रेखा मौसी ने लंड को पूरा मूह में भर लिया, और फिर मेरी बॉल्स को सहलाने लगी. जिससे मेरे आँख में काम का नशा छा गया. 10 मिनिट तक मौसी ने आचे से लंड को चूसा. फिर वो लंड पकड़ कर मेरी बॉल्स को चाटने लगी.
मेरी मौसी पुर तंन और मॅन से बॉल्स को चाट रही थी. फिरसे लंड मूह में लेके चूसने लगी. फिर अचानक से गाते पर आवाज़ आई तो देखा की गाते पर उसका बेटा खड़ा था.
कहानी अब आयेज-
रेखा मौसी मेरा गरम खड़ा लंड चूस रही थी. इधर गाते पर उसका बेटा राहुल आ गया था. वो एक-दूं से अंदर आ गया. उसकी आवाज़ से मैने मौसी का मूह लंड में दबाए रखा. रेखा को हिलने नही दिया. राहुल मेरे पास आया और बोला-
राहुल: भैया मम्मी कहा है?
मैं: मुझे क्या पता. बाहर होगी वो. जेया अब मुझे सोने दे.
राहुल: मम्मी कही नही दिख रही है.
मैं: बातरूम में होगी. तू जेया अब यहा से, मैं थोड़ी देर में आता हू.
राहुल: भैया ये आपकी रज़ाई ऐसी क्यूँ है?
मैं: तुझे क्या है? तू जेया ना बाहर. एक बार बोला तो सुनाई नही देता तुझे.
मौसी अंदर से लंड पर मूह दबाए हुए थी. वो बिल्कुल भी नही हिल रही थी. उसे दर्र लगने लगा था. मैने राहुल को बाहर भेज दिया. फिर मौसी एक-दूं से उठी और बोली-
मौसी: हे भगवान. बाल-बाल बचे है. राहुल आ गया यहा. मैने आपको माना किया था. लेकिन आप मेरी सुनते नही हो. हमेशा ज़िद्द करते हो.
मैं: कुछ हुआ क्या? मैं हू ना तेरे साथ. तू टेन्षन मत ले.
मौसी: क्या टेन्षन मत ले. अभी देखा ना राहुल कैसे पूच रहा था.
मैं: तो क्या हुआ? उससे कुछ पता चला क्या?
रेखा: आपने उसे ऐसे क्यूँ डराया? मुझे प्यार करते हो, उससे नही?
मैं: आबे साली डरता नही तो वो हज़ार सवाल करता. इसलिए थोड़े में उससे निपटा दिया. और तू अब दर्र मत.
मैं: जल्दी से लंड चूस. मेरा अब निकालने वाला है. मुझे फ्रेश कर जल्दी.
रेखा: आप क्या पुर पागल हो? आपको देख नही रहा है. वो मुझे पुर घर में ढूँढ रहा है. अब बस जाने दो मुझे. बाद में करना समझे.
मैने उसका मूह पकड़ के वापस रज़ाई में घुसा दिया, और लंड उसके मूह में दे दिया. अंदर से अपनी गांद उठा के मौसी के मूह झटके देने लगा. इससे उसके मूह से उम्म्म उम्म्म निकल रहा था. रेखा मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी. मैने उससे कहा.
मैं: साली ज़्यादा नाटक मत कर अब. चुप-छाप लंड चूस और इसे ठंडा कर. वरना यही तेरी छूट भी मार दूँगा.
ये सुन कर उसने अब ज़्यादा नाटक नही किया, और आचे से कड़क लंड को चूसने लगी. मैं उसके बाल पकड़ कर मूह लंड में उपर-नीचे करने लगा. रेखा मौसी ने 10 मिनिट तक लंड को आचे से चूसा. उसके बाद मैने अपना गरम वीर्या उसके मूह में ही छ्चोढ़ दिया. रेखा भी आचे से सारा रस्स चाट गयी. लंड को 2 मिनिट तक चाट कर सॉफ किया.
अब रज़ाई से निकालने लगी. मैं उसका मूह पकड़ कर मौसी के होंठो को चूमने लगा. मैने कहा-
मैं: लोवे योउ मेरी जान. तू जब बात मानती है तो अची लगती है. और तू इतना दर्र मत. मैं हू तो दर्र किस बात का?
रेखा: बात माननी पड़ेगी ना. आप धक्का जो करते हो. दर्र तो लगेगा ना.
मैं: तू मुझसे प्यार नही करती क्या?
रेखा: प्यार करती हू, तभी आपके साथ ऐसे लेती हुई हू ना.
मैं: तो तू मेरी बात नही मानेगी क्या?
रेखा: क्यूँ नही? अब सब कुछ मेरा आपका ही है. आपसे मुझे अब डोर नही होना है. लोवे योउ, लोवे योउ मेरे प्यारे हॅंडसम रोहित.
रेखा: आपको जो करना है करो. लेकिन प्लीज़ संभाल कर. वरना मैं किसी को मूह नही दिखा पौँगी.
रेखा: और आप राहुल को ऐसे मत दांता करो. वो अब आपका भी तो कुछ लगता है ना.
मैं: साली एक ना एक दिन उसे पता चल ही जाएगा. तू टेन्षन मत ले. मैं सब संभाल लूँगा. तू बस मुझ पर ध्यान दे.
रेखा मौसी हेस्ट हुए मेरी चेस्ट पर सिर रख कर मुझे चूमने लगी. मैने उसके सॉफ्ट चेहरे को उपर किया और कहा-
मैं: सच बता, तू मेरे साथ खुश है ना?
रेखा: आपके साथ ही खुश हू मैं. मुझे आपकी ज़रूरत थी. मुझे इतना प्यार करने वाला पति मिला है. तो खुश नही होंगी क्या? अब आप सिर्फ़ मेरे हो, समझे?
मैने उसकी गांद के माज़ को ज़ोर से दबा दिया. इससे वो ज़ोर की सिसकी लेने लगी.
रेखा: आह उहह. आप ना मानते नही हो. बहुत शैतान हो, मुझे परेशन करते हो. एक मेरा वो पति था, जो मुझे बिल्कुल नही छूटा था. एक आप हो जो मुझे हमेशा दबाने की फिराक में रहते हो.
उसने हेस्ट हुए मेरे गाल पर हल्का सा छाँटा मारा, और वही चूमने लगी. अब हमे काफ़ी टाइम हो गया था. वो मुझसे बोली-
रेखा: अब आपकी पर्मिशन हो तो मैं जौ? प्लीज़ अब जाने दो. राहुल बाहर है.
मैने उसे एक बार और ज़ोर से चूमा. फिर वो जाने लगी. जाते हुए मैने उसकी गांद पर एक छाँटा मार दिया. इससे वो उछाल पड़ी.
रेखा: आप ना सुधरोगे नही. अब उठ जाओ आप, और जाओ नहाने.
ये बोल के वो रूम से चली गयी. जाते हुए मैं पीछे से उसकी मटकती हुई गांद देख रहा था. कसम से दोस्तों मेरी मौसी की जवानी बाहर आ रही थी. वो मेरे साथ बहुत खुशी महसूस कर रही थी. जब वो घर आई थी, तब उसके चेहरे पर हमेशा तेनतीओं और उदासी रहती थी. लेकिन अब उसका चेहरा खिला-खिला रहता है. एक-दूं से उसके लाइफ में बदलाव आ गया था.
अब मैं भी उठा, और नहा धो के बाहर आया. देखा मम्मी और मौसी किचन में थी. मैं बाहर बैठा हुआ था किचन के अंदर क्या हो रहा था, सब कुछ बाहर से दिख जाता था. मैं बाहर चेर पर बैठा मौसी को ही देखे जेया रहा था.
मेरे पास में राहुल बैठा हुआ था. वो अपने मोबाइल में लगा हुआ था. जब मैं लगातार मौसी को देखे जेया रहा था, तो एक-दूं से काम करते हुए रेखा की नज़र मेरे पर गयी. मुझे उसे देखते हुए देख के वो शर्मा के मुस्कुराने लगी.
मैने उसे आँख मार के फ्लाइयिंग किस दे दिया. वो मुझे चुप रहने का इशारा करने लगी. कह रही थी राहुल और मेरी मम्मी थी पास में. फिर मौसी नाश्ता लेके मेरे पास आई. राहुल और मुझे नाश्ता दिया. मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी. मैने सब की नज़र से च्छूप के से उसकी कमर पर नोच दिया. उसके मूह से आउच निकल गया. राहुल बोला-
राहुल: क्या हुआ मम्मी?
रेखा: कुछ नही बेटा. छींटी ने काटा.
मुझे गुस्से से देखने लगी. मैने उसे देख कर मुस्कुरा दिया. जल्दी से किचन की तरफ चली गयी. क्यूंकी उससे पता था मेरे पास रहेगी तो मैं मस्ती करता रहूँगा. ऐसे ही एक-दूसरे को देखते हुए आधा दिन निकल गया.
हम नॉर्मल ही रहने लगे. मैने भी अपने उपर कंट्रोल किया. क्यूंकी मैं भी नही चाहता था हमारे बारे में किसी को कुछ शक़ हो. हम सब ऐसे ही बैठे हुए थे. मम्मी मौसी बातें कर रही थी.
मैने राहुल को बुलाया और बोला-
मैं: राहुल, मेरे साथ बाहर जाईपुर घूमने चलेगा? बोल आज फुल मज़ा करेंगे.
राहुल: हा भैया, चलो ना, मज़ा आएगा. यहा घर में कितना बोर लग रहा है.
मैं: तो बता कों-कों चले घूमने?
राहुल: भैया आप और मैं.
मैं: क्यूँ यार, मौसी को भी साथ ले लेते है ना. वो भी तो साथ चल सकती है.
राहुल: ठीक है. मैं मम्मी से पूछता हू.
राहुल ने मेरी मम्मी और रेखा के सामने ही मौसी से कहा-
राहुल: मम्मी भैया बाहर घूमने का बोल रहे है. आप चलोगे क्या?
अब वो एक-दूं से शॉक होके मुझे देखने लगी. उसे समझ नही आ रहा था क्या बोले. मेरी मम्मी भी थी पास में. फिर मैने कहा-
मैं: हा मौसी चलो ना, कितने दिन से कही बाहर नही गये है. घर ही घर में बोर हो जाते है. राहुल का भी मॅन है.
मेरे मम्मी: हा तुम लोग चले जाओ. रोहित अपनी मौसी को घुमा ला. इसका भी मॅन बहाल जाएगा.
मौसी भी खुश हो गयी. वो भी चाहती थी बाहर जाना. उसने अपनी ज़िंदगी में जब से विधवा का रूप लिया था, तब से वो घूमना और खुश रहना भूल गयी थी. मैं उसे सारी खुशी देना चाहता था.
मैने कहा: हा मौसी चलो ना. शाम तक वापस आ जाएँगे.
मौसी ने भी नज़रे नीचे कर हा कह दिया. मैने फिर कहा-
मैं: राहुल और मौसी आप जाओ, जल्दी से रेडी हो जाओ.
मौसी भी रूम में चली गयी, और रेडी होने लगी. मैं अपने रूम में चला गया. तभी थोड़ी देर बाद मौसी रेडी होके मेरे पास आई. मैं शीशे में अपने बाल ठीक करने लगा था. तभी पीछे से आ कर मौसी ने मुझे पकड़ लिया. मैने भी उसके हाथ आयेज से पकड़ लिए, और कहा-
मैं: क्या बात है मेरी रानी. आज तो तू खुद से प्यार दिखा रही है.
रेखा: तो और किसको देखु?आपके अलावा मेरे बारे में इतना सोचने वाला कों है? आपने मेरे लिए ही घूमने का प्लान बनाया है ना? ई लोवे योउ, आप बहुत आचे हो.
मैं उसका हाथ पकड़ कर आयेज लिया. उसका चेहरे को देखने लगा. उसकी आँखों में आँसू थे. मैने कहा-
मैं: ये आँसू किस बात के है? मेरे साथ रह के रोने लगी है. फिर मेरे प्यार करने का क्या फ़ायदा?
रेखा: रो नही रही हू. आप इतना प्यार करते हो मुझे, इसलिए खुशी के आँसू है. इतना प्यार और मेरे बारे में सोचना कभी किसी ने नही किया.
ये बोल कर वो मुझसे गले लग गयी. मैने भी उसे अपने से चिपका लिया. मैने कहा-
मैं: आज बाहर खुल के तेरे साथ मस्ती करूँगा.
वो मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली-
रेखा: आप मस्ती करने से कब रुकते हो? जब मॅन होता है तब कुछ भी कर देते हो. लेकिन राहुल ना देख ले. संभाल कर करना आप.
मैं: मेरी जान, तू बस खुल कर एंजाय कर. तू किसी बात की टेन्षन मत ले. और आज तू आचे से एंजाय करना. शरमाना मत.
रेखा: आप जब साथ हो. तो मुझे टेन्षन किस बात की. आप बहुत बड़े वाले शैतान हो. मेरे प्यारे शैतान रोहित हो आप.
रेखा: आप जैसा बोलॉगे वैसा ही करूँगी. मेरी लाइफ और मेरा सब कुछ आपका है. जैसे मॅन हो वैसे आप अपनी मर्ज़ी से करना.
दोस्तों आयेज की कहानी अब अगले भाग में है. जाना मत जल्दी मिलेंगे. कहानी कैसी लगी है, और कितना मज़ा आया है, मुझे मैल करके ज़रूर बताए. किसी भाभी, गर्ल, हाउसवाइफ, विधवा औरत जो प्यार और रोमॅन्स का मज़ा चाहती है. तो मुझे [email protected] पर मैल करे. आपकी सेक्यूरिटी और प्राइवसी का पूरा ख़याल रखा जाएगा. आपको जवानी और लाइफ का फुल सॅटिस्फॅक्षन मिलेगा. थॅंक्स ड्के.