बहन की चुदाई करके सिर दर्द भागने की कहानी

ही फ्रेंड्स, कैसे हो आप सब?

ये एपिसोड एक स्टोरी के साथ-साथ एक इंटिमेशन भी है. मान लो की स्टोरी के बीच में इंटर्वल. क्यूंकी, मैं आप सब रीडर्स को सूचित करना चाहता हू, की नेक्स्ट एपिसोड से इस स्टोरी को मैं आयेज कंटिन्यू नही करूँगा, मेरी दी करेगी.

जी, सही सुना आपने. मेरी अनु दी अब से नेक्स्ट स्टोरी को नॅरेट करेगी. वही अनु दी, जिसको चलती कार में, उसके पति के बगल में ही छोड़ा था. फिर पब्लिक वॉशरूम में, और फाइनली एक हब्बी की तरह उसके घर के बेडरूम में उसको छोड़ा था. जहा दी अपने नये घर में अपनी चुदाई का इनऑयरेशन अपने भाई से करवाती है.

वही मेरी सेक्सी दी, मेरे लंड की दीवानी अनु दी अब से इस स्टोरी को अपने अंदाज़ में, अपने शब्दों में आगे बयान करेगी.

मेरे पास दी की बात मानने के साइवा कोई चारा नही था. क्यूंकी दी ने बातों ही बातों में मुझे इशारा कर दिया था, की अगर मैं उसको स्टोरी राइटिंग का कंट्रोल नही दूँगा, तो मुझे उसकी चुत से हाथ धोना पड़ेगा. और आयेज मुझे अनु दी की हेल्प से सीमा दी को भी छोड़ना था.

आयेज और भी कुछ प्लॅन्स थे दिमाग़ में, जो शायद दी की हेल्प के बिना पुर नही हो पाएँगे. सो, मुझे राज़ी होना पड़ा. और वैसे भी परिवर्तन ही संसार का नियम है, सो बे इट.

मैने दी को ऑप्षन दिया: दी तुम मुझे अपनी स्टोरी लिख के भेज दो, मैं पोस्ट कर दूँगा.

पर दी ने माना कर दिया. शायद दी को लगा होगा, की मैं उसकी स्टोरी में अपने हिसाब से कुछ एडिटिंग कर दूँगा. या फिर कुछ ऐसी बात होगी, जो दी को डाइरेक्ट आप सब को बतानी होगी.

कुछ भी रीज़न हो, पर मैं इस स्टोरी राइटिंग का फुल कंट्रोल अब दी को दे रहा हू. सो दी अपने हिसाब से स्टोरी को लिखेगी, और पोस्ट करेगी. मैने दी को सब सीखा दिया है की कैसे राइटिंग करनी है, और कैसे स्टोरी की ड्के पे पोस्टिंग करना है.

और ये सब अचानक ही हुआ, जिसकी मुझे कल्पना भी नही थी. जब दी और मैं माइज़ॉयर से अपने घर आए, और मों शाम को बाहर गयी हुई थी. उसी शाम को मैं और दी ने शादी के दिन वाली अधूरी चुदाई को पूरा किया.

सच बतौ, तो दी को वैसे बेड पे छोड़ने के बजाए ऐसे खड़े-खड़े छोड़ने में और प्ले करते हुए छोड़ने में काफ़ी मज़ा आया. उस रात फिर दी पूरी रात आराम से सोई, और दूसरे दिन उठी तो उठ कर सीधे मेरे कमरे में आई. मैं तब कुछ काम कर रहा था अपना.

दी: गुड मॉर्निंग, क्या कर रहा है?

मे: ही दी. गुड मॉर्निंग डार्लिंग. (और उसको अपनी और खींच के बेड पे गिरा दिया, और उसके बूब्स दबाने लगा)

दी: ये क्या कर रहे हो?

मे: वही जो फर्स्ट नाइट की सुबा को हब्बी अपनी वाइफ के साथ करता है. ढेर सारा प्यार.

दी: अभी रहने दे, बाद में करेंगे. अभी ना-जाने क्यूँ मेरा सिर भारी-भारी लग रहा है. कुछ पाईं किल्लर पड़ी है तेरे पास?

मे: अर्रे दी, दवाई की क्या ज़रूरत. आप लेट जाओ, मैं अभी आपका सिर दर्द डोर करता हू (और दी को लिटा कर उसका सिर दबाने लगा. उतने में नीचे से मों की आवाज़ आई).

मों: बेटा देखो ज़रा, तुम्हारी दी उठी की नही? और अगर नही, तो कैसे भी करके उठाओ उसको जेया कर.

मे (बड़ी आवाज़ में): मों, वो उठ गयी है, और अपने कमरे में है. उसका सिर दुख रहा है, तो मैं सिर दबा रहा हूँ.

मे (दी की तरफ देख कर): मों ने तुम्हे कुछ भी करके उठाने को बोला है. तो कुछ भी करू क्या (और मैं दी की टॉप में हाथ डाल कर उसके बूब्स को मसालने लगा)?

दी ने हल्की सी सिसकारी ली, और अपनी आँखें भींच ली. मैं उसके मम्मो को मसालने लगा. उतने में मों के उपर आने की आवाज़ आई, तो मैने हाथ निकाल कर फिर सिर पे रख दिए.

मों: ज़्यादा सिर दुख रहा है क्या? ये टॅबलेट ले, थोड़ी देर में आराम हो जाएगा.

मे: मों, वो आक्च्युयली दी ने कुछ देर पहले ही टॅबलेट ली है. पर उससे कुछ आराम नही हुआ, इसलिए सोचा मैं ही सिर दबा डू कुछ देर के लिए.

मों: ठीक है. तुम फिर जल्दी से नीचे आओ. मैं तुम दोनो का इंतेज़ार करती हू.

मे: ओक मों, हम कुछ देर में आते है.

और मों के जाने के बाद मैने गाते को अंदर से लॉक किया, और अपना ट्राउज़र निकाल दिया.

दी: ये तू क्या कर रहा है?

मे: तेरा सिर दर्द डोर करने का है. उसकी तैयारी कर रहा हू.

और मैने अपने सारे कपड़े निकाल दिए. फिर दी के साथ उसकी चदडार में घुस के उसको स्मूच करने लगा, और उसके बूब्स को भी मसालने लगा. दी तोड़ा सा ही साथ दे रही थी. मैं स्मूछिंग और प्रेस्सिंग करते हुए उसके छूट में हाथ डाल कर फिंगरिंग करने लगा.

दी मोन करती, पर उसका मूह मेरे मूह में था, इसलिए आवाज़ नही निकल सकी. मैने फिर दी के नीचे के सब कपड़े निकाल दिए, और दी की आँखों में देख कर उसको पूछा-

मे: क्या मेरा चूसोगी अभी?

दी ने एस में सिर हिलाया. तो फिर मैने 69 की पोज़िशन में आते हुए अपना लंड दी के मूह के उपर रखा, और अपना मूह दी की छूट के उपर. और फिर हम एक-दूसरे को सक करने लगे. ये शायद दी का फर्स्ट 69 एक्सपीरियेन्स था.

दी अब मज़े से मेरे लंड को चूस रही थी, और मैं उसकी छूट के दाने को मूह में भर कर चूस रहा था.

फिर मैं अपनी ज़ुबान को छूट के अंदर डाल कर उसको सक करने लगा. बहुत ही ग़ज़ब की फीलिंग थी. जिस तरह लंड को अंदर-बाहर करते है, उसी तरह मैं अपनी ज़ुबान को छूट के अंदर-बाहर करके उसको छोड़ने लगा.

दी अब पूरी हॉर्नी हो गयी थी, वो झट से खड़ी हुई, और मेरे खड़े लंड पे अपनी छूट टीका कर छुड़वाने लगी. वो पोर्नस्तर की तरह मेरे सीने पे हाथ रख कर, अपनी गांद को आयेज-पीछे करके मुझपे राइडिंग करने लगी. फिर उसने स्टाइल में अपना टॉप निकाल कर साइड में फेंक दिया.

दी मस्त मज़े से छुड़वा रही थी. उसको कोई दर्र नही था की नीचे मों जाग रही थी. हम दो बस अपनी चुदाई में मगन थे.

मे: दी, तुम्हारा ये नया रूप देख कर जीजू को कही हार्ट अटॅक ना आ जाए.

दी (हेस्ट हुए): ये सब तेरे बड़े लंड का कमाल है. पर तू एक बात बता, मेरे पास तो वाहा पे एक लंड ऑलरेडी है, पर मेरे जाने के बाद तू क्या करेगा?

मे: तुम्हे क्या लगा, सिर्फ़ तुम अकेली ही इस बड़े लंड की दीवानी हो (और दी को आँख मार दी, और लंड को छूट में अंदर पूरा दबा दिया).

दी: आ… अछा जी, कों है वो?

मे: कोई नही दी, मैं तो बस तुम्हारी टाँग खींच रहा था.

दी: फिलहाल तो तुम टाँगो के बीच की जगह खींच रहे हो (और दोनो हासणे लगे).

फिर कुछ देर चुदाई के बाद मों की नीचे से आवाज़ आई. तो मैने स्पीड बढ़ते हुए अपना लंड दी की छूट में खाली कर दिया. और दी भी साथ में झाड़ गयी. फिर हम कपड़े पहन कर नीचे चले गये, और नाश्ता वग़ैरा करके अपने काम में लग गये.

इस चुदाई के कुछ दिन बाद वो मोबाइल वाला कांड हुआ, और दी को पता चल गया की मैं अपनी कहानी ड्के पे पोस्ट करता हू. और वो वापस माइज़ॉयर चली गयी. वाहा से दी ने मुझे मेसेज किया की मैं अपनी स्टोरी को जल्दी पूरा कर लू.

कुछ टाइम बाद दी का मेसेज आया की वो जीजू के साथ आने वाली थी. पर कब आएँगी वो नही बताया. मैने उसको मेसेज किया-

मे: तुम्हे फक किए बहुत दिन हो गये है, जल्दी आ जाओ.

तो दी का रिप्लाइ आया: मैं वाहा आ कर सोचूँगी इसके बारे में.

फिर उसके कुछ टाइम बाद दी का ये मेसेज आया की वो खुद स्टोरी को आयेज कंटिन्यू करना चाहती थी. सो, अब कंट्रोल उसके हाथ में होगा. मेरे मॅन में भी बहुत से सवाल है, जिसके जवाब भी शायद दी की स्टोरी में मिल जाए.

सो गाइस, आप की तरह मैं भी एग्ज़ाइटेड हू. आशा रखता हू की आप इस स्टोरी को आगे भी पहले जैसा प्यार देंगे. अगर आपको कोई हेल्प चाहिए, अपनी फॅमिली में किसी को फक करना है, या ऐसा कुछ, तो आप मुझे मेरे एमाइल ईद लज़्यलीहास@गमाल.कॉम पे कॉंटॅक्ट कर सकते है. अपना फीडबॅक भी ज़रूर दीजिएगा.

यह कहानी भी पड़े  सेक्सी चाची की पलंग-तोड़ ठुकाई की सेक्सी कहानी


error: Content is protected !!