बाप-बेटी सेक्स स्टोरी में जैसा की आपने पिछले पार्ट में पढ़ा की मेरी बेटी मेरे से मालिश करवाने वाली थी. अब आयेज मैं आपको बताता हू-
जब स्कूल की छुट्टी के बाद सब चले गये, तो स्कूल में मैं और मेरी बेटी नेहा ही बचे थे. स्कूल के गुआर्द गाते पे बैठे थे. मेरे बेटी और मैं मेरे ऑफीस में जाते है.
मैं उसको बोलता हू: सोफे पे लेट जाओ, मैं मालिश कर देता हू.
वो लेट जाती है. उसने उस समय ब्लॅक कलर की सारी पहनी हुई थी. मैं तेल ले आता हू. मालिश वाला तेल मैं अपने साथ हर दूं रखता हू अपनी मालिश करने के लिए. मेरी बेटी को भी मैं ये बात बता देता हू, की मेरे पास मालिश वाला तेल रखा था. वो खुश हो जाती है.
ब्लॅक सारी में उसके मोटे चुचे क्या मस्त लग रहे थे. मॅन कर रहा था पी जौ. निचोढ़ लू सारा रस्स दबा-दबा के.
वो बोलती है: पापा क्या हुआ? करो ना मालिश.
मैं बोलता हू: करता हू मेरी प्यारी बेटी.
फिर मैं उसके पैर के पास जाता हू. इतने में मेरी बेटी की नज़र गुआर्द पे पड़ती है. ऑफीस से थोड़ी डोर गार्डेन में वो कुछ समान रख रहा था.
मेरी बेटी बोलती है: पापा गाते बंद कर दो ऑफीस का. कहीं हमे गुआर्द देख ना ले. वो क्या सोचेगा?
मैं: मैं बोलता हू, टेन्षन ना ले. मैं अभी गाते बंद कर देता हू.
इसके कहने भर से मैं गाते बंद कर देता हू. गाते बंद करने के बाद मेरे बेटी के पास जेया कर उसके पैर की मालिश करता हू. ब्लॅक सारी उपर करके उसके पैर की मालिश करता हू. उसकी सारी में तेल लग रहा था.
मैने उसको बोला: बेटी तेरी सारी गंदी हो जाएगी, इसे खोल दे.
वो बोलती है: पापा आपके सामने कैसे खोल डू? मुझे शरम आती है.
मैने उसको बोला: इसमे शरमाने की क्या बात है. कोई नही है यहाँ. खोल दो सारी, नही तो गंदी हो जाएगी.
वो कहती है: ठीक है पापा.
फिर वो अपनी ब्लॅक नेट वाली सारी खोल देती है. अब वो सिर्फ़ ब्लॅक ब्लाउस और वाइट पेटिकोट में होती है. उसको देख के मॅन करता है की अभी पटक के छोड़ डू. मेरी बेटी सोफे पे लेट जाती है. मैं फिर से उसके पेटिकोट को उपर करके धीरे-धीरे मालिश करने लगता हू. उसको मज़ा आ रहा था.
मैं उसके घुटनो के पास पहुँच जाता हू, और उसके उपर मालिश करते-करते पेटिकोट को और उपर उठा देता हू. अब मुझे अपनी बेटी के सेक्सी ब्लॅक पनटी नज़र आ जाती है. उसे देख के मेरा 9 इंच का लंड खड़ा हो जाता है, और मॅन करता है की साली को छोड़ डू. ऐसे भी साली ने घर से भाग के अपने यार से शादी की थी.
उसकी ब्लॅक पनटी देख के मैं पागल हो रहा था. मैने अपनी बेटी को बोला-
मैं: बेटी तेरा पेटिकोट खराब हो जाएगा. इसे खोल दे, और आचे से तेरी मालिश कर दूँगा.
मेरी बेटी मुझे घूर रही थी पीछे मूड के क्यूंकी वो उल्टी लेती हुई थी. मैने फिर से वहीं कहा-
मैं: खोल दो ना.
मेरी बेटी बोलती है: पापा कोई आ गया तो क्या कहेगा? ऐसे ही कर दो ना. मैं पेटिकोट धो लूँगी.
मैने कहा: बेटी तेल से ज़्यादा खराब हो रहा है. घर तक ऐसे ही जाओगी क्या?
और मैने फिर से बेटी को प्यार से माना लिया. इस्पे मेरी बेटी मान गयी, और खड़ी हो कर पेटिकोट का नाडा खोल देती है. उसका पेटिकोट ज़मीन पे गिर जाता है. मेरी बेटी नेहा अपने हाथो से अपनी छूट, जो पनटी में ढाकी थी, को च्छुपाने में नाकाम हो रही थी. क्यूंकी उसने जो पनटी पहनी थी, वो लेस वाली थी. जिसमे से उसकी छूट की लाइन सॉफ दिख रही थी. मैं ये देख कर पागल हो रहा था.
मैने कहा: बेटी ब्लाउस भी खोल दो. उपर भी मालिश कर देता हू.
मेरे बेटी माना करने लगी की नही, उपर का रहने दो.
मैने उसे फिर से मनाया: उपर की मालिश ज़रूरी है. इससे तुम और भी सेक्सी दिखोगी.
इस्पे वो शर्मा गयी, और मुझसे बोली: पापा ऐसी बातें ना करो.
मैने उसे फिर से समझाया, और उसने ब्लाउस का हुक भी खोल दिया. ब्लाउस का हुक खुलते ही मैं पागल हो रहा था. साली मेरे बेटी रेड ब्रा में थी. वो भी नेट वाली में. उसे उसमे देख के मैं पागल हो गया.
मैने कहा: वाउ बेटी, तुम काफ़ी सेक्सी हो, और तुमने अपने बदन को आचे से मेनटेन कर रखा है. अगर तुम चाहो तो मैं तेरी रोज़ मालिश कर डू.
उसपे वो बोली: पापा आप तक जाओगे, इसलिए वीक में 1 बार कर देना.
मैने कहा: बेटी तेरा बाप मर्द है. तेरी रोज़ आचे से करेगा.
वो बोली: क्या पापा?
मैने कहा: तेरे सेक्सी बदन की मालिश.
और फिर मैं उसके कंधो की मालिश करने लगा. उसको काफ़ी आराम मिल रहा था.
मेरी बेटी बोली: पापा मज़ा आ रहा है. ऐसे ही करते रहो.
मैं धीरे-धीरे उसके चुचि की तरफ बढ़ने लगा. मेरा हाथ अब मेरे बेटी की चुचि के काफ़ी करीब आ गया.
मेरी बेटी बोली: बस पापा अब कल कर देना. मुझे काफ़ी आराम मिला है. आज के लिए बस इतना ही.
इतने में मैने कहा: तोड़ा और मालिश कर देता हू. तब चली जाना अपने घर. कों सा तेरा पति अभी आ रहा है. वो तो शाम को ही आएगा ना. तो टेन्षन लेना छ्चोढ़, मज़े कर.
जैसे ही मैने अपना हाथ मेरी बेटी की चुचि पे रखा, उतने में उसका फोन बजा. वो उठ खड़ी हुई, और फोन टेबल से लेके “हेलो-ही, मैं अभी स्कूल में ही हू, थोड़ी देर में निकल रही हू बोली”. वो अपने पति से बात कर रही थी. मेरा हाथ अभी भी उसकी चुचि पे था, और मैं मालिश किए जेया रहा था. उसको भी मज़ा आ रहा था. पर उसने बोला-
बेटी: पापा कॉल आ रहा है, रहने दो. मेरे पति लाइन पे है.
फिर उसने फोन रखा, और बोली: बस पापा, आज के लिए इतना ही. कल मालिश कर देना अगर आपका मॅन हो तो.
मैने कहा: मेरी बेटी की मालिश तो मैं रोज़ कर डू, अगर वो मौका दे तो.
उसके बाद वो खड़ी हो गयी, और अपने कपड़े पहनने लगी.
मैने कहा: बेटी मालिश तो आचे से करवा लो.
पर वो माना करने लगी, और कपड़े पहन के बाहर निकल गयी अपने घर की तरफ. आज वो अपने जिम में भी नही गयी. मैं जिम चला गया. वहाँ वर्काउट करते-करते मेरी बेटी के बारे में सोचने लगा. उसको याद करते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसके बाद उसका मेसेज मेरे फोन पे आया: लोवे योउ पापा. आपने मेरी इतनी अची मालिश की इसलिए.
मैने कहा कोई नही मेरी बेटी. जब तेरा मॅन हो आ जाना मेरे ऑफीस में. तेरी आचे से मालिश करूँगा जिम के बाद.
फिर मैं मार्केट में गया, वहाँ से वेजिटेबल लेके अपने घर को निकल गया. अब आयेज की कहानी नेक्स्ट पार्ट में. थॅंक योउ देसी कहानी पढ़ने के लिए.