बहन ने चुदवाकर चूत दिलवाई

हैल्लो दोस्तों, में 45 साल का हूँ, मुझे अपने कॉलेज के दिन याद आ गये थे, ये एक सच्ची कहानी है. मैंने 1978 में कॉलेज में एड्मिशन लिया था, उस समय मेरी उम्र 18 साल की थी. उसी कॉलेज में मेरी बड़ी बहन उषा भी एम.ए में पढ़ती थी, वो मुझसे 4 साल बड़ी थी, यानि 22 साल की थी, वो एक खुले विचारों वाली लड़की थी. फिर एक दिन कॉलेज में किसी नेता के मरने पर छुट्टी कर दी, तो कॉलेज से सभी अपने-अपने घर चले गये और में कॉलेज के पीछे वाले पार्क के अंदर चला गया था.

थोड़ी दूर जाने के बाद मैंने देखा कि कोई लड़का एक लड़की के साथ रोमान्स कर रहा है, तो मैंने छुपकर देखने शुरू किया. वो लड़की मेरी बहन उषा थी, वो लड़का उसकी क्लास में पढ़ने वाला रोहित था. अब रोहित उषा को लिप्स पर किस कर रहा था और अपने एक हाथ से उसकी चूची को उसके कपड़ो के ऊपर ही मसल रहा था और अपने दूसरे हाथ को उषा की सलवार के अंदर डाल रखा था और उषा दीदी की चूत में उंगली घुसा रखी थी.

अब मेरी बहन उषा ने भी रोहित का लंड अपने हाथ में पकड़ रखा था और उसे सहलाने लगी थी. अब एक बार तो में भूल ही गया था कि उषा मेरी बड़ी बहन है और फिर में एकदम से उनके पास चला गया. तो वो दोनों ही चौक गये और घबरा गये और खड़े होकर अपने कपड़े ठीक करने लगे थे. फिर मैंने उषा से कहा कि दीदी घर चलो, में पिताजी से कहूँगा. फिर उषा और रोहित दोनों मुझे मनाने लगे. फिर में घर आ गया. अब उषा बार-बार मेरे हाथ जोड़ने लगी थी. फिर मैंने किसी को कुछ नहीं कहा. फिर रात को खाना खाकर सभी सो गये, मगर अब मुझे नींद नहीं आ रही थी तो में छत पर चला गया. तो तभी मेरी बड़ी बहन उषा वहाँ पर आ गई और कहने लगी कि मुझसे गलती हो गई.

तब मैंने कहा कि दीदी में किसी से कुछ नहीं कहूँगा, मगर आप ये क्यों कर रही थी? तो तब उषा बोली कि भाई इस उम्र में सभी को सेक्स चाहिए, क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने मना किया. तब उषा ने कहा कि कोई गर्लफ्रेंड बना लो और उसके साथ मज़े लो.

मैंने कहा कि मुझे कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनानी आती. तब उषा ने कहा कि में हूँ मेरे भाई की गर्लफ्रेंड. में चुप रहा, लेकिन उषा कहने लगी कि भाई तुम अपने दिल की बात मुझसे कहो और फिर उषा ने मेरे लंड पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया. फिर दीदी ने मेरा एक हाथ पकड़कर अपनी चूची पर रख दिया, तो में दीदी की चूची को मसलने लगा था.

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उषा दीदी वही पर अपनी सलवार खोलकर लेट गई और बोली कि आजा मेरे भाई अपनी बहन की चूत से आरंभ कर अपने लंड की पहली चुदाई और फिर उस रात मैंने दो बार दीदी की चूत को अपने लंड से चोदा.

फिर अगले दिन कॉलेज में मैंने उषा के सामने ही रोहित से कहा कि भाई साहब तुम मेरी बहन की चूत मारते हो, तो में नीना की चूत मारूँगा. नीना रोहित की छोटी बहन थी और मेरी क्लास में पढ़ती थी. तो तब रोहित बोला कि ठीक है मगर तू उसे पटाएगा कैसे? अब बोलने की बारी उषा की थी, तो वो बोली कि एक प्लान बनाते है, ताकि नीना की चूत को मेरा भाई अपने लंड से चोद सके और फिर हमने एक प्लान बनाया.

अगले दिन हम कॉलेज नहीं गये और फिर में और उषा रोहित के घर चले गये. अब रोहित के घर पर रोहित और नीना के अलावा कोई नहीं था. फिर रोहित और उषा एक कमरे में चले गये और में और नीना एक कमरे में बैठे थे. फिर नीना बोली कि भैया और दीदी कहाँ गये? तो तब में बोला कि चलो देखते है, वो क्या कर रहे है? और फिर हम दोनों उनके कमरे में गये. अब रोहित और उषा दोनों बिल्कुल नंगे थे और चुदाई कर रहे थे.

फिर रोहित और उषा ने हमें अनदेखा कर दिया. अब रोहित उषा की चूत में अपना लंड डालकर धक्के लगा रहा था और नीचे पड़ी उषा लंड की चुदाई से ओह-ओह कर रही थी. फिर में नीना से कहने लगा कि देख नीना तेरा भाई कैसे मेरी बहन को चोद रहा है? और फिर मैंने नीना की चूची को मसल दिया. तो तब रोहित कहने लग जाओ और मजे करो. फिर तब मैंने झट से नीना को पकड़ लिया और उसकी सलवार में अपना एक हाथ डाललर उसकी चूत में अपनी एक उंगली दे दी. फिर उषा दीदी रोहित से चुदते हुए बोली कि बहनचोद अब लेले मज़े. फिर में और नीना भी नंगे हो गये.

मैंने नीना की चूत पर अपना लंड रखा और उसकी चूत के अंदर करने लगा. नीना की चूत कुंवारी थी, अब उसे दर्द होने लगा था और मेरा लंड भी उसकी टाईट चूत में घुस नहीं रहा था. फिर रोहित ने मुझसे कहा कि बहन के लंड, साले मेरी बहन की चूत कुंवारी है, आराम से कर और फिर उषा दीदी ने आकर नीना की चूत पर थोड़ी सी वैसलीन लगाई और मेरा लंड नीना की चूत पर रखा और हल्का सा धक्का मेरी गांड पर दिया, तो मेरा लंड नीना की चूत में थोड़ा सा अंदर गया.

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अब नीना की चूत में से खून निकल आया था. अब नीना डर गई थी, तो मैंने उसे छोड़ दिया. अब में क्या करता? अब मेरा लंड ज़ोर मार रहा था. फिर मैंने उषा दीदी से कहा कि दीदी में क्या करूँ? मेरे लंड को कैसे शांत करूँ? तो तब नीना बोली कि साले बहनचोद भोसड़ी वाले अपनी बहन की चूत को चोद. फिर उषा दीदी ने मेरा लंड पकड़ लिया और अपनी चूत पर रखा और फिर रोहित ने कहा कि साले अब कर ले मज़े.

उस दिन तो हम ज़्यादा कुछ नहीं कर पाए, लेकिन एक बात हो गई, रात को घर में सब सो गये थे. अब में और उषा दीदी एक कमरे में थे. फिर मैंने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया. फिर दीदी ने मुझे नंगा कर दिया और खुद भी नंगी हो गई थी और फिर दीदी ने मेरे लंड से अपनी चूत की चुदाई करवाई और मुझे चूत चोदना सिखाया. फिर उस रात मैंने दीदी की चूत को 3 बार चोदा. फिर अगले दिन हम कॉलेज नहीं गये और रोहित के घर चले गये.

फिर हम चारों ने अपने कपड़े उतार दिए और पूरे नंगे हो गये, तो मैंने देखा कि नीना में चुदाई की भूख थी. फिर रोहित ने बताया कि रात को उसने नीना की चूत को पहले उंगली से और फिर उसके लंड से चोदकर तैयार किया है. फिर मैंने दीदी से कहा कि में पहले आपकी चूत मारूँगा और फिर मैंने अपना लंड दीदी की चूत में घुसा दिया. अब उधर नीना ने भी रोहित का लंड अपनी चूत में घुसा लिया था. फिर हम चारों ने उस दिन बारी-बारी से आपस में चुदाई की और खूब मज़ा लिया. फिर एक दिन में और उषा दीदी घर में अकेले थे, तो तब मैंने कहा कि दीदी चूत दे दो.

तब दीदी ने कहा कि बहनचोद जब अपनी बहन की चूत चोदनी हो, तो दीदी नहीं बीवी कहा करो. तब मैंने कहा कि साली अब में बहनचोद हूँ और फिर हम दोनों चुदाई करने लगे. अब दीदी रोहित से कम चुदवाती थी और मुझसे रोज रात को 3 बार चुदती थी. अब हफ्ते में एक बार रोहित और नीना भी हमारी चुदाई में शामिल होते थे. अब नीना की चूत को भी रोहित ने अपने लंड से चोद-चोदकर अच्छा तैयार कर दिया था. फिर उषा दीदी ने अपनी कई फ्रेंड्स की चूत भी मुझसे चुदवाई और फिर रोहित, नीना, उषा और मेरी शादी हो गई. अब उषा दीदी तो कभी-कभी मिल जाती है, लेकिन नीना फिर कभी भी नहीं मिली. अब में उषा दीदी की चूत को अपने लंड से खूब चोदता हूँ और खूब मजे लेता हूँ.



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