बेटे ने मा की इज़्ज़त पर हाथ डालने की कोशिश की

ही दोस्तों, मेरा बाबूलाल है. मेरी आगे 23 है, और मैं राजस्थान से बिलॉंग करता हू.

अब मैं मेरी मा को इंट्रोड्यूस करता हू. मेरी मा का नामे जैयश्री है. उनकी आगे 42 साल है, और एक मस्त शरीर की मालकिन है.

उनकी बॉडी शेप कुछ इस प्रकार है. उनके बड़े-बड़े बूब्स है, और उनकी गांद का तो क्या कहना, आए-हाए मोटी गांद है. चलती है तो कूल्हे कभी इधर तो कभी उधर. देखते ही लंड खड़ा हो जाता है.

हमारे घर में एक-लौटा हू मैं, और पापा विदेश में काम करते है. 2 साल में एक बार घर आते है, और कुछ महीने हमारे साथ रुक के वापस चले जाते है. आपका टाइम वेस्ट नही करते हुए सीधे स्टोरी पे आता हू. चलिए शुरू करते है.

ये कहानी पिछले साल की सर्दी की है. हमारे घर में 4 रूम है. हर घर में एक ऐसा रूम होता है, जिसमे कोई खिड़की नही होती, और जिसमे पैसे, ज्यूयलरी वग़ैरा रखते है. उसी तरह हमारे घर में भी ऐसा रूम है. सर्दी में हम लोग उसी में सोते है.

मों मुझे हमेशा से प्यारी लगती है. एक दिन में पॉर्न वीडियो देख रहा था, की अचानक मेरे सामने मों-सोन पॉर्न वीडियोस आ गयी. मैने पहले तो इग्नोर किया, लेकिन फिर एक दिन मैने मों-सोन पॉर्न ओं की. उसको देख के मैं भूत ज़्यादा उत्तेजित हो गया, और मूठ मारी. और मेरा पहली बार बहुत ज़्यादा क्रीम निकला.

उसके बाद मुझे सबसे ज़्यादा मों-सोन वीडियोस ही अची लगने लगी. फिर मैं मों-सोन सेक्स स्टोरीस पढ़ने लगा. इनको पढ़ के मेरा मों को देखने का पूरा नज़रिया ही चेंज हो गया. अब मैं उनको हवस की नज़र से देखने लग गया.

एक दिन दोपहर को मैं टीवी देख रहा था. उस टाइम मों घर का काम फिनिश करके बातरूम नहाने चली गयी. थोड़ी देर बाद मेरे मॅन में आया की आज मों को नंगा देखा जाए. मैं टीवी का वॉल्यूम बढ़ा के बातरूम की तरफ चला गया.

हमारे बातरूम का गाते लोहे की चादर का बना हुआ है, जिसमे 2 3 सुराख है. ये देख के मैं और ज़्यादा खुश हो गया. मैं दबे पावं धीरे-धीरे बातरूम के करीब गया, और होल से अंदर देखने की कॉसिश कर रहा था. मेरी गांद भी फटत रही थी, की मों ना देख ले. होल के पास गया तो मेरी ढकान तेज़ होने लगी.

मैं होल से देखने लगा, और अंदर का नज़ारा देख के दिल खुश हो गया. मों मेरे ऑपोसिट बैठी थी, और नंगी हो कर अपने कपड़े धो रही थी. उनकी कमर और बड़ी-बड़ी गांद नज़र आ रही थी. गांद देखते ही मेरा लंड सलामी देने लगा.

मों की गांद देख-देख के मैं मज़े ले रहा था. फिर मों उठी और कपड़ो को साइड करके नहाने लगी. अभी भी उनका मूह दीवार की तरफ ही था. फिर मों अपने उपर पानी डालने लगी ,और साबुन अपनी बॉडी पर लगाने लगी. फिर चेहरे पर लगाने के बाद, बूब्स पर साबुन लगा के ज़ोर-ज़ोर से मसल-मसल कर सफाई कर रही थी.

उसके बाद वो घूमी तो उनके बड़े-बड़े बूब्स नज़र आ गये. हाए! क्या नज़ारा था, और वो आँखों पर साबुन लगने की वजह से आँख बंद कर रखी थी. फिर वो अपने हाथ से नीचे साबुन लगाने लगी.

मेरा दिल ज़ोरो से धड़कने लगा. मैं कब से इस मोमेंट का वेट कर रहा था, की मों छूट पे साबुन लगाएँगी, तो मुझे भी दर्शन हो जाएँगे. लेकिन मों वापस शवर की तरह घूम गयी, और छूट पर रग़ाद-रग़ाद के साबुन लगाने लगी, और फिर पानी डालने लगी.

जब पूरा सबून उतार गया तो उनका शरीर चमकने लगा. फिर टवल से बालों को सूखाया, और अपनी बॉडी को सॉफ करने लगी. फिर अपनी चोली (ब्रा) पहनने लगी. बाद में चड्डी (पनटी) पहनने लगी. फिर सलवार और कमीज़ पहन ली.

इतने में मैं उधर से धीरे से निकल गया. अब मेरी आँखों में मों की नंगी गांद और बड़े-बड़े बूब्स घूम रहे थे.

मैने रूम में आके मूठ मारी, और सो गया. अब ये मेरा डेली रुटीन हो गया था. मैं मों को नंगी देखता, और मूठ मारता.

कुछ महीनो बाद सर्दी शुरू हो गयी. अब हम लोगों ने हॉल में सोना बंद कर दिया, और अंदर रूम में सोना चालू कर दिया था.

मों और मैं अलग-अलग चारपाई पे सोते थे. एक रात की बात है. मों और मैं एक ही चारपाई पर बैठ के टीवी देख रहे थे. मैं मों के पावं दबा रहा था. तकरीबन 9:30 बाज रहे थे. मैं भी उनकी चारपाई पे लेट के टीवी देखने लगा.

देखते-देखते मों को मालूम नही कब नींद आ गयी थी. उस टाइम केबल टीवी पे एक छन्नल आता था फॅशन टीवी. मैने देखा मों सोई हुई थी, तो मैने वो चॅनेल ओं किया. उसमे बिकिनी पहने लड़कियाँ आ रही थी.

फॅशन शो चल रहा था. मैं उनको पॉज़ करके उनकी ब्रा पनटी में उनके बूब्स देखने की कोशिश कर रहा था. काई लॅडीस के निपल नज़र आए. देखते-देखते मेरा लंड खड़ा हो गया.

मों करवट लेके सो रही थी, और उनकी गांद मेरी तरफ थी. मैने टीवी ऑफ करके लाइट ऑफ कर दी, और धीरे से मों के पास आके वापस लेट गया, और मों की तरफ सरक गया. फिर मैं कंबल के अंदर घुस गया.

सर्दी थी, और मों ने सलवार सूट पहन रखा था. माने मों की गांद देख कर कंट्रोल खो दिया, और धीरे से उनकी गांद पर हाथ रखा. मुझे दर्र भी लग रहा था.

जैसे मैने मों की गांद पे हाथ लगाया, मेरी बॉडी के अंदर करेंट सा फैल गया. मैने धीरे-धीरे मों की गांद पे हाथ फेरा. मों उठ ना जाए इसलिए धीरे-धीरे गांद की दरार में उंगली करने लगा. मुझे गांद की गर्मी महसूस होने लगी.

मैं उंगली धीरे-धीरे पनटी और सलवार के उपर से ही घूमने लगा. मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने उंगली आयेज-बधाई, और छूट तक लेके गया, और फेरने लगा. फिर मैं उंगली सलवार के उपर से ही अंदर घुसने की कॉसिश करने लगा, और एक हाथ से अपनी शॉर्ट्स उतार कर अपना लंड हिलने लगा.

फिर मैने सोचा क्यू ना लंड टच किया जाए. मैने धीरे से मों की गांद पर लंड टच किया, और दरार में लंड घुसने लगा. अचानक से मों ने एक हाथ पीछे किया, और डाइरेक्ट मेरे लंड को पकड़ लिया.

मैं हिला नही, और तोड़ा पीछे हो गया. मों ने लंड छ्चोढ़ दिया, और मेरी गांद फटत गयी. लेकिन मों कुछ नही बोली. आयेज की स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा. स्टोरी अची लगी तो फीडबॅक ज़रूर दीजिए. थॅंक योउ.

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