. सब भूल गया।

आगे उसके साथ मेरा कैसे जमा ये सब तफसील से लिखूंगा।
आप मेरे अनुभव पर अपने कमेंट्स जरूर भेजिएगा।

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