ही हॉर्नी रीडर्स, चलिए अपनी मा-बेटा सेक्स स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट शुरू करता हू.
मृदुला: मैने बुक्स उठाई तो मैने बोला की पाकड़ो बेटा. तब उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया. मैने बोला की बुक्स को पाकड़ो, और स्माइल दी. बुक्स पकड़ते टाइम उसने मेरे बूब्स को टच किया और कुछ टाइम तक खड़ा रहा.
मैं: ऑश फिर?
मृदुला: मैं बोली की बुक्स नीचे मत गिरा देना तो हम दोनो धीरे-धीरे बुक्स को रूम से बाहर टेबल तक ले गये. उसका एक हाथ मेरे बूब्स को टच कर रहा था. यार मैं तो गीली हो गयी थी. फिर उसने एक-एक बुक उतारने के बहाने काई बार मेरे बूब्स टच किए.
मैं: वाउ, बस होने वाला ही तुम्हारा.
मृदुला: फिर यार रूम सॉफ करते टाइम मैं बेड पर ही लेट गयी. तब मेरे काफ़ी बूब्स दिख रहे थे. रॉनी मेरे पीछे बैठा था, तो उसने तो आराम से सब देखा होगा. मतलब दोनो बूब्स की दरार, बस निपल से पहले तक काफ़ी कुछ देख लिया.
मैं: ह्म्म्म्म.
मृदुला: फिर वो होटेल से खाना ले आया. तब भी वो मेरे बूब्स को ही घूरे जेया रहा था. मुझे तो बेटे को अकेला देख कर पूरा मूड बना हुआ था.
मैं: और क्या हुआ?
मृदुला: यार मैने झुक-झुक कर उसके रूम में सफाई की, और फिर पोछा लगाया. तब बेटे ने बूब्स के खूब दर्शन किए. वो लगातार मेरे सामने बैठ कर बूब को ही घूरता रहा. मैं उसको जान-बूझ कर बोली की तू बाहर चला जा रूम से, और नहा ले. फिर मुझे भी नहाना है. तो वो बोला की तक गया हू, तोड़ा आराम करने दो मों. मतलब वो मेरे बूब्स देखने के चक्कर में वहीं बैठा हुआ था. मैं समझ गयी की वो मेरे मज़े ले रहा था.
मैं: ह्म्म्म्म.
मृदुला: उसका तन्ना हुआ टूल बता रहा था की उसको सामने मों नही बल्कि एक औरत नज़र आ रही थी. उसको मेरा जिस्म पसंद आ गया था. मुझे भी उसको तड़पने में मज़ा आ रहा था, ताकि वो मेरे लिए पागल हो जाए.
मैं: और क्या हुआ?
मृदुला: एक दो बार तो पीछे से उसने मेरी गांद को भी टच किया था. मुझे पूरा फील हुआ था उसका टूल. जब मैं अलमारी को उठा रही थी, तब वो जान-बूझ कर मेरे पीछे खड़ा था. वो जान-बूझ कर ज़ोर नही लगा रहा था.
मैं: वाह.
मृदुला: मैने उसको बोली की तोड़ा और आयेज करो. तब वो मेरे उपर चढ़ने के लिए तैयार हो गया था. मेरी गांद पर रग़ाद खा रहा था. अगर कुछ देर और खड़ी रहती, तो वो पीछे से डाल ही देता. बुत वो मुझे फिर से उसी पोज़िशन में खड़ी करना चाहता था. दूसरी साइड गयी तब भी वैसे ही पीछे खड़ा हो गया. मुझे भी मज़ा आ रहा था तो मैं कुछ नही बोली. बस वो जैसा करता रहा उसको करने दिया. फिर उसने मेरी पीठ और कंधे पर भी हाथ रखा.
मैं: वाउ.
मृदुला: बेटा पीछे खड़ा था, तब पता नही क्या हुआ, नशा सा हो गया, और नींद सी आने लगी. रॉनी गांद पर लंड रग़ाद रहा था, तो मैं माना नही कर पाई. बस मॅन करता रहा की ऐसे ही उसके आयेज खड़ी राहु.
मैं: ह्म बस रॉनी तेरी रेल बनाने वाला ही है.
मृदुला: बस दिन भर मों बेटे को रोमॅन्स चला था. रॉनी भी खूब प्यार से बात कर रहा था. उसने भी अपने टूल को नीचे नही किया. दिन में काई बार मुझे टच किया उसने. दोपहर में मैने फिर से नहा कर निघट्य पहन ली थी, तो वो मेरे रूम में काई बार आया था. मैने सोने का नाटक किया.
मैं: वाह यार.
मृदुला: मैने जान-बूझ कर उसको अपनी गोरी टाँगें दिखाई. मतलब उसने मेरी पनटी भी देख ली होगी आराम से. मेरा तो रॉनी को अकेला देख कर पूरा मूड बन गया.
मैं: कोई किस किया?
मृदुला: आज तो बूब्स दिखा-दिखा कर बहुत मज़ा आया. कल रॉकी घर ना आया तो रात को पक्का रॉनी मेरे बेड पर ही होगा.
मैं: और क्या ख़ास रहा?
मृदुला: अभी एक घंटे पहले ही मैने पीठ दर्द का बहाना बना कर रॉनी से पीठ पर मालिश करवाई है. मैं बोली की दिन भर उपर-नीचे हुई तो पीठ अकड़ गयी.
मैं: फिर क्या किया बेटे ने?
मृदुला: उसने मेरी निघट्य उपर करके पीठ पर तेल लगाया. उसने मेरी गांद को तो आराम से देख लिया होगा. फिर ब्रा तक हाथ गया तो मैने बोला की इसका हुक खोल लेने दे, तेल से खराब हो जाएगी. तो उसने फटत से ब्रा के हुक खोल दिए. फिर पूरी पीठ पर तेल लगाया.
मैं: मज़ा आया क्या?
मृदुला: ह्म, बहुत अची मालिश भी की. मज़ा भी आया. अछा भी लगा. रूम में लाइट जल रही थी, तो पूरा सॉफ दिख रहा था बेटे को. मैने काई बार करवट भी बदली ताकि वो मेरे बूब भी देख सके.
मैं: ह्म्म्म्म..
मृदुला: मैं जब खड़ी हुई तो जान-बूझ कर दोनो बूब्स पर हाथ रख कर खड़ी हुई. ताकि उसको लगे की मैं बूब्स नही दिखना चाहती. बुत बूब्स पकड़ कर खड़ी हुई तो उसको तो खूब मज़ा आया था.
मैं: ह्म औरत बूब्स पकड़ती है तो मस्त लगती है.
मृदुला: ह्म मैने कपड़े से पीठ भी सॉफ करवाई और उसने फिर से ब्रा के हुक लगा दिए. मैं ब्रा को बूब्स पर सेट कर रही थी, तो वो गौर से देख रहा था. मुझे तो दर्र लग रहा था की कहीं वो मेरे बूब्स पकड़ कर ब्रा ना पहना दे.
मैं: हा यार. अकेली औरत को देख कर छोड़ने का मॅन हो ही जाता है. घर में अकेली मस्त मों बेड पर मिल जाए तो बेटे के लिए कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है.
मृदुला: ह्म मैं समझ रही हू. मैं बोली की रात बहुत हो गयी तुम सो जाओ. तो बोला की आपको अकेली को दर्र लगता है तो साथ सो जाता हू. मैने माना कर दिया.
मैं: अछा किया नही तो रात को चुड जाती बेटे से.
मृदुला: उसके रूम में देख कर आई हू. नंगा है, और टूल को हिला रहा था. उसका पिंक लंड देख कर चूसने का मॅन हो रहा था. आ मों आ बोल रहा था. मेरी जान आअहह मेरी जान मेरी कुटिया ऑश मेरी जान मों. ये सब सुन कर मेरा तो मूड बन गया था. उसका लंड भी लंबा है. देख कर दिल खुश हो गया. अब तो मुझे पक्का यकीन है की बेटा मुझे भी छोड़ना चाहता है.
मैं: सुबह का क्या प्लान है?
मृदुला: यार सुबह उसके रूम में जौंगी. उसको तोड़ा गरम करूँगी. फिर ज़्यादा कंट्रोल नही करूँगी. बस एक बार हो जाए.
मुझे दर्र है बस कल-कल रॉकी घर ना आए, तो रात को बेटे को अपने पास ही सुला लूँगी. फिर रात को तो पक्का ही हो जाएगा. नींद का बहाना करके पुर बूब्स दिखा दूँगी. एक बार उसने शुरू कर दिया फिर तो हो ही जाएगा. अब बेटे के बिना ज़्यादा टाइम नही रह सकती.
मैं: कल स्कूल नही जाओगी?
मृदुला: नही यार सनडे है ना कल. बस कल रॉकी ना आए, ये दुआ करो. हम दोनो अकेले होंगे तो रॉनी के लिए बहुत ईज़ी हो जाएगा.
मैं: अगर रॉकी आ गया तो? उसको फोन करके बोल दो की आज घर ना आए. तुम दोनो कहीं बाहर जेया रहे हो. दोस्त के घर ही रुक जाए.
मृदुला: ह्म कुछ तो करना होगा यार. रॉनी अकेला मिलेगा तो हम दोनो के लिए बहुत ईज़ी हो जाएगा. मेरी आँखों के सामने रॉनी अपना टूल हिलता हुआ दिख रहा है.
मैं: ह्म्म्म्म.
मृदुला: सच बतौ तो आज बेटे के साथ फ्लर्ट किया तो पुर दिन भर मीठा-मीठा मज़ा आ रहा था. ऐसा मज़ा तो कभी नही आया. हम दोनो अकेले थे तो मज़ा भी डबल हो गया.
मैं: लॅडीस को जवान लड़के बहुत आचे लगते है. हम बाय्स को 40 आगे वाली मॅरीड हाउसवाइव्स मिल जाए तो फिर मज़ा बहुत आता है. वैसे तुम हो भी मस्त माल. घर में अपनी मों छोड़ने के लिए मिल जाए तो फिर मज़ा भी बहुत आता है.
मृदुला: यार सोच रही थी की रॉनी मेरा एक ही बेटा होता तो अब तक उससे छुड़वा रही होती. घर में सारी रात बेटे के साथ सुहग्रात माना रही होती. किसी का दर्र भी नही. सब सोचते की दोनो मा बेटे है बुत उनको क्या पता की रात होते ही बेटा मों का हब्बी बन कर छोड़ता है.
मैं: यार अगर दो बेटे है तो मज़ा भी डबल आएगा. दोनो बेटे मिल कर छोड़ेंगे तो बहुत मज़ा आएगा. दोनो बिटो के रूम में बारी-बारी से छुड़वाने जाओगी तो सोचो कितना मज़ा आएगा.
मृदुला: ऑश ये तो सोचा भी नही था. यार कहीं दोनो बेटे आपस में लड़ ना पड़े की ये मेरी है. मैं पहले करूँगा या मेरी वाली है तू मत कर ऐसा कुछ ना हो.
मैं: यार उनको पता है की लड़ने से कुछ नही मिलेगा. दोनो साथ में छोड़ेंगे. वैसे भी 3 लोग सेक्स करते है तो एक-दूसरे को देख कर मज़ा भी बहुत आता है. एक मूह में डालेगा तो दूसरा छूट मारेगा. बारी-बारी से उल्टी-सीधी करके छोड़ेंगे तो उनको खूब मज़ा आएगा.
मृदुला: ह्म दोनो बाय्स को मज़ा आएगा एक साथ करने में?
मैं: तुमको अपनी रंडी बना कर छोड़ेंगे दोनो. बारी-बारी से छोड़ेंगे तो तुमको भी मज़ा आएगा. वो दो होंगे और तुम एक, तो वो दोनो एक-एक बार छोड़ेंगे तो तुम दो बार चुड जाओगी. वैसे भी थ्रीसम करोगी तो मज़ा बहुत आएगा.
मृदुला: सच बतौन तो मैं जी भर कर चूड़ना चाहती हू. मतलब रंडी की तरह बिटो से करवाना चाहती हू.
मैं: दोनो बेटे तुझे किस करेंगे तो गाल और लिप्स एक साथ चूसेंगे. दोनो एक साथ बूब्स चूसेंगे. फिर एक छोड़ेगा तो दूसरा लंड चुस्वाएगा. फिर दूसरा छोड़ेगा. तुमको डबल मज़ा आएगा जो तुमने आज तक नही लिया होगा.
मृदुला: थॅंक्स यार फिर तो बस स्कूल से आ कर फटाफट काम किया और रात होते ही बिटो के साथ मस्ती करनी है. जवान बेटे मुझे पसंद है.
मैं: देख लेना वो तुम को प्यार भी करेंगे और खूब दबा कर चुदाई भी करेंगे. रात को दोनो बिटो के बीच में नंगी हो कर सोने का अलग ही मज़ा है.
मृदुला: दोनो बेटे से चूड़ना चाहती हू. बस दोनो जी भर के छोड़े मुझे. मेरे बूब्स खूब चूज़ और मॅन करे उतनी बार सेक्स करे. रॉनी का टूल देख लिया है. वो मुझे आराम से सॅटिस्फाइ कर देगा.
मैं: और बताओ कुछ यार.
मृदुला: ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है. बेटे के बारे में सोच-सोच कर सारे दिन गीली ही रही है. बस यार कल बस बेटा एक बार पकड़ ले मुझे. फिर तो काम हो जाएगा. बस कल रॉकी घर ना आए. रॉनी को तो मैं देख लूँगी.
मैं: रॉनी पकड़ लेगा तुमको?
मृदुला: यार पकड़ ले तो मज़ा आ जाए. घर में अकेली हू तो पक्का कुछ ना कुछ करेगा. मैं उसको किसी बहाने से टच करूँगी. कोशिश करूँगी की बिना ब्रा-पनटी के निघट्य पहन कर चली जौ.
मैं: तुम बस कोई उससे छिपकने का प्लान बना लो या फिर जब वो लंड हिलाए तब उसको पकड़ लो.
मृदुला: हिलाते पाकडूँगी तो वो दर्र जाएगा. मतलब उसको तैयार करना होगा की वो मुझे पकड़ ले.
मैं: अर्रे अगर वो मों-मों बोले तो पूछना की मेरे साथ क्या करना चाहता है? मैं अची लगती हू क्या?
मृदुला: ह्म ये ठीक है. मैं कर लूँगी जैसा भी माहौल होगा.
मैं: बेटा सो गया क्या?
मृदुला: ह्म मेरे नाम पर हिला कर सोया है. सुबह उसकी क्लास लूँगी.
मैं और मृदुला बात करते रहे. कुछ प्राइवेट बात यहाँ नही लिख सकता. मृदुला थोड़े ही टाइम में मेरी अची दोस्त बन गयी थी. वो अपनी पिक भी मेरे साथ शेर करने लगी है. मृदुला को देख कर मुझे भी मज़ा आने लगा क्यूंकी मृदुला बहुत ही हॉट मों थी.
आपको स्टोरी अची लगी हो तो मैल ज़रूर करना. अपनी स्टोरी भी बता सकती हो. बहुत सारी मॅरीड हाउसवाइव्स के लगातार मेसेज आ रहे है.