भाभी की चुदाई शादी में

एक जवान भाभी को चोदने में जो मजा है वह कहीं नहीं और वह ऊपर से वह पूरी परी जैसी गोरी चिट्टी और सेक्स की देवी और तो बात की क्या है??

हेलो दोस्तों मेरा राज आज फिर से आपके लिए मैं अपनी जिंदगी का एक और नया सच लेकर आया हूं, मुझे पूरी उम्मीद है कि आप को मेरी आज की यह कहानी बहुत पसंद आएगी.

दोस्तों कहानी शुरू करने से पहले मैं आप को अपने बारे में बता दूं, मेरा नाम राज है और मैं हरियाणा का रहने वाला हूं, मेरी उम्र २४ साल है मैं रोज शाम को जिम जाता हूं इसलिए मेरी बॉडी काफी अच्छी बनी हुई है.

मेरे लंड का साइज़ ८ इंच लंबा और ३ इंच मोटा है मैंने अब तक बहुत सारी लड़कियों और आंटियों और भाभीयों की भी बहुत पर चूदाई की है एक बार जो की लड़कि या आंटी मुझसे चूद जाए फिर तो वह मुझसे कम से कम ८ बार तो चुदती ही है.

और आज भी मेरे पास ऐसी ३ भाभी है जो मुझे हर महीने अपने घर बुलाती है और अपनी चूत की प्यास मुझसे शांत करवाती है.

मुझे अपना लंड चुसवाना और चूत चूसना सबसे ज्यादा अच्छा लगता है, ज्यादातर लोग ४० मिनट तक चूत मारते हैं और १० से १५ मिनट तक चूत को चूसते हैं.

पर मेरा कुछ और ही हिसाब है, में चूत को कम से कम ३० मिनट तक अच्छे से चूसता हूं और फिर आराम से २० से ४० मिनट तक जमकर चूत मारता हूं.

मेरा मानना है कि चूत मरवाने से ज्यादा लड़की को चूत चटवाने में ज्यादा मजा आता है और यह तो मैं हर बार ट्राई करता हु और मुझे इसका बहुत ही अच्छा रिजल्ट मिलता है.

यारों मैं आपको भी कहना चाहता हूं कि आप भी अपनी गर्लफ्रेंड या वाइफ की २ या ४ बार अच्छे से चूत चूसो और फिर देखो रिजल्ट क्या मिलता है..

खैर अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं यह बात ज्यादा पुरानी नहीं है मेरा एक बहुत ही खास दोस्त विशाल दिल्ली में रहता है, मुझे एक दिन अचानक उसका फोन आया और उसने कहा कि मेरी शादी है और तुझे ७ दिन पहले आना है.

मे भी अपनी लाइफ से बहुत परेशान हो चुका था सोचा कि चलो शादी में चलते हैं इसी बहाने मेरा भी मूड ठीक हो जाएगा, तो मैं ५ दिन पहले ही अपने दोस्त विशाल की शादी में दिल्ली चला गया.

वहां जाते ही मैंने देखा कि शादी का पूरा माहौल बना हुआ था, सब के सब शादी के काम में बिजी थे, मैं अपने दोस्त विशाल से मिला.. वह मुझे बोलने लगा कि मैंने तुझे ७ दिन पहले बुलाया था और तू अब आ रहा है.

मैंने उसे समझाया कि मुझे ऑफिस से छुट्टी नहीं मिल रही थी, पर वह ज्यादा गुस्सा नहीं हुआ. आते ही उसने मुझे काफी सारे काम दे दिये, शुरू में मेरे किसी से जान पहचान नहीं थी, फिर २ दिन के बाद ही मुझे वहां सब के सब अच्छे से जानने लगे.

मेरी नजर पहले दिन से लड़कियों और भाभीयो के उपर थी, पर विशाल ने मुझे इतने काम दे दिए थे कि मेरे पास लड़की बाजी करने का टाइम तक नहीं था.

आखिर शादी का दिन आया और मेरे सारे काम खत्म हो गये. मैं भी बाकी सब के साथ तैयार होने लगा और हम सब १० बजे पूरे तैयार होकर शादी के मंडप पर आ गये. आते ही मै अपने असली काम में लग गया, दिल्ली की शादी थी इसलिए ज्यादातर सब ने साड़ी पहनी हुई थी और जो लड़कियां कम उम्र की थी उन्होंने बहुत सेक्सी जींस टॉप पहना हुआ था.

पर मेरी नजर जिसे ढूंढ रही थी वह मुझे अभी तक नहीं मिली थी, मुझे वहां कोई लड़की अच्छी नहीं लगी, मुझे अब एक अच्छी और सुंदर भाभी या आंटी की तलाश थी.

फिर मैं कॉफी पीने के लिए कॉफी वाले स्थान पर चला गया, और जैसे ही मैंने अपने कप में काफी डाली और जाने के लिए पूछे मुडा, तभी मुझे कोई टकरा गया और सारी कॉफी मेरे हाथ पर ही गिर गई.

वह एक लड़की थी और मेरे हाथ पर कोफ़ी गिरते ही वह बोली.. ओह माय गॉड.. आय एम रियली सॉरी.. हमें माफ कर दीजिये. आपका हाथ तो नहीं जल गया कहीं पर??

जैसे ही मैंने अपना सर ऊपर करके उसे देखा, तो मैं उसे देखता रह गया.. क्या चीज थी वह दोस्तों.. में आपको शब्दों में बता नहीं सकता, वह पूरी गोरी थी और उसकी लंबी काजल से भरी हुई आंखें और उसके गोरे-गोरे गाल.. लाल सुर्ख होंठ मुझे अपना बना रहे थे, उसकी सेक्सी आवाज मेरे कानों में गूंज रही थी, जिससे मुझे एक अजीब सी शांति मिल रही थी.

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जब वह बोल रही थी तब उसके होंठों के नीचे एक छोटा सा काला तिल कमाल का लग रहा था जब मुझे होश आया, तो मैंने बोला कोई बात नहीं कि मेरी वजह से आपकी ड्रेस तो खराब नहीं हुई ना?

वह बोली – नहीं नहीं मैं एकदम ठीक हूं और मेरी ड्रेस भी ठीक हे.

और यह कहते ही वह अपनी सहेली जे साथ वहां से चली गई, जाते जाते मुझे बार बार पीछे मुड़कर देखती रही, उसकी हर अदा मुझे अपना दीवाना बना रही थी. फिर मैंने अपने एक दोस्त से उसके बारे में पूछा, तो उसने मुझे बताया कि यह शालू भाभी है अभी करीब ५ महीने पहले ही इनकी शादी हुई है.

मेरे लिए इतना ही बहुत था और फिर मैं पूरा दिन रात तक उसे ही देखता और वह मुझे देखती रही. रात को जब मैं फ्री हुआ तो मैंने देखा कि मेरे लिए सोने के लिए कोई जगह नहीं है.

इसीलिए मैं विशाल की मम्मी के पास गया और बोला – आंटी जी मैं कहां सोउ? यहां तो कोई जगह ही नहीं है.

तो आंटी ने कहा – बेटा तुम ऐसा करो इसी रुम में सो जाओ.

मैं बोला ठीक है आंटी पर मैं सोऊंगा कहां? यहां तो सिर्फ एक ही बेड है और उस पर भी कोई सोया हुआ है.

आंटी ने कहा अरे कुछ नहीं होता.. वह तो कब से सोया हुआ है, और मेरे साथ एक बच्चा भी सोया हुआ है, उसे मैं अपने साथ लेकर जा रही हूं, तुम यहां आराम से सो जाओ.

मैंने बोला – ठीक है आंटी जी..

फिर आंटी वहां से उस बच्चे के साथ चली गई, मैंने देखा कि मेरे साथ उस बेड पर कोई कंबल लेकर सोया हुआ था.

मैं भी वहां सो गया कंबल लेकर, मैं बहुत थका हुआ था इसलिए मुझे जल्दी ही नींद आ गई, रात को मैं गहरी नींद में था कि तभी मेरे पैर पर कुछ लगा, जिसकी वजह से मेरी नींद खुल गई.

तभी मैंने उठ कर अपने फोन की लाइट चालू करी और अपना पैर देखा तो उसमें से खून आ रहा था, मैं देखने लगा कि आखिर मेरे पैर पर ऐसा क्या लगा है, मैंने इधर उधर फोन की लाइट मारी तो मैंने देखा कि मेरे पैर के साथ एक लड़की का पैर जिसने पायल डाली हुई है, मुझे लगा कि शायद उसकी पायल मेरे पैर पर लगी है, मैं फिर से लेट गया पर अब मुझे नींद कहां से आने वाली थी.. मेरे साथ एक औरत लेटी हुई थी.. मैं भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि वह वही भाभी हो.

कुछ देर बाद मैंने बहुत हिम्मत करके उसका चेहरा देखा तो मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हुआ.. यह तो वही भाभी थी जिसका मैं आज दीवाना बना सारा दिन घूम रहा था..

उसके बाद मैंने हिम्मत करके उसका पूरा कंबल उतार दिया, और उसके सारे जिस्म को सूंघने लगा. कमाल की खुशबू आ रही है उसकी जिस्म से. मैं उसके होंठों के पास गया और उसकी गर्म सांसों को सूंघने लगा, उसके जिस्म की खुशबू मुझे पागल बना रही थी.

फिर अचानक अपने आप मेरी जीभ बहार आ गई है और उसके होठों को चाटने लगी, जैसे ही उसने थोड़ी सी हरकत की तो मैं झट से अपनी जगह लेट गया.

फिर ५ मिनट बाद में फिर से उठा और उसकी नाइटी ऊपर पेट तक उठा दी, अब मेरे सामने उसकी नंगी चूत थी, क्योंकि भाभी ने आज पेंटी नहीं पहनी थी.

उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था और पूरी चूत चीकनी पडी थी. मैं उसकी चूत के पास जाकर उसे स्मेल किया उसकी चूत ने मुझे और भी पागल सा कर दिया.

आखिरकार मैं बेड से उठा और जल्दी से दरवाजे पर गया और अंदर से लॉक कर दिया. और फिर से भाभी की चूत को चाटने लगा, कुछ ही देर में उसकी चूत से थोड़ा सा पानी बाहर आ गया और मैंने अपनी जीभ से उसकी चूत को पूरा साफ कर दिया.

अब मैं अपने पूरे जोश में आ गया था, तभी भाभी जाग गई और उसने मुझे इतनी जोर से धक्का मारा कि मैं बेड से नीचे गिर गया. मुझे कुछ समझ नहीं आया कि आखिर मेरे साथ यह क्या हुआ??

वह बोली कौन हो तुम? और यह क्या कर रहे थे मेरे साथ?

मैंने बोला – आई एम रियली सॉरी, मुझे माफ कर दो प्लीज.

भाभी बोली – पहले उठो और लाइट चालू करो.

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मैं उठा और लाइट ऑन कर दिया और लाइट चालू होते ही वह मुझे देखकर बोली, तुम तो वही हो ना जिस पर सुबह मेरी वजह से कोफ़ी गिर गई थी.

मैंने बोला – हां जी मैं वही हूं.

यह बात मैं सुबह तुम्हारे दोस्त को बताऊंगी.

यह सुनकर भी मैं हैरान कर गया और भाभी के पैरों में पडकर उनसे माफी मांगने लगा.

भाभी – माफी किस बात की? तुम्हें यह सब करने से पहले सोचना था.

मैं – प्लीज भाभी माफ कर दो, ऐसा आज के बाद कभी नहीं करुंगा.

उसने मेरे बालों को पकड़ा और नोचते हुए मुझे अपनी ओर खींच लिया, और फिर एक दम से बोलते हुए मेरे होठों को अपने होठों में भर लिया और मस्त होकर चूसने लगी.

यह सब देख कर मैं हैरान रह गया कि यह हो क्या रहा था? और सब भूल गया.. में उन्हें किस करने में मस्त हो गया और वह भी मेरे होंठों को जोर से चूसने लगी.

मैं तो उसके होठों को चूस रहा था पर वह भी कम नहीं थी, उसने भी मेरे होठों को मुंह में लेकर अच्छे से चूसना शुरु कर दिया.

अब भाभी ने मेरे होंठों में अपनी जीभ डाल कर चूसना शुरु कर दिया, जिसे उसके मुंह का पानी मेरे मुंह में भर गया और मैं मस्त होकर उसके मुह का पानी पीने लगा.

अब मैं उसके होठों को चूस रहा था तो तभी भाभी ने मेरे सर को पकड़ा और कहां तुम्हे मेरी चूत काफी पसंद है ना??

मैं झट से बोला – हां भाभी..

भाभी बोली – तो चलो इसे अच्छे से चाटो और चूस चूस कर आज इसका सारा पानी निकाल कर पी जाओ.

भाभी ने अपनी दोनों टांगों को खोल दिया और मैंने उनकी ब्रा को छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिए, अब जब मेरी आंखो के सामने उसकी नंगी चूत थी तो मैं सीधा उसकी चूत पर पहुंच गया और टांगों के बीच में आकर चूत को चाटने लगा.

क्या मस्त चिकनी चूत थी उसकी.. आपको बयान नहीं कर सकता भाभी ने मेरे सर को काफी जोर से टांगों के बीच दबा रखा था और मुझे तकलीफ हो रही थी.

यह बात जब मैंने भाभी को बताई तो उसने टांगे खोल दि जिससे मुझे काफी रिलीफ मिला फिर मैं उसकी चूत में जीभ डाल कर चाटने लगा.

मुझे उस की चूत की मनमोहक खुशबु पागल कर रही थी जो की बहुत ही मस्त थी. फिर मैंने ऐसे ही हंसते मुस्कुराते हुए चाटना जारी रखा, भाभी भी मस्त होकर चूत को हिला हिला कर चटवाने लगी.. फिर मैंने उसे डौगी स्टाइल में होने को कहा.

वह अब डौगी स्टाइल में थी, जिसकी वजह से उसकी गांड का छेद मुझे साफ साफ दिख रहा था जिसे में अच्छे से चाटने लगा.

भाभी मजे में सिसकिया भरती रही और कहती रही ये मजा तो मुझे आज तक मेरे पति ने भी नहीं दिया जो तुम मुझे दे रहे हो.

में बोला अच्छा जि चलो लो फिर और मजे

भाभी बोली तुम मुझे तुम मुझे चोदोगे जब भी में तुम्हे बुलाऊंगी..

में बोला हां भाभी जरुर.

में भाभी की चूत को अच्छे से चाटा और उसका सारा पानी निकाल दिया और चूत का सारा पानी पि गया.

अब जब मेंने देखा की उसने मरे लंड को हाथ में ले लिया हे और बड़े मस्त तरीके से ऊपर निचे कर रही हे, तो मुझसे भी खुद को रोका नहीं गया. और फिर उसका मुह खोल कर अपना लंड उसके मुह में डाल दिया और चोदने लगा.

भाभी भी मस्त हो कर लंड को चूसने लगी और जब अब लंड से चूत चोदने की बारी आई तो मेने लंड को भाभी के मुह से निकाल दिया और उसकी ब्रा को खोल कर उसके बुब्ब्स को मुह में भर कर चूसने लगा.

भाभी के बूब्स को चूसा तो साथ ही चूत में जोर दार धक्के से लंड घुसा दिया. मेरा लंड अंदर जाते ही वह चींखी तो मेने उसकी कोई परवाह नहीं की और चोदता ही चला गया. कुछ ही देर में भाभी को भी मजा आने लगा. इसलिये अब मेने उसकी चूत को करीब १५ मिनिट तक जोर जोर से चोदा और अपना सारा पानी उसकी चूत में ही डाल दिया.

और उसे बाहों में लिया और लिपट कर सो गया. अब जब हम सुबह उठे तो मेने उसे किस किया और कहा की ७२ घंटे में मेडिसिन ले लेना, और फिर में कपडे पहन कर वापिस आ गया.

अब जब भी मुझे भाभी बुलाती हे तो ने उसकी प्यार बजाने के लिये चला जाता हु

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