बेटी ने चूत दी अपने रंडवे बाप को

नमस्कार रीडर्स, मैं सुमन हरयाणा की रहने वाली हू. मेरी उमर 25 साल है, और मैं स्कूल में टीचर हू. हाइट मेरी 5’5″ है, और रंग मेरा गोरा है. फिगर मेरा 36-30-38 है. अब आप सब सोच रहे होंगे की मेरा फिगर इतना सेक्सी कैसे है. चलिए आप सब को मैं बताती हू, की ये कैसे हुआ.

ये जो कहानी है, वो 6 साल पहले शुरू हुई, जब मैं 19 साल की थी. उस वक़्त मैं दुबली-पतली थी, और मेरा फिगर 32-28-32 था. मैं कॉलेज में 1स्ट्रीट एअर में थी, और अपने कॉलेज की स्पोर्ट्स टीम की कॅप्टन थी. मैं हॉकी खेलती थी.

उन्ही दीनो मेरी मा की डेत हो गयी थी, जिस वजह से मैं और पापा बहुत दुखी हो गये थे. लेकिन फिर जैसे-जैसे टाइम बीट-ता गया, सब ठीक हो गया. पापा अपने काम में बिज़ी रहते थे, और मैं अपने कॉलेज और स्पोर्ट्स में बिज़ी रहती थी. हम लोग रात को डिन्नर के टाइम पर मिलते थे, जहा हमारी काफ़ी बात होती थी.

मैं ये आचे से देख पा रही थी, की मम्मी के बगैर पापा अकेला फील करते थे. हा ये बात कभी वो अपने मूह से नही कहते थे. क्यूंकी वो कभी अपनी प्रॉब्लम्स नही बताते थे. फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे सब कुछ बदल गया.

मेरे कॉलेज में हॉकी का मॅच था, और मॅच के दौरान मुझे चोट लग गयी. चोट मेरी टाँग में लगी थी, जिसकी वजह से मेरे पैर में फ्रॅक्चर हो गया था. कॉलेज वालो ने डॉक्टर बुला कर मेरा फ्रॅक्चर लगवाया, और पापा को कॉल कर दी. फिर कॉलेज वन में ही मुझे घर छ्चोढ़ दिया. पापा मेरी वजह से जल्दी घर आ गये थे.

मैं बहुत दर्द में थी, और मैं पापा को देखते ही रोने लगी. फिर पापा ने मुझे हॉंसला दिया और कहा की स्पोर्ट्स में तो चोट लगती रहती है. उनकी बातों से मुझे हॉंसला मिला, और मैं पॉज़िटिव्ली सोचने लगी.

अब पापा ने मेरा बहुत ख़याल रखा. मुझे अची-अची चीज़े बना कर खिलाई, जिससे मैं जल्दी ठीक हो जौ. कुछ दिन बाद मेरा प्लास्टर निकल गया, और डॉक्टर ने पैर की रोज़ाना मालिश करने के लिए बोला. फिर पापा मेरी मालिश करने लगे.

क्यूंकी मालिश तेल से करनी होती थी, तो उस वक़्त मैं अपनी निक्कर पहन कर बैठती थी. एक दिन ऐसे ही पापा मालिश कर रहे थे, और मालिश करवाते हुए मुझे नींद आ गयी. कुछ देर बाद अचानक से मेरी नींद खुली तो मैने अपनी छूट और जांघों पर कुछ फील किया.

मैने थोड़ी सी आँखें खोली और देखा पापा मेरी जांघों और छूट पर हाथ फेर रहे थे. उनके ऐसा करने से मैं हैरान थी. मेरी छूट हल्की गीली हो चुकी थी. फिर पापा ने मेरी जांघों पर किस किया और फिर बाहर चले गये. मुझे समझ नही आ रहा था की मैं क्या रिक्षन डू.

मैं काफ़ी देर सोचती रही की पापा मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते थे. फिर मेरे दिमाग़ में आया की मम्मी के जाने के बाद पापा कितने अकेले होंगे, और उनको भी तो प्यार करने के लिए कोई चाहिए होगा. तो अगर उनको मुझे छूने से थोड़ी खुशी मिलती है, तो मुझे कोई दिक्कत नही होनी चाहिए.

फिर अगले दिन भी मैं मालिश के दौरान सोने का नाटक करने लगी. पापा ने फिरसे मुझे वैसे ही टच किया, और निक्कर के उपर से मेरी छूट पर किस भी किया. आज मैं भी बहुत गरम हो चुकी थी. मैं समझ गयी थी की पापा मुझे छोड़ना चाहते थे.

फिर पापा उठे, और रूम से बाहर चले गये. मैं भी चुपके से उनके पीछे गयी, ये देखने की वो क्या करने वाले थे. पापा सीधे बातरूम में गये, और वाहा जाके अपना लंड निकाल कर मूठ मारने लगे. उन्होने दरवाज़ा भी बंद नही किया, क्यूंकी उनके ख़याल में तो मैं सो रही थी. उनका लंड काफ़ी बड़ा था.

मैं कभी चूड़ी नही थी, लेकिन पॉर्न ज़रूर देखा था. मुझे लगा आज मुझे बेटी का फ़र्ज़ अदा करना चाहिए. ये सोच कर मैं आयेज बढ़ी, और पापा के पीछे जाके उनके आवाज़ दी. मेरी आवाज़ सुन कर वो घबरा कर पीछे मुड़े. वो अपने लंड को च्छुपाने की कोशिश करने लगे.

मैं तभी अपने घुटनो पर बैठ गयी, और उनके लंड को हाथ में पकड़ लिया. मेरी इस हरकत से वो हैरान हो गये. इससे पहले वो कुछ बोल पाते, मैं उनके लंड को अपने मूह में लेके चूसने लगी. उनका बड़ा लंड मेरे मूह में पूरा नही आ रहा था.

पहले-पहले तो उनकी तरफ से कोई हरकत नही हुई, लेकिन फिर वो अपनी कमर हिला कर मेरा मूह छोड़ने लगे. फिर उन्होने मेरे सर पर अपना हाथ रखा, और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार कर मेरा मूह छोड़ने लगे. कुछ देर मूह छोड़ने के बाद उन्होने मुझे खड़ा किया, और मेरी आँखों में देखते हुए अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए.

अब हम दोनो पागलों की तरह किस करने लगे. वो मेरी गांद दबा रहे थे, और उन्होने मेरी निक्कर और पनटी नीचे कर दी. मैं बहुत उत्तेजित हो चुकी थी. फिर उन्होने मुझे बाहों में उठाया, और बेड पर ले गये. वो मेरी टाँगो के बीच मूह करके मेरी छूट चूसने लगे, और मैं अपने बाकी के कपड़े उतार कर नंगी हो गयी.

फिर वो भी पुर नंगे हो गये. उन्होने अपना लंड मेरी कुवारि छूट पर सेट करा, और ज़ोर का धक्का मार कर आधा लंड अंदर घुसा दिया. मेरी ज़ोर की चीख निकली, और छूट से खून निकल आया. पापा ने 3-4 धक्के मार कर लंड पूरा अंदर घुसा दिए, और मुझे किस करते हुए छोड़ना शुरू किया. साथ-साथ वो मेरे बूब्स भी सहला रहे थे.

धीरे-धीरे मुझे मज़ा आने लगा, और मैं गांद उठा-उठा कर चूड़ने लगी. ये देख कर पापा ने स्पीड पकड़ ली, और जानवरो की तरह मुझे छोड़ने लगे. वो मेरी गर्दन और बूब्स पर काटने लग गये. बहुत मज़ा आ रहा था.

तकरीबन 15 मिनिट बाद पापा आ आ करने लगे, और उन्होने अपना माल मेरी छूट में निकाल दिया. फिर हम दोनो चुप-छाप लेट गये. उस दिन से लेके आज तक मेरे पापा मुझे छोड़ रहे है. मेरा साइज़ पहले से काफ़ी बढ़ गया है. हू तो मैं उनकी बेटी, लेकिन जोरू वाले सारे काम करती हू.

कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.

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