रेणुका भाभी को उनके घर में चोदा

Bhabhi ki chudai (रेणुका को ट्रेन मैंने कैसे चुदाई किया उसके आगे का शेष भाग )

गाँव में मुझे सिर्फ दो दिन का काम था इस लिए मैं 5 मार्च को वापस आ गया ! जब से रेणुका भाभी की चुदाई किया तब से उनसे रोज मोबाइल पर लम्बी बाते होने लगी ! बात बात एक दिन पूछ लिया की कब आओगी तो बताया की 8 मार्च जाऊगी ! तब मैंने कहा ”ट्रेन में मजा नहीं आया” तो हसने लगी और बोली ”ठीक है और कही जगह देख लेंगे जहा खूब मजा आये” और इस तरह से रोज रोज बाते करने लगा भाभी से खूब गन्दी गन्दी बातें करना ! आखिर भाभी 8 मार्च को साम के समय वापस आ गई ! तो मैंने मन ही मन प्लान बना लिया की कल दिन में भाभी को नहला कर चोदा जाए और फिर ये प्लान भाभी को बताया तो मना कर दिया और बोली ”कल नहीं परसो” तो मैंने कहा ”परसों तो रंगपंचमी है सभी घर में रहेंगे” तो भाभी बोली ”मैं कुछ सोच कर ही कह रही हूँ” तब मैंने पूंछा ”कितने बजे” तो भाभी बोली ”साम को 4:30 के बाद जब होली
खुमार उतर जाएगा सभी नहाने धोने लग जायेगे तब” पर मेरे से रहा नहीं गया और फिर से पूंछ लिया की ”भाई साहब,और गुड़िया तो नहीं रहेंगे घर पर” तो भाभी बोली ” गुड़िया को इंटरब्यू दिलाने चले जाएंगे सुबह-सुबह तो रात तक वापस आयेगे” बस फिर क्या था मैंने मन ही मन प्लान बना लिया की भाभी को उनके बैडरूम में तबियत से चुदाई करूंगा ! ये सोच सोच कर 2 रात तक टीक से नींद नहीं आई ! जैसे तैसे 10 मार्च आया तो खुसी के मारे दिन भर इधर उधर घूम घूम कर खूब रंग खेला कुछ दोस्तों के साथ कई पैग सराब के भी लगा लिए दोपहर के 3 बजे तक ! 3 बाद घर गया नहाया रंग साफ़ किया खाना खाया और थोड़ी देर तक आराम करने के बाद करीब 4 बजकर 15 मिनट पर घर से निकल लिया और पैदल ही रेणुका भाभी के घर आ गया ! रेणुका भाभी के घर आसपास सन्नाटा हो गया था सभी नहाने धोने में ब्यस्त हो गए थे !

चुपचाप गेट खोला और दरबाजे को खोलने लगा तो नहीं खुला,अंदर से चिटकनी लगी थी तब मैंने साइड से झाककर देखा तो चिटकनी खिड़की के पास ही लगी थी तब मैंने हाथ डालकर चिटकिनी को बिना आवाज किये खोल दिया और चप्पल सहित अंदर खुस गया और धीरे दरवाजा लगाया साइड में चप्पल रखा और दबे पाँव से भाभी को तलासने लगा तो किसी रूम में नहीं दिखी तो बैडरूम में जाने लगा तो बाथरूम से नहाने की आवाज आ रही थी तो बाथरूम के तरफ चला गया तो देखा की भाभी सलवार ब्रा में बाथरूम को साफ़ कर रही थी तो मैंने तुरंत मेरा मोबाइल निकाला और चुपचाप फोटो लेने लगा जब मोबाइल का फ्लेस चमका तब भाभी पलट कर देखी और हलके दिखावटी गुस्से से बोली ”ये क्या बदतमीजी है” तब भी मैं बार बार मोबाइल के कैमरे से फोटो लिए जा रहा था तो बोली ”बाद में सभी डिलीट कर देना” तो मैंने कहा ”चिंता नहीं करो भौजाई साहब कोई नहीं देखेगा मेरे सिवा” इसके बाद बोली ” अब बंद करिये नहीं तो पानी डाल दूंगी मोबाइल में” और नहाने वाले प्लास्टिक के मग भरा तो मैंने जल्दी से मोबाइल लेकर भगा और बैडरूम आकार सभी कपडे उतार कर एक दम से नंगा होकर बाथरूम में घुस गया और फिर रेणुका भाभी के पीछे पीठ की तरफ खड़ा हो गया और फिर एक एक करके गले से, पीठ से, कमर से, हाथों में साबुन लगा लगा कर रंग को छुड़ाने लगा मैं जैसे रंग छुड़ाता

जाता वैसे वैसे रेणुका भाभी के ऊपर चुदाने का रंग चढ़ता जाता आखिर में गले से रंग छुड़ाते हुए चूचियों पर साबुन लगाया और फिर चूचियों के ऊपर नीचे हाथ खिसका खिसका कर घिसने लगा ! वाऊ क्या बढ़िया अनुभव था उस समय बाथरूम का, मेरा खड़ा हुआ लण्ड रेणुका भाभी की पीठ से टकरा रहा था और भाभी की बड़ी बड़ी टाइट चूचियाँ मेरे हाथ से मछली की तरह बार बार फिसल रही थी इस तरह से लगातार 4 मिनट तक भाभी की चूचियों का रंग निकालता रहा काफी हद तक चूचियों का रंग निकल गया पर भाभी के ऊपर चुदाई का रंग चढ़ने लगा ! अब भाभी मेरे हाथो को पकड़ कर अपनी तरफ खीचने लगी फिर भी मैं चूचियों को मसले जा रहा था तब भाभी मेरे मोटे लण्ड को पकड़ कर खिलाने लगी तो मैं भाभी के सामने आ गया और भाभी मुह के पास लण्ड ले गया और भाभी के मुहं में डालने लगा तो भाभी ने लण्ड लेने के पहले सुपाड़े की चमड़ी को पीछे खिसकाया और लण्ड को धोया और बड़ी आसानी से मुह डाल लिया तो मैंने लण्ड को आगे पीछे करने लगा 1 मिनट तक करने के बाद भाभी ने लण्ड को मुह और बोली ”ये किस दिन काम आएगी” (अपनी बुर की तरफ इसारा किया) इतना कहकर मेरे हाथ को पकड़ कर खींचा और नीचे बैठा दिया तो मैंने भाभी की दोनों टांगो को अपनी कमर की तरफ खींचा और कमर से सटाते हुए अपनी दोनों टांगो को भाभी की कमर के पास सटा दिया और फिर भाभी की चूत में लण्ड को बड़ी आसानी से घुसा दिया (आज भाभी की चूत एकदम से चिकनी थी लगता है आज अभी अभी सफाई किया था )और भाभी की कमर में हाथ रख कर अपनी तरफ खीच लिया और बाथरूम की चिकनी फर्स पर अपने चूतड़ को हिलाने लगा भाभी भी अपने चूतड़ों हिला हिला कर चुदाई का मजा लेने लगी ! पर मैंने आज सराब पी रखी थी इस लिए दिमाग में कुछ अलग ही सैतानी सूझ पड़ रही थी ! मैंने चुदाई बंद किया और भाभी को पकड़ कर उठाया और बाथरूम में ही घोड़ी बना दिया और घोड़े की तरह पीछे से चुदाई सुरु कर दिया पर भाभी के घुटनों में दर्द होने लगा लगा क्योकि फर्स के कारण तो भाभी पेट की तरफ से बाथरूम में लेट गई और मैंने फिर लण्ड घुसेड़ कर चोदने लगा पर भाभी के मोटे मोटे चूतड़ों के कारण मेरा छोटा सा लण्ड अंदर तक नहीं जा रहा था तो मैंने भाभी को बोला ”चलिए बेड पर चलते हैं यहाँ मजा नहीं आ रहा है” तो भाभी तुरंत तैयार हो गई और दोनों बैडरूम में आ गए !

बैडरूम में आते ही भाभी बेड पर उलटा लेट गई तो मैंने इसारा किया सोफे की तरफ आने को , भाभी तो काम ज्वाला में धधक रही थी जैसा कहता वैसा तुरंत करती ! भाभी सोफे की तरफ आने के पहले पलंग की दराज से कंडोम निकाला और मेरी तरफ बढ़ा दिया और बोली ” इसे लगा लो कोई लफड़ा नहीं हो” तो मैंने चुपचाप कंडोम को लण्ड पर चढ़ाया भाभी को सोफे के हेंडल को पकड़ कर झुका दिया और लण्ड को पेल दिया और फिर चूत की चुदाई का जो सिलसिला चला तो लगातार 8 मिनट तक भाभी की चूत इसी तरह से चोदता रहा भाभी के मुह से उउउउ आए आए आआआआआआआ आअह्ह्हआःह्हाआह्ह स्स्स्स्स्स्स्स्सी की आवाज निकलने लगी भाभी अपना एक हाथ सोफे के हैंडिल से हटाकर चुचियो को दबाती तो कभी मेरी जांघो को सहलाती मैं धक्के देना बंद कर देता तो खुद ही अपने चूतडो को आगे पीछे करने लगती इस तरह से भाभी चुदाई का भरपूर मजा ले रही थी की अचानक खड़ी हो गई और लिपटते हुए बोली ”अब और अधिक मत तड़पाओ” और हाथ पकड़ कर बेड पर ले गई और लेट गई व् बोली ”जब तक मर्द ऊपर चढ़कर नहीं मसले तब तक मजा ही नहीं आता” तब मैं फिर भाभी की दोनों टांगो को फैलाया और चूत को चाटने लगा तो भाभी उउउउ आअह्ह्ह आअह्ह उउउउ करने लगी और मुझे पकड़ कर अपनी तरफ खीचने लगी तब मैं फिर से भाभी के ऊपर लेट गया और पूरा बजन भाभी के ऊपर कर फिर लण्ड को पेलते हुए धीरे धीरे धक्के मारना सुरु कर दिया , एक एक धक्के के साथ साथ भाभी और मैं जन्नत सैर करने लगा ! भाभी की चूची को चूसता,मसलता तो भाभी कुछ नहीं बोलती बल्कि मेरी जीभ को चूसती इस तरह से चुदाई का यह कार्यक्रम लगातार 10 मिनट तक चलता रहा, भाभी अपनी चूत को अंदर की तरफ खींचती तो चूत एकदम सिमट कर टाइट पड़ जाती तो चुदाई में चाँद लग जाता ! लण्ड एकदम से चूत में चिपक कर घर्षण करने लगा तो भाभी हाथो को मेरे चूतडो पर रख लिया और मेरे चूतड़ों जल्दी जल्दी आगे पीछे करने में सहयोग करने लगी मैं समझ गया भाभी चुदाई के अंतिम पड़ाव में पहुंच चुकी है मैं भी जल्दी जल्दी झटके मारने लगा तो भाभी मदहोस सी हो गई और कांपती हुई आवाज में बोली ” और जल्दी जल्दी करिये न,काहे को तड़पा रहें है” तब मैं चुदाई की स्पीड बढ़ा दिया और इस तरह से लगातार 4 मिनट तक पूरी ताकत से भाभी की चूत को लण्ड से ठोंके जा रहा था और भाभी मेरी पीठ हाथो से जकड कर पकड़ लिया और मेरी जीभ को इतनी जोर जोर से चूसने लगी की लगता था जीभ को निगल लेंगी और फिर अचानक भाभी निढाल होकर लम्बी लम्बी सासें छोड़ने लगी उनकी पकड़ कमजोर हो है मेरी जीभ को मुह से निकाल दिया और बेहोस सी हो गई मैं अभी भी अंतिम पड़ाव में ही था लगातार झटके मारने के बाद करीब 2 मिनट वीर्य निकल गया और मैं पूरी ताकत से बहभी की चूत में लण्ड पेले रहा तो आह्हह की आवाज निकली और बोली ” जान लगे क्या” और मुझे अपने ऊपर से उठाने लगी पर मैं अभी भी भाभी को जोर से कसकर पकडे हुए था तो भाभी फिर से बोली ” अब छोड़िये भी मेरी साँसे फूल रही है” तब मैं भाभी के ऊपर से पकड़ काम कर दिया तो भाभी ने ऊपर धकेल दिया और मैं जोर जोर से हाँफते हुए भाभी के बगल में लेट गया और भाभी जल्दी से उठी और बोली ” यहाँ से जल्दी से जाइए” तब मैं उठकर कपडे पहनने लगा और भाभी जल्दी से गाउन डालीं और बाहर निकल कर घर के सामने रोड में खड़ी हो गई और फिर वापस आ गई और बोली ”अभी रुकिए पडोसी बाहर ही खड़ा है” और तब मैं रुक गया तो बोली ”आप आगे वाले कमरे में जाइए, मैं टीवी ऑन कर देती हूँ जिससे किसी को लगे की आप इसी रूम ” और भाभी चली गई टीवी ऑन कर दिया तो मैं टीवी देखने लगा इतने भाभी एक प्लेट में नास्ता लेकर आई ओर सामने रख दिया और खिड़की से झाकने लगी बाहर और फिर आगे का दरवाजा खोल कर पर्दा लगा दिया मैं 5 मिनट में नास्ता किया और फिर जाने लगा तो भाभी बोली ”रुकिए दो मिनट” और बाहर चली गई और फिर अंदर आई और बोली ”अब जाइए कोई नहीं है बाहर” और मैं चला आया ! करीब एक घंटे बाद फोन किया भाभी को और हाल चाल पूछा तो बोली ”जान निकाल लिया आज और हाल चाल पूछ रहे है” तब मैंने बोला ” कसम से भाभी बहुत मजा दिया आपने” तब बोली ”आज जैसे मजा तो सुहागरात में भी नहीं आया था” और फिर बहुत सी बातें किया …………… ……आखिर में मैंने पूछा ”अब कब मिलोगी”… तो भाभी बोली …… ”जब भी ऐसा मौका मिलेगा आपके भैया नहीं रहेंगे तो रात में बुला लुंगी” और अब मैं उस रात के इन्तजार हूँ ………………………।

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और रेणुका भाभी को रात में चोदने का मौका मिल ही गया कैसे आगे पढ़िए …………………।

18 मार्च रेणुका भाभी का साम के समय 7 बजे फोन आया और बोली ”कहाँ हो आप” तो मैंने बताया की ”बाजार में हूँ कहिये” तो धीरे से बोली ”आज रात में आओगे क्या” तब मैंने पूछा की ” भाई साहब कहाँ है ” तो बोली ”ओ दो दिन के लिए बाहर गए” तब मैंने पूछा ”कितने बजे तक आ जाउगा” तो बोली ” आप नाइट ड्यूटी में कितने बजे जाते हैं” तब मैंने बताया की ”रात के 11:30 पर घर से निकलता हूँ और चौराहे से कंपनी की बस पकड़ता हूँ” तो बोली ”टीक है फिर ड्यूटी नहीं जाना इधर आ जाना” तब मैंने कहा ”ओके” ! बाजार से वापस जाते समय मेडिकल स्टोर से ”बिगोरा-100” की चार टेबलेट और ”डॉटेड खुसबू वाला कंडोम” ले लिया और बेसब्री से रात का इन्तजार करने लगा ! रेणुका भाभी की पुनः चुदाई की खुसी में नींद ही नहीं आई और रात 11 बजे ही घर से निकल लिया ”बिगोरा-100” के एक टेबलेट खाकर और रेणुका भाभी को फोन किया तो ओ जग ही रही थी बोली ”अभी रुको मैं बाहर माहौल देख लू पास-पड़ोस में कोई जग तो नहीं रहा है” 2 मिनट बाद रेणुका का फोन आया और बोली ” अभी मत आइये सामने वाले मकान की लाइट जल रही है लगता है जगरहा है जब मैं मिस दूंगी तब आना” मैंने ”ओके” कह कर फोन रख दिया और रेणुका भाभी के फोन का इन्तजार करने लगा ! जब 11:30 तक मिस काल नहीं आई तब मैंने फिर से फोन किया तो बोली ” पडोसी कई दिनों बाद आया लगता सारी कसर आज ही निकाल लेगा अभी तक लाइट जल रही है” तब मैंने कहा ”मैं बोर हो गया हूँ खड़े खड़े” तो बोली ”वाट्सअप फेसबुक चलकर टाइम पास करो जब तक लाइट जल रही है तब तक नहीं आना” इतना कहकर मेरा जबाब सुने बिना ही फोन काट दिया” रात के 12 बज गए तब मैंने फिर से फोन किया तो भाभी ने फोन काट दिया मैं समझ गया लाइन क्लियर नहीं है और इस तरह इन्तजार करते करते मेरा सब्र जबाब दे दिया तो 12:30 पर फोन करने ही वाला था की भाभी की मिस काल आ गई तब मैं समझ गया की लाइन क्लियर है अब और मैं लम्बे लम्बे कदम बढ़ाते हुए रेणुका भाभी के घर के पास पहुंच गया और एक दीवाल के पास छिपकर आसपास का माहौल देखने लगा चारो तरफ सन्नाटा था बीच बीच में कुत्ते भोक रहे थे ! दीवार के पास खड़ा होकर रेणुका को फोन किया तो धीरे से बोली ”दरवाजा खुला हुआ है पाँव की आवाज किये बिना आ जाओ” तब मैंने जल्दी जल्दी पाँव बढ़ाया और रेणुका भाभी के बैडरूम के सामने वाले छोटे गेट को धीरे से खोला और बैडरूम में पहुच गया (रेणुका भाभी का बैडरूम का एक दरवाजा सीधे मेन रोड में भी खुलता है) जैसे ही कमरे घुसा, दरवाजा लगा लिया और बेड में लेटी हुई रेणुका भाभी के पास लेटने लगा और किस करने के लिए झुका तो रेणुका भाभी बोली ” ओ वाला भी दरवाजा लगा दो,कही बिटिया न आ जाए ” {रेणुका भाभी के रूम का एक दरवाजा बाथरूम के पास वाली गली खुलता है} तब मैं उठा और वाथरूम की गली वाला दरवाजा लगा लिया और वापस आकर रेणुका भाभी के बगल में लेट गया और रेणुका भाभी को अपनी तरफ खीचते हुए होठो को चुम लिया और चूची को दबा दिया, चूची दबाते ही पता चला की भाभी ने गाउन के नीचे ब्रा नहीं पहने हुए है ! मैं भाभी के गाउन को जांघो की तरफ से ऊपर की तरफ खिसकाने लगा तो पता चला की भाभी ने पेंटी भी नहीं पहनी हुई है ! मैं तुरंत समझ गया की रेणुका भाभी पूरी तरह से चुदवाने की तैयारी में है फिर क्या था मैंने जांघो को सहलाना सुरु कर दिया और जल्दी ही गाउन को भाभी की गर्दन तक ले आया और फिर भाभी के ऊपर झुक कर चूचियों को चूसने लगा ! चूचियों की निप्पल तो पहले से ही टाइट थी ! मैं धीरे धीरे चुचियो को सहलाने लगा थोड़ी ही देर में भाभी के मुह से ऊह्ह सी आह ऊ की आवाज आने लगी तो भाभी मेरे लण्ड को पेंट के ऊपर से ही पकड़ने लगी तो मैं जल्दी से मेरा पेंट-सर्ट उतार कर बेड के पास रखे हुए सोफे के ऊपर फेक दिया और फिर भाभी की गाउन को उतार कर भाभी को एकदम से नंगा कर दिया और फिर मैंने भी अपनी चढ्ढि बनियान उतार दिया और भाभी की दोनों टांगो को फैलाते हुए भाभी की चूत चाटने लगा , कुछ ही देर में भाभी गर्म भट्टी की तरफ तपने लगी और बार बार मेरे सर को पकड़ कर चूत से दूर करने लगी पर मैं भाभी को अधिक से अधिक गर्म करना चाहता था पर भाभी मेरी चूत चटाई की गर्मी को सहन नहीं कर पाई और बार बार उठ कर बैठने लगती तो मैं भाभी की चूची को मसलते हुए फिर से बेड पर लिटा देता आखिर में भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खीचते हुए जोर जोर से मेरे गालो को किस करने लगी तो मैंने अपनी दोनों टांगों को भाभी के कमर के पास रखकर भाभी के ऊपर झुक गया और भाभी को किस करने लगा तो भाभी एक हाथ से लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत के पास लाने लगी तो मैं लण्ड को चूत के मुह पर ले जाकर टिका दिया तो भाभी अपने चूतड़ को मेरे लण्ड के पास ठेल दिया तो कंडोम रहित लण्ड का सुपाड़ा भाभी की चूत में घुस गया तो मैं लण्ड के सुपाड़े को भाभी की चूत में एक इंच अंदर तक को आगे पीछे करने लगा तो भाभी तड़पने लगी और अपनी चूत में मेरे लण्ड को पूरा अंदर तक लेने के लिए अपने चूतड़ों को जल्दी जल्दी बेड पर मेरे लण्ड की तरफ ठेलने लगी और अपने दोनों हाथों को मेरी पीठ पर रखा और मुझे जोर से पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया और मेरी जीभ को चूसने लगी और बार बार अपने चूतड़ों को उठाने लगी तब मैं धीरे धीरे फिर से लण्ड को आगे पीछे करने लगा , जैसे ही लण्ड के झटके मारना बंद कर देता तो भाभी अपने हाथ को मेरे चूतड़ों पर रखकर चूतड़ों को आगे पीछे करने लगती और जोर जोर से मेरी जीभ को चुस्ती और बोलती ”मत तड़पाओ अब जान लोगे क्या” और फिर जोर जोर से जीभ को चुस्ती तब मैं फिर से लण्ड के झटके मारता इस तरह से लगातार झटके मारने लगा अब भाभी के मुह से धीरे धीरे उउउउ आअह्हह्हह आहहहहह आआहहह सीईईईईईई आह आह आअह उइमा उइमा आह आह इइइइइ आआअ आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ससी सीसीसी की आवाज करने लगी चूतडो को जल्दी जल्दी अपने हाथ से आगे पीछे करने लगी तब मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दिया और पूरी ताकत से लण्ड को भाभी की चूत में मारने लगा तो रूम में फट फट..फट..फट..फट…. की आवाज आने लगी तो भाभी ने धीरे से बोला ”धीरे धीरे बिटिया जाग जाएगी” तब मैंने झटके की स्पीड वही रखी पर चूत से सटाकर लंड को ठोकता रहा भाभी बड़े प्यार से दोनों टांगो को मेरी कमर के ऊपर रख लिया और दोनों टांगो को आपस जोड़ लिया मैं झटके मारता रहा और भाभी मेरे चूतड़ों को अपने हाथो से स्पीड को साथ साथ बढाए जा रही थी जितनी जल्दी जल्दी मैं भाभी को ठोकर मारता भाभी भी उतनी ही गति से मेरे चूतड़ों को आगे पीछे करने करती और साथ साथ बोलती जाती ” और जल्दी जल्दी मारो-और जल्दी मारो” और फिर मैं स्खलित होने के कगार पर आ गया क्योकि कंडोम नहीं लगाए था इस लिए ज्यादा देर तक नहीं रुक पाया और फिर मेरा वीर्य बह निकला और भाभी भी जोर से चिपक गई मैं समझ गया की भाभी भी रिलेक्स हो चुकी है और फिर दोनों शांत हो गए मैं भाभी के ऊपर हाँफते हुए लेटा रहा करीब एक मिनट बाद भाभी ने उठा दिया और जल्दी से उठकर नंगी ही वाथरूम की तरफ भागी ! जब भाभी बिस्तर से उठी तो ढेर सारा वीर्य बिस्तर में गिर गया और उनकी जांघों से भी बहने लगा ! भाभी के पीछे पीछे मैं भी वाथरूम में घुस गया तो देखा की भाभी पानी डालडाल कर अपनी चूत धो रही थी जैसे ही मुझे देखा तो सकपका गई और बोली ”अभी आप बाहर जाइए ” तो मैंने बोला
” काहे को सरमा रही हो भौजाई साहब, अब तो सब कुछ हो चुका है कई बार” तो भाभी बोली ”उस समय की बात अलग होती है पर बाद में सर्म आती है”और इतना कहकर मेरी तरफ घूर कर देखी और बोली ”जाइए बाहर से टॉवेल लाइए” तब मैं बाथरूम से बाहर निकला और गली की रस्सी में तंगी हुई टॉवेल को उठा लाया और भाभी को पकड़ा दिया तो बहभी ने जल्दी से टॉवेल से अपनी चूचियों को ढ़कते हुए वाटरूम से बाहर निकल गई मैंने भी अपने लण्ड को धोया और पेसाब किया और बैडरूम में फिर से पहुंच गया तो देखा की भाभी टॉवेल लपेटे हुए बेड में लेट गई थी,मैं भी जाकर लेट गया और भाभी को किस कर लिया तो भाभी मेरे मोटे मोटे गालो को जोर से चुम लिया और फिर गाल को मुह में भर लिया और जोर से दांत से काट लिया मैं तिलमिला उठा तो भाभी ने अपने दाँतों का दबाब काम किया तो मैंने बोला ” क्या इरादा है सुबह घर नहीं जाऊं क्या” तो बोली ”क्यों घर क्यों नहीं जाओगे” तब मैंने बोला ”बीबी पूछेगी की गाल लाल क्यों है तो क्या जबाब दूंगा” तो भाभी मुस्कुरा कर बोली ” बोल देना मधुमख्खी लिया है फैक्ट्री में” तो मैंने कहा ” दाँत के निसान और मधुमख्खी के निसान अलग अलग.………………”‘ इतना बात पूरी नहीं हुई की भाभी ने गाल काट लिया और बोली ”जितना मना करोगे उतना ही अधिक काटूंगी” तब बोला और फिर दोनों बातें करने लगे बात करते करते रात के 2:30 बज गए, मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा तो मैंने भाभी की टॉवेल को हटा दिया और फिर से चूची को चूसने लगा और फिर कुछ ही मिनट में दोनों फिर से कामक्रीड़ा में लग गए। .इस तरह से रात में एक बार और सुबह सुबह 5 बजे फिर से भाभी की चुदाई किया और 5:30 पर भाभी के घर से बाहर आ गया ! और 19 मार्च 2015 को फिर से भाभी की चुदाई उनके ही घर में किया 20 को उनके पति आ गए

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{भाभी से रात भर जो बातें किया उसका निष्कर्ष यह निकला की सभी औरतें अपने पति के आलावा भी मनपसंद मर्द से चुदवाना चाहती है पर समाज और पति घरपरिवार डर से रह जाती है,पर मौका मिलते ही मनपसंद मर्द से चूत चुदवाने का कोई मौका नहीं छोड़ती }



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