बेटे के लंड के लिए पागल हुई मा की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम सोनिया है. मेरी आगे 46 है. मैं ब्यूटी पार्लर चलती हू. मेरी फिगर बूब्स 38″, कमर 30″ और हिप्स 42″ है. मेरे घर में मेरा 26 यियर्ज़ का बेटा (राज), मेरी 24 यियर्ज़ की बेटी (रूपाली), और मेरे पति (अशोक)है. हम सब देल्ही में रहते है.

दोस्तों मैं बहुत ही मॉडर्न ख़यालात की हू. हम काफ़ी रिच है. मैं ज़्यादातर डीप नेक बॅकलेस ब्लाउस, ट्रॅन्स्परेंट सारी, शॉर्ट टॉप, और टाइट जीन्स जिसमे मेरी आस एक-दूं मस्त दिखती है, या वन-पीस ही पहनती हू.

हा तो दोस्तों सीधा स्टोरी पर आते है. मेरे हज़्बेंड ज़्यादातर बिज़्नेस के सिलसिले मैं बाहर ही रहते है, लीके आउट ऑफ इंडिया. तो घर मंत में 2-3 बार ही आ पाते है. और जब भी आते है, तो मुझे दबा के छोड़ते है. वो खुद तो जल्दी ढीले हो जाते है, पर मैं असंतुष्ट ही रह जाती हू.

फिर बाद में मुझे अपनी छूट में उंगली ही करके सोना पड़ता है, और छूट में उंगली मैं अछा सेक्स इमॅजिन करके करती थी. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिससे मेरे दिन और रात दोनो जो मैं अकेली अपनी फिंगर्स के साथ काट रही थी, वो बदल गये.

उस दिन के बाद से मैं रोज़ दिन और रात में पुर चरम सुख को प्राप्त करती हू. वो भी अपने बेटे से चुदाई करवा के. हा दोस्तों, ये स्टोरी पूरी सॅकी घटना है और इस वेबसाइट के बारे में मुझे मेरी सहेली (प्रिया) ने बताया था. वो भी एक बहुत आचे फिगर वाली, एक शादी-शुदा औरत है.

उसका पति बहुत दारू पीटा है, तो उसको सही से छोड़ नही पाता. लेकिन उसका एक बेटा है जवान 25 यियर्ज़ का, और वो उससे ही चुदाई करवाती है. वो देसीकाहानी वेबसाइट की सारी कहानियाँ रेड करती है. ज़्यादातर मा बेटा सेक्स वाली.

तो फ्रेंड्स बात जब की है जब मेरा बेटा ब.टेक कॉलेज ख़तम करके वापस घर आया था. उस दिन से पहले मेरे मॅन में उसके लिए ऐसा-वैसा कुछ नही था, और जब वो फाइनली घर आने वाला था, तो मैं उसका वेट कर रही थी.

फिर उसका फोन आया की मों मैं बस हाफ अवर में पहुच जौंगा. मैने भी एक अची सी सारी डाल ली थी, और जैसा की आप सब ने मेरा साइज़ भी रेड किया होगा, तो मेरे बूब्स काफ़ी हेवी है और आस भी काफ़ी बड़ी है, जो की काफ़ी सेडक्टिव है.

मैं वो सारी और सुंदर सा बॅकलेस, और डीप नेक ब्लाउस पहन के उसकी वेट करने लगी. फिर हाफ आन अवर के बाद बेल बाजी, और मैं डोर ओपन करने गयी. मैने देखा मेरा बेटा आ गया था, और मैं उसको 1-2 साल के बाद फेस तो फेस मिल रही थी.

वैसे तो हमारी फोन पे बात होती रही थी, बुत मेरा कभी उसके पास जाना नही हुआ. और वो भी कॉलेज की छुट्टियों में कम ही आता था. फिर जैसे ही मैने डोर ओपन किया, और उसको देखा, तो उसको देखते ही मैने उसको ज़ोर से हग किया और काफ़ी टाइम तक हग करके रखते हुए ही उसका हाल चाल पूछा.

हग करते ही मेरे शरीर में एक करेंट से लगा. क्यूंकी मेरा बेटा जिम भी जाता था, तो उसने अपनी बॉडी काफ़ी मेनटेन करके रखी हुई थी, और यहा मैं भी जिम जाती थी, तो मेरा भी फिगर एक दूं मेंटेंड था, जिससे पड़ोस के काफ़ी आदमी और बाहर के काई जवान लड़के देखते रह जाते थे. मेरे बेटे ने भी मुझे उपर से नीचे देखा और मुझे कॉंप्लिमेंट किया.

बेटा: मों, योउ अरे सो ब्यूटिफुल आंड लुकिंग सो यंग आंड फिट.

हा तो जैसे ही मैने उसको हग किया, तो मेरे पुर श्रीर में एक करेंट सा लगा. बुत मैने उस टाइम वो इग्नोर कर दिया, और उसको घर के अंदर ले गयी. फिर उसको पानी-वाणी पिलाया, और उसके लिए छाई भी बना कर दी.

उसके बाद हम दोनो ने कुछ बातें की, जैसे मेरा पार्लर कैसा चल रहा था, और पापा का बिज़्नेस और सिस्टर की स्टडी वग़ैरा. फिर वो अपने रूम में फ्रेश होने और कपड़े चेंज करने चला गया.

हा तो दोस्तों मैं अपनी बेटी (रूपाली) के बारे तो आप सब को बताना भूल ही गयी. मेरी बेटी बहुत ही सुंदर और एक कक़ची काली है. उसका फिगर 30″ बूब्स, 28″ वेस्ट और 36″ हिप्स है. वो कॉलेज में पढ़ती है. वैसे तो पूरा दिन उसका कॉलेज में निकल जाता है, और बाकी का कुछ समय वो अपने कॉलेज फ्रेंड्स के घर स्टडी करने के लिए निकल जाती है. बॅक तो थे स्टोरी.

उस दिन जब मेरे बेटा आया था, तो दिन के 2 बाज रहे थे, और मेरी बेटी कॉलेज से शाम को 5 बजे आती है. मेरा बेटा चेंज करने के लिए अपने रूम में गया था, और मैं नीचे खाना तैयार कर रही थी. काफ़ी देर हो गयी. मेरा खाना भी बन गया था, और मैने उसको 2-3 आवाज़े भी लगाई. लेकिन उसने कोई जवाब नही दिया.

फिर मैं उसके रूम में गयी उसको देखने. उसके रूम का डोर क्लोज़ था, बुत अंदर से लॉक नही था. फिर मैने डोर ओपन किया तो अंदर देखते ही मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. मैने देखा मेरा बेटा नंगा अपने बेड पे अपनी आइज़ क्लोज़ करके लेता हुआ था.

वैसे तो उसने टवल डाल रखी थी, लेकिन शायद फन की स्पीड की वजह से उसकी टवल ओपन हो गयी होगी. जिसके कारण उसका 8 इंच का लंबा और मोटा लंड पुर जोश में खड़ा था. शायद वो एक रोमॅंटिक सपना देख रहा था. उसका इतना लंबा और मोटा लंड देख के मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी.

पहले तो मैं वाहा से जाने लगी. बुत फिर मैने देखा उसकी आइज़ क्लोज़ थी. तो मैं वही खड़ी रही, और उसके लंड को घूर्ने लगी. मेरे मूह से आहह भी निकल गयी, और धीरे-धीरे मेरा हाथ मेरी छूट पे पहुँच गया. मैं अपने ही बेटे का लंड देख के पागल सी हो गयी थी, जिसके कारण मैं अपनी छूट को सहलाने लगी थी सारी उपर करके.

मैने अपने जीवन में इतना लंबा और मोटा चमकदार लंड नही देखा था. और अपने ही घर में अपने ही बेटे का लंड देख के मैं मदहोश हो गयी थी. अपनी छूट में मैं उंगली करे जेया रही थी. मेरे मूह से आहह आहह की आवाज़ भी निकल रही थी, लेकिन कही वो उठ ना जाए मेरी आवाज़ सुन कर, तो मैने अपने एक हाथ से अपना मूह बंद किया, और दूसरा हाथ मेरी छूट पर था.

क्यूंकी जैसे मैने पहले भी बताया है, की मेरे हज़्बेंड ज़्यादातर बाहर ही रहते है, और अगर आते भी है, तो छोड़ते तो है, लेकिन उनका खुद का जल्दी निकल जाता. तो मैं अधूरी ही रह जाती हू. और आज अचानक से इतना लंबा लंड देख के मैं अपने आप को रोक नही पाई, और धीरे-धीरे मैं झड़ने की कगार पे आ गयी थी.

मैं बहुत सालों से प्यासी थी, और मेरा तो दिल कर रहा था की सारे रिश्ते भूल जौ, और अभी अपने बेटे के लंड पे बैठ जौ, और खूब चुदाई कार्ओौ. वैसे भी एक जवान लंड से चुदाई का मज़ा ही कुछ और है.

मैं जानती हू दोस्तों की मा बेटे का रिश्ता अलग होता है. पर क्या करू आख़िरकार हू तो एक औरत ही ना. जिसको कोई तो चाहिए जो उसको प्यार करे, और उसकी छूट की प्यास बुझाए. जो की मेरा हज़्बेंड तो कर नही पाया. तो आज मैं अपने बेटे का लंड देख के अपनी भावनाओ को रोक नही पाई, और वही उंगली करने लगी.

आअहह आअहह सस्स्स्सस्स आआहह. थोड़ी देर में उंगली करते-करते मैं झड़ने ही वाली थी की तभी डोरबेल बाजी (शीत कों आ गया इस समय मेरे मूह से निकला). मेरी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी. मेरे बूब्स बहुत तेज़ उपर-नीचे हो रहे थे.

फिर मैने अपने आप को कंट्रोल किया, और देखा तो क्लॉक में 5 बाज रहे थे. मैने सोचा रूपाली ही आई होगी कॉलेज से. फिर जल्दी से मैने अपनी सारी नीचे की, और अपने आप को संभाला. अपने बेटे के रूम का डोर क्लोज़ करके मैं डोर ओपन करने गयी तो देखा रूपाली ही थी.

मों: रूपाली तू आ गयी बेटा. आजा-आजा अंदर, और तुझे पता है ना आज तेरा भाई आने वाला था?

रूपाली: हा मों, आज तो भाई आने वाला था. कहा है वो, आ गया क्या?

मों: हा-हा, आ गया वो. अभी अपने रूम में रेस्ट कर रहा है, तक गया है. तू उसको ईव्निंग में मिल लेना.

रूपाली: ठीक है मों.

फिर रूपाली भी अपने रूम में चली गयी. और मैं तो जैसे अपने बेटे का लंड देखने के बाद पागल सी हो गयी थी. मैं उसी के बारे में सोचने लगी थी. अपने बेटे के लंड के बारे में सोचते ही मेरी छूट गीली हो जाती थी, और मैं सोचती थी की कैसे मैं उसको अपना बनौ.

क्यूंकी है भी तो मा-बेटे का रिश्ता, और मैं उससे छुड़वाना चाहती थी. तो फिर मैने अपनी सहेली की फोन मिलाया, और उसको ये सब बताया अपने बेटे के बारे में. तो उसने मुझे ये वेबसाइट देसीकाहानी मा-बेटा चुदाई सजेस्ट की.

फिर मैने 1-2 दिन लगातार बहुत सी स्टोरीस रेड की, जिसके बाद मुझे भी कुछ आइडिया आया की अब मैं पहले अपने बेटे को अपना बाय्फ्रेंड बनूँगी, उससे चुड़ूँगी, और फिर उसको अपना पति और मैं उसकी पत्नी बन जौंगी.

तो यही से मेरे मॅन में मेरे बेटे के लिए भावनाए चेंज हो गयी थी. वो करीब 7 बजे उठा, और चेंज करके नीचे आया और मों-मों ( ज़ोर से ) मुझे बुलाने लगा.

इधर ईव्निंग हो चुकी थी, तो मैने भी सारी चेंज करके एक निघट्य डाल ली थी, डीप नेक वाली, बहुत ही पतली सी. क्यूंकी गर्मियों के दिन थे, तो उसमे गर्मी भी नही लगती थी.

मेरे बूब्स उसमे से बहुत हेवी दिख रहे थे, जिससे मैं अपने बेटे को सिड्यूस करना चाहती थी. मेरी गांद भी एक-दूं हेवी और शेप में दिख रही थी. और हा दोस्तों, जब मेरा बेटा मों-मों चिल्ला रहा था, मैं उस टाइम किचन में थी, और रात के खाने की तैयारी कर रही थी.

तभी मैने भी बोला: मैं किचन में हू.

वो आया और मुझे पीछे से हग कर लिया और बोला: सॉरी मैं तका हुआ था, तो मेरी आँख लग गयी. फिर जैसे ही आँख खुली, तो मैं आपको ढूँढने लगा. चलो ना मों बातें करते है. वैसे भी हम कितने दीनो बाद मिल रहे है.

मों: हा-हा बेटा, हम खूब बातें करेंगे. लेकिन खाना भी तो ज़रूरी है ना.

इस बीच उसने मुझे पीछे से हग किया हुआ था, और मेरी बड़ी आस उसके लंड से टच हो रही थी. जो मुझे धीरे-धीरे फील होने लगा, और मेरी छूट में से पानी आने लगा. शायद उसका भी लंड खड़ा होने लगा था.

क्यूंकी दोस्तों इतनी खूबसूरत औरत को टच करके किसका खड़ा नही होगा? तो मेरे बेटे का लंड खड़ा होने लगा, जो मुझे फील हो रहा था. शायद उसको भी कुछ फील होने लगा था, तभी वो मुझे हग किए हुए था. बॅक तो स्टोरी.

मों: छ्चोढ़ मुझे बेटा, मुझे खाना बनाने दे.

सोन: नही मों, ऐसे नही छ्चोधुंगा. वैसे भी हम कितने दीनो बाद मिल रह है. एक अछा से हग तो बनता है ना. और मों, आपने तो अपने आप को भूत फिट रखा हुआ है, किसी यंग गर्ल की तरह.

मों: अछा ठीक है, करता रह हग मुझे (मुझे भी अंदर ही अंदर बहुत अछा लग रहा था. क्यूंकी वो दिन वाले इन्सिडेंट की वजह से बहुत कुछ चेंज हो गया था). और हा, मैं जिम जाती हू और पार्लर भी ऋण करती हू, तो मुझे अछा लगता है अपने आप को मेनटेन रखना.

सोन: हा मों, आप एक-दूं किसी गर्ल की तरह ही लग रही हो. अगर आप मेरे साथ बाहर चलॉगी, तो कोई हमे मा बेटा नही बताएगा.

मों: अछा बेटा, बहुत तारीफ कर रहा है. क्या बात है?

सोन: हा मों, इतने दीनो बाद मिल रहा हू, इतनी तारीफ तो बनती है ना, क्यूँ?

मों: हा-हा कर ले और तारीफ मेरी.

ऐसे हम दोनो बातें करने लगे, और फिर बाद में हम सब ने खाना खाया. मैने रूपाली को भी बुला लिया था. खाना खाने के बाद हम सब त.व. देख रह थे, और आपस में बातें कर रहे थे. रूपाली अपने भाई से बातें कर रही थी-

रूपाली: कैसे हो भाई? कैसा गया कॉलेज टाइम? और आगे का क्या प्लान है?

और वो भी उससे बातें कर रहा था. इधर मेरे दिमाग़ में तो बस उसका 8 इंच लंबा, मोटा लंड ही घूम रहा था. मैने निघट्य पहनी हुई थी तो मैं उसको सिड्यूस करने लगी. जैसे की उसके सामने तोड़ा झुकना, और ऐसा भी ना लगे की मैं ये सब जान-बूझ कर रही थी.

1-2 बार तो उसने नही देखा. लेकिन थोड़ी देर बाद उसकी आइज़ मेरे बूब्स पे पड़ी, और फिर वो उन्हे ही देख रहा था. मैं ये जानती थी की वो देख रहा था, तो मैं और झुक गयी, और उसको अपने बूब्स दिखाने लगी. बीच-बीच में मैं तोड़ा उपर हो जाती, और अपनी निघट्य अपनी टाँगो से तोड़ा उपर कर लेती, ये बोल के की बहुत गर्मी है. जबकि एसी ओं था.

लेकिन मेरी तो छूट में आग लगी हुई थी, जिसे मेरा बेटा ही बुझा सकता था. फिर उसके बाद हम सब अपने-अपने रूम में चले गये, और गॅरेंटी के साथ मेरा बेटा भी मेरे बारे में सोच रहा होगा. ये बात उसने मुझे बाद में जब हमने चुदाई की, तो बताई थी.

इधर मैं जब अपने रूम में गयी, तो जाते ही मैने अपनी निघट्य उपर की, और अपनी छूट को सहलाने लगी अपने बेटे का लंड याद कर करके. मैं भूल नही पा रही थी उसका लंड. फिर पहले एक उंगली डाली, और धीरे-ढेरे अंदर-बाहर करने लगी.

मेरी साँसे तेज़ हो गयी थी, और एक हाथ मेरा मेरे बूब्स पे था. मैं पागल सी हो गयी थी, और जैसे भी करके बस अपने बेटे से चूड़ना चाहती थी. उस रात मैं 2 बार झड़ी अपने बेटे का लंड याद कर-कर के. और फिर मैं सो गयी.

नेक्स्ट दे क्या हुआ. कैसे मैं अपने बेटे को अपना बाय्फ्रेंड बनाने और चुदाई की पहली सीधी चढ़ि. कैसे मैने उससे घर के हर कोने में चुदाई करवाई. और कैसे उसका मोटा लंड अपनी छूट और मूह में लिया. ये सब आपको नेक्स्ट पार्ट मैं जानने को मिलेगा.

तो दोस्तों कैसा लगा मेरी ये सॅकी कहानी का 1स्ट्रीट पार्ट? आयेज-आयेज तो आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगा. बहुत ही सेडक्टिव स्टोरी है ये. मेरे जैसी बहुत मोम्स और हाउसवाइव्स है, जो सही चुड नही पाती है, और अधूरी ही रह जाती है. उर फिर कुछ तो फिंगरिंग कर लेती है, लेकिन कुछ अपने अरमानो को दबा देती है.

आप सब के इस स्टोरी को रेड करे और मुझे मेरी मैल ई’द पे फीडबॅक दे. सोनिया.वेर्मा38@याहू.कॉम

आप सब मुझे यहा मैल कर सकते है. अगला पार्ट बहुत ही जल्द आएगा.

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