अपने बेटे से चूत मरवाई जवान माँ ने

मेरा नाम मिनाक्षी है मेर आगे ३७ साल है एक सवाली गडरिले बदन की मालकिन हु. गांड और मम्मी बाहेर निकले हुए है मस्त. मुझे ब्रा पंतय पेहेन ने की आदत नहीं है.

आपको तोह पता है हम औरतो को कितना सारा काम करना पड़ता है. दिन भर तोह मई निघ्त्य में ही रहती हु. दुपहर को कपडे और बर्तन धोते वक़त मई आधे से ज्यादा भीग जाती हु.लेकिन निघ्त्य बदलती नहीं दुपहर को मई चढ़ार ओढ़ के सो जाती हु. तब मई निघ्त्य छाती तक ऊपर कर लेती हु चद्दर के अंदर. निचे से मई नंगी होती हु.

मई जायदा चिकनाई की शौक़ीन नहीं हु. निचे झटतो का घोसला बना है. जिससे बहुत बार खुजली होती है. इतनी बेरहम खुजली होती है की घर में खर खर खर आवाज आती है खुजाते वक़त. और अगर घर में बीटा या पति हो उनका ध्यान झट से जाता है.पति तोह टोकता है क्या कर रही हो आराम से बीटा है घर में. लेकिन मई अपने बेटे को बहार का नहीं मानती. घर में हम ३ लोग ही रहते है. मुझे अगर बहार जाना होता है तोह वो कमरे में बैठा हो. तोह मई उसको कभी बहार जाने को नहीं बोलती.

उसके सामने चेंज करती हु वो पुरे नजर से मेरे उभरे मम्मी देखता रहता है. और निचे का पेटीकोट वाले नदी के निचे के जगह वाला हिंसा दिख जाता है.लेकिन अगर सोचा जाए तोह दिन में काम से काम ४ बार तोह मुझसे उसे अपनी छूट और नंगे मम्मो का दर्शन हो जाता है. जब भी निघ्त्य उप्पेर करती हु काम करते वक़त अंगड़ाई लेते वक़्त.. जब भी मौका मिले वह ताड देता है.

बेटे का नाम मुकुंद है अभी कॉलेज में पढ़ रहा है. वैसे तोह हत्ता कट्टा है लेकिन मेरे लिए तोह बच्चा ही रहेगा न. आज कल उसके बर्ताव में बदलाव आने लगा था. वो मौका मिले तोह मुझे टच करता था. उसके चुने में हवसपण महसूस होता था.कभी टाइट ब्लाउज पहनती तोह उतरने के वक़्त उसे खींचने बोलती. तोह ऐसे खिंचा जैसे फाड़ देगा और अभी यही मुझपे चढ़ जायेगा. गले लगने के बहाने हाथो से मम्मी मसलता धीरे धीरे.

मुझे अजीब लग रहा था पर मजा भी अत था. मई कुछ नहीं बोलती थी उसको. अब तोह जब मई दुपहर को सोई रहती तोह वो आके मुझे सूंघता था.चद्दर उठा के मेरे नंगे बदन को जी भर के देखता था. उसे लगता था मई गहरी नींद मई हु पर मई सब जानती थी. बस कभी हिम्मत नहीं होती उसे रोकने की. इस वजह से उसकी हिम्मत बढ़ रही थी.

एक दिन दुपहर को मई सोई थी चदार में नंगी होक. तोह वो चदार उठा के देखने लगा था. इसलिए मई शर्म से करवट लेके सो गयी. जिससे उसे अब मेरी गांड दिखने लगी.लेकिन धित हिला नहीं जगह से. अब उसकी गरम साँसे मेरे गांड और छूट पैर मसहूस हो रही थी. तोह मैंने झंगे जोर से मिट ली जिससे गांड को होल थोड़ा खुल गया.

वो गांड के होल के अजु बाजु चूमने लगा. मुझे बहुत ाचा लग रहा था. अब उसकी जीभ मेरे गांड के होल के अंदर बाहेर करने लगी. पुरे बदन में बिजली दौड़ गयी मानो मई कसमसाई हिल गयी. तोह मई उठके बैठ गयी उसे रेंज हाथो पकड़ लिया.

“ये क्या कर रहा था तू नालायक शर्म नहीं आती तुझे जबसे देख रही हु रुक आने दे तेरे पापा को आज तेरी खैर नहीं.”

तोह वो दर गया और रोने लगा. मेरे पेअर पकड़ कर माफ़ी मांगने लगा.

मई भी पिघल गयी – अच्छा ठीक है आज से सब हरकते बंद कर देना.

उसने रोना बंद किआ और मुझे मानाने लगा. बोलै माँ प्लीज एक बार आपको देखना चाहता हु नंगा.

मई उसकी तरफ गुस्से से देख रही थी.

लेकिन वो मुझे मानाने लग गया पेअर पकड़ने लगा.

मई बोली जो तू बोल रहा है वो मुमकिन नहीं मई तेरी माँ हु बेटे ऐसे पागलपन मत कर.

लेकिन वो नहीं सुन रहा था. उसने चद्दर हटा दी मई उसके सामने नंगी थी. मैंने पहले अपने हाथो से मेरे बॉल छुपाये तोह छूट उसके सामने खुली थी.

इसललए मैंने एक हाथ छूट पैर रखा दोनों आधे ढके हुए थे. मैंने शर्म से गर्दन झुकाये बैठु थी. उसने मेरी गरदारन अपने हाथ से उप्पेर कर बोलै – “माँ मई आपको पसंद करता हु अगर आपको एक दिन ना देखु तोह बेचैन हो जाता हु. आपकी अदाए आपका गडरिले बदन के वजह से मेरी रातो की नींद उड़ गयी है आप मुझे गलत मत समझो. मई जबरदस्ती नहीं करूँगा अगर आपको पसंद नहीं तोह.”

और वह वह से उठ के जाने लगा. उसकी ये बात दिल को छू गयी. आज जीवन मई ३६ साल बाद कोई बिना डरे मेरे खूबसूरती का एलान मेरे सामने किया है. इसके बाप ने कभी इतना भी नहीं बोलै मुझे. मई तोह इम्प्रेस हो गयी थी.मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे निचे बैठ्या और बोलै – देख बीटा गलत मत समझ मुझे नहीं मालूम था तू मुझसे इतना प्यार करता है. मुझे लगा ये तेरी हवस है. ले छू ले जो करना है कर मई मन नहीं करुँगी.

ऐसा बोल के मैंने उसका हाथ अपने एक मम्मी पैर रख दिया.

ओह माँ तुम सच मई बहुत अच्छी हो. ऐसा बोल के वह मेरे मम्मी दबाने लगा.

बोलै माँ अगर आप कहे तोह मई आपके दूदू पीना चाहता हु.

मैंने सिर्फ हां मई गर्दन हिलायी.

तोह उसने मुझे सुलाया और गोदी मई आके दूध चूसने लगा. पेट पैर हाथ सहलाने लगा. मस्त दूदू पि रहा था मेरे बीटा. अब उसने हाथ धीरे धीरे निचे करना चालू किया और छूट के उप्पेर हाथ ले गया.

मई पेअर फैला कर उसे ग्रीन सिग्नल दिया. अब वो छूट में ऊँगली करने लगा. उसकी उंगलियों की रफ़्तार से मेरी छूट गीली होने लगी थी.

बीटा बस कर अब मत तड़पा छोड़ दे मुझे.. मैंने बोलै.

उसके लुंड को हाथ में पकड़ कर हिलेगा तोह वह बोलै माँ आप मजे लो. रुको आज मई आपको जन्नत की सैर करा लाऊंगा.वो उठ कर टैंगो के बीच सो गया और वही गीली छूट जीभ से चाटने लगा. मई सातवे आसमान पैर थी. ऐसे जीभ चला रहा था जैसे नाव का चपु चाप चाप चाप बिना रुके.

मई तोह अंदर से हिल गयी थी. मैंने उसका सर पकड़ उसके दातो पैर छूट का दाना रगड़ने लगी. मई चरमसीमा पैर थी और कुछ ही देर में उसके मुँह पैर झाड़ गयी मई और वह सब पिगया. फिर मेरी छूट चाट चाट कर साफ़ कर दी उसने. अंदर जीभ दाल दाल एक बून्द भी नहीं छोड़ा होंगे.कहा से सीखा बीटा ये सब? बोलने पैर बोलै वीडियो देख देख के. उसने मुझे उल्टा लेटने को कहा तोह मई लेट गयी. मेरे पुरे बदन पैर जीभ घूमने लगा.

पीठ से होते हुए गांड की दरार तक आके रुका और दरार को चाटने लगा जिससे मेरा बदन कंपनी लगा. बीटा जान लेगा क्या माँ की ये सब मत कर!

तो उसने बोलै क्यों माँ पसंद नहीं आ रहा क्या आपको?

मैंने बोलै नहीं ऐसी बात नहीं इतने प्यार की आदत नहीं है बीटा.

अब वो गांड फैला फैला कर जीभ घुसाने लगा. मुझे भी मजा आ रहा था पैर वह ठीक से चाट नहीं पा रहा था. तोह मई तकिये पे कुटिये जैसे बैठ गयी.

उसने गांड आराम से फैला कर चाटने लगा. मुझसे सहा नहीं जा रहा था. मेरा हाथ अपने आप छूट पैर चला गया.

मैंने कहा अब रहा नहीं जाता बीटा तुझे छोड़ना ही पड़ेगा.. ऐसे बोल मई वापस सके पेअर हवा में फैला कर छूट के डेन को रगड़ रही थी.

उसने लुंड निकल छूट पैर रगड़ने लगा. मैंने वो लुंड होल पैर रख उसे बहो में खिंचा तोह लुंड अंदर चला गया. कुछ देर वैसे ही पड़े रहे एक दूसरे पैर. उसके बाद वो आगे पीछे करने लगा. बहुत मजा आ रहा था.

उसने बोलै – माँ मई ज्यादा मजा देता हु या पापा?

मैंने बोलै – बीटा तेरे पापा इसके आधे भी नहीं करते बस जानवरो की तरह धक्के मारते है. फिर खुद का होने पैर सो जाते है. तेरे जैसा प्रेम मुझे आज तक किसी ने नहीं किया मेरे लाल. तू ही मेरा सच्चा बीटा है आज से तू अपनी माँ को ऐसे ही प्यार करेगा न?

तोह वह भी बोलै – बिलकुल माँ मई तोह कब से तरस रहा था आपको प्यार करने के लिए. आज जाके मौका मिला है.

उसने अब स्पीड बढ़ा दी थी पांच पांच आवाज पूरे रूम में आ रही थी. मई उप्पेर निचे हो कर उसका पूरा साथ दे रही थी. ज्यादा से ज्यादा लुंड अंदर दाल पूरा बाहेर निकल देता.

मई उसे निकलने ही नहीं देती और उसे कसके पकड़ लेती. उससे छोड़ने पैर असली मर्द क्या होता है चुदाई क्या होती है तब समझी. उस दिन मई शायद पहली बार किसी से चुदाई की होगी अगर सही मैंने में देखा जाये तोह. मुझे औरत होने का एहसास आया तब.

उस दिन से अपने आप को जवान सा लगने लगा श्रृंगार सजधजन बेटे की रह देखना उससे तड़पना चुप चुप के छोड़ना ये सब मई मजा आने लगा.

अब तोह ऐसे लग रहा था बेटे को ले के कही दूर चली जाऊ और वह दोनों नयी जिंदगी की सुरवात करे. लेकिन वो कमाने नहीं लगा था और समाज भी एक चीज होती है. माँ बेटे के नाम पे धब्बा नहीं लगाना साहहत्य थी.

लेकिन देखा जाए तोह वह अपना फर्ज निभा रहा था जो अपने बाप को निभाना छाइये था. माँ भी तोह आखिर एक औरत है बहार मुँह मारते फिरने से बेटे का लुंड लेना लाख गुना ाचा है.

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