बेटे ने खुलवाए मा के राज़

हेलो दोस्तों, काफ़ी टाइम बाद कहानी लिख रहा हू, तो डाइरेक्ट कहानी पे ही आते है. आप लोग भी बेसबरी से कहानी का इंतेज़ार कर रहे है. अब तक आप लोगों ने पढ़ा की मेरे और मेरी बेहन (मनु) के बीच सेक्स शुरू हो चुका था, और दोनो रोज़ एक-दूसरे को संतुष्ट करके सो जाते थे. मम्मी भी मेरी बढ़ती जवानी को देख के मेरे साथ ओपन माइंडेड होके, फ्रॅंक्ली बात करने लगी थी.

मुझे और दीदी को सेक्स करते लगभग एक डेढ़ महीना हो गया था. दोनो अपनी जवानी का पूरा मज़ा ले रहे थे. नयी-नयी नॉटी चीज़ें ट्राइ कर रहे थे. मेरे और दीदी के एक्सपीरियेन्स के बारे में आपको कभी किसी दूसरी सीरीस में बतौँगा.

मेरी और मम्मी के बीच बीच में चीज़ें बस मज़ाक मस्ती तक ही चल रही थी. पापा तो सुबा से शाम तक ड्यूटी ही करते थे. वो मेरे और मनु का ख़याल नही रख पाते थे, तो हमारे ख़याल की ज़िम्मेदारी मम्मी के उपर थी. मम्मी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही थी मेरी और दीदी की दोस्त बनने की, ताकि हम इस जवानी में कोई ग़लत कदम ना उठा ले.

मम्मी मुझे अपने कॉलेज की बातें बताती थी. अपनी और अपने दोस्तों की कॉलेज की पिक्चर्स दिखती थी. मुझे अपनी दोस्तों के बारे में बताती थी, और बीच-बीच में लड़कों की बातें भी बताती थी. एक रात मैं और दीदी सेक्स कर रहे थे. दीदी को मैं घोड़ी बना कर छोड़ रहा था. वो झड़ने के बिल्कुल करीब थी.

मैने छोड़ने की रफ़्तार बढ़ा दी, की तभी कॉंडम फटत गया. दीदी हवस से भारी थी, और झड़ने के करीब थी. उसने कॉंडम हटाया, और लंड छूट में डाल कर चूड़ने लगी. जैसे ही दीदी झड़ने को हुई, मैं भी झड़ने वाला था. मैने अपना सारा माल दीदी के पेट पर निकाल दिया.

दीदी ने साइड में पड़ी मेरी त-शर्ट से मेरा माल पोंछ दिया. अगले दिन मम्मी कपड़े धो रही थी, तो उनकी नज़र मेरी त-शर्ट पे लगे सफेद निशान पे गयी. मम्मी को पता था की ये मेरा माल लगा हुआ था. अगले कुछ दिन ऐसे ही जब भी मम्मी कपड़े धोती, तो कभी त-शर्ट, कभी रुमाल, कभी मेरे बॉक्सर, कभी अंडरवेर पे माल लगा हुआ मिलता.

पहले तो शुरुवत में मम्मी को मेरे उपर गुस्सा भी आता था, और वो नफ़रत भारी नज़रों से देखती थी. पर धीरे-धीरे मेरा माल देखना उनके लिए आम बात हो गयी. अगले हफ्ते से मिड टर्म एग्ज़ॅम्स स्टार्ट होने वाले थे, तो मैं प्रेपरेशन के लिए घर पे ही रुक गया.

दीदी के एक महीने बाद थे, क्यूंकी वो पोस्ट-ग्रॅजुयेशन कर रही थी. मैं और मम्मी घर पे अकेले थे. लंच करने के बाद मैं और मम्मी टीवी देखने लगे. मम्मी ने अपने फोन में मुझे एक लड़की की फोटो दिखाई.

मम्मी: राहुल ये लड़की कैसी है?

मैं: दिखने में तो ठीक-ठीक है. इतनी कुछ ख़ास भी नही है. कों है?

मम्मी: मुझे तो अची लगी दिखने में. तेरे मामा के लिए पसंद की है.

मैं: अछा मामा को देख के तो सही है उनके हिसाब से.

मम्मी: अछा मतलब तेरे हिसाब से सुंदर नही है? तो तेरे लिए इससे भी सुंदर लड़की ढूँढनी पड़ेगी.

मैं: आपको प्रेशन होने की ज़रूरत नही है. मैं खुद ढूँढ लूँगा आपके लिए सुंदर सी बहू.

मम्मी: श ऐसा है क्या? ढूँढ कर रखी है या फिर बाद में ढूंढेगा?

मैं: नही मम्मी, मैं तो ऐसे ही मज़ाक कर रहा था. मैं तो आपकी पसंद की लड़की से ही शादी करूँगा. आज-कल अची लड़कियाँ मिलती ही कहा है? सब बस टीमेपस्स करती है.

मम्मी: कुछ लड़कियाँ अची भी होती है. सब को जड्ज नही करते समझे.

मैं: ठीक है मम्मी, सॉरी.

मम्मी: अगर तेरी गर्लफ्रेंड नही है, तो तू फोन पे किसके साथ चाटिंग करता रहता है?

मैं: मैं तो किसी से नही करता, आपको क्या पता?

मम्मी: सब पता है मुझे तू कब क्या करता है? आज कल बहुत कुछ नोटीस कर रही हू मैं. देर रात तक जागता रहता है, पता नही चलता क्या मुझे?

मैं: अछा ठीक है. मैं आपको बता दूँगा सारी बातें. पर आपको भी जो मैं पूचु सब बताना पड़ेगा, प्रॉमिस करो.

मम्मी ने मेरी बात मान ली, और मैने भी मम्मी को टानू (मेरी गफ़) के बारे में सब कुछ बता दिया. मैने मम्मी से उनकी शादी के बारे में पूछा. फिर मैने मम्मी से पूछा की क्या उनका कोई बाय्फ्रेंड रहा था?

मम्मी: ये कैसा सवाल है, चल मैं नही बता रही.

मैं: आपने प्रॉमिस किया है, तोडो मत, और तोड़ा तो मुझसे बात मत करना कभी. मैने भी टानू के बारे में बताया ना.

मम्मी: चल ठीक है बताती हू. पर तुझे भी मेरे सवालों के जवाब देने पड़ेंगे.

मैं: हा ओके, बताओ अब.

मम्मी: हा रहा है एक, जब मैं कॉलेज में थी तब.

मैं: वाउ मम्मी, क्या पापा को पता है आपका ब्फ था?

मम्मी: हा, मैने शादी से पहले ही बता दिया था. अब मेरी तुर्न है पूछने की. तू रात भर उसी से बात करता रहता है?

मैं: हा उसी से करता हू. आपको कैसे पता पर?

मम्मी: बस पता है मुझे, दूसरा सवाल पूच कोई ये नही.

मैं: नही ये ग़लत है. आपने ही बोला था जो पूछेंगे उसका जवाब देना पड़ेगा.

मम्मी: ठीक है. जब मैं सुबह कपड़े धोती हू, तब तेरे कपड़ों में तेरे पानी का निशान मिलता है मुझे. तो मैने बस सोचा की बात करते-करते पानी निकाल देता होगा.

मैं कुछ बोल नही पा रहा था, बस मम्मी के सामने शरम से बैठा हुआ था.

मम्मी: अर्रे क्या हुआ? कोई बड़ी बात नही है. इस उमर में सब करते है. पर तू कम किया कर, रोज़-रोज़ नही करते. तेरी तुर्न है सवाल पूछने की अब.

मैं: क्या आपने शादी से पहले अपने ब्फ के साथ कुछ किया था?

मम्मी (सोचते हुए): हा. तूने क्या-क्या किया है अभी तक?

मैं: मैने सेक्स के अलावा सब कुछ कर लिया.

मम्मी: अछा सब कर लिया, तो वो क्यूँ नही किया है?

मैं: वो मेरे बर्तडे वाले दिन हम करने ही वाले थे, की आपका कॉल आ गया की घर आजा मार्केट जाना है.

मम्मी ( ज़ोर-ज़ोर से हासणे लगी): हाहाहा, पर तू मुझे बोल देता की थोड़ी देर में अवँगा.

मैं: नही मम्मी, मेरे लिए आप ज़्यादा इंपॉर्टेंट हो सेक्स से.

ये सुन के मम्मी को कुछ हुआ. उनका दिल तेज़ धड़कने लगा.

मैं: मम्मी क्या आपने शादी के बाद भी पापा के अलावा किसी और से किया है?

मम्मी: ये कैसा फालतू सवाल है? ऐसे तू पूच भी कैसे सकता है?

मम्मी नाराज़ होके उठ के अपने रूम में चली गयी. मैं मम्मी को मानने उनके पीछे-पीछे रूम में चला गया. मम्मी बेड पे लेती हुई थी. मैं चुप-छाप मम्मी के पीछे जाके लेट गया, और उनको पीछे से लेते-लेते हग कर लिया. मेरे पीछे से छूने से मम्मी को जैसे करेंट सा लगा, और झट से पलट के मुझे खुद से अलग किया. मैने मम्मी को बहुत सॉरी बोला.

मैं: मम्मी मेरा आपको हर्ट करने के लिए नही पूछा था. मैने नही सोचा था की आपको हर्ट हो जाएगा. मैने तो बस ऐसे ही पूच लिया.

मम्मी: मुझे तेरी बात का बुरा नही लगा. मुझे बस कुछ याद आ गया था.

मैं: क्या हुआ मम्मी, ऐसा क्या याद आ गया जो आपका मुझसे बात करने का भी मॅन नही है?

मम्मी: तुझसे मैं कैसे नाराज़ हो सकती हू. तू तो मेरी जान है, मेरे जीने का सहारा है. तेरे साथ तो मैं खुल के कोई भी बात कर सकती हू. वो बातें भी मैं तुझे बता सकती हू जो मैं कभी तेरे पापा को भी ना बता पौ. मुझे यकीन है तू अपनी मा का भरोसा कभी नही तोड़ेगा.

मैं: तो ऐसी क्या बात है जो आपको परेशन कर रही है? अभी भी मुझ पे भरोसा करके देखो.

मम्मी: मैने शादी के बाद कभी किसी से सेक्स करने का नही सोचा. पर जब तेरे पापा और मेरी शादी को 4-5 साल हुए थे, तब तेरे पापा का अपनी एक दोस्त के साथ अफेर था. वो उनके ऑफीस की ही एक ऑफीसर थी. बस तेरे सवाल से मुझे ये सब याद आ गया.

मैं: ई आम सॉरी मम्मी. मुझे नही पता था. आयेज से ऐसे सवाल नही करूँगा, जिससे आपको तकलीफ़ हो.

मम्मी: माफी मत माँग, तेरी वजह से मेरा मॅन आज हल्का हो गया है. मैने आज तक ये बात किसी को नही बताई थी.

मैं: थॅंक योउ मम्मी मुझपे भरोसा करने के लिए. मैं आपको कभी निराश नही करूँगा. आप से बहुत प्यार करता हू मैं मम्मी.

मम्मी: हप बेशरम! जाके अपनी गर्लफ्रेंड को प्यार कर.

मैं: गर्लफ्रेंड को प्यार तब करूँगा जब हम अकेले में कही मिले और हमे कोई डिस्टर्ब ना करे.

मम्मी: ओह अछा बेटा! ज़्यादा फ्रॅंक नही हो रहा है तू अचानक मम्मी के साथ?

मम्मी से ही गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स की बातें कर रहा है.

मैं: आपने ही तो कहा था की मैं आपकी जान हू. तो वैसे ही आप भी मेरी जान हो. तो मैं भी आपके साथ अपने मॅन की बात कर सकता हू.

मम्मी: ज़्यादा स्मार्ट हो गया है. मेरी ही बातों को मेरे पे उसे करके मक्खन लगा रहा है.

मैं: मम्मी अब हम दोस्त बन गये है, तो आपको प्राब्लम ना हो तो एक बात बोलू?

मम्मी: बोल ऐसा क्या है?

मैं: क्या मैं टानू (मेरी गफ़ ) को घर पे एक दिन ला सकता हू क्या? प्लीज़ माना मत करना.

मम्मी: नही-नही, पागल है क्या? घर पे आएगी तो दोनो को मरवाएगा तू. तेरे पापा या मनु ने देख लिया ना, तो फ़ासस जाएँगे समझा. अगर तुझे सेक्स ही करना है ना, तो मैं पैसे दे दूँगी, किसी आचे से होटेल में ले जेया. पर घर पे ये सब नही करना.

मैं ( मेरा भी एक सीक्रेट प्लान था, इसलिए मुझे कैसे भी करके टानू को घर लाना था): मम्मी आपको तो पता होगा ना होटेल में सेक्स करना कितना रिस्की होता है. हिडन कॅमरा होते है, रूम में कोई भी वीडियो बना के पोस्ट कर देगा, तो बदनामी हो जाएगी.

मैं: और किसी को कुछ नही पता चलेगा. मेरे पास एक आइडिया है जब पापा सुबा ड्यूटी पे चले जाएगे, और मनु दीदी कॉलेज चली जाएँगी, तब मैं टानू को बोला लूँगा. और आप हो ना, मुझे पता है कुछ गड़बड़ हुई तो आप संभाल लॉगी.

मम्मी: अछा चल ठीक है, सोच के बताती हू. पर कभी-कभी, रोज़-रोज़ घर पे ये सब नही चलेगा समझा?

मैं: थॅंक योउ मम्मी. आप सबसे बेस्ट हो.

और ज़ोर से मम्मी को हग कर लिया. आयेज क्या हुआ, पढ़िए कहानी के अगले पार्ट में, और आपनी कोई शिकायत हो या कोई कॉमेंट हो, तो मुझे गमाल और कॉमेंट सेक्षन में ज़रूर बताइए.

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