बेहन के गे दोस्त की चुदाई

तो जैसे आपने मेरी देसी सेक्स कहानी के पिछले पार्ट में पढ़ा, की शिखा का गे फ्रेंड मेरे लंड से चूड़ना चाहता था, और मुझे शिखा को सिद्धि बना कर छोड़ना था. तो डील डन हो गयी थी.

विवेक: फोन कर उस छूतिए हिजड़े को. सेयेल को जल्दी छोड़ कर फिर तुझे छोड़ूँगा मेरी जान सिद्धि ब्ना कर.

शिखा: बहनचोड़, बहुत हरामी हो यार आप. मैने कितनी बार बोला था आपको मा पर गंदी नज़र नही डालो. पर हवस भारी है मेरी मा के लिए. देखो लंड कैसे टाइट हो रखा है.

विवेक: अर्रे नही, ऐसा कुछ नही है. वो मैने एक स्टोरी पढ़ी थी बस में आते टाइम. उसमे लड़का लड़की को उसकी मा बना कर छोड़ता है. तो दोनो को बहुत मज़ा आता है. तो सोचा था ट्राइ करूँगा. और रॉल्प्ले में थोड़े अजीब से ही रोल्स उठाने चाहिए, तभी मज़ा आता है.

शिखा: पर मुझे समझ नही आ रहा की मैं मों बनूँगी कैसे? और क्या करना पड़ता है रॉल्प्ले में?

विवेक: कुछ भी नही करना है तुझे. तू बस चुदाई के मज़े लेना, और चिल्लाना आहह विवेक छोड़ो अपनी सिद्धि को ज़ोर-ज़ोर से. पेलो सिद्धि की छूट को एम्म एस्स फक मे विवेक. आज से सिद्धि की छूट तुम्हारी हुई.

शिखा का मूह गुस्से से लाल हो गया.

शिखा: बेहन के लॉड, कुत्ते, आज मुझे मेरी मा से जेलस फील करा दिया. मैं इतनी जवान, हॉट, सेक्सी, और भोसड़ी वाला उस बुद्धि की लेने को तड़प रहा है.

फिर उसने वरुण को कॉल किया.

शिखा: वरुण तू मेरे फ्लॅट पर आजा. आज तेरी भी सुहग्रात मानवाती हू अपने हज़्बेंड से. वो तैयार हो गये है तुझे छोड़ने को. बस आते टाइम कॉनडम्स ले आना.

वरुण: क्या कॉनडम्स क्यू? ई नो बाबा गांद मरवाने में कॉनडम्स की ज़रूरत नही होती है.

शिखा: पर वरुण मेरे हज़्बेंड सिर्फ़ तुझे ही नही छोड़ेंगे. मुझे भी रात भर जगाएगा उनका लंड, और मेरे पास छूट भी है वरुण जी, जिससे बच्चा निकल सकता है. तो आप प्लीज़ कॉनडम्स ले आना.

मैं उसकी बातें सुन कर एक-दूं शॉक्ड था.

विवेक: तू उससे ऐसे बातें करती है?

शिखा: अर्रे यार भैया, अब जब उसने मुझे नंगा देख लिया. आपका लोड्‍ा चूस्टे देख लिया. उस पर उछाल कूद करते देख लिया. तो उससे क्या शरमाना?

जब तक वरुण नही आया, तब तक हमने साथ में नाहया, और फिर सॅंडविच बना कर खाए. वरुण आया और उसने एक पॅकेट शिखा को दिया. शिखा ने स्माइल करते हुए वो पॅकेट लिया, और अंदर रख कर बाहर आई.

शिखा: अछा तो मैं मार्केट जेया रही हू. आप लोग शुरू करो अपनी सुहग्रात, ई मीन सुहअगदिन.

विवेक: तू कहाँ जेया रही है? यहीं रुक, जो भी होगा वो सब के सामने होगा.

शिखा: अर्रे भैया वरुण तोड़ा शाइ है. उसे शरम आएगी मेरे सामने आपसे चूड़ने में तो.

विवेक: तो वो कुछ नही. अगर इसे चूड़ना है, तो तेरे सामने ही चूड़ेगा. वरना गांद मराए!

शिखा: भैया गांद मरने ही तो आया है बेचारा.

वरुण वहाँ खड़ा-खड़ा सब सुन रहा था, और देखने में समझ आ रहा था की बहुत शरम आ रही थी उसे. उसका चेहरा लाल हो रहा था.

विवेक: जब गांद मरवाने ही आया है, तो फिर शरमाना क्या यार? चल बे छूतिए, इधर आ.

फिर मैने अपनी बेल्ट अनहुक की. पंत का बटन और ज़िप खोली. फिर अंडरवेर और पंत साथ में पकड़ कर उतार दिए. लंड बिल्कुल ढीला पड़ा झूल रहा था.

विवेक: चल सेयेल शुरू कर.

वरुण बहनचोड़ शरम की वजह से वहीं स्टॅच्यू बना खड़ा था, और मुझे जल्दी से शिखा को छोड़ना था सिद्धि बना कर. तो मैं इरिटेट हो रहा था.

मैं जल्दी से पूरा नंगा हुआ, और वरुण के पास गया. फिर उसके बाल पकड़े और नीचे बिता दिया. उसका मूह खुला तो दूसरे हाथ से पकड़ कर लंड उसके मूह में दे दिया.

विवेक: यहीं चाहिए ना तुझे? चल चूस इसे आचे से, और तैयार कर. फिर देता हू तेरी गांद में. पहले कभी चूसा है किसी का?

वरुण ने हा में सिर हिलाया.

विवेक: अब तो तेरे मूह में लंड है. अब तो शरम छ्चोढ़ और चूसना शुरू कर मदारचोड़.

वरुण ने अपने दोनो हाथो से लंड पकड़ा, और चूसना शुरू किया. क्या बतौ बहँचोड़ ने क्या चूसा. सेयेल ने मेरी आ निकल दी.

उसने दोनो हाथो में लंड थामा, और जैसे-जैसे लंड मूह में भरता, वैसे दोनो हाथो से जैसे मूठ मारते टाइम लोड को खोलते बंद करते है, वैसे करने लगा. मूह में अंदर भरता लंड, तो हाथो से भी हल्का दबा कर स्किन को पीछे की तरफ करते हुए ले जाता. मूह भी बहुत हल्का टाइट बंद किए हुए था. जीभ से लंड को रगड़ता हुआ अंदर-बाहर करता.

उसके मूह के उपर का हिस्सा मुझे मेरे लंड पर रगड़ते हुए बहुत मज़े दे रहा था.

विवेक: उफ़फ्फ़ बेहन के लोड, आअहह. शिखा तेरा कॉंपिटिटर मिल गया ब्लोवजोब में यार. कसम से क्या चूस रहा है साला आहह.

अब वो एक हाथ से लंड को दबाए हुए चूस रहा था, और दूसरे से गोटियों से खेलने लगा.

विवेक: इसकी मा की छूट साला हर पैंतरा जानता है भड़वा साला.

शिखा वहाँ खड़े-खड़े वरुण को देख रही थी स्माइल करते हुए. मैने उसे अपने पास खींचा.

विवेक: तू क्या मूर्ति बनी खड़ी है, मेरी फुलझड़ी? देख तेरा दोस्त कैसे तेरे भाई से एनर्जी ड्रिंक ले रहा है. तू नही देगी अपने भाई को एनर्जी ड्रिंक? दूध पीला दे शिखा, जिससे वरुण की गांद फाड़ चुदाई कर डू.

शिखा: भैया यार थोड़ी शरम आ रही है वरुण के सामने.

विवेक: बहनचोड़ हर किसी को शरम आ रही है. फिर चुदाई की बात ही क्यूँ की?

शिखा को मैने अपने पास खींचा और बाहों में भर कर उसके होंठो को चूसने लगा. थोड़ी झिझक के बाद उसने भी गले में हाथ डाल कर मेरे होंठो को चूसना शुरू किया, और नीचे तो वरुण फुल जोश में लंड चूस ही रहा था. मस्त मज़ा आ रहा था भाइयों.

वरुण: भैया आप सोफे पर बैठ जाओ. फिर देता हू ब्लोवजोब आचे से.

हम तीनो सोफे की तरफ गये. मैं बैठ गया सोफे पर, वरुण नीचे बैठा, और मेरा लंड पकड़ कर गुपप से मूह में ले गया. अब वो अपने मूह को और नीचे तक ले जेया कर फुल गले तक लंड भर कर चूस रहा था.

विवेक: बाइ गोद शिखा, ये कमाल का चूस्टा है, उम्म्म फुक्ककक चूस सेयेल मदारचोड़ मज़ा आ गया. अब तू मेरी रखैल है पक्के वाली सेयेल. अब जब भी अवँगा शिखा को पेलने, तुझसे लोड्‍ा ज़रूर चुस्वाया करूँगा.

शिखा: वाह बहनचोड़ वरुण, दोस्त से सीधा सौतन बन गया तू तो?

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