तो बोली- इसी से प्यास बुझा लो।
मैं एकदम से चौंक गया.. मैंने पूछा- भाभी आप एक भाई को उसकी बहन से प्यास बुझाने को कह रही हो?
तो वो बोलीं- रात को जब उसके हाथ में अपना लिंग दिया था.. तब बहन नहीं थी वो?
मेरा सर घूम गया.. मैंने पूछा- आपको कैसे पता?
तो वो बोलीं- रात को तुम्हारे भैया की प्यास बुझाने के बाद मैं अपनी पानी की प्यास बुझाने रसोई में गई.. तो मैं वैसे ही छत पर भी आ गई.. क्योंकि मुझे नींद नहीं आ रही थी.. तो मैंने देखा कि तुमने आरती के हाथ में अपना लिंग दे रखा था.. तो मैं चुपचाप वापिस आ गई।
मैंने कहा- भाभी सॉरी.. माफ़ कर दो.. अब ऐसा नहीं होगा।
भाभी ने कहा- अगर आपको आरती अच्छी लगती है तो इसमें कुछ गलत नहीं है.. मैं उसे आपके लिए पटा लूँगी और फिर आप उससे अपनी प्यास बुझा लेना।
मैंने कहा- भाभी मुझे तो आप अच्छी लगती हो.. आप ही मेरी प्यास बुझा दो ना।
भाभी हँसने लगीं और मैंने भाभी को पीछे से जाकर पकड़ लिया।
वो बोलीं- रुको पहले दरवाजा बंद करो वर्ना आरती आ जाएगी।
मैंने दरवाजा बंद किया और भाभी को चूमना चालू कर दिया, उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.. और रसपान करने लग गया।
धीरे-धीरे उनकी गोलाइयों को मसलना शुरू कर दिया, भाभी ने भी पजामे के ऊपर से ही मेरा लिंग पकड़ लिया।
मैंने भाभी को उठाया और कमरे में ले गया और भाभी के सारे कपड़े उतार दिए।
भाभी ने खड़े होकर मेरे भी सारे कपड़े उतार दिए, फिर मैं और भाभी एक-दूसरे में समाने की कोशिश करने लग गए, कमरे में सांसों का तूफान सा आ गया था।
भाभी ने कहा- देवर जी इतना प्यार करते हो.. तो पहले ही क्यों नहीं कह दिया.. अब तक तो आपकी प्यास बुझ चुकी होती।
मैंने भाभी की योनि में अपनी जीभ घुसा दी और जीभ से ही उन्हें चोदने लग गया.. वो आहें भर रही थीं।
फिर भाभी ने कहा- अभी तो फटाफट काम खत्म कर लो.. वर्ना आरती आ जाएगी.. तो तुम लन्ड महाराज को हाथ में लेकर बैठे रहोगे।
मैंने फटाफट भाभी की योनि में अपना लिंग घुसा दिया। भाभी ने अपना मुँह बंद कर लिया.. ताकि उनकी आवाज बाहर ना निकले।
मैंने जबरदस्त धक्के लगाने शुरू कर दिए.. हर धक्के के साथ मुझे स्वर्ग की अनुभूति हो रही थी। मेरा जी कर रहा था कि बस मैं ये धक्के लगाता ही रहूँ.. और ये दुनिया थम सी जाए।
थोड़ी देर में मेरा वीर्य भाभी की योनि में दौड़ रहा था!
भाभी भी निढाल सी होकर लेट गईं।
फिर भाभी ने कहा- बुझी आपकी प्यास?
मैंने कहा- अभी तो बुझ गई.. पर ये प्यास तो थोड़ी-थोड़ी देर में फिर लग जाती है।
भाभी ने कहा- जब तक यहाँ हो.. जब भी प्यास लगे तो प्यास बुझाने मेरे कुंए के पास आ जा।
मैंने वापिस भाभी को चूम लिया।
अगले भाग में बताऊंगा कि भाभी ने मेरे लिए आरती को कैसे तैयार किया।
यह मेरी पहली कहानी है दोस्तो.. इसलिए कहीं कुछ गलत लिखा हो तो इग्नोर कर देना।