सबसे पहले तो आप सभी का धन्यवाद की आपने मेरी पिछली कहानी को इतना प्यार दिया. जिन्होने भी वो कहानी ना पढ़ी हो, वो प्लीज़ जेया कर पड़े.
आज आप सभी ये कहानी पढ़ने के लिए आए, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. आशा करता हू आपको ये कहानी पसंद आएगी. तो कृपा करके कहानी को अंत तक पढ़े, और अपनी फीडबॅक ज़रूर दे. और हा, कहानी को शुरू करने से पहले अपने हाथो को लंड पर और छूट पर रख लीजिए, और अपने रूम की लाइट बंद कर दीजिए.
तो आइए देर ना करते हुए शुरू करते है काम, क्यूंकी ये कहानी पढ़ने के बाद आपको आने वाला है चरमसुख का ज्ञान.
मेरा नाम कामदेव है, और मैं 24 साल का हू. मेरे घर पर मेरे साथ मेरी मम्मी, मेरे पापा रहते है. मेरा एक कज़िन भाई है जिनकी अभी कुछ टाइम पहले ही शादी हुई है. लेकिन उनको कुछ काम से 3 महीने के लिए बाहर जाना पड़ा. इसलिए वो भाभी को हमारे घर पर छ्चोढ़ गये.
फिलहाल घर पर सिर्फ़ मैं और मम्मी थे, क्यूंकी पापा भी कुछ काम से ऑलरेडी बाहर ही थे. लेकिन अब हमारे साथ भाभी थी. अब हम तीनो प्यार से घर पर रहते थे.
मेरी मम्मी बहुत ही ओपन माइंडेड है. उन्हे ब्फ-गफ़ वाले टॉपिक पर बात करना बहुत पसंद है. मैने कभी-कभी मम्मी को भाभी के साथ फर्स्ट नाइट की बातें करते सुना था. लेकिन मैं इन चीज़ो पर ध्यान नही देता था, क्यूंकी मेरी ऑलरेडी गफ़ थी.
भाभी को आए हुए अब 1 महीना हो चुका था, और अब मैं भी भाभी साथ घुल-मिल गया था. मुझे भाभी का नेचर बहुत पसंद आने लगा था. भाभी मेरी और मम्मी की बहुत केर करती थी. एक रात को मैं अपने रूम में आराम से सो रहा था, की मेरी अचानक नींद खुली. मेरा गला बुरी तरह सूख रहा था.
मैं अपने रूम से बाहर आया, और पानी पी कर अपने रूम में आ कर सो गया. थोड़ी देर बाद मेरी फिरसे नींद खुली. मुझे बहुत ठंड लग रही थी. लेकिन मेरे रूम में कंबल नही था. मैने सोने की कोशिश करी, लेकिन मुझे नींद नही आई. तो मैने सोचा मम्मी वाले रूम से ले आता हू.
मैं उठ कर मम्मी वाले रूम में गया, और अंदर से कंबल लिया, और अपने रूम में आ गया और सो गया. नेक्स्ट मॉर्निंग, भाभी का मूड तोड़ा अलग लग रहा था. वो बार-बार मेरे को देख रही थी, और उनके फेस से ऐसा लग रहा था की वो मुझसे कुछ पूछना चाहती थी. मैने ब्रेकफास्ट किया, और किचन में हाथ ढोने लगा. तभी भाभी भी वाहा आ गयी और मुझसे बोली-
भाभी: कामदेव.
मैं: हा भाभी.
भाभी: कल रात तुम रूम में आए थे?
मैं: हा भाभी, क्यूँ क्या हुआ?
भाभी: लेकिन इतनी रात को?
मैं: आक्च्युयली मुझे ठंड लग रही थी, इसलिए मैं कंबल लेने आया था.
भाभी: अछा, और क्या किया तुमने रूम में आ कर?
मैं: कुछ भी नही, आया, कंबल लिया, और अपने रूम में वापस.
इतने में मम्मी भी किचन में आ गयी-
मम्मी: क्या हुआ?
भाभी: कुछ नही चाची जी, कल रात यही बुद्धू मेरा कंबल ले गया था.
मम्मी: श अछा.
मैं: एक मिनिट, मेरे को तो बताओ हुआ क्या?
मम्मी: अर्रे कल रात तू रूम में आया होगा, और ग़लती से अपनी भाभी का कंबल लेकर चला गया.
मैं: लेकिन भाभी तो रूम में थी ही नही.
भाभी: मैं वॉशरूम गयी थी.
मैं: सॉरी भाभी, मैने नींद में ध्यान ही नही दिया की आप बेड पर हो या नही. मेरे को बहुत नींद आ रही थी इसलिए मैं आया, और कंबल ले कर चला गया.
भाभी: इट’स ओके.
अब मम्मी और भाभी घर का काम करने लगे. लेकिन मेरे को ऐसा लगा की भाभी के माइंड में और कुछ भी था, और उन्होने सिर्फ़ कंबल के लिए मुझसे अकेले में बात नही करी. अगर उनको यही पूछना था तो ये तो वो ब्रेकफास्ट करते हुए भी पूच सकती थी.
डेली की तरह मम्मी और भाभी एक रूम में सो रहे थे, और मैं अपने रूम में. मुझे रात को ऐसा लगा की मेरे रूम में कोई आया था. लेकिन फिर मैने सोचा की इतनी रात को कों ही आया होगा. मैने ज़्यादा ध्यान नही दिया, और सोने की कोशिश करी.
मुझे थोड़ी देर बाद फिर लगा की हा कोई तो था, और अबकी बार मैं उठ कर देखने लगा. लेकिन कोई नही दिखा. तो मुझे लगा की कही मम्मी ना आई हो. इसलिए मैं मम्मी के रूम में गया. मैं रूम में एंटर हुआ लेकिन मम्मी तो आराम से सो रही थी. लेकिन भाभी बेड पर नही थी. मुझे लगा शायद भाभी आई होगी.
मैने हॉल में आ कर देखा, लेकिन भाभी वाहा भी नही थी. तो मुझे लगा शायद भाभी वॉशरूम में होंगी. मैं वापस से मम्मी के रूम में आ गया, और भाभी के बाहर आने का इंतेज़ार करने लगा. लेकिन भाभी अब तक भी बाहर नही आई. तो मुझे तोड़ा दर्र लगने लगा. मैं वॉशरूम के गाते के पास गया, और बिल्कुल धीरे से आवाज़ दी-
मैं: भाभी, भाभी, आप अंदर हो? सब ठीक तो है ना?
लेकिन भाभी का कोई जवाब नही आया, तो मुझे और दर्र लगने लगा. मैने सोचा मम्मी को उठा लेता हू. फिर सोचा कही मम्मी गुस्सा करेंगी, इसलिए मैने सोचा कीहोल से देखता हू. मैने कीहोल से अंदर देखा, और अंदर देख कर तो मुझे ऐसा लगा की कही मैं सपना तो नही देख रहा.
मैने अंदर देखा भाभी मूठ मार रही थी. साथ में वो सिसकियाँ भी ले रही है. वो बहुत तेज़-तेज़ अपनी उंगलियों को छूट के अंदर-बाहर कर रही थी.
भाभी (खुद से): आह ह अहह ऑम्ग ऑम्ग ऑम्ग. फक, एस ओह अहह!
भाभी को देख मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने सोचा यही मूठ मार लेता हू भाभी को देख कर. लेकिन रूम में मम्मी भी थी. मैने ध्यान से देखा की मम्मी गहरी नींद में थी, इसलिए मैने अपना लंड निकाला और मूठ मारने लगा. मैने भाभी को देख कर मूठ मारी और धीरे से वाहा से निकल कर अपने रूम में आ गया.
मैं रूम में आ कर बड़ा खुश था, की भाभी को देख मूठ मारी. और मैं ये भी समझ गया था, की भाभी बहुत प्यासी थी. मैने सोचा अगर पूरी कोशिश करूँगा, तो भाभी की छूट मिल सकती थी. मैं ये सोच रहा था की कैसे भाभी को पथतौ. ये सोचते-सोचते मुझे नींद आ गयी.
सुबा नींद खुली, तो भाभी मेरे रूम में ही थी. वो मेरे रूम की सफाई कर रही थी. मैं भाभी को देख खुश हो गया, और भाभी से बोला-
मैं: गुड मॉर्निंग भाभी.
भाभी: गुड मॉर्निंग भैया, उठ गये आप?
मैं: हा, दोनो उठ गये.
भाभी: क्या?
मैं: अर्रे मैं भी और मेरा मॅन भी.
भाभी ने एक स्माइल दी, और रूम से चली गयी. मुझे लगा शायद भाभी दोनो का मतलब समझ गयी. अब मैं उठा, नाहया, मूठ मारी, और कुछ काम से चला गया, और सीधा रात को घर आया.
रात को घर आ कर मुझे पता लगा की मम्मी किसी फ्रेंड के यहा गयी थी, और सुबा आएँगी. मैं बहुत खुशी हुआ की क्या पता आज शायद कोई मौका मिल जाए. मैने और भाभी ने डिन्नर किया, और अपने-अपने रूम में चले गये.
मुझे बिल्कुल भी नींद नही आ रही थी. मैं सोच रहा था की कैसे भाभी को चुदाई के लिए मनौ. इतने में सुनाई दिया की कोई मेरे रूम की तरफ आ रहा था. मैने जल्दी से सोने की आक्टिंग करी.
मेरे रूम में कोई और नही भाभी आई थी. भाभी ने मेरे को देखा और उन्हे लगा की मैं सो रहा था. ये देख कर वो वाहा से चली गयी. मैं भी उनके जाते ही उनके रूम की तरफ चला गया. रूम का दरवाज़ा तोड़ा खुला था. मैने रूम के अंदर देखा.
भाभी आज भी कल की तरह मूठ मार रही थी. लेकिन आज वो वही बेड पर ही मार रही थी. उन्होने अपनी गांद के नीचे तकिया लगा रखा था, और वो फुल स्पीड से मूठ मार रही थी. उनको देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया. मूठ मारते हुए उनके बूब्स हिल रहे थे, और उनकी छूट हल्का-हल्का पानी भी छ्चोढ़ रही थी जो तपाक कर बेड पर ही गिर रहा था.
मैं वही खड़ा हो कर मूठ मारने लगा. मूठ मारते हुए मैं बिल्कुल खो सा गया था. मैं जैसे ही मूठ मार कर हटा, तो देखा तो मम्मी वही खड़ी थी, और मुझे ये सब करते देख रही थी.
उनकी नज़र मेरे लंड पर और नीचे गिरे हुए माल पर थी. उन्होने रूम में भाभी को देखा, और मुझे गुस्से की नज़र से देखते हुए मेरे रूम में चली गयी. मैने सोचा मम्मी घर में कैसे आई? फिर मुझे ध्यान आया की घर की एक्सट्रा के थी, जो मम्मी पास रहती थी. लेकिन मम्मी रात को ही कैसे आ गयी.
अब मैं बहुत दर्र चुका था. मुझे लगा आज ये लास्ट दे था मेरा इस घर में. मुझे टेन्षन के मारे बुरी तरह पसीने आ रहे थे. मैं किचन में गया, और पानी पी कर हॉल में आ गया. मैं वही हॉल में सोफे पर ही लेट गया, और मुझे नींद आ गयी.
सुबा-सुबा जब मैं उठा, तो घर पर सिर्फ़ मम्मी थी, और मैं. भाभी किसी काम से बाहर गयी थी. मैं मम्मी से आँखें नही मिला पा रहा था. मैं उठ कर अपने रूम में आ गया. मुझे लगा मम्मी वैसे तो बहुत मॉडर्न थी, और उन्हे इन चीज़ो की बहुत नालेज थी.
फिर मुझे लगा की ऐसे अपनी भाभी को देख ये सब करते हुए कोंसि मा बर्दाश्त करेगी. ये सब सोच-सोच मुझे बहुत दर्र लग रहा था. इतने में मम्मी रूम में आ गयी.
मम्मी: ब्रेकफास्ट करना है तेरे को?
मैं: हा.
मम्मी: ठीक है, नीचे आ जाना 10 मिनिट में.
मैं 10 मिनिट में नीचे चला गया,बौर ब्रेकफास्ट करने लगा. लेकिन मम्मी ने मुझसे कोई बात नही करी. ना ही कल रात के बारे में मुझसे कुछ पूछा. मैं ब्रेकफास्ट करके अपने रूम में आ गया. पूरा दिन ऐसे ही निकल गया.
रात को भाभी भी घर थी. हम सब ने डिन्नर किया, और मम्मी भाभी से बोली-
मम्मी: बेटा, आज तुम मेरे रूम में सो जाना. मैं कामदेव के रूम में सौंगी.
भाभी: ठीक है चाची जी.
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था, की मम्मी आज मेरे रूम में क्यूँ सो रही थी.
अगले पार्ट में आपको पता लगेगा की भाभी को छोड़ पौँगा या नही. और मम्मी मेरे रूम में क्यूँ सोई.
कहानी पसंद आई तो मेरे को मैल करके ज़रूर बताए.
मैल ईद- कामदेवबबा996@गमाल.कॉम
अगर मेर से कुछ ग़लती हो गयी हो, तो मैं आप सभी से माफी चाहूँगा.
थॅंक्स
कामदेव!