बेटे के खेल मे फासी मा

ये स्टोरी व्हातसपप से बेडरूम तक सीरीस का 6त पार्ट हैं, अगर आप नये हैं, तो आपसे रिक्वेस्ट हैं की पहले के 5 पार्ट्स को ज़रूर पढ़ लीजिए.

अब स्टोरी शुरू करते हैं…

मों के सिने मे एक चिंगारी मैने भड़कड़ी थी. अब मों मुझसे चुड़े या ना चुड़े, पर वो मेरा लंड एकबार ज़रूर देखना चाहेगी.

मेरे लंड का साइज़ अछा ख़ासा मोटा और लंबा हैं, इसको अपने अंडरवेर मे अड्जस्ट करके चलना कई बार मुश्किल भी होता हैं.

मैं बस यही प्राय करने लगा की मों को ये पसंद आ जाए. वैसे नापसंद का कोई रीज़न नही दिख रहा था, फिर भी तोड़ा बहुत तो लगता हैं.

इसी ख़यालो मे शाम हो गयी और मे कॉलेज से घर आ गया.

मों कही पे नही दिखी, ना किचन मे, ना बेडरूम मे, और नही बाल्कनी मे. उपर छत का गाते खुला लगा, तो मे उपर गया, मों वाहा एक तरफ खड़े होकर डूबते हुए सूरज को दिख रही थी.

सूरज की किरानो से मों का शरीर एक दूं सुनहरा सा चमक रहा था. पसीने की बूंदे हल्के सी उसके पेट पे उसकी नाभि को भिगो रही थी.

उसके बूब्स साइड से देखने पे सुर भी बड़े दिख रहे थे. उसकी गांद तो जैसे मुझे इशारे कर रही थी की,”आओ और मुझे आचे से सहलाओ, जी भर के दब्ाओ.”

ऐसा लग रहा था की कामदेवी खुद मेरी छत पे उतार आई हो. अगर मों से मेरा सेट्टिंग हो चुका होता तो मा कसम, इस मा को यही छोड़ देता.

मों को मैं इस तरहा करीब 5 से 10 मिनिट देखता रहा, वो किसी ख़यालो मे दुबई हुई थी. मैने पीछे से जाके उसे पकड़ लिया.

मों: अरे, बेटा तुम कब आए और क्या कर रहे हो तुम ये?

मे: 10-15 मिनिट्स से तुम्हे देख रहा हूँ. कौँसे ख़यालो मे दुबई हो तुम.

मों: छ्चोड़ो मुझे, तुम मुझे ऐसे मत पकड़ा करो.

मे: क्यू, तुम्हे अछा नही लगता. अगर ऐसा हैं तो मे नही करूँगा. अपनी मों को कोई प्यार भी नही कर सकता ऐसे?

मों:ऐसी बात नही हैं, पर किसीने देख लिया तो गड़बड़ होज़ायगी.

मे: कुछ नही होगा मों, कोई नही देखेगा. और तुम काब्से क्या सोच रही हो?

मों: कुछ नही बेटा, बस ऐसे ही.

मे: क्या मेरे प्रपोसल को लेकर सोच रही थी? (और मैने अपने लंड का दबाव उसकी गांद पे तोड़ा बढ़ाया, जिसे मों फील कर सके)

मों: उसके बारे मे अभी नही सोचा.

मे: देखो मों, तुम सोचो ना सोचो, पर मैने तो तुम्हे अपना पार्ट्नर मान लिया हैं (ये बोलकर उसके पेट के उपर से हाथ उसके बूब्स के नीचे रखे, जिससे बूब्स का बसे मेरी उंगलियो पे टच हो.)

मों: ह्म…

मे: कल सुबह का वक़्त हैं, जो भी हो तुम्हारा फ़ैसला कल मुझे बता देना.

मों: ठीक हैं बेटा.

और फिर हम दोनो नीचे आए, पापा के आने के बाद हुँने खाना खाया. डाइनिंग टेबल पे मैं मों को घूर रहा था, पर उसने अपनी आँखे नीचे झुका ली थी.

ऐसे ही वो रात निकल गयी, और सुबह हुई जिसका मुझे बेसब्री से इंतेज़ार था.

मुझे पता था की मों पापा के ऑफीस जाने के बाद ही मेरे रूम मे आएगी.

तो जब मों पापा का तिफ्फ़िं रेडी कर रही थी, तब मैने मों को छोड़नेवाली वीडियो देखकर अपने लंड को हिलाकर मस्त टाइट किया.

वाहा रूम के कॉर्नर मे अपना मोबाइल छुपा कर उसकी वीडियो चला दी. और अपने बेड पे आकर सोने का नाटक करने लगा.

अपने खड़े लंड को लोवर मे डालकर,उसके उपर पतली चदडार डाल थी, जिससे मों को मेरे लंड का उभार आसानी से दिख सके.

कुछ देर बाद मों मेरा नाम पुकारते हुए रूम मे आई, और आकर उसकी आवाज़ बाँध हो गई.

मुझे लगा की मों ने मेरा खड़ा लंड नोटीस किया होगा. उसने मुझे आवाज़ लगा, मुझे तोड़ा हिलाया पर मैं उठा नही.

कुछ देर बाद, मेरे लंड के उपर की चदडार खिसकती हुई महसूस हुई.

और कुछ देर बाद मेरा लोवर नीचे उतरता हुआ लगा. इस पल को अपनी आँखे बाँध करे हुए सोने का नाटक करना बहुत मुश्किल लगा.

मुझे लगा की अब मों वापस मेरे लोवर को चढ़ा देगी. पर हुआ कुछ यूँ की मेरे लंड पे मों का मुलायम हाथ महसूस हुआ, शायद वो मेरे लंड का साइज़ नाप रही थी.

फिर मों ने लोवर को उपर करके, मेरे उपर चदडार डालकर वाहा से चली गई.

उसके बाद मैं भी खड़ा होकर वॉशरूम मे चला गया और व्हातसपप ओपन किया. मों ऑनलाइन बता रही थी.

मे(अनिल): हेलो, जानेमन. तो क्या डिसिशन लिया तुमने?

मों: मे रेडी हूँ. और ये अपनी बेटियो की भलाई के लिए कर रही हूँ.

मे(अनिल): कुछ भी हो, इसमे मज़ा तो तुम्हे ही आएगा, तेरी बेटियो को नही.

मों: तुम बताओ ,अब मुझे क्या करना होके.

मे(अनिल): आज से 5 दिन बाद तेरे बेटे का बर्तडे हैं, तो इस 5 दिन ह्यूम उसे तेरे करीब लाना हैं, मैं तुझे प्लान बतौँगा, आइडिया तू लगाएगी, टीचर जो हैं तू.

इस 5 दिन मे तेरे बेटे को तुम इस कदर अपना दीवाना बनाओगी, की वो तुम्हे 5त दे पे खुद छोड़ेगा. उसे ज़रा सा भी शक़ नही होगा की असल मे शिकार तुम नही वो हैं.

तो आज दे 1, सबसे पहले तुझे इन 5 दीनो को अपने बेटे को कॉलेज से छुट्टी मरवके घर पे रखना हैं, तेरे पति से छुपाकर.तू इतना पहले कर, बाद मे बाकी की बात.

(अब मों अनिल की बताई हर बात को अप्लाइ कर रही थी, और मुझे तो ऑलरेडी पता था, इसलिए मैं वैसे ही कर रहा था.)

:दे 1:

अनिल की अड्वाइज़: बेटे को घर पे ही रखो.

जैसे मे कॉलेज के लिए रेडी होकर, डाइनिंग टेबल पे चाय नाश्ता कर रहा था, की किचन से मों की आवाज़ आने लगी.

मों: मुझे तो घारकी नोकरणी बना के रखा हैं, स्कूल का काम, घर का काम. मुझे भी तो आराम चाहिए ना.

मे: सही बात हैं.

मों: क्या सही हैं, कोई मेरी हेल्प नही करता. ना तेरे पापा और ना तुम.

मे: पापा को ऑफीस का कितना सारा काम रहता हैं.

मों: ओक. तो क्या तू करेगा मेरी हेल्प ?

मे: मैं कैसे कर सकता हूँ..?

मों: अब आ गया ना लाइन पे, सबको नौकरानी ही चाहिए लास्ट में. ह्यूम भी छुट्टी मिलनी चाहिए ना काम से.

मे: ठीक हैं मों, बोलो क्या करना होगा.

मों: एक काम कर, अपने कॉलेज से छुट्टी मार 4-5 दिन की, और मेरा हाथ बता, किचन मैं और घर मे, कर सकता हैं क्या?

मे: 1-2 समझ सकता हूँ, पर 4 से 5 दिन तो ज़्यादा हैं.

मों: रहने दे, तू भी तेरे पापा की तरहा हैं, तुझे मेरी कोई चिंता नही.(नकली सा रोते हुए)

मे: ऐसा नही हैं..ओक. मों मैं कुछ जुगाड़ करता हूँ. (और मे कॉलेज आ गया)

मों: (अनिल से, व्हातसपप पे): बेटा रुक जाएगा 5 दिन. अब आयेज.

अनिल: गुड. अब सदी के बदले लूस कपड़े पहनो, और बेटे को अपनी बॉडी दिखाओ, उसे फील काराव अपनी बॉडी. आज 1स्ट्रीट दे इतना करो.

मे: (घर वापस आते) मों, मैने विराल फीवर का बोलकर छुट्टी ले ली हैं. अरे मों, तुम इन कपड़ो में.

मों: बेटा, गर्मी मे सारी मे कंफर्टबल नही रहता, इसलिए. तुम्हे कोई दिक्कत नही ना.

मे: नही मों, जो आपको कंफर्टबल हो, वो मेरे लिए भी फाइन हैं. अब बोलो क्या करना हैं?

फिर मों ने मुझे किचन मे काम सीखने लगी, उसके बहाने वो मुझे यहा वाहा टच करती, अपने सिने को मेरी पीठ पे रगड़ती, तो इससे मे तोड़ा अनकंफर्टबल सा होने का नाटक करने लगा.

मों: क्या हुआ बेटा, तक गया क्या ?

मे: कुछ नही मों, थकान तो नही लगी हैं बुत आपका ऐसे कपड़ो मे मेरे सामने घूमना, ऐसे मुझे टच करना तोड़ा अजीब सा लगता हैं.

मों: ह्म. बेटा काम के दौरान ये तो होता ही रहेगा.

चलो फिर एक काम करते हैं, उस दिन मेरे बर्तडे पर तूने मुझे वो रॉल्प्ले के बारे मे बताया था ना..?

मे: हन मों. वोही हज़्बेंड वाइफ वाला ना.

मों: एस, बेटा. तुम चाहो तो वो ट्राइ करे, जिससे तुम मेरे साथ कंफर्टबल हो जाओ और मुझे आचे से हेल्प कर सको. तो क्या हम अगले 5 दिन हज़्बेंड वाइफ खेले क्या?

मे: आइडिया बुरा नही हैं. मैं रेडी हूँ.
पर बेचारा पति अकेला 5 दिन घरपे क्या करेगा, बीवी को भी 5 दिन रहना पड़ेगा साथ में.

मों: डॉन’त वरी, मैने पहले से ही मेरी लीव रख दी हैं. लीव वेस्ट हो उससे अछा उसे इस्तेमाल करले.

मे: (मों के घाले मैं हाथ पिरोते हुए) वेरी नाइस, मी डार्लिंग. (और हम दोनो हासणे लगे)

और उसके बाद हम आचे से एक दूसरे को टच करते, और हसी मज़ाक करते.

मों कभी मेरे सामने झुक कर अपनी क्लीवेज और बूब्स दिखती तो कभी जानबूजकर मेरे सामने अपनी गांद मतकाती और मुझे सेक्सी वाइल स्माइल पास करती.

ये देखकर मेरा लंड खड़ा हुआ, जिसे मैने मों के सामने अड्जस्ट किया, क्यूंकी मों उसे नोटीस कर सके.

रात को मैने अनिल बनकर मेसेज किया.

मे(अनिल): क्या हुआ, कैसा रहा आज.?

मों: जैसा तुमने कहा, वैसे ही किया. पर ये सब ग़लत हैं, मेरा बेटा सीधा हैं.

मे(अनिल): अछा क्या अपने बेटे मे कुछ चेंजस देखे क्या..?

मों: एस. मेरे टच से और बूब्स देखकर उसका लंड खड़ा हुआ था, जो उसने मेरे सामने अड्जस्ट किया था.

मे(अनिल): एस. मों भी एक औरत हैं, अगर हद से ज़्यादा कोई औरत आपको ये सब करे, तो उसके बारे मे ज़ज्बात बनते ही हैं.

मों: ठीक हैं. अब कल क्या ?

मे(अनिल): अब कल भी तुम्हे आज की तरहा ही करना हैं, पर एक ट्विस्ट हैं. (और मों को मैने पूरा प्लान समझा दिया.)

तो फ्रेंड्स आपको ये पार्ट, कैसा लगा, ज़रूर बताईएएगा कॉमेंट्स मे.

दे 2 का प्लान नेक्स्ट पार्ट में.

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