पहले बुआ और फिर चाची को पेला

फॅमिली सेक्स स्टोरी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैं चाची और मम्मी की मदद से बुआ को छोड़ने में कामयाब हो जाता हू, और बुआ भी मेरे से चुड के खुश हो जाती है. फिर बुआ और मैं चुदाई करके नंगे ही लिपट के सो जाते है. अब आयेज-

अगले दिन सुबा बुआ मेरे को जागती है. मैं उठता हू, और बुआ के रूम के ही बातरूम में जेया कर फ्रेश होता हू, और मूह धो कर बाहर आता हू. फिर बुआ बोली-

अमृता: सोनू मैं नहाने जेया रही हू, तू भी मेरे साथ चल.

सोनू: चलो, मज़ा आएगा.

बुआ खुश हो जाती है. फिर मैं और बुआ बातरूम में घुस जाते है, और नंगे हो जाते है. हम शवर के नीचे खड़े हो जाते है. बुआ मेरे को ज़ोर से अपने बाहों में जाकड़ लेती है, और मेरे होंठो को चूसने लग जाती है.

मैं भी बुआ का साथ देता हू. फिर बुआ मेरी गर्दन को चूमती है, फिर छ्चाटी को, फिर पेट को, फिर ज़मीन पे घुटनो के बाल बैठ के मेरे लंड को चूसने लग जाती है.

सोनू: चूसो बुआ, मज़ा आ रहा है.

बुआ रंडी जैसे मेरे लंड को चूस रही होती है. बीच-बीच में बुआ मेरे टट्टो को भी चूस्टे रहती है. मेरे को बहुत मज़ा आते रहता है. फिर कुछ देर लंड चूसने के बाद बुआ खड़ी हो जाती है.

बुआ अपना चेहरा दीवार की तरफ कर लेती है, और दीवार में अपना हाथ रख के खड़ी हो जाती है. उनका बड़ा सा चूतड़ मेरी तरफ रहता है, और बुआ अपने छूतदों को हिला-हिला के बोलती है-

अमृता: सोनू मैं कभी गांद नही मरवाई हू, और मैं चाहती हू की तू मेरी गांद की सील तोड़े.

सोनू: बिल्कुल मेरी रंडी बुआ.

अमृता: मैं पहली बार गांद मरवा रही हू, धीरे-धीरे, और आराम से करना.

सोनू: आप टेन्षन मत लो.

फिर मैं बुआ के छूतदों के पास जाता हू, और ज़मीन पे घुटनो के बाल बैठ जाता हू. उसके बाद बुआ के गोरे-गोरे और बड़े छूतदों को हाथो से दबाते हुए चूमने लगता हू. फिर मैं बुआ के चूतड़ के च्छेद को जीभ से चाटने लगता हू.

अमृता: वाह क्या एहसास है. कितना मज़ा आ रहा है. तेरे फूफा कभी मेरा गांद और छूट नही छाते है. अया, बहुत अछा लग रहा अया है. और चाट बेटा अया अया बहुत मज़ा आ रहा है.

फिर कुछ देर बुआ के छूतदों को चाटने के बाद मैं खड़ा हो जाता हू, और अपना लंड बुआ के छूतदों के च्छेद में घुसने लगता हू. मेरा लंड बड़ा होने की वजह से बुआ के चूतड़ के च्छेद में बस तोड़ा सा ही जेया पाता है.

बुआ को दर्द होने लग जाता है. फिर मैं एक ज़ोरदार झटका मारता हू, और मेरा आधा लंड बुआ के चूतड़ के च्छेद में घुस जाता है, और बुआ ज़ोर से चिल्लती है-

अमृता: अयाया बहनचोड़, आराम से डालने को बोली थी ना मैं!

फिर मैं एक और ज़ोरदार झटका मारता हू और मेरा पूरा लंड बुआ के छूतदों के च्छेद के अंदर चला जाता है. बुआ चिल्लाते हुए झटपटाने लग जाती है.

अमृता: आआआः, बहुत दर्द हो रहा है. मैं नही ले सकती, बाहर निकाल अपना लंड आ.

मैं अपना लंड बुआ के छूतदों के च्छेद के अंदर ही रहने देता हू, और तोड़ा रुक जाता हू. फिर कुछ देर मैं बुआ नॉर्मल हो जाती है, और उनका दर्द कम हो जाता है. फिर मैं धीरे-धीरे धक्के मारना शुरू कर देता हू.

अमृता: अया अयाया अयाया अया, ऐसे ही आराम से करना अया अया अया अया.

कुछ देर धीरे-धीरे धक्के लगाने के बाद अब बुआ को मज़ा आने लगता है. अब मैं ज़ोर-ज़ोर से बुआ की गांद को छोड़ने लगता हू.

अमृता: अयाया अयाया अयाया मज़ा आ रहा है. अया अया और ज़ोर से छोड़ अया अया अया.

सोनू: अछा लग रहा है ना मेरी रंडी बुआ?

अमृता: अया अयाया आअग बहुत अछा लग अया अयाया रहा है मेरे मदारचोड़ भतीजे. अया कमाल का अया एहसास हो रहा है आ आ, और छोड़ अयाया अयाया.

मैं लगातार ज़ोर-ज़ोर से बुआ को छोड़ते रहता हू, और बुआ भी पूरा एंजाय कर रही होती है. फिर मैं बुआ के छूतदों पर ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारने लग जाता हू.

अमृता: अयाया बहुत अछा लगा अया, और मार अया.

फिर मैं और थप्पड़ मारता हू.

सोनू: कैसा लगा रंडी?

अमृता: अया, बहुत अछा अया लगा अया अया अया.

फिर मैं बुआ की गांद को छोड़ते हुए अपने एक हाथ से बुआ के दूध दबाते रहता हू, और दूसरे हाथ से बुआ की छूट में उंगली करने लग जाता हू. अब बुआ को डबल मज़ा आने लग जाता है.

अमृता: अयाया अयाया अयाया मेरी डार्लिंग. तू तो अया कमाल का मज़ा अया अया देता है.

सोनू: तो आचे से मज़ा लो बुआ.

मैं बहुत तेज़ी से धक्के मारते रहता हू, और बहुत ज़ोर-ज़ोर से बुआ की छूट में उंगली करते रहता हू.

अमृता: अयाया आआआः आआआआः आआआः मज़ा आ रहा है.

सोनू: बुआ अब मैं झड़ने वाला हू.

अमृता: आआआः आआआः अयाया मैं भी झड़ने वाली हू अयाया अया.

फिर कुछ और धक्को के बाद मैं अपना पूरा माल बुआ के छूतदों के अंदर ही छ्चोढ़ देता हू, और बुआ की छूट से भी पानी निकल जाता है, जो की मेरी उंगलियों पर मेरे को महसूस होता है. मैं पीछे से बुआ से पूरा लिपटा हुआ रहता हू, और बुआ मेरे चेहरे को और बालों को प्यार से अपने हाथो से सहलाते हुए बोली-

अमृता: मज़ा आ गया सोनू. सच में तू मेरे को ज़िंदगी का सबसे बड़ा सुख दिया है. ये सुख तेरे फूफा मेरे को कभी नही दे पाए.

सोनू: अर्रे आप जब बोलो मैं आपको खुश कर दूँगा बुआ.

अमृता: वो तो ठीक है, लेकिन जिन औरतों को तू छोड़ता है, वो तेरे से चूड़ने के लिए हमेशा तड़पति रहती होंगी.

सोनू: हा बुआ, वो औरतें मेरे से चूड़ने के लिए हर समय मचलती रहती है.

अमृता: सोनू प्लीज़ तू मेरे को उन औरतों का फोटो दिखा. मैं उन औरतों को देखना चाहती हू. मैं भी तो देखु आख़िर कों है वो औरतें जिनको तू कमाल की चुदाई करके खुश कर रहा है.

सोनू: बुआ मैं आपको सीधा उन औरतों से मिला दूँगा, बस तोड़ा सबर रखो.

अमृता: ठीक है, लेकिन जल्दी मिलवाना.

सोनू: बहुत जल्दी मिलाओौनगा.

फिर मैं और बुआ नहाते है, और रूम में आके तैयार होते है. मैं देखता हू बुआ तोड़ा लंगड़ा के चलते रहती है. फिर मैं बुआ को बोला-

सोनू: बुआ आप लंगड़ा रही हो?

अमृता: तू जो आज मेरी गांद मारा है. बहुत दर्द हो रहा है मेरी गांद में, इसलिए लंगड़ा रही हू.

सोनू: अछा है. मैं एक ही बार आपकी गांद मारा हू. अगर और मारता तो आप चल भी नही पाती.

अमृता: बदमाश! बात तो सही है.

फिर थोड़ी देर बात करके मैं बुआ के रूम से निकल जाता हू, तो देखता हू मम्मी हॉल में बैठी रहती है. मम्मी बोली-

मम्मी: सोनू आजा नाश्ता कर ले.

सोनू: मम्मी मैं अपने कपड़े चेंज करके आता हू, फिर नाश्ता करूँगा.

फिर मैं अपने रूम में जाके कपड़े चेंज करके आता हू, और मम्मी के साथ बैठ के नाश्ता करते हुए बुआ को मैने कैसे छोड़ा वो बताता हू. मेरी बात सुनने के बाद मम्मी खुश हो जाती है, और बोलती है-

मम्मी: वाह मेरे बेटे, तू तो सब को अपनी दीवानी बना रहा है.

सोनू: हा मम्मी. वैसे एक बात बताओ, हम सब लोग मिल के फाइव्सम कब करेंगे?

मम्मी: मैं इस बारे में सोच रही हू, और एक बार तेरी बड़ी मम्मी और तेरी चाची से भी इस बारे में बात करूँगी, की उनका फाइव्सम को लेके क्या प्लान है.

सोनू: ठीक है मम्मी.

मम्मी: अछा सुन, आज रीमा की शादी है, और कुछ देर में हल्दी सेरेमनी शुरू हो जाएगी. शाम में बारात आएगी. तो तू आचे से तैयार हो जाना. तेरे लिए एक बढ़िया सा सूट लाई हू, तू आज शाम वो ही पहनना.

सोनू: ठीक है मम्मी. और आप क्या पहनोगी?

मम्मी: मैं सारी पहनुँगी.

सोनू: ठीक है.

मम्मी: हा चल अब नाश्ता ख़तम कर ले बेटा.

नाश्ता करने के कुछ देर बाद हल्दी सेरेमनी शुरू हो जाती है, और सब लोग रीमा को हल्दी लगते है, और आपस में हल्दी खेलना शुरू कर देते है. सब मेहमान और गाओं के लोग मस्त हल्दी खेलते रहते है. मम्मी भी औरतों के साथ हल्दी खेलने में बिज़ी हो जाती है. तभी रेणु चाची मेरे पास आती है और बोलती है-

रेणु: सोनू कल पूरी रात तू अपनी बुआ को मज़ा दिया है. तोड़ा मज़ा मेरे को भी देदे. मेरी भी छूट में आग लगी हुई है.

सोनू: मैं हमेशा आपको मज़ा देने के लिए रेडी रहता हू, चलो.

रेणु: ये हुई ना बात. चल मेरे रूम में. लेकिन थोड़ी जल्दी चुदाई करेंगे. ज़्यादा देर तक नही कर सकते है, नही तो मेहमान लोग शक करेंगे.

सोनू: हा ठीक है.

फिर चाची और मैं चाची के रूम में जाते है. वो तुरंत चाची मेरी पेंट खोल देती है, और मेरे लंड को चूसना शुरू कर देती है. चाची मेरे लंड को चूस-चूस के खड़ा कर देती है.

कुछ देर लंड चूसने के बाद मेरा लंड पूरा खड़ा हो जाता है. फिर चाची उठती है, और अपनी चड्डी निकाल देती है, और बिस्तर में कुटिया बन जाती है. फिर मैं चाची के पीछे जाके चाची की सारी को उपर उठता हू, और उनके गोरे-गोरे छूतदों को अपने हाथो से मसलता हू. मैं फिर चाची की छूट को चाटने वाला होता हू, तभी चाची बोलती है-

रेणु: बेटा तू अभी मेरी छूट को मत चाट, तू सीधा अपना लंड मेरे छूट में डाल. मेरी छूट में बहुत आग लगी है.

फिर मैं चाची की बात मानते हुए अपना लंड चाची की छूट में घुसा देता हू, और छोड़ने लगता हू.

रेणु: अया मेरा राजा, अया अया अया ऑश छोड़ मेरी प्यासी अया छूट को अयाया अया अया अया.

चाची बहुत ज़्यादा जोश में रहती है, और मेरे कुछ देर के ही धक्को में झाड़ जाती है.

रेणु: आआआः मैं झाड़ गयी अयाया.

लेकिन मैं नही झाड़ा रहता हू, और मैं लगातार ज़ोर-ज़ोर से चाची की छूट छोड़ता रहता हू. रूम में बस फॅक-फॅक और चाची के चिल्लाने का आवाज़ आते रहती है.

रेणु: अया अयाया आआहा अयाया बेटा तोड़ा जल्दी कर ले, अयाया अयाया आआआः.

सोनू: हा कर रहा हू चाची.

रेणु: अया अयाया श आआआः अया अया.

मैं अपनी स्पीड और तेज़ कर देता हू, और कुछ देर में चाची की छूट में ही झाड़ जाता हू. फिर हम दोनो थोड़ी देर रूम में लेते रहते है. थोड़ी देर आराम के बाद अपने कपड़े ठीक करके रूम से बाहर निकल जाते है.

आयेज क्या हुआ, अगले पार्ट में पता चलेगा. चुदाई कहानी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे

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