बहन चुदी ड्राइवर से

हेलो दोस्तों, उमीद करता हू आप सब ठीक होंगे, और सेक्स स्टोरीस का मज़ा ले रहे होंगे. आज मैं जो स्टोरी लिख रहा हू, वो मेरे एक रीडर की असली स्टोरी है. सो बिना टाइम वेस्ट करे, ये स्टोरी सुनिए उसी की ज़ुबानी.

दोस्तों मेरा नाम कुमार है, और मैं हयदेराबाद के पास एक छ्होटे से गाओं का रहने वाला हू. मेरे पापा एक किसान है, और दिन भर वो उसी काम में व्यस्त रहते है. मेरी मा एक हाउसवाइफ है, और मेरी एक छ्होटी बेहन भी है, जिसका नाम सारिका है.

सारिका की आगे उस टाइम करीब 22 साल थी. अभी वो 26 साल की है (मुझसे 3 साल छ्होटी). वो एक स्लिम लड़की थी. उसकी बॉडी एक-दूं चिकनी मक्खन जैसे थी. उसके बूब्स एक-दूं पर्फेक्ट गोल-गोल थे, मानो ‘सिड्नी स्वीनी’ भी फैल. उसका रंग गोरा था.

ये तब की बात है, जब मैं ग्रॅजुयेशन कर रहा था. मेरी बेहन का 12 बोर्ड अभी-अभी ख़तम हुआ था, और उसने डिसाइड करा की वो दूसरे शहर में पॉलिटेक्निक कॉलेज में अड्मिशन लेगी.

वैसे तो सब ने माना किया की लड़की को इतनी डोर नही भेजना चाहिए. पर मैने मम्मी पापा को माना लिया उसे पढ़ने देने के लिए. और फिर मैं भी जॉब के लिए शहर चला गया.

कुछ समय तो सब ठीक चल रहा था. सारिका आचे नंबर से पास हो रही थी. पर फिर उसके नंबर धीरे-धीरे खराब होने लगे, और एक समय ऐसा आया की उसकी बॅक लगने लगी. ऐसे ही 2 साल बीट गये.

एक बार दीवाली के समय मैं घर आया हुआ था. सब लोग बाहर मैदान में बैठ के बात कर रहे थे. मैं अपने वरॅंडा में आया तो मेरी नज़र सारिका के फोन पे पड़ी, जो की चार्जिंग में लगा था.

पता नही क्यूँ मेरा मॅन किया उसका फोन देखने का. सारिका के फोन में कोई पासवर्ड नही था. मैने जब उसे चेक किया, तो उसकी सर्च हिस्टरी पूरी तरह से पॉर्न से भारी हुई थी. मैं तोड़ा शॉक गया, की मेरी सीधी सी दिखने वाली बेहन असल में इतनी तर्की थी. फिर मैने उसका Wहत्साप्प खोला.

उसमे किसी सार्थक नाम के लड़के की छत थी. मैने जब उसे खोला, तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी. मैने देखा की सारिका और सार्थक बहुत गंदी-गंदी बातें करते थे, और सारिका ने अपनी काई न्यूड फोटोस भेजी हुई थी. जिसमे से कुछ में उसके बूब्स दिख रहे थे, तो किसी में उसकी छूट. कुछ में तो सार्थक के कहने पे उसने अपनी छूट में अजीब चीज़ें डाल कर फोटो भेजी थी जैसे की टूतब्रश और अलग-अलग सब्ज़ियाँ.

ये सब देख कर मेरा लंड पूरा टाइट खड़ा हो गया. मैने ये सारी फोटोस अपने आप को शेर कर दी, और छत हटा दी. फिर मैं दौड़ के बातरूम में चला गया और उस दिन मैने पहली बार सारिका के नाम की मूठ मारी.

पर अब मैं समझ गया था की सारिका हाथ से निकल गयी थी, और इसका कॉलेज में ज़रूर कोई बाय्फ्रेंड था. और इसी वजह से इसका पढ़ाई में मॅन नही लग रहा था.

ऐसे ही कुछ दिन और बीट गये. एक दिन लाइट नही आ रही थी, तो मैं च्चत पर सोने चला गया. पर वहाँ खटिया पर सारिका पहले से सो रही थी. सारिका ने मुझसे पूछा-

सारिका: क्या हुआ भैया?

तो मैने बोला: मैं यहाँ सोने आया था, पर खटिया पर तो तुम सो रही हो. चलो जाने दो, मैं नीचे ही सो जौंगा.

पर सारिका नही मानी, और उसने कहा: चलिए दोनो लोग एक ही खटिया पे सो जाते है.

मैं मान गया, और खटिया पर उसके साथ लेट गया. अब सीन कुछ यू था की मैं लेता था, और सारिका अपनी गांद मेरी तरफ करके सो रही थी. उसकी गांद मेरे से टच हो रही थी, जिससे की मेरा लंड पूरा तंन गया था.

अब मुझसे रहा नही गया, और मैं उसकी गांद को दबाने लगा. सारिका शायद सो चुकी थी, या फिर सोने का नाटक कर रही थी. कुछ देर उसकी गांद दबाने के बाद मैं उससे सतत गया, और मेरे लंड अब उसकी गांद पर दबा हुआ था. मैने अपना हाथ अब उसकी पनटी में अंदर डाल दिया, और उसकी छूट पर फेरने लगा.

उसकी छूट एक-दूं क्लीन शेव्ड थी, मानो की डेली किसी से डेली चुड्ती हो. कुछ देर उसकी छूट से खेलने के बाद मैं सो गया, क्यूंकी उससे ज़्यादा कुछ करने से मेरी फटत रही थी. मैने डिसाइड किया की सारी बातें मुझे मम्मी पापा को बता देनी चाहिए, वहीं ज़्यादा सही रहेगा.

फिर मैने उनको बता दिया की ये पॉर्न देखती है, और इसका बाय्फ्रेंड भी है, जिसको ये अपनी न्यूड फोटोस भेजती है. घर वालो ने उसकी पढ़ाई बंद करा दी, और कहा की इसकी जल्दी ही शादी करवा देंगे. उसी टाइम करोना वाइरस फैल गया, और देश में लॉक्कडोवन् लग गया.

सारिका घर छोढ़ कर भाग गयी. कुछ हफ्ते बाद हमे पता चला की वो पुणे में थी. सारिका के साथ पुणे में क्या-क्या हुआ, ये मुझे उसकी ही बेस्टफ्र्ीएंड रिचा से पता चला. जो की हमारी पड़ोसी ही थी, और सारिका के साथ सेम कॉलेज में पढ़ती थी, और शायद उन दोनो की अभी भी बात होती थी.

दरअसल वो पुणे में नौकरी ढूँढ रही थी, और वहाँ उसे राकेश नाम का एक आदमी मिला, जो की असल में एक बहुत बड़े सेठ का ड्राइवर था. सारिका की कहीं नौकरी नही लग रही थी, तो राकेश ने उसे कहा की वो उसकी नौकरी लगवा सकता था. सारिका इस बात से बहुत खुश हुई.

राकेश ने उसे कहा: तुम मेरे घर क्यूँ नही आती? वहाँ हम सारी बातें कर लेंगे.

सारिका राकेश के साथ उसके घर चली गयी, जो की एक छ्होटा सा 1 भक अपार्टमेंट था. राकेश के बारे में बोलू तो वो एक 40 साल का हटता-कटता आदमी था. उसका रंग सावला था, और हाइट लगभग 6 फीट. राकेश और सारिका अब राकेश के हॉल में बैठे थे.

राकेश: देखो सारिका, आज-कल नौकरी मिलना बहुत मुश्किल है. वो तो अची बात है की मैं तुम्हे मिल गया.

सारिका: थॅंक योउ अंकल. आप मेरी इतनी हेल्प कर रहे है.

राकेश: थॅंक योउ की कोई बात नही है. वैसे भी मैं तुम्हारी हेल्प कर रहा हू, तो तुम्हे भी मेरी थोड़ी तो हेल्प करनी चाहिए.

सारिका: हा अंकल बोलिए ना, मैं आपके लिए क्या कर सकती हू?

राकेश: ठीक है, तो फिर सबसे पहले तुम आके मेरी गोद में बैठ जाओ.

सारिका: ये कैसी बात कर रहे है आप अंकल? मैं आपकी बेटी की उमर की हू.

राकेश: हा तो उसी में तो ज़्यादा मज़ा है. तुम्हारी जवानी के मज़े लेने की चाहत से ही तो मैं तुम्हे यहाँ लाया हू. तुम मुझे खुश कर दो, मैं तुम्हारी नौकरी अपने बॉस से कह कर यू लगवा दूँगा.

सारिका: माफ़ कीजिए अंकल, पर ये सब मैं नही करना चाहती.

राकेश: सोच लो, वैसे फिर तुम्हारी नौकरी लगने नही वाली. वैसे भी तुम हो तो बस 12त पास ही.

कुछ देर सारिका ने सोचा, और फिर वो उठी, और जेया कर राकेश की गोद में बैठ गयी.

राकेश: ये हुई ना बात मेरी रानी.

सारिका: अब क्या करू अंकल, आज तुम्हारी किस्मत अची है, ले लो आज मेरे जिस्म का मज़ा.

राकेश ने तुरंत सारिका के साथ लिपलोक्क कर लिया. वो सारिका को किस करने लगा, और सारिका के गाल को और गले को किस करने लगा. राकेश, एक 40 साल का आदमी, मेरी 24 साल की कमसिन बेहन को हवसी जानवर की तरह छाते जेया रहा था.

राकेश ने देर ना करते हुए सारिका की कुरती निकाल दी. फिर उसकी ब्रा को भी निकाल कर फेंक दिया. राकेश ने सारिका के बूब्स को चूसना शुरू किया. सारिका के निपल्स ब्राउन कलर के थे, जिसपे राकेश अपनी जीभ फेर रहा था, और पुर मज़े ले रहा था.

राकेश: चल अब मेरे लंड को मूह में लेले.

सारिका घुटनो के बाल बैठ गयी, और राकेश का लंड उसकी पंत से निकाला. राकेश का लंड करीब 6 इंच का था, और काफ़ी मोटा भी था.

सारिका: बाप रे, इतना बड़ा.

राकेश ने एक स्माइल दी, जैसे के उसको एक-दूं से गुमान हो गया हो. सारिका ने अपना मूह राकेश के लंड के टोपे पे रखा, और उसपे अपनी जीभ फेरने लगी. सारिका ने अब धीरे-धीरे पूरा लंड अपने मूह में भर लिया, और अपने मूह को आयेज-पीछे करने लगी.

राकेश तो जन्नत में हो मानो. आज तो उसकी लॉटरी निकल गये थी. एक कमसिन जवान लड़की के साथ आज वो जो चाहे वो कर सकता था. सारिका राकेश का लंड चूस रही थी, और उसके पुर मूह से लार तपाक रही थी. कुछ ही देर में राकेश उसके मूह में ही झाड़ गया.

सारिका उसको थूकने वाली ही थी की की राकेश ने उसे कहा की पूरा माल पी जाओ. सारिका ना चाहते हुए भी सारा माल पी गयी. फिर राकेश उठा, और उठ कर सारिका को गोद में उठा लिया. फिर वो उसको बेडरूम में ले गया, और उसे बेड पर फेंक दिया. उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए, और फिर सारिका के भी सारे कपड़े निकाल दिए.

राकेश ने सारिका को मिशनरी पोज़िशन में लिटाया, और उसकी छूट पे अपना लंड सेट किया.

राकेश: तूने आज से पहले किया है या तू वर्जिन है?

सारिका: मैने पहले भी किया है. मेरे 2 बाय्फ्रेंड थे. मैं उनके साथ च्छूप कर चुदाई करती थी.

राकेश: तू तो बड़ी रंडी है रे. चल फिर अब मुझे मज़े दे रंडी.

ये कह कर राकेश ने अपना पूरा लंड एक ही झटके में सारिका की छूट में डाल दिया. सारिका की जवान छूट इतनी टाइट थी, मानो उसने राकेश के लंड को जाकड़ लिया हो. राकेश ने भी अपना लंड आयेज-पीछे करना शुरू किया. सारिका धीरे-धीरे सिसकारियाँ लेने लगी.

कुछ देर बाद राकेश फुल स्पीड से सारिका को छोड़ने लगा. सारिका एक-दूं चरमसुख में थी. वो अपनी गांद उठा-उठा कर चुड रही थी. वो अपने लिप्स को बीते कर रही थी. उसके हाथ बेडशीट को पकड़े हुए थे. कुछ ही देर के बाद सारिका को ऑर्गॅज़म हो गया. उसके पैर उस टाइम मज़े से काँप रहे थे, और वो एक-दूं से बेड पे सीधी हो कर लेट गयी.

राकेश: क्या हुआ रंडी, इतने में ही तक गयी? अभी तो बस शुरुआत है.

राकेश ने सारिका को उठा के डॉगी पोज़ में किया, और पीछे से उसकी छूट को कुछ देर छाता, जब तक की सारिका वापस शांत ना हो जाए. जब उसने देखा की अब सारिका नॉर्मल हो गयी थी, तो उसने फिर से अपना लंड उसकी छूट में डाला, और धक्का पेल चुदाई शुरू की.

उसके हर एक धक्के से सारिका आयेज गिर जाती. सारिका के मूह से पुर टाइम आ आ आ आह की आवाज़ें ही आ रही थी. ऐसे ही कुछ टाइम करने के बाद राकेश सारिका की छूट में ही झाड़ गया. सारिका ने गुस्सा किया की वो प्रेग्नेंट हो गयी, तो राकेश ने उसे के आफ्टर पिल दे दी, और कहा की इसे खा ले.

सारिका: ठीक है. फिर अब मैं कब अओ नौकरी के लिए?

राकेश: नौकरी के लिए कल सुबह जाना है. पर अब तू कहाँ जाएगी? कल सुबह तक यहीं रह जेया. सुबह साथ में चलेंगे.

सारिका जानती थी की ये बुद्धा उसे अभी और छोड़ना चाहता था. मगर वो माना करेगी तो सारा खेल खराब हो जाएगा. तो वो मान गयी. फिर उन दोनो ने लगभग 5-6 घंटे तक अलग-अलग पोज़िशन में चुदाई की. रात के करीब 10 बाज गये. तो राकेश ने सारिका से खाना बनाने को कहा.

सारिका बेचारी ने बिना कपड़े पहने ही खाना बनाया, और फिर राकेश को अपने हाथ से डाल-चावल और सब्ज़ी खिलाई. अब जब सारिका के खाने की बारी आई, तो राकेश ने बोला-

राकेश: रुक, तू ऐसे नही खाएगी.

सारिका: क्या मतलब?

राकेश: आज रात के लिए तू मेरी रंडी है. मैं जो काहु वो सब तू करेगी. चल पहले मेरा लंड चूस.

सारिका: हा वो तो चूस लूँगी, पर पहले खा लू. भूख लग रही है.

राकेश: अर्रे हा खा लेना, पर पहले ये कर.

सारिका अपनी खाने की ताली छ्चोढ़ कर राकेश का लंड चूसने चली गयी. कुछ ही देर में जब राकेश झड़ने वाला था, तो उसने अपना लंड सारिका के मूह से निकाला, और सारा माल सारिका के पुर खाने पे झाड़ दिया.

सारिका: ये क्या किया? अब मैं क्या ख़ौँगी?

राकेश: सुन रंडी, जब तक तू यहाँ है, तू मेरे माल वाला ही खाना खाएगी.

सारिका ने वहीं खाने को आक्टिंग करके, बड़ी खुशी से खाया. फिर कुछ देर दोनो बेड पे चिपक कर लेट गये, और रेस्ट किया. राकेश को फिर चुदाई का मॅन हुआ तो उसने फिर से चुदाई शुरू की, और सारिका को पूरी रात सोने नही दिया.

अब इसके आयेज क्या हुआ, ये जानने के लिए नेक्स्ट पार्ट का वेट करे. थॅंक्स

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