हेलो रीडर्स, आपने लास्ट पार्ट में जाना की कैसे मैने अपनी बेहन को छोड़-छोड़ के बेहोश कर दिया, और हमारी मा ने हमे सेक्स करते हुए देख लिया था. बुत वो कुछ बोली नही और वाहा से निकल के अपने रूम में आ गयी. अब आयेज की स्टोरी स्टार्ट करता हू.
हमारी चुदाई ख़तम होने के बाद मैं नीचे आया, और पानी पीने के बहाने किचन की तरफ जाने लगा. किचिन में जाते टाइम मैने मा के रूम में झाबक के देखा तो मेरी आखें खुली की खुली रह गयी.
मैने देखा की मा ने अपनी निघट्य उतार के फेंक दी थी, और पनटी भी बेड के कोने में पड़ी थी. मा एक-दूं नंगी बेड पे लेती थी, और अपने पैरों के बीच में अपनी छूट में उंगली कर रही थी. साथ में वो अपने बड़े-बड़े बूब्स को मसल रही थी.
ये देख के मेरा लंड खड़ा हो गया, और मैं किचिन में जाके पानी पी कर वही मा को याद करके मूठ मारने लगा. मेरा मूह किचिन के गाते के ऑपोसिट साइड था, और मैं उपर देख के लंड को हिला रहा था.
फिर थोड़ी देर में मुझे एक आइडिया आया की क्यूँ ना मैं मा के रूम के गाते पे जाके मूठ मारु.
मैं उनके रूम के गाते पे गया तो देखा मा झाड़ गयी थी, और नंगी ही सो गयी थी. लेकिन मा के बूब्स देख के मैं खुद को बाहर नही रोक पाया, और मा के बेड की साइड में आके अपने लंड को ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगा.
लगभग 10-15 मिनिट लंड हिलने के बाद मैं झाड़ गया, और मेरे लंड से माल निकल के मा के बूब्स पे गिर गया. माल इतना गाढ़ा था की अगर मैं सॉफ करता तो मा जाग जाती. तो मैं वाहा से ऐसे ही निकल आया.
फिर मैं अपने रूम में आके लेट गया. बुत मुझे नीड नही आ रही थी, क्यूंकी मेरे मॅन में मा को छोड़ने के इक्चा चल रही थी. तभी करीब 2 बजे जनवी उठ कर मेरे रूम में आई.
जनवी: भोंसड़ी के छोंदे के बाद, मुझे मेरे रूम में लिटा के तू अकेला क्यूँ लेता है?
मे: बहनचोड़ तू बेहोश पड़ी थी. तो तेरे को ब्रा और शॉर्ट पहना के तेरे रूम में लिटा आया. क्यूंकी मुझे लग नही रहा था की सुबा से पहले तू उठेगी.
जनवी: बेहोश तो इसलिए हो गयी थी, क्यूंकी पहली बार चूड़ते हुए झड़ी हू.
मे: पहली बार मतलब?
जनवी मेरे पास आते हुए अपनी ब्रा उतार के फेंक देती है, और अपने शॉर्ट को मेरे मूह की साइड गांद करके उतारती है. फिर झुक के पूरी गांद दिखती है. ये देख के मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया, और मैने अपना लोवर उतार के बेड की साइड में फेंक दिया.
अब मैं बेड पे नंगा लेता था. जनवी मेरे उपर आके अपनी छूट में मेरा लंड रख के बैठ जाती है, और फिर बोलती है-
जनवी: मतलब ये मेरे प्यारे छोड़ू भैया, की आज से पहले मैं चूड़ते हुए कभी नही झड़ी थी. तूने आज मुझे छोड़-छोड़ के पूरा सॅटिस्फाइ कर दिया.
मे: लग तो नही रहा है साली.
जनवी: कैसे नही लग रहा?
मे: सॅटिस्फाइ हो जाती तो सो रही होती. बुत तू तो फिरसे चूड़ने के लिए घोड़े पे सवार हो गयी है.
जनवी: मेरे घोड़े, तेरे पे और तेरे लोड पे मेरा जब मॅन करेगा और जैसे मॅन करेगा वैसे चुड़ूँगी.
और वो खुद को आयेज-पीछे करके झटके देने लगी.
मे: अछा मेरी रंडी, तो अभी तुझे और झटके लेने है?
जनवी: हा मेरे लंड के राजा.
इतना सुन के मैं जनवी को हग करके, उसकी कमर को पकड़ के ज़ोर-ज़ोर से पेलने लगा.
जनवी: आहह भैया फक मे. फक मे हार्ड भैया! आहह आहह.
और वो अपने बूब्स मेरे मूह में देने लगी. 15-20 मिनिट उसको इसी पोज़िशन में छोड़ के मैने उसको साइड में बिताया.
मे: मुझे तेरी गांद चाहिए.
जनवी मेरी तरफ घूर कर देखते हुए बोली: तू बेरहम है. मैं अभी न्यू-न्यू चूड़ी हू. अभी चोट छोड़ ले, हफ्ते भर में गांद भी दे दूँगी
मे: अब तू कुटिया बॅन जेया.
जनवी: तेरे लिए तो मैं कुटिया क्या रंडी भी बन जौ.
बोल के वो बेड के किनारे पे डॉगी स्टाइल में आ गयी. मैने उसकी गांद पे लंड टीकाया तो वो सीधा लेट गयी और बोली-
जनवी: क्या है बेहन के लोड! समझ नही आता अभी छूट का भोंसड़ा बना ले, फिर तेरे से गांद मार्व्ौनगी.
मे: अर्रे बेहन की लोदी, भोंसड़ी वाली, इतना क्यूँ दर्र रही है गांद मरवाने में? आज गांद नही मारूँगा, हफ्ते भर बाद मारूँगा.
जनवी इतना सुन के डॉगी स्टाइल में आ गयी. और मैने उसके बाल पकड़ के उसकी छूट में एक झटके में पूरा लंड पेल दिया.
जनवी: आहह मदारचोड़, आराम से छोड़ ले.
मे: तू आराम से छोड़ने वाली माल नही है.
और मैं ज़ोर-ज़ोर से झटके देने लगा. जनवी भी मूड में आ गयी और बोली-
जनवी: तो तू फाड़ दे इस छूट को. भोंसड़ा बना दे छोड़-छोड़ के मेरे राजा.
मे: छोड़ तो रहा हू, और कैसे छोड़ू?
जनवी: अब छोड़ना भी मैं सीखौँगी?
मे: हा मेरी रंडी.
जनवी: चल तेरे लिए एक ऑफर है.
मे: बोल क्या ऑफर है?
जनवी: अगर तू मुझे इसी पोज़िशन में छोड़ के झाड़ा देगा, तो कल तेरे लिए मेरी गांद के दरवाज़े खुल जाएँगे.
मे: बेहन के लोदी, साली रंडी, काम की बात इतना लाते क्यूँ बताती है?
इतना बोल के मैने उसके एक हाथ से बाल पकड़े और एक से कमर, और लगातार 50-60 ज़ोरदार शॉट मारे
जनवी: आहह आहह मॅर गयी भाई. आहह, ज़रा धीरे करो भाई. मैं मॅर जौंगी भाई आह, प्लीज़ धीरे करो.
मे: छोड़ते हुए कल तेरी गांद भी फाड़ुँगा.
बोल के उसके बूब्स पकड़ के पूरा लंड बाहर निकाल के अंदर डालने लगा. लगभग 15-20 मिनिट पूरा लंड अंदर बाहर करके छोड़ने के बाद जनवी झाड़ गयी, और बेड पे गांद मेरी साइड करके लेट गयी. मैं उसकी गांद पे थप्पड़ मार के बोला-
मे: रेडी हो जाओ मेरे जानेमन, कल तुम्हे फाड़ुँगा.
जनवी: सेयेल भद्वे, मेरी गांद के पीछे इतना पागल हो गया, की बेड की भी केर नही की. देख पूरा गीला हो गया है. सुबा तक सूख भी पाएगा या नही पता नही.
मे (घड़ी की साइड देख के): अभी 4 बजने में 2-3 घंटे है. सूख जाएगा, तू टेन्षन ना ले.
इतना बोल ने बाद जनवी ने अपनी ब्रा और शॉर्ट उठाए, और नंगी अपने रूम की तरफ जाने लगी. मैने जाते टाइम उसकी गांद पे थप्पड़ मारा, और गुड नाइट बोल के हम दोनो सोने के लिए लेट गये.
मुझे नीड नही आई तो मैं फोन में देसीकाहानी पे मा-बेटे की स्टोरी पढ़ने लगा. पड़ते-पड़ते 5:30 हो गये, और मुझे नीचे से आवाज़ आने लगी. मैने नीचे देखा तो मम्मी जाग चुकी थी, और झाड़ू लगाने उपर आ रही थी. फिर मैं रूम में जाके सोने की आक्टिंग करने लगा.
मैने देखा की मम्मी सिर्फ़ निघट्य में थी, और उन्होने अंदर ब्रा नही पहनी थी, और ना ही पनटी. ये देख के मेरा लंड खड़ा हो गया और मम्मी ने मेरे खड़े लंड के देख लिया.
इसके आयेज क्या हुआ जानिए मेरी नेक्स्ट स्टोरी में.
तो फ्रेंड्स कैसी लगी स्टोरी कॉमेंट में ज़रूर बताना. मिलूँगा अपनी नेक्स्ट स्टोरी में.
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