बेहन की थ्रीसम चुदाई की कहानी

ही गाइस, मैं आज स्टोरी के नेक्स्ट पार्ट के साथ हाज़िर हुआ हू.

थोड़ी देर तक सब ऐसे ही लेते रहे. फिर दीदी उठी, और वॉशरूम चली गयी, और फ्रेश हो कर ब्लॅक ब्रा और पनटी पहन ली. दोनो बुड्ढे भी बाहर आ गये थे.

शर्मा साब ने अपना कक्चा पहना हुआ था, और असलम साब नंगे ही बैठे हुए थे. शर्मा साब ने ऑनलाइन खाना ऑर्डर किया, और तीनो बैठ कर बातें करने लगे. 30 मिनिट्स के बाद खाने का पार्सल आया, तो शर्मा साब बोले-

शर्मा साब: जाओ अंजलि, जेया कर खाना रिसीव करो.

दीदी: इसी तरह चली जौ क्या? आप में से कोई चला जाए.

शर्मा साब: तुम ही जेया कर रिसीव करो, कुछ नही होता.

दीदी उठी, और जेया कर दरवाज़ा खोला. उसने अपना जिस्म दरवाज़े से पीछे रखा, और सिर्फ़ अपना मूह और हाथ आयेज बढ़ाए खाना रिसीव करने के लिए. दीदी खाना रिसीव कर रही थी, की पीछे से असलम साब आए, और दीदी की गांद पर एक ज़ोर का थप्पड़ मारा, और दीदी को आयेज की तरफ धक्का दे दिया.

दीदी के मूह से एक हल्की सी चीख निकली, और दीदी आयेज को बढ़ गयी. अब दीदी उस डेलिवरी बॉय के सामने खड़ी थी सिर्फ़ एक ब्रा और पनटी में. डेलिवरी बॉय आँखें फाड़-फाड़ कर दीदी को देख रहा था.

दीदी को बड़ी शरम आई, और दीदी ने जल्दी से उससे खाना रिसीव किया और दरवाज़ा बंद कर दिया. फिर वो गुस्से से असलम साब को देखने लगी.

असलम साब और शर्मा साब दोनो हस्स रहे थे. दीदी गुस्से से आयेज बढ़ी और टेबल पर खाना रख दिया. दीदी को गुस्से में दाख कर असलम साब बोले-

असलम साब: अंजलि हम तेरी शर्मा निकाल रहे है. तुझको बोल्ड बना रहे है.

दीदी: बड़ा अछा काम कर रहे हो. सारी दुनिया के सामने मुझे नंगा करके.

असलम साब हेस्ट हुए: हाहहाहा, मेरी जान, तुझको सिर्फ़ नंगा हम ही कर सकते है. दुनिया सिर्फ़ देख सकती है.

फिर दीदी ने खाना लगाया, और सब ने खाना खाया. खाने के बाद दीदी का गुस्सा कम हो चुका था. अब तीनो बैठे दारू और सिगरेट पी रहे थे.

शर्मा साब ने दीदी का मोबाइल पकड़ा, और उसमे पिक्चर्स देखने लगे. पिक्चर्स देखते-देखते शर्मा साब ने एक पिक्चर को देख कर पूछा-

शर्मा साब: अंजलि ये कों है, तेरी जैसी हॉट?

दीदी: ये मेरी भाभी है, विकी की बीवी राधिका.

राधिका की आगे 30 साल है. उसका एक बच्चा भी है. राधिका का फिगर 36-28-36 है. असलम साब राधिका की तस्वीर देखते हुए बोले-

असलम साब: विकी की तो बड़ी अची किस्मत है.

शर्मा साब: अंजलि, कभी अपनी भाभी को भी इधर लाओ, ज़रा हमारे पास.

दीदी: तुम दोनो कितने गंदे इंसान हो. राधिका बड़ी शरीफ है. तुम दोनो को बर्दाश्त नही कर सकेगी.

शर्मा साब ने दीदी को अपनी गोद में बिताया और दीदी के गाल चूम कर बोले-

शर्मा साब: शरीफ तो तू भी थी. अब कैसे नंगी हो कर मेरी गोद में बैठी है. ऐसे उसकी शर्म भी निकाला देंगे हम.

दीदी: तुम दोनो को बर्दाश्त करना मेरा ही काम था. चलो करती हू कुछ.

असलम साब: बस अब तेरी भाभी भी आ जाए तो हमारा ग्रूप मुकम्मल हो जाए.

दीदी: तुम दोनो ने अब उसकी तस्वीर देख ली है. अब उसको छ्चोढोगे नही.

शर्मा साब ने दीदी को एक दफ़ा फिरसे पकड़ लिया, और किस करने लगे. शर्मा साब दीदी के होंठ चूस रहे थे, और मज़े ले रहे थे. दीदी भी पूरा साथ दे रही थे शर्मा साब का. दीदी ने अपना मूह खोला तो शर्मा साब ने अपनी ज़ुबान दीदी के मूह में डाल दी.

वो शर्मा साब की ज़ुबान चूस रही थी. फिर दीदी ने अपनी ज़ुबान शर्मा साब के मूह में डाली, तो शर्मा साब दीदी की ज़ुबान चूसने लगे.

दोनो एक-दूसरे को किस कर रहे थे. फिर शर्मा साब ने दीदी की ब्रा उतार दी. दीदी के बूब्स आज़ाद हो गये, और शर्मा साब ने दीदी के बूब्स चूसने स्टार्ट कर दिए.

असलम साब सोफे के पास आए, और अपना लोड्‍ा दीदी के मूह पर फेरने लगे. दीदी ने असलम साब का लोड्‍ा अपने हाथ मैं पकड़ लिया, और असलम साब का लोड्‍ा सहलाने लगी.

शर्मा साब ने दीदी को अपनी गोद से उतरा, और सोफे पर बिता लेया. दीदी की दूसरी साइड पर असलम साब आ कर बैठ गये. उसने अपना मूह असलम साब की तरफ किया, और असलम साब को किस करने लगी.

दीदी असलम साब को किस कर रही थे, और दूसरे हाथ से शर्मा साब का लोड्‍ा सहला रही थी. फिर दीदी ने किस तोड़ी, और दूसरी तरफ मूह करके शर्मा साब का लोड्‍ा चूसने लगी.

असलम साब ने दीदी की टांगे अपनी गोद में कर ली, और दीदी की पनटी उतार दी. अब दीदी की गांद असलम साब के सामने थी. असलम साब ने दीदी की गांद को ज़ोर से दबाया, और गांद पर किस करने लगे. असलम साब बड़े प्यार से दीदी की गांद को दबा रहे थे, और बीच-बीच में दीदी की गांद पर किस भी कर रहे थे.

5 मिनिट्स तक शर्मा साब का लोड्‍ा चूसने के बाद, शर्मा साब ने दीदी को उठाया, और दीदी को अपने लोड पर बिता लिया. दीदी ने शरम साब का लोड्‍ा अपनी छूट में ले लिया. उसका मूह शर्मा साब की तरफ था. दीदी उछाल रही थी, तो दीदी के बूब्स शर्मा साब की छाती से लग रहे थे. पुर कमरे में दीदी की सिसकियों की आवाज़ आ रही थी.

असलम साब अपना लोड्‍ा हाथ मैं पकड़े दीदी के पीछे आए, और शर्मा साब को इशारा किया तो शर्मा साब ने दीदी की कमर को ज़ोर से पकड़ कर दीदी को तोड़ा सा उपर उठाया.

दीदी की गांद का सुराख असलम साब के सामने था. उसने पीछे मूड कर देखा तो असलम साब अपने लोड को टेल लगा कर दीदी की गांद पर सेट कर रहे थे.

दीदी बोली: प्लीज़ उधर नही. उधर बहुत दर्द होता है.

लेकिन असलम साब ने दीदी की एक ना सुनी, और दीदी की गांद पर अपना लोड्‍ा रख कर एक झटका मारा, जिससे असलम साब का लोड्‍ा दीदी की गांद में चला गया. दीदी दर्द से चीख पड़ी आहह. उधर शर्मा साब भी नीचे से धक्के मारने लगे. अब असलम साब और शर्मा साब दोनो पूरी रफ़्तार से दीदी को छोड़ रहे थे.

दीदी दोनो बुद्धो में सॅंडविच बन गयी थी. दोनो बुड्ढे पूरी रफ़्तार से दीदी को छोड़ रहे थे. दीदी का दर्द के मारे बुरा हाल था, और पुर कमरे में अब दीदी की चीखें गूँज रही थी.

10 मिनिट्स के बाद शर्मा साब ने दीदी को छ्चोढा, तो दीदी को कुछ राहत मिली. लेकिन दोनो बुद्धो ने अपनी पोज़िशन बदल ली.

अब असलम साब दीदी की छूट मार रहे थे, और शर्मा साब दीदी की गांद मार रहे थे. 10 मिनिट्स के बाद शर्मा साब के लोड ने पानी छ्चोढा था, तो शर्मा साब साइड में हो गये. 5 मिनिट्स के बाद असलम साब ने भी अपना पानी दीदी की छूट में छ्चोढा और वो भी साइड में हो गये.

दीदी का बुरा हाल एक साथ छूट और गांद मरवा कर. तीनो फ्रश पर ही लेट गये. 10 मिनिट्स के बाद शर्मा साब उठे, और दीदी को उठा कर वॉशरूम ले गये. फिर दोनो फ्रेश हो कर बेडरूम में चले गये. 5 मिनिट्स के बाद असलम साब भी बेड रूम में आ गये.

असलम साब: आज तो मज़ा ही आ गया.

दीदी: तुम दोनो ने मेरी जान ही निकाल दी.

शर्मा साब: इसलिए तो तुझको बोल रहे है. राधिका को भी शामिल कर ले.

दीदी: वो शरीफ है. जैसे तुम दोनो ने मुझे आज छोड़ा है, ऐसे अगर उसको छोड़ा, तो वो बेचारी मॅर ही जाएगी.

असलम साब: नही मारती, प्यार से छोड़ेंगे.

शर्मा साब: अब हम कब मिलेंगे?

दीदी: एक महीने बाद.

शर्मा साब: चलो एक महीने तक तुम राधिका को मनाओ.

दीदी: कुछ करती हो.

फिर दीदी उन दोनो बुद्धो के बीच में लेट गयी, और तीनो बातें करने लगी.

तो बे कंटिन्यूड…

आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी मुझको एमाइल लाज़मी करना.

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