पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मैने मों को अंकल के साथ रोमॅन्स करते देखा. अंकल अब मों की छूट पर लंड रग़ाद रहे थे. चलिए आयेज चलते है.
मों: जल्दी से मेरी छूट मारो, अभी रहा नही जाता. बहुत टाइम से टुमारा लंड मैं लेना चाहती थी. अब और मत तड़पाव.
अंकल: हा मेरी रॅंड. मैं भी तुझे कितने टाइम से छोड़ना चाहता था. तू देख अब कैसे मैं तेरी छूट और गांद दोनो का भोंसड़ा बनता हू.
फिर अंकल ने अपने लंड को मों की छूट पे सेट किया, और एक धक्का मारा. पर बहुत टाइम से मों की चुदाई ना होने के कारण मों की छूट टाइट हो गयी थी. उसकी वजह से लंड अंदर नही गया.
फिर अंकल ने अपनी दो उंगलियों से छूट को तोड़ा फैलाया, और एक पूरा ज़ोर लगा के धक्का मारा. इससे अंकल का लंड आधा ही अंदर घुस पाया, और मों भी ज़ोर से चीख उठी, और झटपटाने लगी.
अंकल तब तोड़ा रुके और मों ने जब तोड़ा चीखना बंद किया, उसके बाद फिरसे एक और ज़ोर से धक्के मारा. इससे उनका पूरा लंड मों की छूट में चला गया, और मों फिरसे चीख उठी. क्यूंकी उन्हे दर्द हो रहा था. तब अंकल तोड़ा रुके और धीरे-धीरे कमर से धक्के मार रहे थे, और मों हर धक्के पर आहें और सिसकियाँ भर रही थी.
फिर जैसे ही मों थोड़ी नॉर्मल हुई. अंकल ने अपने छोड़ने की स्पीड थोड़ी तेज़ कर ली. अब मों भी अंकल का पूरा साथ दे रही थी. वो अंकल को लीप किस कर रही थी.
मों: आह छोड़ो मुझे आअहह छोड़ो.
अंकल: हा मेरी रॅंड, आज तुझे जन्नत की सैर करौंगा तू देख.
मों: आह बेबी छोड़ो, आह और ज़ोर से, और ज़ोर से छोड़ो. आहह फक मे.
ऐसे ही मों की बातों से अंकल को और भी जोश चढ़ा, और उन्होने छोड़ने की स्पीड और तेज़ कर दी. अब अंकल बड़े ही तेज़ धक्के मार रहे थे, जिसे मों पूरी ही झूम रही थी. उनके बूब्स भी बड़े हिल रहे थे. वो देख अंकल ने अब मों के बूब्स भी मसालने और चूसने स्टार्ट कर दिए.
वो एक साइड मों के बूब्स चूस और निपल पे काट रहे थे, तो दूसरी साइड बड़ी ही तेज़ी से मों की चुदाई भी कर रहे थे, और मों के पहले झड़ने की वजह से उनकी छूट पूरी गीली थी, जिसे छोड़ने पर पच पच की आवाज़ आ रही थी. आवाज़ पुर रूम में गूँज रही थी. ऐसे ही करीब 20 मिनिट्स लगातार स्पीड से छोड़ने के बाद अब अंकल ने मों को डॉगी स्टाइल में घुमा दिया.
फिर मों के पीछे से अपने लंड को छूट पे सेट किया, और एक ही धक्के से अपना पूरा लंड मों की छूट में घुसेध दिया. उन्होने फिर मों के बाल पकड़ कर उसे खींचते-खींचते मों को छोड़ना स्टार्ट किया. मों को इससे दर्द हो रहा था, पर अंकल उसकी एक नही सुन रहे थे. फिर बाद में मों भी अंकल का साथ देने लगी, और अपनी कमर से पीछे धकेलने लगी, जिससे उसे मज़ा आए.
इससे अंकल भी जोश में आ गये, और तेज़ी से छोड़ने लगे. ऐसे ही 20 मिनिट्स छोड़ने के बाद अब अंकल झड़ने वाले थे, और उन्होने अपनी स्पीड और तेज़ कर ली. फिर वो वही मों की छूट में झाड़ गये और अपना सारा पानी मों की छूट में छ्चोढ़ दिया. उसके बाद उन्होने अपना लंड छूट से बाहर निकाला, तब तोड़ा पानी छूट से बाहर भी गिरा. फिर मों और अंकल वही बेड पर लेट गये.
मों काफ़ी ताकि नज़र आ रही थी, क्यूंकी उस 1 घंटे की चुदाई में मों दो बार झाड़ चुकी थी, और अपना पानी निकाल दिया था. और ये सब देख कर मैं तो हैरान रह गया था क्यूंकी मों बिना किसी प्रोटेक्षन ( कॉंडम ) उसे करे बेफिकर होके छुड़वा रही थी, और अंकल का वीर्या भी अपनी छूट में ले रही थी. इससे वो प्रेग्नेंट भी हो सकती थी.
मों: आज बहुत मज़ा आया मुझे. तुमने मुझे जन्नत दिखा दी.
अंकल: अभी जन्नत कहा दिखी है. अभी तो खेल बाकी है. अभी तो मूह में लंड लेके इसे फिरसे खड़ा कर दे.
मों: नही अभी तुम एक और रौंद करोगे आ. मैं तक गयी हू. मुझसे अब और नही होगा. छूट में भी दर्द हो रहा है.
पर अंकल कहा मों की सुनने वाले थे. फिर अंकल बेड से खड़े हुए, और अपना लंड मों के मूह में डाल दिया, और मों भी अभी मजबूरी में उसे चूसने लगी. थोड़ी देर चूस्टे ही लंड खड़ा हो गया, तो अंकल ने तुरंत ही मों को डॉगी स्टाइल में घुमा के घोड़ी बना दिया, और फिर अपने लंड को मों की गांद में रगड़ने लगे. अब अंकल मों की गांद मार ने वाले थे तभी.
मों: नही गांद में मत छोड़ना, मैने आज तक अपनी गांद नही मरवाई. प्लीज़ तुमने छोड़-छोड़ के मेरी छूट में दर्द कर दिया है. अब गांद में नही प्लीज़.
अंकल: कोई बात नही, आज मैं तेरी गांद की सील तोड़ूँगा तू देख अब. कुछ ज़्यादा दर्द नही होगा. ऐसा मौका पता नही कब मिलेगा.
और फिर अंकल ने अपने लंड को मों की गांद पे सेट किया, और एक ज़ोर से झटका मारा. पर मों ने कभी अपनी गांद नही मरवाई थी. इसलिए उनका होल बहुत छ्होटा था, और अंकल का 9 इंच का लंबा और मोटा लंड उसमे घुस नही पा रहा था. फिर अंकल ने अपनी दो उंगलियों में थूक लगाया, और मों की गांद में डाला.
अंकल ने गांद को तोड़ा फैला दिया, जिससे उनका लंड अंदर चला जाए. फिरसे उन्होने एक ज़ोर का झटका मारा, और उनका सिर्फ़ आधे से भी कम लंड अंदर घुसा. पर मों का पहली बार था, इसलिए मों ज़ोर से चीखने और रोने लगी. मों झटपटाने लगी. उसको बहुत दर्द हो रहा था.
पर अंकल कहा मानने वाले थे. उन्होने फिरसे एक झटका मारा, और उनका पूरा लंड मों की गांद में घुस गया, और मों और ज़ोर से चीखने और रोने लगी. वो अंकल का लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, पर अंकल ने मों को जाकड़ रखा था. इसलिए वो कुछ नही कर सकी.
तभी अंकल ने तोड़ा वेट किया. फिर जैसे ही मों ने तोड़ा चीखना बंद किया, तब अंकल ने धीरे-धीरे मों की गांद छोड़नी स्टार्ट की. पर मों को अभी भी दर्द हो रहा था, और वो तड़प रही थी. अंकल तो अपने में ही मज़े से मों की गांद मारे जेया रहे थे.
क्यूंकी छ्होटा होल होने की वजह से उन्हे बहुत मज़ा आ रहा था, और उनका लंड मों की गड्राई गांद और उसके टाइट होल के बीच पूरा घिस रहा था. थोड़ी देर ऐसे ही छोड़ने की वजह से मों की गांद थोड़ी बहुत खुल गयी थी. पर उनके चेहरे से लग रहा था की उसे हल्का दर्द था, और उतने में ही मों झाड़ गयी. उन्होने अपना सारा पानी अंकल के पैरों पे निकाल दिया, पर अंकल बिना रुके छोड़े ही जेया रहे थे.
मों के झड़ने की वजह से उनकी छूट और गांद गीली हो गयी थी, जिससे अंकल के हर एक धक्के पर पच पच की आवाज़े पुर रूम में गूँज रही थी. अब मों भी अंकल का पूरा साथ देते हुए अपनी गांद को उनके लंड की और . रही थी, और सिसकियाँ ले रही थी. इससे अंकल और जोश में आ रहे थे, और उन्होने अब छोड़ने की स्पीड फुल तेज़ कर दी थी.
इससे मों पूरी . लगी, और ऐसे ही 30 मिनिट्स छोड़ने के बाद अब अंकल झड़ने वाले थे. तभी उन्होने अपना लंड मों की गांद से निकाला, और खड़े हो गये. मों भी तभी झाड़ गयी और अपना पानी वही छ्चोढ़ दिया. फिर वो घुटनो पर बैठ गयी और अंकल ने अपने लंड को मों के मूह में डाल दिया. मों उसे चूसने लगी.
अंकल बड़े तेज़ी से मों के मूह को छोड़ने लगे और तभी अंकल ने झाड़ दिया. उन्होने अपना सारा पानी मों के मूह में छ्चोढ़ दिया, और मों का मूह पानी से पूरा भर गया, और तोड़ा पानी बाहर भी आ गया. मैं ये देख के . रह गया की मों ने अंकल का पानी मूह में ही रखा, और वो पूरा पानी . लिया और पी गयी.
फिर अंकल ने लंड मों के मूह से निकाला तो उनका पूरा लंड थूक और पानी से गीला था. तभी मों ने लंड फिरसे मूह में डाल दिया, और चूस-चूस के अंकल का पूरा लंड सॉफ कर दिया. फिर वो दोनो बेड पे जाके लेट गये.
अंकल: वाह मेरी जान, आज तो मज़ा ही आ गया. क्या माल है तू. तुझे छोड़ के इतना मज़ा आया की किसी रंडी को छोड़ने पर भी नही आता. आज से तू मेरी पर्सनल रॅंड है.
मों: हा तो बना लो मुझे अपनी रखैल और जब मॅन करे मेरी चुदाई कर देना. मुझे भी बहुत मज़ा आया तुमसे चुड के मेरे मालिक.
अंकल: मैने जब से तूमे देखा है तो देख के लगता ही नही था की तुम इतनी हवासी और इतनी चुड़क्कड़ हो. मैं तो तुम्हे बहुत ही संस्कारी और घरेलू समझता था, पर तुम तो बहुत बड़ी रंडी निकली.
ये बात सुन कर मों ने अंकल को देख कर स्माइल करी. फिर अंकल ने मों को किस किया, और कपड़े पहन के रूम से बाहर आके घर से चले गये. मों ने वैसे ही नंगी हालत में बाहर जाके घर का मैं डोर लॉक किया, और अपने रूम में आ कर नहाने चली गयी.
फिर मैं भी अपने रूम में चला गया और रूम में जाके मैने उसी बारे में सोचते-सोचते मों के नाम की मूठ मारी और सो गया. तभी से मैं मों पे इन्सेस्ट हो गया और उसे छोड़ने के बारे में सोचता रहा.
अभी अंकल रात को रोज़ आने लगे, और रोज़ मों की चुदाई होती, और ये सब मैं पीछे विडो में से देख कर मूठ मारता. तो आप सब मुझे कॉमेंट्स और मैल करके ज़रूर बताना मेरी ये सॅकी और रियल कहानी आपको कैसी लगी. मिलते है जल्दी नयी कहानी के साथ. थॅंक योउ कॉमेंट्स करने के लिए.