हेलो दोस्तों, ये कहानी मेरी और मेरी मा के बीच हुए सेक्स संबंध की है. मेरा नाम रितेश है, और मेरी आगे 23 है. मेरी मा का नाम प्रतिमा है. उनकी आगे अराउंड 45 है.
मा के बारे में बतौ तो मा का फिगर 36-34-38 है. वो घर में हमेशा सारी पहनती है, और सारी उनकी नाभि के नीचे रहती है. तो आप ये कह सकते है की मैं मा की नाभि देख कर ही बड़ा हुआ हू. पापा आर्मी में है, और वो घर कम आते है. चलो अब स्टोरी पर आता हू.
मेरे मॅन में मा को छोड़ने का ख़याल कैसे आया, ये स्टोरी भी जान लो. मैं तब क्लास 12त में था, और 18 साल का हो गया था. मा डॉक्टर से चेकप करवा के आई थी, और अपने रूम में सो रही थी.
तब घर में कोई नही था. मैं किसी काम से मा के रूम में गया तो देखा, की मा ब्लाउस पेटिकोट में लेती थी. और मा के ब्लाउस का उपर का बटन खुला था. उसमे से मा की क्लेवगे दिख रही थी. मा जब साँस लेती, तो मा के बूब्स भी उपर-नीचे होते.
मुझे पता नही क्या हुआ की मैं वही नीचे बैठ गया, और थोड़ी देर में ही मा के ब्लाउस के सारे बटन खोल दिए. मा ने ब्रा नही पहनी थी. वो एक साइड पे लेती थी, इसलिए उनका एक बूब आज़ाद हो गया.
फिर मैने उनके निपल को मूह में लिया, और धीरे-धीरे करके चूसने लगा. जब चूसने से मॅन भर गया तो मैने मा के पेटिकोट के च्छेद में हाथ डाला. पर मा ने पनटी पहनी हुई थी, तो मैने अपने हाथ निकाल लिए.
मैने सोचा की क्यू ना मा की गांद पर लंड सताया जाए. पर इसके लिए जैसे ही बेड पर चढ़ा तो मा की नींद खुल गयी, और उन्होने मुझे भगा दिया रूम में से.
अगले 2 साल कुछ नही हुआ. 12त करने के बाद मैने प्रेपरेशन के लिए 1 साल का गॅप लिया. तभी डिसाइड किया की इस साल तो पक्का मा को छोड़ूँगा ही. मैने मा को अब्ज़र्व करना शुरू किया, तो पाया की मा मुझे उठा के खुद नहाने जाती थी. फिर उसके बाद वो पेटिकोट में ही अपने रूम में जाती थी.
उसके बाद वाहा कपड़े पहन कर घर के काम करती थी. फिर दोपहर में हम साथ में टीवी देखते, और फिर मेरी कोचैंग और रात को खाना खा कर सोती थी
अगली सुबा जब मा मुझे उठा कर गयी, तो मैं मा के पीछे गया, और जब मा को बातरूम में गये 5 मिनिट हो गये, तब मैने कीहोल में आँख लगाई. मैने देखा, की मा पेटिकोट पहन कर अपने कपड़े धो रही थी.
मा की पीठ मेरी साइड पर थी. थोड़ी देर कपड़े ढोने के बाद मा ने नहाना शुरू किया. मा साबुन लेकर अपने पुर शरीर पर लगाने लगी. पहले पेट, फिर पीठ, फिर बूब्स, फिर गांद, और अंत में पेटिकोट के अंदर.
इतना देखने के बाद तो मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था, और फिर मैने भी मूठ मारना शुरू किया. नहाने के बाद मा ने जब अपना पेटिकोट बदला, तब तो मैं उनकी गांद ही देखते रह गया, और वही डिसचार्ज हो गया.
कुछ दीनो बाद जब मा मुझे उठाने आ रही थी, तो मैने लोवर में लंड खड़ा किया और लेट गया. मा आई और जब उनकी नज़र मेरे लोवर पर पड़ी, तो मा तोड़ा रुक गयी. पर फिर उन्होने खुद को संभाला, और मुझे उठने का बोल कर चली गयी.
ऐसा कुछ दिन हुआ, पर इसमे मज़ा नही आ रहा था, और मुझे मा को अपना पूरा लंड दिखना था. एक दिन मैं बातरूम में नहाते हुए कोई आइडिया सोच रहा था. तब तक मुझे एक आइडिया आया. मैने तुरंत अंडरवेर निकाला, और खुद ही सरक के गिर गया. मेरे फिसलने की आवाज़ किचन तक गयी जहा मा खाना बना रही थी. वो तुरंत गाते पर आई
मा: क्या हुआ, कैसी आवाज़ आई है अभी?
मे: कुछ नही मा, मैं फिसल गया हू.
मा: ज़्यादा चोट तो नही लगी तुझे?
मे: लग गयी है मा. उठा नही जेया रहा.
मा: गाते खोल तो देखु कहा लगी है.
मे: मा एक तो मुझसे उठा नही जाता, और उपर से मैने अपने कपड़े निकाल दिए है.
मा: तो टवल लपेट के खोल गाते.
मे: बोला ना मा की उठ नही पा रहा हू. आप जाओ, थोड़ी देर में सही हो जाएगा खुद.
मा: अछा तू गाते खोल मैं आती हू.
फिर मैने टवल तोड़ा और डोर कर दिया, और गाते खोल दिया. मा दूसरी साइड देख कर टवल खोज रही थी, पर जब उन्हे नही दिखा, तो उन्होने नीचे देखते हुए मुझसे ही पूछा. मैने उन्हे इशारा किया, और जब उन्होने आँखें उठाई, तब उनकी नज़र मेरे लंड पर पड़ी.
थोड़ी देर बाद मा ने टवल मेरे उपर रख दिया, और मुझे उठा के रूम में ले-जेया कर लिटा दिया. मा ने डॉक्टर को फोन किया तो उसने भी इोदेक्श या मूव लगाने को बोल दिया. फिर मा दोपहर में इोदेक्श लगाने मेरे रूम में आई
मा: नहाते वक्त कुछ तो पहन कर नाहया कर.
मे: मा बातरूम में कों कपड़े पहन कर नहाता है?
मा: सब नहाते है कपड़े पहन कर ही.
मे: आप क्या पहन कर नहाती हो?
मा: मा को नहाते देखेगा?
मे: मेरा वो मतलब नही था मा. बातरूम इसीलिए तो है, की लोग फ्री नहा सके.
मा: मैं तो अपना पेटिकोट पहन कर नहाती हू.
इसके बाद मा तोड़ा और समझा कर चली गयी.
उस दिन के इन्सिडेंट से मेरी हिम्मत बढ़ गयी थी. अब सुबा मैं तोड़ा सूपड़ा निकाल कर लेता रहता. मा आती, रुक कर देखती, और फिर मुझे उठा कर चली जाती.
एक रात को मा और पापा में कहा-सुनी हो गयी सेक्स को लेकर. मुझे लगा की सही समय अब आ गया था. उस सुबा मैं केवल लोवर पहन कर सोया था, और लंड भी फुल मूड में खड़ा था. मा आई तो मेरे लंड ने उन्हे सलामी दी, और मा भी मुझे उठाने के बहाने से उसको टच करके गयी.
मा नहाने गयी तो मैने डिसाइड कर लिया की आज फिक्स होगा. फिर मा नहा कर बातरूम से पेटिकोट में निकली, और अपने रूम में गयी. मैं लोवर और शर्ट में था, और अंडरवेर भी निकाल दिया था. मैं मा के रूम में गया. मा पेटिकोट को अपने बूब्स पर बाँध कर अपनी बॉडी पर क्रीम लगा रही थी.
मैने उनको पीछे से पकड़ा, और मेरा लंड खड़ा होकर उनकी गांद में घुसने लगा. मा मुझे बनावटी मॅन से खुद से अलग कर रही थी. मैं मा को पकड़ कर खड़ा था, और मा को किस करने ही वाला था की डोरबेल बाजी और मुझे हटना पड़ा.
बाहर जेया कर देखा तो कॉलोनी के कुछ दोस्त थे मेरे. मुझे वही रुकना पड़ा. पर जब तक वो गये, तब तक मा बिल्कुल तैयार हो गयी थी. मैने मा को देखा तो शॉक हो गया. मा रेड सारी और फुल सजी हुई लग रही थी.
मुझे लगा की आज तो मौका आ गया था. दोपहर को खाना खा कर मैं हॉल में टीवी देख रहा था. तभी मा वाहा आई, और मेरे बगल में बैठ गयी, और मुझसे रिमोट लेकर रागिनी म्मस मोविए लगा दी. फिर मा उठी, और हॉल के खिड़की, दरवाज़ों के पर्दे गिरा के लाइट ऑफ कर दी.
वो बोली: जब हॉरर मोविए देख रहे हो, तो वैसा सेट-उप भी तो होना चाहिए.
मैने हा में सर हिलाया. मा मेरे बगल में आ कर बैठ गयी. थोड़ी देर बाद मा ने अपना हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया. तो मैने भी अपना हाथ मा के कंधे पर रख दिया.
मैने अपना लंड अंडरवेर में से निकाल लिया, और जैसे ही मा ने अपना हाथ तोड़ा आयेज किया, मा का हाथ मेरे लंड से टकराया, जिसकी वजह से वो और टाइट हो गया. मैने मा का पल्ला कंधे पर से हटा दिया.
मा ने मुझे देखा, और तभी मैने मा के होंठो पर अपने होंठ रख दिए, और मा की जीभ को चूसने लगा. मा ने मुझे पकड़ लिया, और मैं मा के ब्लाउस के बटन खोलने लगा.
मैने किस करते-करते मा को सोफे पर लिटाया, और खुद उनके उपर लेट गया. मैने मा के ब्लाउस को खोला, और ब्रा को उपर करके उनके बूब्स को दबाने लगा. मा ने मुझे हटाया, और खुद अपने ब्लाउस और ब्रा को निकाल दिया. फिर मा मेरा हाथ अपने बूब्स पर रख कर मुझे किस करने लगी.
इसी बीच मैने भी अपनी शर्ट निकाल दी. मैने मा के एक बूब को दबाना और दूसरे को चूसना शुरू किया. जैसे ही मैने मा के एक निपल को काटा, मा आउच-आउच करने लगी. मा के बूब्स को चूस्टे वक़्त ही मैने मा की सारी निकाल दी.
अब मा पेटिकोट में थी. मैने मा को बिताया, और अपना लोवर निकाल दिया. फिर मैने मा को लंड चूसने को बोला, तो मा ने माना कर दिया.
मे: चूस ना मेरी रानी, यही तो असली मज़ा है चूड़ने का.
मा: मैं रंडी नही हू, जो इसको चूसू.
मे: कों बोला की केवल रंडिया ही इसको चूस्टी है?
मा: नही मैं नही चूसूंगई.
मे: जल्दी शुरू हो जा रानी, नही तो धक्के से चूस्वौनगा.
मा ने अपने ब्लाउस से लंड सॉफ किया, और हल्का सा मूह में लेकर ही उसको निकाल दिया
मा: ची! कितना गंदा टेस्ट है इसका.
मे: टेस्ट मत देखो, चूसो अभी.
मा: नही, छोड़ना है तो छोड़, नही तो रहने दे.
मे: अछा ठीक है, अब आप लेतो सोफे पर.
फिर मैने मा का मूह सोफे पर रखा, और मा को मूह खोलने को बोला. जैसे ही मा ने अपना मूह खोला, मैने मा के बालों को पकड़ा, और एक बार में ही मा के मूह में अपना लंड डाल दिया. मा लंड निकालना चाहती थी, पर मैने नही निकालने दिया.
फिर मा के बालों को पकड़ कर मैं मा के मूह को छोड़ने लगा. मा से साँस नही ली जेया रही थी, इसलिए तोड़ा सा लंड निकाला, और फिर अंदर डाल दिया. कुछ देर बाद मैं उन्ही के मूह में डिसचार्ज हो गया.
मा: ची! कितना बेकार टेस्ट है इसका.
मे: अब इसकी आदत डाल लो मा.
मा: चल अब रूम में चले.
मे: कभी सोफे पर चूड़ी हो मा?
मा: नही.
मे: तब आज यही पर चुदो.
मैने मा को सोफे पर बिताया, और मा के पेटिकोट को उठा दिया. मा ने पनटी नही पहनी थी. मुझे वो जगह दिखी जहा से मैं इस दुनिया में आया था. मा की छूट बिल्कुल ब्लॅक कलर की थी. हल्के बाल और थोड़े खुले हुए. मैने उसमे अपनी जीभ घुसा दी. मा मेरे सिर पर अपने हाथ घुमा रही थी.
मैने मा की छूट को चूसना शुरू किया, और मा आहह आअहह करके लंबी-लंबी साँसे लेने लगी. मैने धीरे से अपनी बीच वाली उंगली घुसा दी उनकी छूट में. मा ने अपने होंठो को काटना शुरू कर दिया. फिर मैने मा के एक बूब को पकड़ कर दबाना शुरू किया.
मा तो बिल्कुल सातवे आसमान पर पहुँच गयी, और मूह से आहह आहह उूउउ की मादक आवाज़े निकालने लगी. थोड़ी देर बाद मा डिसचार्ज हो गयी. मैने अपनी उंगली में उनका पानी लगाया, और मा के मूह में घुसा कर मा को चटवाया.