कहानी जिसमे भानजे ने मामी को संतुष्ट किया

हेलो फ्रेंड्स, मेरा सुनील है, और मैं उप से बिलॉंग करता हू. बुत मैं देल्ही में काम करता हू. ये कहानी मेरे और मेरी मामी के बीच हुए सेक्स की है. अब सीधा में अपनी कहानी पे आता हू.

जब लॉक्कडोवन् हुआ उससे ठीक एक हफ्ते पहले मैं अपने गाओं वापस लौट आया था. फिर मम्मी ने मुझे मामी के घर पर कुछ काम से भेज दिया था. मामा जी भी काम से बेंगल में रहते है, और महीने में 7-8 बार आते है.

मेरे ग्रॅंडपेरेंट्स की डेत एक साल पहले ही हो चुकी है. जब मैं मामी के घर पहुँचा, तो घर पर सिर्फ़ मामी और मामी की मम्मी थी, जो काफ़ी ओल्ड थी. जैसे ही मैने मामी को लाल सारी में देखा, तो मुझे उनसे प्यार हो गया. और अब बस कैसे भी करके मुझे मामी से प्यार करना था.

जब मामी ने मुझे देखा तो मुझे गले से लगा लिया. बाइ गोद, मेरा मूह तो उनके बूब्स के बीच में घुस गया, और मैने भी मौके का फ़ायदा उठा कर उन्हे कस्स कर पकड़ लिया, और उनके बूब्स को ब्लाउस के उपर से ही किस करने लगा.

थोड़ी देर बाद हम अलग हुए, और मामी का ब्लाउस मेरी पप्पीयों से गीला हो गया था.

ब्लाउस देख कर मामी बोली: मामी से इतना प्यार?

मैं: और क्या?

और देखना है क्या?

तभी उनकी मम्मी आई और मुझे गौर से देख कर पहचाने की कोशिश करने लगी. तभी मैने उनके पैर छुए, और मामी ने उन्हे मेरे बारे में बताया. फिर मामी मुझे अंदर ले गयी और मेरा हाल चाल पूछने लगी. लेकिन मेरी नज़र उनके बूब्स पर थी.

मेरी नज़र को देख कर मामी ने अपने बूब्स को पल्लू से च्छूपा लिया. फिर मैं भी अपनी नज़र हटा कर उनके बारे में और मामा जी के बारे में पूछने लगा. तो मामी ने बताया की वो बेंगल में थे. ये बात सुन कर मेरे फेस पर मुस्कान आ गयी, जिसे देख कर मामी शायद समझ गयी थी, की मैं क्यू मुस्कुरा रहा था.

फिर शाम हो गयी, और मामी ने खाना बनाया. वो जैसे ही मेरे सामने परोसने के लिए झुकी, तो उनका पल्लू नीचे गिरा, और उनका आधा बूब उनके ब्लाउस से बाहर झाँक रहा था. उनका बूब देख कर मेरे अंदर का जानवर जागने लगा था.

फिर जल्दी से मामी ने अपना पल्लू सही किया, और खाना परोसने लगी. मैं जान-बूझ कर उनको अपने पास खाना परोसने के लिए बुलाता, और हर बार उनका पल्लू गिर जाता, जिसे देख कर मेरे अंदर का जानवर जाग उठा और मेरा लंड मामी के बूब्स को सलामी दे रहा था.

जब मैं खाना खा कर उठा, तब भी मेरा लंड खड़ा था, जिसको देख कर मामी मेरी पंत को देखती ही रही. मैं जान-बूझ कर वही खड़ा था, और मामी की नज़र को देखता रहा, जो मेरी पंत के उपर ही थी.

फिर मैं हाथ धो कर रूम में चला गया. लेकिन मेरे ख़यालों में मामी के बूब्स ही घूम रहे थे. मैं यही सोच रहा था, की अगर बूब्स इतने पके हुए है, तो गांद और छूट का नज़ारा कैसा होगा.

बस यही सोच सोच कर मेरा लंड खड़ा था. फिर मुझसे कंट्रोल नही हुआ, और रूम में बैठे-बैठे ही मैं मामी के नाम की मूठ मारने लगा. मैं आँखें बंद करके उनके बूब्स को इमॅजिन करने लगा. जब मेरा माल गिरा, और आँखें खुली, तो मामी मेरे सामने ही थी, और मुझे देख कर उनकी आँखें फटी हुई थी.

जब हम दोनो की नज़र मिली, तो मामी वाहा से चली गयी. मुझे लगा कही वो मामा को ना बता दे. इसलिए अपनी पंत पहन कर मैं उनके पीछे गया. वो अपने रूम में रो रही थी. जब मैने उनके पास बैठ कर अपना हाथ उनके कंधे पर रखा, तो मामी सीधा मेरे गले लग गयी, और रोने लगी. फिर मैने उनसे उनके रोने की वजह पूछी, तो मामी बोली-

मामी: अभी तक तेरे मामा और मैने सुहग्रात नही मनाई है.

मैं: लेकिन क्यूँ?

मामी: क्यूंकी जब तेरे मामा जी आते है, तब वो सीधा अपनी थकान मिटाने के लिए सोते है.

शादी के 5 साल तक मामा जी ने मुझे छुआ तक नही है. और तू आते ही मेरे नाम की मूठ मार रहा है.

मैं: अगर आप चाहो, तो अपनी सुहग्रात मेरे साथ माना लो.

मामी: अगर तुम्हारे माना आ गये तो?

मैं: जब तक नही आते, तब तक सुहग्रात मानते है.

मामी: ठीक है, तुम रूको, मैं आती हू.

मैं: लेकिन आपकी मम्मी?

मामी: तुम चिंता मत करो.

इतना कह कर मामी चली गयी, और करीब 10 मिनिट बाद ब्लू ब्रा और पिंक पनटी में आई. उन्हे ऐसे देख कर मेरी नज़र बस उनके गोरे बदन को ही देखती रही, और मेरा लंड उनके हुस्न को सलामी देने लगा.

फिर मामी मेरे पास आई, और मुझे कस्स कर पकड़ कर किस करने लगी. किस करते-करते हम बिस्तर पर लेट गये, और मामी मेरे उपर आ गयी. वो मेरी पंत की ज़िप खोलने लगी, और मेरा लंड बाहर निकाल कर हिलने लगी.

फिर मामी मेरे उपर से उठी, और मेरे कपड़े उतारने लगी, और मेरा लंड मूह में लेकर चूसने लगी. मैने भी उनके सर को ज़ोर से पकड़ कर अपना लंड चुसवाने लगा. 10 मिनिट तक लंड चुसवाने के बाद, लंड का सारा पानी मैने मामी के मूह में ही गिरा दिया. मामी भी जूस की तरह वो सारा पी गयी.

फिर मैने मामी को खड़ा किया, और उनकी पनटी को उतारने लगा. उसके बाद मैं उनको बेड पर बिता कर, उनके पैरों के बीच में आ कर उनकी बालों से भारी छूट को चाटने लगा.

मामी भी पूरी मदहोश होकर आ आहा ह्म आअहह की आवाज़े निकालने लगी. फिर 20 मिनिट बाद मामी झाड़ गयी. उसके बाद मामी और मैं खड़े हुए, और तभी मुझे टाय्लेट लग गयी. तबी मैने मामी को घुटनो के बाल बिता कर उसके मूह में ही मूट दिया.

मामी वो भी गाता-गत पी गयी. फिर मामी मेरा लंड पकड़ कर बेड पर आई, और अपनी टांगे खोल कर लेट गयी. उनका ये इशारा समझ कर मैने भी अपना लंड उनकी छूट पर रखा, और झटके देने लगा.

जब मैने अपने झटके तेज़ किए, तो उनको अपनी मम्मी याद आ गयी, और वो ज़ोर-ज़ोर से मम्मी मम्मी चिल्लाने लगी. तभी मैने उनके मूह में पनटी तूस कर उनका मूह बंद कर दिया. झटको की रफ़्तार से पुर रूम में पच पच की आवाज़ फैल गयी, और मामी की चिल्लाने की आवाज़ भी कम हो गयी.

अब मामी भी अपनी छूट चुसवाने के मज़े लेने लगी, और मेरा साथ देने लगी. करीब 30 मिनिट की मज़ेदार चुदाई के बाद मेरा माल गिरने वाला था. लेकिन मैने मज़े-मज़े में अपना पक़्नी मामी की छूट में ही गिरा दिया, और उनके बगल में पद गया और सो गया.

जब सुबा मेरी आँख खुली, तो मामी की मम्मी मुझे घूर रही थी. उनको देख कर मैं दर्र गया, और जब अपने अगाल-बगल देखा तो मामी वाहा नही थी.

मामी की मम्मी बोली: बेटा, तू यहा क्या कर रहा है?

मुझे कुछ समझ नही आया की मैं क्या जवाब डू. क्यूंकी मैं पूरा नंगा था, और मामी की मम्मी मुझे घूरे जेया रही थी. तभी मामी आई और बोली-

मामी: रात में इसको दर्र लग रहा था, तो ये यही आ कर सो गया.

फिर मामी ने मुझे आँख मार कर मुझे फ्रेश होने को कहा. फ्रेश हो कर जब मैं बाहर आया, तो मामी किचें में खाना बना रही थी. और उनकी मम्मी पूजा कर रही थी.

मैं चुपके से उनके पीछे गया, और मैने उनकी सारी उठा कर, पनटी गिरा कर, उनकी गांद मारनी शुरू कर दी. मामी भी मेरे लंड का आनंद ले रही थी. वो अया आअहह अहहा हम्म एयेए करने लगी. फिर मैं अपनी रफ़्तार बढ़ने लगा.

तभी मामी बोली: बस कर, नही तो मम्मी आ जाएगी. छ्चोढ़ मुझे.

लेकिन मैने उनकी एक ना सुनी, और उनकी गांद मारता रहा. मैने साथ-साथ उनके बूब्स को मसालते हुए उनके ब्लाउस को उतार दिया, और उनकी गर्दन को किस करने लगा. जैसे ही उनकी मम्मी की पूजा ख़तम हुई, मैने अपना माल भी मामी की गांद के चियर में निकाल दिया, और किचन से बाहर आ गया.

मामी भी जल्दी से अपने कपड़े पहन कर खाना बनाने लगी. जब मामी खाना बना कर बाहर आई, तो मैने मामी को इशारों में मेरा लंड चूसने को कहा. मामी भी इशारे में माना करने लगी. थोड़ी देर तक इशारों में बात करते-करते मैं उनके पास जेया कर, उनका हाथ पकड़ कर, अंदर ले-जेया कर अपना लंड चुसवाने लगा.

अपना माल मैं मामी के फेस पे ही गिरा कर बाहर आ गया. थोड़ी देर बाद मामी भी अपना मूह सॉफ करके बाहर आई, और फिर जैसे ही रात हुई, उनकी छूट की चुदाई शुरू हो गयी.

करीब एक हफ्ते तक यही चलता रहा. मेरी जब मर्ज़ी होती, मैं उनकी छूट और गांद मारने लगता, और अपना लंड चुसवाने लगता. फिर एक दिन पापा की कॉल आई और उन्होने मुझे आने को कहा. लेकिन मेरी किस्मत, की उसी दिन से लॉक्कडोवन् हो गया.

इसके कारण मैं अपने घर नही जेया सका, और मामा जी बेंगल से अपने घर नही आ सके. जिससे मैं और मामी बेफिकर हो कर सेक्स करते. जब मर्ज़ी होती, जहा होती वही पर हम शुरू हो जाते थे. हम दोनो काफ़ी खुश थे इस सब से.

लेकिन 5 दिन पहले ही मामी ने उल्टी करी, और उन्होने कहा है की वो प्रेग्नेंट है.

तो बे कंटिन्यूड…

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