बेटे और मा के गोआ में हनिमून की

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मम्मी की ज़िद पर हम हनिमून पर जेया रहे थे. सनडे सूभ की फ्लाइट थी. वो कभी फ्लाइट में भी नही बैठी थी पहले. मेरा बर्तडे थर्स्डे को था. हम 5 दिन पहले ही जेया रहे थे. ब’दे वाले दिन रात को वापस आने का था. उन्होने सारी ही पहनी थी. उस दिन मैं कॅषुयल में था.

हम गोआ 11 बजे के अराउंड पहुँचे. वो हाथ में हाथ डाल कर चिपक कर चल रही थी. मैं भी मूड में आ गया था सोच के की सुषमा के साथ हनिमून पर था. हमने टॅक्सी ली और होटेल पहुँचे. होटेल कलंगउते बीच के पास था.

बीच से 5 मिनिट का रास्ता भी नही था. मेरा भी गोआ का पहला तौर था. मैं भी पहले कभी नही आया था. होटेल पहुँचे के बाद हमने 30 मिनिट्स रेस्ट की. फिर 2 बजे स्कूटी रेंट पर ली.

सबसे पहले हम एक शॉप पर गये, और उनके लिए कपड़े लिए. उनके लिए मैने टॉप्स और शॉर्ट्स लिए. एक स्कर्ट जो नी से उपर थी वो ली. फिर हम वापस रूम आए. उसने सबसे पहले टॉप और शॉर्ट्स पहनी. मैने त-शर्ट और शॉर्ट्स पहनी, और हम 4:30 पर बीच पहुँचे.

जाते ही मैने ओपन में सुषमा को किस किया. इस बार ओपन में किस करने में दर्र नही था. कोई जानने वाला गोआ तो हो नही सकता था. और इस बार वाइफ को किस कर रहा था ऐसे लग रहा था. किस करते-करते उनको गोद में उठा लिया था. अब मैं किस छ्चोढ़ रहा था.

सुषमा: करते रहो ना प्लीज़, अछा लग रहा है.

मैं किस करता रहा. लोग देख भी रहे थे शायद. हम न्यूली वेड कपल लग रहे थे, ऐसी फीलिंग आ रही थी मुझे. दिमाग़ में बहुत कुछ चल रहा था सुषमा को किस करते हुए. की क्या पता कभी ये टाइम आए ना आए. इसलिए ये टाइम जो गोआ में बिताना था सुषमा के साथ, बिना दर्र के बिठौ.

हमने किस तोड़ी. फिर बीच के साइड बाइ साइड हाथ में हाथ डाल कर चलने लगे बातें करते हुए.

मैं: लो तेरी ये भी ज़िद पूरी हो गयी.

मम्मी: ये तो है. सारी ज़िद पूरी कर ही देते हो आप मेरी.

हम तक चुके थे, क्यूंकी सुबा से निकले हुए थे. हमने 6 बजे वापस होटेल जाने का सोचा. हम वापस होटेल आ गये. फिर डिन्नर खाया. डिन्नर के बाद सुषमा को मैने बेड पे लिटाया. फिर उसकी शॉर्ट्स उतरी. फिर टॉप, और अब वो ब्रा पनटी में थी.

मैं: लो आज हनिमून पर भी छोड़ देता हू तुझे.

मम्मी: मुझे आपका प्यार चाहिए. मुझे बहुत प्यार करो. प्लीज़ मुझे आपकी रानी बना लो इस हनिमून पर

मैं: रानी ही हो मेरी तुम. हमेशा रानी बना के रखूँगा. मैं उस शादी को मज़ाक ही समझ रहा था. अब नही समझूंगा, और पत्नी की तरह समझूंगा.

मम्मी: सॅकी पति देव? अब प्यार करो मुझे.

मैने उसकी ब्रा खोली, और मूह से पनटी उतरी. फिर 10 मिनिट तक छूट छाती. फिर उसको डॉगी स्टाइल में किया. उसकी गांद के च्छेद को देखा तो रोज़ बड की तरह था. फिर उसको जीभ से छाता. उसकी मज़े वाली आवाज़ आ रही थी. मैने 10 मिनिट से ज़्यादा जीभ के साथ छाता होगा च्छेद.

फिर उसने लंड मूह में लिया. उसकी नंगी गांद देखते हुए उसके मूह में मेरा लंड, उसके साथ सेक्स की यादों में सबसे उपर है. मुझे आज भी बहुत एग्ज़ाइटेड कर देती है वो. ये मैं हमेशा करवाता था उससे. लंड चुसवाने के बाद उसे मैने बोला-

मैं: क्यूँ ना तुझे नयी पोज़िशन में छोड़ू?

मम्मी: कों सी पोज़िशन?

मैं: तुझे मैं गोद में छोड़ूँगा खड़े हो कर.

मम्मी: कैसे बताओ?

मैने उसको बेड पर लिटाया. लंड को छूट में डाला. उसको बिताया गोद में और बैठे-बैठे बोला-

मैं: टाँग और हाथ को लॉक कर लो मेरे उपर.

जैसे ही किया उसने. मैं बेड से उतरा. हाथ को उसकी गांद पर रखा, और उसको उपर-नीचे करने लगा. उसने मेरी आँखों में देखा, और स्माइल करने लगी. देखो सुषमा तुझे मैं अपनी गोद में खिला रहा हू. एक टाइम था तू मुझे गोद में उठा कर झूला देती थी. आज तुझे गोद में उठा कर अपने लंड पर झूला दे रहा हू.

मैं: मेरी बच्ची मेरी गोद में सो जेया.

मम्मी: हंजी पापा (और हासणे लगी).

मैं: ठीक है, आज पापा ही बोल मुझे.

मम्मी: नही ये वाला ग़मे नही खेलना.

मैने भी ज़िद नही की. थोड़ी देर में स्पर्म निकल ही गया था. हम बहुत तक चुके थे. फिर हम सो गये. नेक्स्ट दे हम स्कूटी से गोआ घूमे. दोपहर में स्पोर्ट्स आक्टिविटी की, पारासैलिंग की. ईव्निंग में बीच पर ही 2 बेर ली, और खाना वही खाया. उसने बेर हाफ मुस्किल से ली. फिर जो ईव्निंग में हवा चलती है, उसका मज़ा लिया. 9 बजे तक वही रहे.

3 दिन कब निकल गये पता नही चला. वेडनेसडे रात को केक लेके आए साथ में ही. रात को हमने सेलेब्रेट किया. एक तरीके से हमारे रीलेशन की शुरुआत 2 साल पहले ही हुई थी. उसको सेलेब्रेट किया, और सेक्स का मज़ा भी लिया. थर्स्डे ईव्निंग को फ्लाइट थी. हमने समान पॅक कर लिया था. थर्स्डे को उसने स्कर्ट वाली ड्रेस पहनी, जो नी से उपर थी. उसी ड्रेस के साथ ही देल्ही आ गये. रात का वक़्त था, तो दर्र की बात थी नही.

फिर हम रूम पर पहुँचे. फ्राइडे को मम्मी गुरगाओं ही रही. सॅटर्डे को चली गयी. मुझे और भी काम थे इसलिए सॅटर्डे सनडे नही रही वो. फिर 2014 एअर में हमारी लाइफ में कुछ अलग नही हुआ. मैं वीकेंड चला जाता था. मगर फ्रीक्वेन्सी 1 वीकेंड छ्चोढ़ कर होने लगी धीरे-धीरे.

मैं उसको गुरगाओं आने से रोकता. फिर भी उस साल शायद 3 बार फिर भी आई. मगर अब नया दर्र स्टार्ट होने जेया रहा था, मेरी शादी का. मैं 26 का होने वाला था. पापा और भैया शादी के पीछे पद गये. मम्मी माना करती अभी रहने दो. उसका रीज़न आप लोगों को टा ही है. मगर कितना लाते कर सकते थे.

ऑक्टोबर 2014 से पहला रिश्ता भेज दिया. वो गुरगाओं ही देखने आए मुझे. मैं माना कर देता कोई ना कोई बहाना बना कर. ऐसे ही कितने रिश्ते माना करता रहा. अब हमारा दर्र बढ़ने लग गया, क्यूंकी अब शादी डोर नही थी मेरी. फिर भी मैं लड़की में कोई ना कोई कमी निकाल देता, या कभी कुंडली मेइज. पापा और भैया की टेन्षन स्टार्ट होने लगी. अब मम्मी मान चुकी थी शादी एक पार्ट थी मेरी लाइफ का जो होनी ही थी.

वो बोली: आपकी शादी होनी ही है किसी और से. कोई अची लड़की ना छ्छूट जाए, इसलिए जो भी लड़की पसंद आए, उससे शादी कर लो. हम मिलते तो फिर भी रहेंगे.

वो रोटी भी थी किसी-किसी दिन, मगर हम कुछ नही कर सकते थे. क्यूंकी हम जानते थे हमारा रीलेशन हमेशा ऐसा नही रह सकता. मगर यही दिल को समझते की डोर तो फिर भी नही होंगे. कभी भी मिल सकते थे अकेले मौका मिला जब भी.

फिर मैं देखने लगा रिश्ता करने की इक्चा से. भाभी ने एक दिन फोटो भेजी एक लड़की की. देखने में इतनी ख़ास नही थी. शायद मैं मम्मी से अची ढूँढ रहा था देखने में. मैने भाभी को बोल दिया एक मुलाकात कर लेते है. भाभी ने हमारी मुलाकात अरेंज करवाई. उस दिन मम्मी का फोन आया सुबा ही.

वो बोली: अची लगे तो हा बोल देना. मेरी वजह से ना नही करना.

मुझे पता था वो चाहती तो यही थी मैं ना ही करू. मगर मेरी ज़िंदगी खराब ना हो, इसलिए बोल रही थी, की कोई अची लड़की मिले और वो चली जाए. मैं उस लड़की से मिलने 90 पर्सेंट ना से ही गया था. हम मिले किसी माल में. साथ में बातें की. देखने में ठीक-ताक ही लगी, मगर बातों में अची लगी. एक मॅन में आया ना कर ही देता हू. पता नही भाभी ने जब पूछा तो हा निकल गयी.

मम्मी का फोन नही आया उस दिन. मेरी भी हिम्मत नही थी फोन करने की. उस दिन मैं भी रोया रात को. नेक्स्ट दिन मैने बात की मम्मी से. वो उदास थी मुझे पता था. फिर भी यही बोली-

मम्मी: अछा है तुझे पसंद की लड़की मिल गयी. और हम कों सा अलग हो रहे है. अब आप 2 के मज़े लेना.

मैं: मुझे कोई और नही तू ही चाहिए. भाभी को बोल देता हू मुझे नही करनी शादी.

मम्मी ने रोक दिया. अब हमारे रीलेशन में अलग ही मोड़ आ चुका था. मेरी सगाई कर दी गयी 15 दिन में ही. मगर शादी की डटे 4 महीने बाद थी. डिसेंबर 2015 में.

अब जो हुआ सगाई से लेकर आज तक शायद 2 पार्ट में आप लोगों को बता दूँगा. नही तो 3 पार्ट में तो ख़तम हो ही जाएगी. ये कहानी लिख के एक तरीके से पिछले वाली लाइफ जी है 2 महीनो में. लास्ट पार्ट में सब पता चल ही जाएगा आज की सिचुयेशन का.

आयेज की कहानी नेक्स्ट पार्ट में.

यह कहानी भी पड़े  मेरी सहेली की मम्मी की चुत चुदाइयों की दास्तान-1


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