ही मेरा नाम पूजा है. मेरी आगे अब 29 एअर है. मेरी शादी को 8 साल हो गये. मेरा एक 5 साल का बेटा है. अभी मेरा फिगर 36-30-36 है. मेरा स्किन टोने फेर है. बाल लंबे और काले है. जब मैं घर से निकलती हू, तो सब लोग मुझे घूरते रहते है चाहे वो बच्चा हो या बुद्धा. ये कहानी मेरे और मेरे नंदोई के बीच के अफेर की है.
मैं अपने नंदोई से एक बार चुड चुकी हू. उन्होने मेरी गांद की सील तोड़ी थी. उसके बाद मैने कभी अपनी गांद नही मरवाई.
उस दिन के बाद कभी कुमार ने मुझे इस बारे में अप्रोच नही किया था. कुमार कभी भी मेरे से अकेले में बात नही करते थे. अब मुझे अपनी ग़लती का एहसास हो रहा था. मैने अपने आप को सही रखने के लिए कुमार को उनकी नज़रों में ग़लत कर दिया था.
मैने कितनी बार सोचा कुमार से माफी मांगू पर हिम्मत नही हो रही थी. पर पिछले साल मैने देसीकाहानी2.नेट पर मेरी चुदाई की दास्तान “मैं चूड़ी अपने नंदोई से” सुनाई उसके बाद बहुत से लोगों ने मैल किया. सब का ये कहना था की मुझे मेरे नंदोई से रिश्ता रखना चाहिए.
मैने बहुत बार सोचा और फिर मैने डिसिशन लिया की मुझे जब भी मौका मिलेगा मैं कुमार के सामने अपनी ग़लती स्वीकार लूँगी.
मैं दिन रात उनके बारे में सोचती रहती थी. मेरे पति के साथ मेरे सेक्षुयल रीलेशन इतने आचे भी नही थे. मैं मेरे नंदोई के साथ हुई वो एक हसीन चुदाई को याद करती रहती थी. अब मेरे से उनके बिना रहा नही जेया रहा था. सोच रही थी बस मुझे एक मौका मिले, और मैं अपनी ग़लती सुधार साकु.
ये बात अभी के बारिश के मौसम की है. मेरे माइके साइड एक रिलेटिव की तहरवी थी. विकाश (मेरे हज़्बेंड) को काम था तो वो मेरे साथ नही आए थे. मैं अपने बेटे को ससुराल में रख कर तहरवी में गयी थी.
मैने उस दिन वाइट सारी पहनी थी, और अंदर भी ब्रा पनटी सब वाइट पहना था. मैं जब वाहा गयी, तब मुझे कुमार मिले. उनको देख कर मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा. मुझे तो पता ही नही था की वो वाहा आएँगे. वाइट शर्ट ब्लॅक पंत और बियर्ड के साथ कुमार एक-दूं हीरो दिख रहे थे.
जब हमारी नज़रें मिली तो उन्होने मुझे स्माइल किया, और उस दिन के बाद पहली बार कुमार ने मुझे उपर से नीचे तक देखा. मैं भी बहुत खुश हुई क्यूंकी कुमार मेरे फिगर को आचे से देख रहे थे. वो मेरे पास आए और हम बातें करने लगे.
कुमार: नमस्ते भाभी. कैसी हो आप? घर में सब कैसे है?
मैं: मैं ठीक हू. आपने तो मुझे सर्प्राइज़ दे दिया. आप यहा कैसे?
कुमार: जिसके तहरवी है, वो मेरे डोर के रिश्तेदार है. मों दाद आ नही सकते थे तो मुझे भेज दिया (उनकी नज़र मेरे बूब्स पर थी).
मैं: आप यहा आए है, तो मेरा घर पास में है, आपको मेरे घर आना पड़ेगा.
कुमार: आपसे यहा मिल लिया, अब आपके घर आ कर क्या करूँगा?
मैं (मेरी सारी का पल्लू नीचे खिसका कर उनको मेरी क्लीवेज दिखाते हुए): घर आ कर तो बहुत कुछ हो सकता है. आप मेरे उपर अब ध्यान कहा देते हो. वैसे भी घर पर कोई नही है. पापा उनके दोस्तों के साथ यात्रा पर गये है. और भाई अभी जॉब पर है, तो वो तो रात को आता है. आपको कोई डिस्टर्ब नही करेगा.
कुमार (वो मेरा इशारा समझ गये थे): अब आप इतना कह रही हो तो आज आपके घर आना पड़ेगा.
मैने उनको नॉटी स्माइल पास की. उसके बाद हम तहरवी में खाना खाने चले गये. उनकी नज़र मुझ पर ही थी. वो मेरी पूरी बॉडी को आचे से देख रहे थे. मेरी खुशी का कोई ठिकाना नही था. मुझे लगा इतने सालों बाद फिरसे नंदोई जी के लंड से मेरी छूट की गर्मी शांत होगी.
हमने तकरीबन वाहा 30 मिनिट टाइम निकाला. उसके बाद मैने उनको जाने के लिए इशारा किया. शायद वो भी मेरे घर आने के लिए बेचैन थे. उन्होने उनकी बिके निकली और मैं उनके पीछे बैठ गयी. रास्ता कुछ 2-4 मिनिट का था. लेकिन इतने में ही तेज़ बारिश होने लगी. मेरे घर जाने से पहले ही हम दोनो पुर भीग गये. मैने घर आ कर दरवाज़ा बंद किया क्यूंकी बारिश इतनी तेज़ थी की घर के अंदर पानी आ रहा था.
अब हाल ये था की मेरी वाइट सारी पूरी ट्रॅन्स्परेंट हो गयी थी, और वो मेरे बदन से चिपक गयी थी. मेरा ब्लाउस भी सेमी ट्रॅन्स्परेंट हो गया था. उसमे से मेरी वाइट ब्रा क्लियर दिख रही थी. पानी की बूँदो से मेरी चिकनी कमर चमक रही थी.
मेरे गीले बालों से निकलती पानी की बूंदे मेरे बूब्स की दरार में जेया रही थी. कुमार का भी शर्ट ट्रॅन्स्परेंट हो गया और उनकी वाइट बनियान दिख रही थी. हम दोनो एक-दूसरे को हवस भारी निगाहों से देखने लगे.
ठंड के मारे और चुदाई की प्यास में मेरी बॉडी काँप रही थी. हम दोनो एक-दूसरे की आँखों में देखने लगे. मेरी तरह शायद वो भी मेरी चुदाई करने को तड़प रहे थे. कुमार मेरे पास आ गये, और मेरी कमर में हाथ डाल दिया. मैं उनकी आँखों में देख रही थी.
वो मुझे छोड़ने के लिए तड़प रहे थे. कुछ पल एक-दूसरे की आँखों में देखा और अचानक से दोनो साइड से हमला बोल दिया. हम लीप लॉक करके स्मूच करने लगे. मैं तो इतने सालों की प्यासी थी. मैने कुमार को कस्स कर गले लगा दिया था. मैं उनको छ्चोढ़ ही नही रही थी. हम दोनो लगातार एक-दूसरे के लिप्स चूस रहे थे.
हम अलग हुए तब एक-दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे. मैने अपनी सारी निकाल दी, और मैं वाइट ब्रा पनटी में आ गयी. मेरा 36-30-36 का फिगर बहुत सेक्सी लग रहा था. कुमार ब्लॅक अंडरवेर में थे. उनके अंडरवेर में तंबू बन गया था. वो नज़ारा देख कर मेरे से रहा नही गया.
मैं उसके सामने गुटनो पर बैठ गयी, और उनका अंडरवेर खींच लिया. उनका बड़ा लंड स्प्रिंग की तरह उछाल कर बाहर आ गया. मुझे तो उनके लंबे और मोटे लंड को खड़ा देख कर मेरी हसीन चुदाई याद आ गयी. मैं वो देख कर ही समझ गयी की आज भी मेरी जाम कर चुदाई होगी. मैने लंड हाथ में पकड़ और कहा-
मैं: कुमार आपका लंड तो आज भी मेरी चीखें निकालने के लिए तैयार है. उस दिन के बाद इसको पाने के लिए मैने कितना लंबा इंतेज़ार किया है.
कुमार: ये भी आपकी छूट में जाने के लिए बरसों से तड़प रहा है.
मैं (उनका लंड आयेज-पीछे करते हुए): मुझे माफ़ करना. अब से मैं आपकी रंडी हू. आप जब कहे आपसे चूड़ने चली अवँगी. मैं बहुत प्यासी हू. मुझे आपके इस बड़े से लंड से छोड़ कर ठंडा कर दीजिए.
मैने अपना मूह खोल कर लंड को चूसने लगी. मुझे इतना सुकून मिल रहा था. मेरे पति का लंड कुमार के लंड के आयेज कुछ भी नही है. मैं लॉलिपोप की तरह लंड चूस रही थी. कुमार भी मेरे बाल पकड़ कर मेरे मूह की चुदाई कर रहे थे.
कुमार: मेरे लंड को आज मज़ा आया है. उसको आपके मूह की गर्मी बहुत अची लगती है. आपका जोश तो आज भी वैसा का वैसा है.
मैं: आपको देख कर मेरे अंदर जोश आ जाता है. आप ही असली मर्द हो. आप नही होते तो मुझे असली चुदाई का मतलब ही समझ नही आता. मैं आपसे बहुत प्यार करती हू. अब से मैं आपको छ्चोढ़ कर कही नही जौंगी.
कुमार: मैं तो हमेशा से आपकी सेवा करना चाहता था. लेकिन आपने उस दिन के बाद मौका ही नही दिया.
मैं: आपने मेरी और ठीक से देखा नही इसीलिए आपको पता नही चला. ऐसे तगड़े लंड को कोई भला भूल सकता है क्या. आप से तो कोई भी लड़की चूड़ने को रेडी हो जाए.
कुमार (मुझे खड़ा करके): आप भी कुछ कम नही हो (मेरे पीछे आ कर ब्रा के उपर से मेरे दोनो बूब्स को पकड़ लिया). आपका ये हुस्न देख कर बहुत से लोग आपकी चुदाई के सपने देखते है.
मैं: लेकिन मैं तो सिर्फ़ आपसे चूड़ने के सपने देखती हू. मेरे जिस्म पर आपका हक है. मैं किसी और के बारे में नही सोच सकती. ई लोवे योउ.
कुमार: लोवे योउ टू पूजा.
कुमार ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया, और मेरे नंगे बूब्स को पीछे से पकड़ लिया. वो मेरे लिप्स को चूसने लगे. मैं भी उनको किस में पूरा सपोर्ट कर रही थी. हम एक-दूसरे के मूह में जीभ डाल कर चूस रहे थे. मैं सीधी हो कर उनसे गले मिल गयी. उनकी मर्दाना चौड़ी च्चती से मेरे बड़े बूब्स टकरा गये.
कुमार के मसल्स देख कर मैं पागल हो रही थी. वो मेरे निपल्स चूस रहे थे. उनका प्यार करने का तरीका बहुत सेक्सी था. मैने भी कुमार की पूरी बॉडी पर किस किया, और चाट रही थी. कुमार भी किस करते टाइम मेरा गला चाट रहे थे. उन्होने मुझे गोदी में उठा लिया, और मुझे सोफा पर रख दिया.
फिर उन्होने मेरी पनटी पकड़ कर उसको नीचे उतार दिया, और मेरी छूट चाटने लगे. मैं सिसकारियाँ लेती हुई अपनी छूट चटवा रही थी. कुछ 2 मिनिट भी नही लगे, और मैं फिरसे झाड़ गयी. इतने सालों बाद मेरा इतना सारा पानी निकला. कुमार सारा पानी चाट गये. उन्होने अपना मूह पोंछते हुए मेरी और देखा. मेरे चेहरे पर एक अलग ही सॅटिस्फॅक्षन था.
मैं कुमार का हाथ पकड़ कर रूम में ले गयी. वाहा बेड पर मैं लेट गयी. कुमार ने मेरी टांगे खोली और उनका लंड मेरी छूट पर रख दिया. मैं तो इस पल का कितने सालों से इंतेज़ार कर रही थी, की कब मेरे नंदोई मेरी फिरसे चुदाई करेंगे.
मेरी छूट गीली होने के कारण कुमार का लंड आसानी से चला गया. पर उनका लंड मोटा और लंबा है, तो मेरी चीख निकल गयी. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. पर मुझे इसी दर्द का तो इंतेज़ार था. मैं चीखती रही और कुमार मेरी चुदाई करते रहे.
थोड़े टाइम के बाद मेरी चीखें मेरी सिसकारी में बदल गयी. मैं मदहोश हो कर अपने नंदोई से छुड़वा रही थी. कुमार ने मेरी डॉगी स्टाइल, लोटस, हॉर्स राइडिंग जैसी अलग-अलग पोज़िशन्स में चुदाई करी. कुछ 40-45 मिनिट मेरी चुदाई होने के बाद वो मेरी छूट में झाड़ गये. उनका गरम वीर्या मेरी छूट को ठंडा कर दिया. हम दोनो ऐसे ही पड़े रहे.
मैं: मैं आपके बिना कितना तदपि हू. अब मैं आपकी रंडी बन कर आपसे चुडवाया करूँगी.
कुमार: भाभी आप ऐसी बातें ना करे. मैं आपसे प्यार करता हू, और आपकी बहुत रेस्पेक्ट भी करता हू. आप जब कहेंगे आपसे मिलने आया करूँगा.
मैं: सच में आप मुझसे इतना प्यार करते हो?
कुमार: हा भाभी. मुझे लगा था आपके साथ मैने ग़लत कर दिया था. इसलिए आपके सामने आने से दर्र लगता था. पर आज आपको वाइट सारी में देखा तो मैं वो ग़लती फिरसे करने पर मजबूर हो गया.
मैं (हेस्ट हुए): मैं आपको सारी में बहुत अची लगती हू ना?
कुमार: हा आप सारी में बहुत प्यारी लगती हो.
मैं (मेरी आँखों में आँसू थे): आपने मेरे साथ कुछ ग़लत नही किया है. मैं तो आपको पहली बार देखा तबसे आपको चाहने लगी थी. मुझे उस दिन के बाद अपनी ग़लती पर बहुत पछतावा हुआ. मैने अपने आपको सही रखने के लिए आपको ग़लत कर दिया. मुझे माफ़ करना.
कुमार (मेरे आँसू पोंछते हुए): कोई बात नही भाभी.
वो मेरे होंठ चूसने लगे. हमने 5 मिनिट तक किस किया. फिर शाम को बारिश रुक गयी. तब हम दोनो अपने-अपने घर निकल गये. उस दिन के बाद हमारा अफेर फिरसे शुरू हो गया. हमे जब भी मौका मिलता है हम कॉल या मेसेज से बात करने लगे.
उस दिन से अभी तक मैं उनसे अलग-अलग जगह पर 3 बार चुड चुकी हू. और हमारा चुदाई का सिलसिला अब कंटिन्यू हो गया है. मैं उन सब का शुक्रिया करना चाहती हू जिन्होने मुझे समझाया था की मैं कुमार से फिरसे रिस्ता बना कर अपनी लाइफ एंजाय करू.
आपको मेरी स्टोरी अची लगे तो मुझे मूडछंगेरबोय@गमाल. कॉम से आपका मेसेज शेर करे.