मैने पापा का तिफ्फ़िं रेडी किया, और घर के काम में लग गयी. थोड़ी देर के बाद मम्मी उठ कर आई. मम्मी ने उस टाइम नाइटी पहनी थी.
मैं: आप रेडी हो जाओ मैं नाश्ता लगती हू. और आज आप मैं जो दूँगी वही कपड़े पहनोगी.
मों: तुम करो ये पागलपन, मेरे से नही होगा. तुमने मुझे सारी के अलावा किसी और कपड़ों में देखा है?
मैं: मुम्मा यही सही मौका है. आप अपनी सारी ख्वाहिश पूरी कर लीजिए. मस्त एंजाय करिए. बाहर घूमिएे.
मों: नही बेटा, ये सब अब थोड़ी अछा लगता है. कोई क्या बोलेगा, इतनी बड़ी बेटी हो गयी है, और इसको ये सब करना है.
मैं: लोग क्या सोचेंगे ये मत देखो. इतना करो. बाहर नही जाना तो ठीक है, पर घर पर तो एंजाय करो.
मैने फिर मम्मी को रेडी होने को कहा. मैने उनको मेरा शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनने को दिया. जब मम्मी बाहर आई, तो तोड़ा अनकंफर्टबल फील कर रही थी. मैं तो उनको देखती रह गयी. मम्मी सच में बहुत क्यूट दिख रही थी. मम्मी की थाइस मेरे से मोटी है, तो शॉर्ट्स में उनकी गोरी थाइस बहुत सेक्सी दिख रही थी.
मैं: वाउ, आप कितनी मस्त लग रही हो.
मों: तुम पागल हो, कोई घर पर आया तो क्या सोचेगा?
मैं: कुछ नही. आप ज़्यादा ना सोचो और शांति से टीवी देखो.
मों: कंवली का कॉल आया था, वो 15 दिन नही आने वाली. बेटा तुम्हारा चॅलेंज तो और भी मुश्किल हो गया.
मेरे माना करते हुए भी उन्होने मेरी काम में हेल्प की. हम दोनो काम कर रहे थे, तो काम जल्दी ख़तम हो गया. उसके बाद हमने खाना खाया और टीवी देखने लगे.
मैं: मम्मी शॉर्ट्स में कंफर्टबल लग रहा है ना?
मों: हा बेटा. ऐसा लग रहा है कुछ पहना ही नही है. मुझे शरम भी आ रही है.
मैं: चलो यार, अछा तो लग रहा है ना?
मों (स्माइल करते हुए): हा बहुत.
फिर हम दोनो दोपहर को सो गये. उस टाइम दाद का कॉल आया. मैं सुबा जल्दी उठी, तो गहरी नींद में थी.
दाद: तुम सो रही थी क्या?
मैं: हा दाद.
दाद: सॉरी बेटा. मैने कॉल ये कहने किया था की तुमने जो खाना बनाया था, वो बहुत ही अछा था. मज़ा आ गया. आज तो पूरा तिफ्फ़िं ख़तम कर दिया.
मैं: थॅंक योउ सो मच. आपको सच में इतना अछा लगा?
दाद: हा बेटा.
मैं: अब से मैं आपको तिफ्फ़िं बना कर दूँगी.
दाद: नही-नही बेटा. रोज़-रोज़ नही ये खा सकता.
मैं: तो इसका मतलब ये है की खाना अछा नही बना था. और आप मेरा दिल रखने के लिए झूठ बोल रहे हो. आपको मेरी वजह से ऐसा खाना खाना पड़ा. सॉरी पापा (मैं साद हो गयी).
दाद: बेटा एक बात काहु? जब मेरी शादी हुई तब तेरी मम्मी भी अछा खाना नही बनती थी. पर धीरे-धीरे सब सीख गयी. तुम चिंता ना करो. अछा है, अभी से ट्रैनिंग ले रही हो. आयेज चल कर तेरे ससुराल में तुझे दिक्कत नही आएगी. और हा, तेरी मम्मी को बताना मत मैने ऐसे कहा था की उनको पहले खाना बनाना नही आता था. मेरे पर गुस्सा करेगी.
मैं (मस्ती करते हुए): आपको उनका बहुत दर्र लगता है ना.
दाद: बिल्कुल नही.
मैं: ठीक है तो मम्मी से पूछूंगी की पापा ऐसा बोल रहे थे, की मम्मी पहले बहुत बुरा खाना बनती थी.
दाद: नही-नही. प्लीज़ ऐसा मत करना, वो बहुत गुस्सा करेगी. मुझे तिफ्फ़िं देना भी बंद कर देगी.
मैं: मज़ाक कर रही हू दाद. मैं मों को कुछ नही कहूँगी.
दाद: बेटा एक बात काहु?
मैं: हा बोलिए ना पापा.
दाद: आज तुझे सारी में देखा ना, मुझे वो दिन याद आ गये जब मेरी नयी-नयी शादी हुई थी. तेरी मों तेरे जैसी ही दिखती थी. पर तुम उससे ज़्यादा खूबसूरत हो. तुममे वो बात है जो तेरी मों में नही है.
मैं: थॅंक्स पापा. लेकिन ऐसी क्या बात है जो मुझमे है, और मों में नही है?
दाद: मैं तुम्हे वो नही बता सकता.
मैं: क्यूँ पापा?
दाद: तुम मेरी बेटी हो. और तेरी मम्मी मेरी बीवी है.
मैं (हेस्ट हुए): मॉर्निंग में आपने तो कहा था 10 दिन के लिए आपको नयी वाइफ के साथ रहने को मिलेगा.
दाद (तोड़ा लड़खड़ा कर बोल रहे थे): अर्रे वो वो मैं ऐसे ही मज़ाक में बोला था.
मैं: पर पापा मैं मज़ाक नही कर रही हू. आप मेरे से 10 दिन तक कोई भी बात शेर कर सकते है.
दाद: पर बेटा.
मैं: 10 दिन के लिए मुझे अपनी बेटी नही पर बीवी समझो (मैं हासणे लगी).
दाद (हेस्ट हुए): तुम पूरी पागल हो. ठीक है पर हमारी बात मम्मी को नही बताना. ओक?
मैं: प्रॉमिस दाद. हमारी कोई बात मम्मी से शेर नही होगी. ना किसी फ्रेंड से.
दाद: तुम बहुत होशियार हो गयी हो.
मैं: हा आपकी ही बेटी हू. और अभी 10 दिन के लिए बीवी समझो (मैं हासणे लगी).
दाद (हेस्ट हुए): चल बाइ, शाम को मिलते है.
अभी तक मेरे दिमाग़ में कुछ ऐसे थॉट्स नही चल रहे थे. बस 10 दिन पापा से फ्रेंड्ली बिहेवियर रखना था. शाम को मम्मी ने मेरी हेल्प की, और मैने पापा की फॅवुरेट डिश बनाई. मम्मी ने हेल्प की थी तो अची बनी होगी ऐसा लग रहा था. पापा को पसंद आएगी की नही यही चिंता थी.
मुझे तोड़ा दुख भी था की मेरी वजह से पापा को अछा खाना नही मिला था. मैं पापा के घर आने का वेट करने लगी. क्यूंकी मुझे ये देखना था की मम्मी को शॉर्ट और त-शर्ट में देख कर उनका क्या रिक्षन होता है.
जब पापा घर आए, तब मैने उनको छाई बना कर दी. पापा मुझे मॉर्निंग की तरह घूर कर देख रहे थे. मम्मी जब बाहर आई, तब पापा ने उन्हे देखा और हासणे लगे.
दाद: बेटी तो बेटी पर मम्मी भी पागल हो रही है.
मैं: पापा ऐसा क्यूँ बोल रहे हो? मम्मी कितनी खुश है, और मॉर्डन कपड़ों में कितनी मस्त दिख रही है.
दाद: अर्रे मुझे तो इतना कुछ चेंज नही लग रहा है.
मों: रहने दे बेटा, तेरे पापा से मेरी खुशी देखी नही जेया रही.
मैं: पापा क्यूँ करते हो मों के साथ ऐसा?
दाद: अर्रे मैं मज़ाक कर रहा हू. तुम दोनो मस्त दिख रही हो.
मैने नोटीस किया की पापा को मम्मी से ज़्यादा मेरे रॉल्प्ले में ज़्यादा इंटेरेस्ट था. सच काहु तो मैं भी तक गयी थी. सोच रही थी अगर मम्मी हेल्प नही करती तो मेरा क्या होता. एक दिन में मेरा सारा भूत उतार गया था.
पर मैने सोचा मम्मी इतने सालों से घर को संभाल रही थी, तो उनकी खुशी के लिए मैं 10 दिन तो मॅनेज कर सकती थी. और आयेज चल कर मेरी लाइफ में भी यही सब तो होगा. रात को मम्मी पापा के साथ सो गयी. और मैं अपने कमरे में सो गयी.
अब मैं सारी में तोड़ा अड्जस्ट होने लगी थी. पापा भी मुझे ताड़ते रहते थे. पहले 1-2 दिन मुझे अजीब लगा, पर अब मुझे उनका मेरी और ऐसे देखना अछा लग रहा था. पता नही क्यूँ पर मुझे अब मुझे वो मेरे पापा नही पर मेरे कुछ और ही लग रहे थे. पापा वाली फीलिंग नही आ रही थी, जब वो मुझे ऐसे देखते थे. ऐसे ही 3 दिन निकल गये.
उसके नेक्स्ट दे मेरी फ्रेंड निशा घर पर आई. उसको जब मेरे इस चॅलेंज के बारे में पता चला, तो वो पागल की तरह हासणे लगी. वो मुझे बताने लगी की सब दोस्तों ने मिल कर पिछले साल की तरह जंगल सफ़ारी करने का सोचा था.
मैं आपको बता देती हू जंगल सफ़ारी हमारी 4-5 डेज़ की ट्रिप होती है. जिसमे कॅंप होता है, और हम फोरेस्ट में रहते है. हमारा 8-9 लोगों का ग्रूप है, उसमे लड़के लड़कियाँ सब है. मैने उसको माना कर दिया की इस साल मैं नयी जेया पौँगी.
मों: अर्रे नखरे क्यूँ कर रही है. चली जेया ना. अभी टाइम है एंजाय कर. फिर मेरी तरह घर पर ही रहना पड़ेगा.
मैं: मों आप ही चली जाओ. वैसे भी 10 दिन तो आपको मेरी तरह रहना है. मैं तो पिछले साल गयी थी. इस साल आप चले जाओ.
निशा: हा आंटी. आप भी चलिए ना, बहुत मज़ा आएगा.
मम्मी: क्या बेटी, तुम भी इसके जैसी बातें कर रही हो. तुम बच्चो के साथ मैं कैसे? मेरी वजह से आपका मज़ा खराब होगा.
निशा: अर्रे आंटी, आपके साथ तो हमे बहुत मज़ा आएगा. हम सब को हमारे पेरेंट्स से ज़्यादा मज़ा अनु के पेरेंट्स के साथ आता है. और हम सब को आप जानते तो हो. प्लीज़ आंटी आ जाओ. कोई प्राब्लम है तो बताओ?
फिर निशा ने सारे दोस्तों को वीडियो कान्फरेन्स पर लिया, और बताया की अनु नही आने वाली पर मैं आंटी को बोल रही हू अपने साथ चलने का. सब ने मम्मी से कहा आंटी आप आएँगे तो हमे और मज़ा आएगा. क्यूंकी सब को पता था मेरे पेरेंट्स ओपन माइंडेड और बहुत केरिंग है.
रात को डिन्नर कर रहे थे तब मैं पापा के सामने बैठी थी. वो मुझे ही देख रहे थे. मुझे लगा शायद उनको मेरे अंदर मेरी पुरानी मम्मी नज़र आ रही थी. वो मुझे ऐसे देख रहे थे की उनको देख कर मैं शर्मा जाती थी. मुझे उनका मूड अछा लग रहा था. तब मैने पूछा-
मैं: पापा आपसे एक बात कहनी है.
दाद: हा बोलो बेटा.
मैं: पिछले साल की तरह इस साल भी सब दोस्तों ने जंगल सफ़ारी का ट्रिप प्लान किया है.
दाद: हा तो चली जाओ.
मैं: दाद क्या आप भी. आपको पता है ना मेरा और मम्मी का 10 डेज़ का टास्क चल रहा है.
दाद: हा, नही बेटा अब तो तुम नही जेया सकती हो (उनकी बातों से ये लग रहा था की वो यही चाह रहे थे, की मैं ना जौ और उनके साथ उनकी बीवी बन कर राहु).
मैं: मैं नही जेया सकती हू, पर मम्मी तो मेरी जगह पर है ना, तो उनको भेज दो (पापा के होश उडद गये).
दाद: क्या? बेटा तुम ये क्या कह रही हो?
मों: देखा मैं इसको कब से समझा रही हू. मैं नही जेया सकती, यहा घर का काम कों देखेगा?
मैं: मैं हू ना यहा. घर का और पापा का आचे से ख़याल रख सकती हू. क्यूँ पापा (मैने जब ये बात कही तो उनकी आँखों में चमक आ गयी)?
दाद (पापा मेरी और कुछ अलग ही नज़र से देख रहे थे. उनकी नज़र मेरे बूब्स पर अटक गयी थी, और वो कुछ सोच रहे थे): ठीक है डिंपल, तुम चाहो तो ट्रिप पर जेया सकती हो.
मों: क्या आप भी. अछा लगता है जवान बेटी के दोस्तों के साथ उसके बिना जाना?
मैं: पापा इनको समझाओ की चुप-छाप चली जाए. और मम्मी आपको क्या प्राब्लम है? अब तो पापा ने भी पर्मिशन दी ना.
2 दिन नखरे करने के बाद मम्मी मान गयी. हमने मम्मी के लिए शॉपिंग की. फाइनली वो दिन आ गया जब मम्मी ट्रिप पर जाने वाली थी. मॉर्निंग में 6 बजे बस थी. मम्मी ने उस दिन जीन्स और वाइट त-शर्ट पहनी थी. मैने देखा की मम्मी की बिल्कुल उमर नही लग रही थी.
पहली बार मुझे मम्मी के सेक्सी कुवर्व्स दिखे. टाइट जीन्स में मम्मी की गांद की शेप मस्त दिख रही थी. मैने पर्पल कलर की स्पोर्ट्स ब्रा और पर्पल सिल्क सारी पहना था. जब हम मों को छ्चोढने गये तब मेरे सारे फ्रेंड्स मुझे और मों को देख रहे थे. लड़कों की नज़र हम दोनो पर से हॅट नही रही थी. सब ने कहा आंटी आप बहुत मस्त दिख रही हो.
मैं: आप सब ट्रिप पर मम्मी को आंटी नही डिंपल बुलाना. आंटी जैसी लग रही है क्या (मेरे साथ सब हासणे लगे और मम्मी भी शर्मा गयी)?
मैं: निशा और सन्नी आप दोनो मम्मी का ख़याल रखना. सॉरी डिंपल का.
निशा: आंटी को देख कर. सॉरी डिंपल को देख कर लगता ही नही है ये तेरी मम्मी है.
मैने नोटीस किया की सन्नी और बाकी सब लड़कों की नज़र मम्मी से हॅट नही रही थी, और मैने सन्नी को मों की गांद को ताड़ते हुए पकड़ लिया.
मैं: सन्नी मेरी मम्मी हॉट है ना (मैं हासणे लगी)?
सन्नी: हा, बहुत ही ज़्यादा.
मैं: ठीक है, तुम मों का ख़याल रखना. उनको बिल्कुल अकेले मत रखना. तेरे भरोसे भेज रही हू कुत्ते (हमारे बीच ये सब वर्ड्स उसे होते रहते थे).
उसके बाद मैने और पापा ने सब को गुड बाइ किया, और हम घर की और निकल पड़े. पुर रास्ते पापा की नज़र मुझ पर थी. अब उसके बाद हमारी क्या बात हुई, और क्या हुआ, मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगी.