बेटे ने मा की चुदाई के लिए आदमी बुलाया

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रंगा है, और मैं आपको जो सेक्स कहानी बताने जेया रहा हू, आप उसे सुन कर मूठ मार ही लोगे. ये जो कहानी है, वो मेरी मम्मी की चुदाई की है.

मेरी फॅमिली में हम 3 लोग रहते है, मेरे पापा, मम्मी और मैं. अब मैं जल्दी से आपको अपनी फॅमिली का इंट्रोडक्षन देता हू.

पापा- मेरे पापा एक बॅंक में काम करते है और 42 साल के है. वो हमेशा अपने काम से काम रखते है, इसी कारण घर से बाहर ही ज़्यादा रहते है.

मम्मी- मम्मी का नाम प्रभावती है, और वो 36 साल की एक-दूं पतिव्रता और संस्कारी औरत है, जो बस फॅमिली को ही ज़्यादा टाइम देती है. मम्मी का फिगर 34द-28-36 है, और उनका रंग दूध के जैसा सफेद है. मेरी मम्मी को आपको इमॅजिन करना है तो ‘आंजेला वाइट’ पोर्नस्तर की फोटोस देख लो. सेम वैसी ही लगभग दिखती है मम्मी.

मैं- ब.टेक. की पढ़ाई कर रहा हू, वही गाओं के पास कॉलेज में.

ये हॉट कहानी तब की है, जब मेरे कॉलेज के एग्ज़ॅम्स चल रहे थे, और तब मैं देर रात तक पढ़ता करता था. एक रात मैं पढ़ रहा था. तब रात के करीब 2 बजे मुझे प्यास लगी. मैं पानी पीने के लिए किचन जेया रहा था. फिर जब अपने रूम की तरफ वापस आ रहा था, तो मैने अपने मम्मी-पापा के रूम से आवाज़े सुनी.

फिर मैं उनके रूम के अंदर झाँकने लगा. मम्मी पापा के उपर बैठी थी, और पापा उन्हे छोड़ रहे थे. ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया, और कुछ देर के बाद मेरे पापा झाड़ गये. लेकिन मैं मम्मी के चेहरे से समझ गया था, की वो संतुष्ट नही थी.

तभी मम्मी ने पापा से कह दिया: आप अब पहले जैसा नही करते सेक्स.

पर पापा ने काम की टेन्षन है ये बोल कर बात ताल दी. उस रात से मेरे विचार मेरी मम्मी के लिए खराब हो गये, और चिंता भी होने लगी. मैने सोचा की मैं अपनी मम्मी को संतुष्ट करूँगा. और ये सोच कर मैं उनके लिए बाय्फ्रेंड खोजने लगा.

एग्ज़ॅम्स होने के बाद मैने इसी चक्कर में फ़ेसबुक पर एक फेक अकाउंट खोला, और वाहा मम्मी के लिए 30+ हटता-कटता आदमी ढूँढने लगा जो की मेरी मा की आग बुझा सके.

एक महीने तक मुझे कोई नही मिला. सब मुझे फेक समझने लगे थे. पर एक दिन मुझे इरफ़ान नाम के आदमी का मेसेज आता है.

इरफ़ान: ही, सुना है की तू तेरी मों को छोड़ने के लिए एक 30+ आदमी ढूँढ रहा है, जो की उसकी छूट को भोंसड़ा बना दे.

मैं: ही, छोड़ने के लिए नही, मैं बस बाय्फ्रेंड ढूँढ रहा हू मेरी मों के लिए.

आपकी आगे क्या है वैसे?

इरफ़ान: बेटा बाय्फ्रेंड क्या करेगा, तेरी मा को छोड़ेगा ही ना हहा. और मेरी आगे 38 है. हाइट 6 फीट 1 इंच है, और लंड का साइज़ 8 इंच है.

फिर इरफ़ान ने मुझे उसकी फोटो भेजी. वो दिखने में तोड़ा काला था (बिल्कुल पोर्नस्तर जक्श स्लयहेर जैसा दिखता था).

मैं: 8 इंच, इतना बड़ा! (मैं तो सुन के ही अचंभित हो गया)

इरफ़ान: हा, और तेरी मम्मी को सॅटिस्फाइ नही पूरा रंडी बनौँगा मेरे इस लंड के दूं पर, देख तू.

मैं: सुनो तुम आओगे, और तुम उन्हे छोड़ोगे ये नही होगा. तुम्हे मेरी मम्मी को पटना होगा पहले. तभी वो तुम्हे मिलेगी.

इरफ़ान: पटना होगा? यार! इसमे तो टाइम लगेगा

मैं: हा पर तुम्हे बहुत मज़ा आएगा और मैं तुम्हारी मदद करूँगा पाटने में. और एक बात सुनो, तुम जब उन्हे छोड़ोगे, तो मुझे उन्हे देखना है चूड़ते हुए.

इरफ़ान: ओक, आता हू फिर मैं तुम्हारे गाओं 15 दिन में, और तुम्हे बोल दूँगा कहा छोड़ूँगा. तुम आ जाना वही पर.

इसी बीच मेरी मम्मी ने जिम जाय्न कर लिया सविता आंटी के साथ. अब वो हर रोज़ 2 घंटे जिम करने लगी.

15 से 20 दिन हो जाते है, और इरफ़ान का कुछ पता नही था. इसी बीच मेरी मम्मी जिम करके और खुलने लगी थी. वो अब थोड़ी मॉडर्न होती जेया रही थी. टाइट पॅंट्स आंड टाइट ब्रा पहनने लगी थी. इसी बीच मुझे फ़ेसबुक पर मेसेज आता है

इरफ़ान: ही, मैं तुम्हारे गाओं आ गया हू, और यहा रह रहा हू. क्या तुम मुझे तुम्हारी मा से मिला सकते हो? मतलब उसे बस एक बार सामने से देकना है, और तुम भी मुझे देख लेना.

मैं: ओक, करता हू ट्राइ.

तो मैने प्लान बनाया की मैं और मम्मी शाम को जूस पीने जाएँगे, और वाहा इरफ़ान को बोल दूँगा पहले ही आ जाएगा, और देख लेगा. रात को मैं और मम्मी बाहर निकले, और मम्मी ने पिंक सारी पहनी थी, वित स्लीवलेशस ब्लाउस. क्या दिख रही थी मम्मी, और मम्मी की कमर दिख रही थी गोरी-गोरी.

मैने इरफ़ान को पहले ही बोल दिया था, और वो जूस सेंटर पहुँच गया था. वाहा हम पहुँचे. जैसे ही हम बैठे, मैं इरफ़ान को देख कर हक्का-बक्का रह गया, की बाप रे ये आदमी तो मेरी मम्मी को छोड़ के पूरा संतुष्ट कर देगा.

अब वो मेरी मम्मी को घूरे जेया रहा था, और लंड को दबा रहा था. मम्मी ने भी उसे देखा और इग्नोर किया, और इरफ़ान तो वैसे ही था लंड को दबा रहा था. फिर हम वाहा से निकल गये, और घर पर आके सो गये. रात में मुझे मेसेज आता है इरफ़ान का-

इरफ़ान: क्या माल है ये रंडी. इसके लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हू.

मैं: तुम्हे जिम में पटना होगा मम्मी को.

इरफ़ान: जिम तो लगा ली, बस कब जाती है ये बता तू.

मैं: 3 से 5 दोपहर जिम जाती है. तब वाहा कम भीड़ होती है.

आयेज की कहानी अब यहा से कुछ मुझे इरफ़ान ने बताई है.

मम्मी अगले दिन जिम को जाने के लिए एक-दूं तैयार होती है. जैसे ही मम्मी जाती है, मैं इरफ़ान को मेसेज कर देता हू. इरफ़ान भी जिम पहुँच जाता है और मम्मी जब जिम आती है इरफ़ान बस मम्मी को ही देखते रहता है.

मम्मी जब कार्दीओ करने जाती है, तो बाजू वाले ट्रेडमिल पर इरफ़ान भी रन्निंग करता है, और मम्मी को स्माइल देता है. मम्मी भी स्माइल बॅक करती है, और इरफ़ान और उनकी बात-चीत होती है. ऐसा लग रागा था की मम्मी डाइरेक्ट्ली इरफ़ान की बॉडी पे फिदा हो गयी थी.

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