हेलो दोस्तों, मैं सोनू अपनी मों-सोन सेक्स स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट शुरू करने जेया रहा हू. जैसा की मैने पिछले पार्ट में बताया था की मैं मम्मी को सबक सीखने के लिए चाची और बड़ी मम्मी को अपने रूम में छोड़ता हू, और मम्मी हमारी चुदाई देखती है, और उदास हो जाती है.
फिर मम्मी से मेरी बात होती है. तब मैं मम्मी को बताता हू की बड़े पापा मम्मी और अपनी चुदाई का वीडियो बना लिए थे, और ब्लॅकमेल करके मम्मी से शादी करना चाहते थे. अब आयेज.
मम्मी: सोनू तू सच बोल रहा है ना? या मेरे को डरने के लिए झूठ बोल रहा है?
सोनू: अगर आपको मेरे उपर विश्वास नही है तो बस रीमा की शादी होने दो. फिर देखना बड़े पापा अपनी और आपकी चुदाई का वीडियो दिखा के आपको ब्लॅकमेल करके आपसे शादी करेंगे. फिर आप पड़े रहना यहा अपने जेठ जी की रंडी बन के.
मम्मी: बेटा मेरे को तेरे उपर पूरा विश्वास है. मैं जानती हू तू कभी मेरे साथ कुछ ग़लत नही होने देगा. मैं बस इसलिए हैरान हू, जब जेठ जी अपना और मेरा चुदाई का वीडियो बना रहे थे, तो मेरे को पता कैसे नही चला?
सोनू: हो सकता है बड़े पापा फोन का वीडियो रेकॉर्डिंग ओं करके रूम में च्छूपा दिए हो, ताकि आपको पता ना चले
मम्मी: हा, ये हो सकता है. लेकिन बेटा हम लोगों को कुछ भी करके जेठ जी का फोन हासिल करना है, और वो वीडियो को डेलीट करना है. लेकिन जेठ जी तो अपना फोन किसी को छ्छूने भी नही देते है. हर टाइम अपने से चिपका के रखते है. हम लोग कैसे जेठ जी का फोन हासिल करेंगे बता?
सोनू: वो सब मैं सोच लिया हू. आपको कुछ करने का ज़रूरत नही है. मैं सब कुछ कर लूँगा
मम्मी: बेटा मैं जानती हू तू मेरे से नाराज़ है, और मेरे को जेठ जी से बचना चाहता है. लेकिन बेटा तू अकेला ये सब कैसे करेगा?
सोनू: एक बार बोला ना मम्मी मैं खुद कर लूँगा, तो बार-बार क्यूँ सवाल कर रही हो आप?
मम्मी: मेरे को दर्र इश्स बात का की कही जेठ जी तेरे को फोन लेते हुए देख ना ले, और अगर जेठ जी तेरे को ऐसा करते हुए देख लिए, तो जेठ जी मेरे को पाने के लिए तेरे को कुछ ना कर दे. मेरे को तेरी फिकर हो रही है.
सोनू: अछा अब मेरी फिकर हो रही है आपको? जब आप पिछले 1 हफ्ते से अपने जेठ जी के साथ उछाल-उछाल कर चुड रही थी, तब आपको मेरी फिकर नही हुई?
मम्मी: माफ़ कर्दे बेटा मेरे को, मैं हाथ जोड़ती हू प्लीज़.
सोनू: इतनी जल्दी आपको माफी नही मिलेगी.
मम्मी: मैं तेरे को खूब प्यार करूँगी. फिर देखती हू तू कैसे मेरे को माफ़ नही करता है.
फिर तुरंत मम्मी मेरी गोदी में बैठ जाती है, और मेरे होंठो को अपने होंठो से चूसने लगती है. मैं तुरंत मम्मी को धक्का दे देता हू, और मम्मी बिस्तर में गिर जाती है. वो बोली-
मम्मी: सोनू मैं तेरे से चूड़ने के लिए तड़प रही हू. मेरी छूट को तेरा लंड चाहिए.
सोनू: तो अपने जेठ जी के पास जाओ ना, या फिर अपने ससुर जी के पास. जाओ वो लोग आपकी तड़प मिटा देंगे.
मम्मी: लेकिन मेरी तड़प, मेरी छूट की प्यास, सिर्फ़ तेरे ही लंड से बुझ पाती है मेरे सोनू डार्लिंग.
सोनू: मूड नही है मेरा.
मम्मी: डार्लिंग मैं तेरा मूड बना दूँगी.
मैं गुस्से से बोला-
सोनू: एक बार बोला ना, मूड नही है मेरा. समझ नही आ रहा है आपको?
मम्मी मेरा गुस्सा देख के तोड़ा दर्र गयी, और उदास होके बोली-
मम्मी: ठीक है.
फिर मैं बिस्तेर में चुप-छाप लेट गया, और सिगरेट पीने लगा. मम्मी मेरे बगल में लेट गयी, और सोने लगी. कुछ देर बाद मैं भी सो गया. अगले दिन सुबा मैं उठा, तो मम्मी मेरे से पहले ही उठ गयी थी, और रूम में नही थी. मैं उठा और हाथ मूह ढोने बातरूम गया. कुछ देर में मैं बातरूम से बाहर आया, तो देखा मम्मी मेरे लिए छाई-नाश्ता लेकर बिस्तर में बैठी थी. मम्मी मेरे को देखते ही प्यार से बोली-
मम्मी: मेरा बेटा उठा गया! मैं तेरे को उठाने ही आई थी, और देख मैं तेरे लिए नाश्ता भी लाई हू. आज मैं तेरे को अपने हंतो से नाश्ता खिलौंगी.
मैं जानता था मम्मी मेरे को मानने की कोशिश कर रही थी. लेकिन मैं मम्मी को और परेशान करना चाहता था. तो मैं बोला-
सोनू: मैं खुद ही नाश्ता कर लूँगा.
मम्मी: नही मैं तेरे को अपने हंतो से ही नाश्ता करौंगी.
सोनू: देखो मम्मी, सुबा-सुबा मेरा दिमाग़ खराब मत करो. मैं एक बार बोल दिया हू की मैं खुद ही नाश्ता कर लूँगा. तो बार-बार परेशान मत करो.
मम्मी मेरे से ज़्यादा बहस नही की, और उदास हो कर बोली-
मम्मी: ठीक है जैसी तेरी मर्ज़ी.
मैं कुछ नही बोलता हू, और चुप-छाप नाश्ता करने लगता हू. मम्मी भी मेरे बगल में बैठी रहती है. कुछ देर बाद मेरा नाश्ता हो जाता है, और ऐसे ही कुछ घंटे बीट जाते है. फिर दोपहर हो जाती है. मैं खाना-वाना खा के रूम में आ गया रहता हू, और मम्मी नीचे मेहमआनो से बात करते रहती है.
थोड़ी देर बाद बड़ी मम्मी और रेणु चाची दोनो मेरे रूम में आती है, और रूम का दरवाज़ा बंद कर देती है, और बोलती है-
रंजीता: सोनू हम दोनो की छूट में आग लगी हुई है, बुझा दे ना.
सोनू: अर्रे तो दोनो वहाँ क्यूँ खड़े हो? मेरे पास आओ.
फिर दोनो मेरे पास आती है, और मेरे अगाल-बगल बैठ जाती है. अब वो दोनो मेरे को चूमते रहती है. तभी मम्मी रूम का दरवाज़ा खटखटती है. बड़ी मम्मी और रेणु चाची दोनो घबरा जाती है, और तुरंत बातरूम में घुस के च्चिप जाती है.
फिर मैं रूम का दरवाज़ा खोलता हू. मम्मी रूम के अंदर आती है, और रूम का दरवाज़ा बंद कर देती है, और बोलती है-
मम्मी: स्वीटहार्ट, अभी भी नाराज़ है मेरे से?
सोनू: हाअ हू.
मम्मी: आज मैं तेरी सारी नाराज़गी डोर कर दूँगी.
फिर मम्मी मेरे को ज़ोर से धक्का देके बिस्तर में गिरा देती है, और मेरे दोनो हाथ पलंग के खूँटे से बाँध देती है. मैं बोला-
सोनू: देखो मम्मी, आपकी इस हरकत का मेरे उपर कोई फराक नही पड़ेगा.
मम्मी: अछा देखते है.
फिर मम्मी तुरंत अपनी सारी, ब्ल्ौसे, चड्डी, और ब्रा निकाल कर नंगी हो जाती है, और मेरे उपर आके बैठ जाती है. फिर मेरे बालों को सहलाते हुए बोलती है-
मम्मी: बेटा मैं जानती हू की सब मेरी ग़लती है. पर मैं तेरे से बहुत प्यार करती हू, और जीवन का असली सुख भी मेरे को सिर्फ़ तेरे से ही मिला है. तेरा बाप मेरे को कभी चुदाई में खुश नही कर सका. लेकिन तू जो चुदाई का सुख मेरे को दिया है, ऐसा सुख मेरे को कभी नही मिला है.
मम्मी: मैं तेरे लंड के लिए तड़प रही हू. मेरे को तेरा लंड चाहिए. मैं तेरी सारी नाराज़गी भी डोर कर दूँगी.
फिर मम्मी सीधा मेरे होंठो को चूसने लग जाती है. वो बहुत जोश में रहती है. मैं मम्मी को रोक ही नही पाता हू, और मम्मी का साथ देने लग जाता हू. मैं तिरछी नज़र से बातरूम की तरफ देखता हू, तो बड़ी मम्मी और चाची दोनो मेरा और मम्मी का रोमॅन्स देख कर मुस्कुराते रहती है. फिर चाची मेरे को देख के आँख मार्टी है.
फिर मम्मी मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरे छ्चाटी के पास आती है, और मेरी बनियान खींच के फाड़ देती है. उसके बाद वो मेरी छ्चाटी को चूमने लग जाती है. मैं सच बता रहा हू, 1 हफ्ते के बाद मेरे को अपनी मम्मी के बदन का एहसास मिल रहा था, और मेरे को बहुत अछा लग रहा था.
फिर मम्मी मेरे पेट को चूमते हुए मेरे लंड तक चली जाती है, और मेरे लंड को शॉर्ट्स के उपर से ही हाथ से सहलाती है, और मेरा खड़ा लंड देख कर बोलती है-
मम्मी: तेरा खड़ा लंड देख के लग रहा है तेरा नाराज़गी डोर हो गयी.
सोनू: इतनी जल्दी नही होगी.
मम्मी: आज तेरी सारी नाराज़गी डोर होगी.
फिर मम्मी मेरे शॉर्ट्स को निकाल देती है, और मेरे लंड को मूह में लेकर चूसने लगती है. मम्मी मेरे लंड को चूस्टे हुए मेरे टॅटन को भी हाथ से सहलाते रहती है. मेरे को बहुत मज़ा आते रहता है, और मैं मज़े लेते हुए लेता रहता हू. बड़ी मम्मी और चाची भी अपनी-अपनी छूट में उंगली डाल कर ये सब देखते रहती है.
कुछ देर लंड चूसने के बाद मम्मी अपनी छूट मेरे मूह में रख देती है. फिर हम लोग 69 करने लग जाते है. मम्मी मेरे लंड चूस्टे रहती है, और मैं मम्मी का छूट चाट-ते रहता हू. मेरे को बहुत दिन के बाद मम्मी की छूट का स्वाद चखने मिलता है. मेरे को तो मज़ा ही आ जाता है.
कुछ ही देर में मम्मी मेरे मूह में ही झाड़ जाती है. फिर मम्मी उठती है, और मेरे लंड को अपनी छूट में घुसा के बैठ जाती है और कूदने लगती है.
मम्मी: अया अया अयाया अया कितना मज़ा आ रहा है तेरा लंड लेके. बहुत दीनो बाद मिला है आ आ श और छोड़ आ अया श एस आ.
मम्मी मज़े से मेरे लंड पर उछाल-उछाल कर चूड़ते रहती है, और मैं भी नीचे से अपनी कमर उठा-उठा कर धक्के मारता रहता हू.
मम्मी: अया आ मज़ा आ रहा है, अया आ श अया, और छोड़ अया आ सोनू आ आ आ.
इसी बीच मेरा नज़र बड़ी मम्मी और चाची पे पड़ता है. बड़ी मम्मी और चाची चुप-छाप से बातरूम से निकलती है. मम्मी का चेहरा मेरे तरफ रहता है, इसलिए मम्मी चाची और बड़ी मम्मी को नही देख पाती है.
चाची और बड़ी मम्मी बातरूम से निकल कर रूम से बाहर जाते रहती है, और दोनो मेरे को देख के आँख मार्टी है, और रूम से बाहर निकल कर दरवाज़ा बंद कर देती है. इधर मम्मी ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड पे कूदते रहती है
मम्मी: आ अया अया अया मज़ा आ रहा है आ आ और छोड़ मेरे को मेरी जान आ आ आ.
फिर कुछ देर और चुदाई करने के बाद मैं मम्मी की छूट में ही झाड़ जाता हू, और मम्मी भी मेरे साथ में ही झाड़ जाती है. मम्मी मेरी च्चती में सर रख के मेरे उपर लेट जाती है. मैं बोला-
सोनू: अब मेरा हाथ तो खोलो.
फिर मम्मी मेरा हाथ खोलती है और बोलती है-
मम्मी: अब बता क्या तू अभी मेरे से नाराज़ है?
सोनू: हा हू.
मम्मी: अछा ठीक है, देखती हू तू कब तक मेरे से नाराज़ रहता है. वैसे तेरे लिए मैं एक सर्प्राइज़ सोच के रखी हू.
सोनू: कैसा सर्प्राइज़?
मम्मी: तोड़ा सबर कर. उस सर्प्राइज़ के बाद पक्का तेरी सारी नाराज़गी डोर हो जाएगी.
सोनू: वो तो आपका सर्प्राइज़ देखने के बाद ही पता चलेगा.
मम्मी: जल्द ही तेरे को अपना सर्प्राइज़ मिलेगा.
फिर मम्मी मेरे छ्चाटी में सर रख के सो जाती है, और मैं भी सो जाता हू. शाम को मेरी आँख खुलती है, तो मम्मी बातरूम से निकलते रहती है. मैं नंगा ही बिस्तेर में पड़े रहता हू. फिर मम्मी मेरे पास आती है, और खुद मेरे को कपड़े पहनती है और बोलती है-
मम्मी: मैं नीचे जेया रही हू मेहमआनो से बात-चीत करने. तू भी हाथ मूह धो कर नीचे आना.
सोनू: ठीक है.
फिर मम्मी चली जाती, और फिर मैं भी हाथ मूह धो कर नीचे चला जाता हू.
इसके आयेज क्या हुआ, वो मैं अगले पार्ट में बतौँगा. ये मों-सोन से स्टोरी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे.