बहन के राज़ और उसकी चुदाई का प्लान

दोस्तों मेरी सिस्टर सेक्स स्टोरी का अगला पार्ट शुरू करते है-

तो मैने सारा दिन शिखा की छूट और गांद बजाई, और शाम को अपने फ्लॅट पर आ गया. पर मुझे था की 12 बजे रात को शिखा को सामने से विश करू. तो मैं खाना खा कर उसके फ्लॅट के पास वाले गार्डेन में चला गया. क्यूंकी उसके मम्मी-पापा खाना खाने के बाद डेली वहाँ 30 मिनिट वॉक करने आते थे.

मैं वेट कर रहा था की कब वो आए वॉक करने के लिए. लगभग 10 मिनिट बाद वो दोनो आते दिखे तुफफी के साथ, तो मैं उनकी नज़र से बच कर उनके फ्लॅट की तरफ गया. मैने बेल बजाई, और शिखा ने गाते खोला. फिर मैं जल्दी से अंदर गया, और डोर लॉक कर दिया.

शिखा: अब क्या रह गया है यार भैया? मम्मी-पापा है घर पर ही. अभी वॉक करने गये है. कभी भी आ जाएँगे. क्यूँ मेरी फाड़ने पर लगे रहते हो? जाओ, अभी कुछ नही करना मुझे प्लीज़.

विवेक: अर्रे चुप! बद्ड-बद्ड करती जेया रही है. चुदाई करने नही आया हू पागल. मैं बस 12 बजे सबसे पहले अपनी जान को विश करना चाहता हू, इसलिए आया हू. विश करके चला जौंगा.

शिखा: अछा? और जो अभी मम्मी-पापा आ जाएँगे तब?

विवेक: कुछ नही होगा. तब मैं तेरे रूम में च्छूपा रहूँगा.

शिखा: यार भैया आपको ज़रा भी अंदाज़ा है आप क्या बोल रहे हो? पर खैर करो जो आपके मॅन में है. मेरी तो कहा ही सुनोगे आप.

विवेक: अछा सॅकी वही करू जो मेरे मॅन में है?

शिखा ने झूट-मूठ का गुस्सा दिखाते हुए मेरे सीने पर मारा. फिर मैं उसको हग करके हम उसके बेडरूम में चले गये. थोड़ी देर बाद उसके पेरेंट्स आ गये तो मैं उसके बेडरूम में चुप-छाप बैठा रहा.

फिर वो अपने लॅपटॉप पर कुछ करते रही, और 1-2 घंटे बाद अपने बेडरूम में चली गयी. हम दोनो की फटी पड़ी थी की कही कोई आ ना जाए. दर्रे-दर्रे हम दोनो एक-दूसरे को हग किए हुए लेते थे बेड पर. कब हम दोनो की आँख लग गयी पता नही चला.

फिर रात में उसके डोर पर उसकी मों ने नॉक किया तो आँख खुली. टाइम देखा तो 12 बाज गये थे. मैने उसके होंठो को किस किया, और हॅपी बर्तडे मेरी जान बोला. फिर बेड की दूसरे साइड जेया कर च्छूप गया. शिखा ने जल्दी से दरवाज़ा खोला. उसकी मों ने उसे हग किया, और विश किया.

शिखा: पापा आज भी नही आए ना?

सिद्धि: छ्चोढ़ ना, तू तो जानती है सब. अछा बता क्या गिफ्ट चाहिए तुझे आज?

शिखा: पापा से बर्तडे विश करवा दो बस.

ये कह कर उसने गाते बंद कर लिया. मुझे सुन कर तोड़ा अजीब लगा की क्या मामला था. वो बेड पर आई, और उदास बैठी थी, और थोड़ी देर में रोने लगी. मैने देखा गाते लॉक्ड था, तो धीरे से उठा, और उसे हग किया. फिर उसके आँसू पोंछे.

विवेक: क्या हुआ शिखा? आज बर्तडे क्यूँ रो रही है?

शिखा: आज क्या भैया हर साल ही रोटी हू मैं तो. आपको पता है मेरे पापा ने कभी बर्तडे विश नही किया मुझे आज तक. ना मुझे प्यार करते है. ना ढंग से बात करते है मुझसे.

ये बात तो मैने भी नोटीस की थी की वो शिखा से ज़्यादा बात नही करते थे.

विवेक: अर्रे पर हुआ क्या? ऐसा क्यूँ करते है वो?

शिखा: क्यूंकी मेरे बाप को लड़का चाहिए था, और हो गयी मैं लड़की. तभी से ना वो मुझे, और ना मुम्मा से ढंग से बात करते है. मुम्मा पर तो काई बार ड्रिंक करके हाथ भी उठा देते है, और गंदी-गंदी गालियाँ देते है.

मुझे बहुत खराब फील हुआ यार उसके और सिद्धि के लिए. फिर मैने उसे ज़ोर से हग किया.

विवेक: कोई बात नही जान, अगर वो प्यार नही करते तो क्या हुआ? सिद्धि और मैं हम दोनो कितना प्यार करते है तुझसे. प्लीज़ रोना बंद कर अब.

फिर ऐसे ही उसे हग किए हुए पता नही कब सो गये हम दोनो. लगभग 2 बजे मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी, जिससे मेरी नींद खुल गयी. मैने शिखा को साइड लिटाया और दरवाज़ा तोड़ा सा खोला तो उसके पेरेंट्स के रूम से आवाज़े आ रही थी.

सिद्धि: अया प्लीज़ रोहित, धीरे से करो ना. शिखा जाग जाएगी.

रोहित: जाग जाने दे भोंसड़ी वाली को. उसको भी तो पता चले उसका बाप उसके भाई के लिए कितनी मेहनत कर रहा है.

सिद्धि: प्लीज़ रोहित, मैं कितनी बार बोलू तुम्हे हमे लड़का नही होगा. तुम्हारी रिपोर्ट्स में आया है. आहह आअहह प्लीज़ रोहित ज़िद छ्चोढो अपनी, और हमारी बेटी को अपनाओ आहह.

रोहित: चुप साली रंडी की औलाद, मदारचोड़. लड़का तो होगा, इसी छूट से निकलेगा.

अगर इससे नही तो दूसरी छूट से, पर रोहित का लड़का तो होगा.

सिद्धि: हा जानती हू मैं उस कलमूहि ने खूब डोरे डाले है. बहुत आना-जाना हो रहा है आज-कल उसके फ्लॅट पर. एम्म्म, पर जब खराबी तेरे ही लंड में है, तो चाहे 100 छूट बदल ले नमार्द सेयेल, लड़का नही होगा तो नही होगा.

रोहित ने कहा: चुप साली कुटिया. तू मुझे लड़का नही दे पाई है. कमी तुझमे है साली रांड़, मुझमे नही.

सिद्धि: सेयेल कमी मुझमे नही है. कमी तुझमे है, तेरे इस छ्होटे से लंड में है. जिसमे ज़रा भी दूं नही है. इसीलिए मेरी बेटी की हाइट भी छ्होटी रह गयी. ना तो तू मुझे आचे से छोड़ पाता है, ना मेरी प्यास बुझा पाता है. 2 मिनिट में ढेर हो जाता है.

और इतना कहने के बाद बिल्कुल सन्नाटा हो गया. शायद रोहित झाड़ चुका था. मैं दबे पावं वापस आया, डोर लॉक किया, और चुप-छाप सो गया.

सुबह शिखा ने जगाया और फिर बेड की साइड च्छूपने को बोला. मैं 30 मिनिट तक बेड के नीचे च्छूपा रहा. फिर उसके पेरेंट्स चले गये, तो मैं भी निकल कर आ गया अपने फ्लॅट पर. आने दे पहले मैने शिखा को बोला-

विवेक: अभी जेया रहा हू, पर जल्दी ही वापस अवँगा. तैयार रहना अपने बर्तडे गिफ्ट के लिए.

मैं अपने फ्लॅट पर पहुँचा और उस नीग्रो को फोन किया, और उसे अड्रेस दिया आने के लिए. उसने बोला 1 घंटे में पहुँच जाएगा. तो मैने भी नहा-धो कर वियाग्रा ली, और लोशन, कॉंडम वग़ैरा सब रेडी रखे, और उसके आने की वेट करने लगा.

वो आया तो मैने उसे सब एक्सप्लेन किया की आज मेरी गफ़ का बर्तडे था, तो उसे सर्प्राइज़ में नया लंड दूँगा, और हम दोनो साथ में बजाएँगे उसको. बहुत खुश हुआ वो.

मैने उसको बोला: उस सामने वाले फ्लॅट में लेकर अवँगा अपनी गफ़ को छोड़ने को.

मैने उसको ये नही बताया की वो वही रहती थी या मैं भी उसी कॉलोनी में रहता था. फिर मैने उसे बताया की हम ग्रेटर नॉइदा में ही रहते थे, पर आज छोड़ने के लिए अपने फ्रेंड के फ्लॅट पर बुला रहा था, और बोला की मेरे जाने के 30 मिनिट बाद वो आए चुपके से, मैं गाते खुला छ्चोढ़ दूँगा. फिर आ कर मस्त मज़े ले मेरी रांड़ के. और ये सब टॉप सीक्रेट रखने को बोला.

वो हर बात में हा किए जेया रहा था. उसके चेहरे पर लस्ट सॉफ दिखाई दे रही थी.

फिर मैने शिखा को कॉल किया, और उसे वही ब्लॅक मिद्डी ड्रेस पहन कर रेडी होने को बोला, जो वो अपने रिलेटिव की एंगेज्मेंट में पहनी थी. बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही थी वो उसमे, तो मुझे वापस उसी ड्रेस में छोड़ना था उसको.

यह कहानी भी पड़े  देवर-भाभी के प्यार और चुदाई की सेक्सी कहानी

error: Content is protected !!