प्रिया दी को फैज़ल पूरी रात 6 राउंड ज़म कर चोदा। जब सुबह हुई, 8 बजे तो मैं उठा। जब दी के रूम में आया तो देखा फैज़ल अपने कपड़े पहन रहा था, और मेरी बहन बेड पर नंगी बिस्तर पर सोइ थी। बेचारी थक गयी थी पूरी रात चुद कर
फैज़ल: रोहन मुझे रेलवे स्टेशन छोड़ दे। मेरा टाइम हो गया है। अब मैं निकलूंगा।
मैं: ओके।
फैज़ल कपड़े पहन कर रेडी हो गया, और दी को किस किया। उसके बूब्स को दबाया। लेकिन दी इतनी गहरी नींद में सोइ हुई थी, कि उसको पता भी नहीं चला। फिर मैं फैज़ल को रेलवे स्टेशन छोड़ कर वापस घर आया। मेरे कॉलेज का टाइम भी हो गया था, तो मैं कॉलेज के लिए रेडी होने लगा।
जब मैं कॉलेज के जाने लगा, तो सोचा एक बार दी को बोल देता हूं कि मैं कॉलेज जा रहा था।
मैं दी के रूम में उनको बोलने गया, तो देखा दी नंगी गांड ऊपर करके सो रही थी। फैज़ल ने ज़म कर गांड मारी थी। गांड के होल पे फैज़ल के लंड के पानी के दाग लगे हुए थे। प्रिया दी बहुत प्यारी लग रही थी।
मैं दी के पास गया दी को उठाने: दी उठो दी, मैं कॉलेज जा रहा हूं। दी उठो ना।
प्रिया दी की कुछ देरी बाद धीरे-धीरे आंखे खुली। फिर वो करवट लेकर दूसरी साइड घूम गई। उनकी चूत और बड़े बूब्स मेरे सामने हिल रहे थे। दी की चूत से भी फैज़ल के लंड का पानी निकलने के दाग लगे हुए थे। मैं जब दी को उठाने के लिए उनको हिला रहा था, दी के बूब्स पूरे मज़े से हिल रहे थे। मुझे देख कर मज़ा आ रहा था। लेकिन 2 मिनट दी को उठाने के बाद दी उठ गयी। जब मुझे देखी तो चादर ओढ़ ली।
प्रिया दी (नींद में): हां भाई बोलो ना?
मैं: दी मैं कॉलेज जा रहा हूं।
प्रिया दी: फैज़ल कहां है?
मैं: आप तो इतनी गहरी नींद में सोइ थी। वो तो कब के चले गए। आपको किस किये, आपके बूब्स को भी प्यार किये, आपको पता ही नहीं चला।
प्रिया दी: भाई कैसे पता चलेगा? वो कितनी बेरहमी से मुझे पूरी रात चोदा मैं जानती हूं।
मैं: ओह पसंद तो आपको ही था दी, मज़े भी तो आप ही की।
प्रिया दी ( मुस्कुरा कर ): वो तो है भाई। मज़े तो बहुत की उसके साथ।
मैं: अच्छा दी मैं कॉलेज जा रहा हूं। टाइम हो गया है, आप अंदर से गेट बंद कर लो।
प्रिया दी: ओके भाई।
प्रिया दी वैसे ही चादर लपेटे मुझे बाहर तक छोड़ने आने लगी। मैं गेट पर गया, वहीं खड़ा हो गया, और दी को देखने लगा।
प्रिया दी: क्या हुआ, जाओ कॉलेज।
मैं: दी एक बार चादर हटाओ, आपको देख कर कॉलेज जाऊंगा।
प्रिया दी: नो भाई, तुम अब बहुत बदमाश हो गए हो।
मैं: ओके दी मत दिखाओ।
और मैं बाहर जाने लगा। मैं बाहर अपनी गाड़ी निकालने लगा। जब अपनी गाड़ी घुमा कर ले जाने लगा, तभी दी ने गेट से आवाज़ लगाई।
प्रिया दी: रोहन।
मैं दी के तरफ देखा, और दी गेट खोल कर अपनी चादर हटा दी। मेरी बहन पूरी नंगी थी मेरे सामने।
मैं: मुझे पता था दी आप मुझे निराश नहीं करोगी।
मेरा तो दिल खुश हो गया आपको देख कर।
प्रिया दी: तू ही तो मेरा प्यारा भाई है। तू जो बोले वो मैं कैसे मना कर सकती हूं?
मैं: दी गांड भी दिखाओ।
प्रिया दी पीछे घूम गयी और अपनी गांड पर हाथ रख कर उसको फैला कर दिखाई।
मैं: सच में दी आप बहुत प्यारी बहन हो। लव यू दी।
प्रिया दी: लव यू सो मच भाई।
मैं: अच्छा दी मैं जा रहा हूं, बाय।
प्रिया दी: बाय भाई।
दी गेट बंद करके अंदर चली गयी। मैं गाड़ी स्टार्ट किया, और कॉलेज चला गया। कॉलेज में पढ़ाई और दोस्तों के साथ मस्ती किया। बहुत अच्छा लगा ज़ब कॉलेज ख़त्म हुआ। तो मैं घर की तरफ निकल गया। मैं रास्ते में आ ही रहा था कि मुझे एक गाड़ी वाले ने रुकने का इशारा किया। मैं गाड़ी को साइड में लगाया। वो गाड़ी वाला भी रुका।
मैं देखा 2 गाड़ियां थी। वो दोनों गाड़ियां मेरे बगल में रुकी। उसमें से 6-7 लोग बाहर आये। उसके से एक सबका हेड लग रहा था। उसको सब भाई-भाई बोल रहे थे, कोई मालिक बोल रहा था। वो सब मेरे पास आये।
मैं: क्या हुआ, आप लोग कौन हो?
उन लोगों का जो हेड था, वो बोला: तू रोहन सिंह है, प्रिया सिंह का भाई?
मैं: हां मैं ही रोहन सिंह हूं। क्या हुआ?
जो हेड था वो बोला: मैं असलम खान हूं। रंडीखाने का मालिक हूं। लड़कियां खरीदता हूं, बेचता हूं, धंधा करवाता हूं।
मैं: तो मैं क्या करूं?
असलम: मुझे तेरी बहन के बारे में पता चला है। साली बहुत जबरदस्त मॉल है, और यॉर लोग भी है उसके।
मैं: तो तुमसे क्या मतलब? तू अपना काम कर।
तभी उनमें से 3-4 लोग बोले: साले माधरचोद, तेरी इतनी हिम्मत, भाई से तू करके बात करेगा!
मैं: सॉरी माफ कर दीजिये।
असलम: रे, छोड़ रे सब लोग इसको। सुन रोहन, तेरी बहन को हम लोग खरीदने आये है। जो क़ीमत होगी, हम लोग देंगे। तू बेचेगा अपनी बहन को?
मैं: नहीं, कभी नहीं। और हम लोगों के पास पैसों की कमी नहीं है जो ये सब करेंगे। और मैं अपनी बहन को पैसों के लिए कभी नहीं बेच सकता।
फिर असलम मुझे बोलता है: देख तेरी बहन तो वैसे भी बाहरी लड़कों के साथ चुदती है। तो क्यूं ना हमारे कोठे पर आकर चुदे। उसके बदले उसको पैसे भी मिलेंगे। वैसे तो वो फ्री में चुद रही है।
मैं भी सोचने लगा। वैसे तो ये सच ही बोल रहा है। लेकिन कोठा मेरी बहन के लिए, ये सही नहीं होगा।
असलम: क्या सोचने लगे?
मैं: कुछ नहीं, ये सब काम मेरी बहन नहीं करेगी बस।
असलम: ठीक है। अच्छा तू मेरा नंबर लेले। अपनी बहन से बोलना मुझसे एक बार बात कर लेगी।
मैं: देखिये मैं आपको बोला ना, मेरी बहन ये सब काम नहीं करेगी।
असलम: वो तो बाद की बात है। वो हमारे साथ काम करेगी या नहीं, तू बस एक मुझसे बात करा देना।
फिर असलम मुझे अपना नम्बर दिया। फिर वो सब दोनों गाड़ियों से निकल गए। मैं भी गाड़ी स्टार्ट किया, और घर पर आया। घर पहुंचा, और गेट पर रिंग बज़ाई। कुछ देर बाद ही दी आयी गेट खोली
प्रिया दी (मुझे देख कर ख़ुश हुई): आ गया मेरा भाई, आजा अंदर।
दी येलो कलर की टी-शर्ट और नीचे शॉर्ट्स पहनी थी। बहुत प्यारी लग रही थी।
मैं: नींद पूरा हो गयी दी आपकी? थकान कम हुई?
प्रिया दी: हां भाई अब तो थकान गायब हो गयी।
मैं ड्रेस चेंज किया। फ्रेश हो कर हॉल में सोफे पर बैठ कर असलम की बात सोचने लगा कि ये बात दी को कैसे बताऊं।
प्रिया दी: क्या सोच रहे हो भाई इतनी देर से?
मैं: अब मैं आपको कैसे बताऊं दी। मैं जब कॉलेज से आ रहा था तो मुझे रास्ते में कौन मिला।
प्रिया दी (मेरी बात सुन कर मेरे बगल आकर बैठ गयी): क्या हुआ भाई? कौन थे वो लोग? क्या किये तेरे साथ? किसी ने मारा क्या तुझे?
मैं: नहीं दी, वो लोग मारे तो नहीं। अब मैं आपको कैसे बताऊं।
प्रिया दी: तू मुझे बता भाई जो बात है। अपनी बहन से तो तू सारी बातें शेयर करता है। बता ना क्या हुआ।
मैं: दी मैं कॉलेज से आ रहा था, तो 2 गाड़ी से कुछ लोग मुझे रुकवा दिए। फिर उसमे से एक असलम नाम का आदमी था, करीब 45 साल का रहा होगा।
फिर मैं सारी बात दी को बताया। ये भी बताया कि उसने अपना नम्बर भी दिया और बोला प्रिया से बोल देना मुझसे एक बार बात कर ले।
प्रिया दी: अच्छा भाई तू टेंशन ना ले।
मैं: दी क्या असलम से बात करना ठीक होगा?
प्रिया दी: जब वो इतना बोल रहा है, तो एक बार बात कर ही लेती हूं।
मैंने दी को नम्बर दिया। दी अपने ही मोबइल से कॉल को हैंड फ्री कर दी। रिंग जाने लगी।
असलम: हैलो कौन?
प्रिया दी: रोहन सिंह की बहन प्रिया सिंह बोल रही हूं।
असलम: ओह प्रिया, बहुत सुना हूं तेरे बारे में। क्या मॉल है तू। चुदती भी बहुत मज़े से है। तेरे फिगर के बारे बहुत सुना हूं।
प्रिया दी: अच्छा तो मेरे भाई को क्यूं परेशान कर रहे थे रास्ते में?
असलम: अरे परेशान नहीं, वो तो तुम्हें खरीदने के लिए उससे पूछ रहा था।
प्रिया दी: देखो मेरे पास पैसों की कमी नहीं है, समझे?
असलम: अच्छा ठीक है। जो काम अपने घर में करती हो, वही काम हमारे कोठे पर आकर करो। यहां तुम्हारी जैसी लड़कियों की बहुत डिमांड है। यहां बहुत कस्टमर मिलेंगे तुम्हें।
प्रिया दी: तुम्हे ऐसा क्यूं लग रहा मुझे लड़कों की कमी है। मैं जितना चाहूं उतने लड़कों की लाइन लगा दूं, समझे।
असलम: वो मेरा मतलब नहीं था। मैं जानता हूं तुम्हे चोदने के लिए लड़कों की लाइन लगी है। उसमे कोई शक नहीं।
प्रिया दी: आज के बाद मेरे भाई को परेशान मत करना, समझे।
असलम: ठीक है नहीं परेशान करूंगा। अच्छा एक बार हमसे मिल लो।
प्रिया दी: क्यूं, क्या काम है?
असलम: सबसे मिलती हो। हमसे एक बार मिल लो। तुमसे मिल कर बात करना चाहता हूं।
प्रिया दी मेरे तरफ देखती है।
मैं इशारे में पूछा: क्या करोगी दी, मिलोगी या मना कर दोगी?
प्रिया दी धीरे से बोली: एक बार मिल लेती हूं। देखती हूं क्या बात करता है। मैं भी इशारे से दी को ओके बोल दिया।
प्रिया दी: अच्छा ठीक है आ जाओ।
दी उसको घर का एड्रेस देती है।
असलम: थैंक यू जान, आज रात को आऊंगा तुम्हारे घर।
प्रिया दी: ठीक है।
फिर दी फ़ोन कट कर देती है।
इससे आगे की स्टोरी अगले पार्ट में। मेरी ईमेल आईडी है-