जामुन खिला कर बारिश मे भाई ने चोदा

मेरा नाम ऋतु कुमारी है, आगे 20 है, फिगर 34 28 34 है. मई अभी ब्स्क 2न्ड एअर मे हू. हमारे घर मे मेरे अलावा मम्मी (आगे 38) पापा (आगे 45) और एक छ्होटा भाई है जिसका नाम मनीष कुमार है, उसकी आगे 18 है. वो अभी 12त मे पढ़ता है. दिखने मे स्मार्ट है और काफ़ी शर्मिला भी है और मोबाइल चलाने का शुकीं है.

मई अरवल बिहार से हू. हम अपने गाओं मे रहते हैं. जंगल जैसा बगीचा है और बहुत से आम और जामुन के पेड़ ह उस बगीचे मे. हमारे गाओं के बगीचा (गार्डेन) मे बहुत सारे जामुन का पेड़ (ट्री) है.

अब बरसात शुरू हो चुकी थी तो जामुन भी पकने लगे थे. मुझे जामुन बहुत पसंद है. मेने अपने भाई से बोली की भाई मुझे जामुन खाना है.

तो भाई ने कहा ठीक है दीदी दोपहर को चलेंगे बगीचा (गार्डेन) मे. मई ख़ुसी से उसे गले लगा कर बोली थॅंक्स मी क्यूट ब्रदर और वो खुश हो गया.

फिर मई दोपहर (आफ्टरनून) मे सूट (येल्लो) और सलवार (वाइट) पहन कर भाई के संग बिके पे बैठ कर चल दी. बिके अंदर बगीचा मे ले जा कर भाई ने खड़ी कर दी. गाओं के बगीचा जंगल टाइप था.

हम जामुन के पेड़ के पास गाएँ वाहा कोई दिखाई नही दे रहा था. बगीचा एकदम सुनसान था. पर जामुन काफ़ी उचे (हाइट) थे. फिर हमने एक और जामुन के पास गये यहा जामुन तोड़ा ही उछा था.

तो भाई ने कहा दीदी तुम मेरी कंधे पर बैठो और जामुन तोडो. मई उसके कंधे पर बैठ गयी और जामुन तोड़ने लगी. खुद भी खाई और भाई को भी खिलाई. भाई मेरे दोनो गांद की अपनी कंधे से मज़ा ले रहा था. उसकी गर्दन से मेरी छूट चिपकी हुई थी और मुझे कुछ अलग सा फील हो रही थी.

फिर अचानक खुद का बॅलेन्स बिगड़ा और भाई के कंधे से गिर गयी. नीचे बहुत सा हरा भरा घास (ग्रास) था जिससे चोट बहुत कम लगी. मई खड़ी हो गयी, भाई ने मेरा पैर दबाया तो कुछ आराम हुआ. पर उसने पैर दबाने के चक्कर मे मेरी छूट को भी टच किया.

मेरी नज़र भाई के पंत पर गयी, भाई के लॅंड उसके लोवर मे तंबू बना हुआ था. मई फिर लड़खड़ा कर भाई के उपर गिर गयी. मेरी चुचि भाई के च्चती से चिपक गया और भाई का लॅंड मेरी छूट मे कपड़े उपर से ही धासा जेया रहा था.

मेरी फेस भाई के फेस के करीब था. उसका होंठ मेरे होंठ के करीब था. मेरी साँसे उसे गर्म कर रही थी और उसकी सानें मुझे गर्म कर रही थी. मई अब अपना आपा खो चुकी थी.

मेरी होंठ मेरे भाई के पतले गुलाबी होंठ से जा मिले. वो मेरी होंठ चूस रहा था मई उसका होंठ चूस रही थी. हम दोनो एक दूसरे के होत चूसने लगे. फिर उसने मुझे नीचे किया और खुद मेरे उपर आ गया नीचे बहुत सारा घास था एकदम हरियाली थी. और भाई मेरी होंठ चूस्ते रहा. फिर उसने मेरी चुचिया दबाने लगा.

तभी बारिश शुरू हो गयी. हम दोनो भीग गये, कपड़े भीगने के वजह से मेरी चुचि और छूट सॉफ नज़र आने लगे. हम दोनो उपर से गीले हो चुके थे और अंदर से बिल्कुल गर्म.

बारिश हो रही थी जंगल भी घाना था इधर कोई था भी नही. भाई ने मेरी सूट उतार दिया. फिर मे उसकी त-शर्ट उतार दी. दोनो एक दूसरे के शरीर को चूमने चाटने लगे.

भाई मेरी सलवार का नडा खिच कर खोल दिया. मई अब सिर्फ़ पनटी ब्रा मे थी. मैने भाई की लोवर उतार दी, उसका उंदेर्बेार भी उतार दी. वो अब बिल्कुल नंगा 8 इंचस लॅंड लिए खड़ा था.

उसने भी मेरी ब्रा पनटी उतार दिया हम दोनो नंगे हो चुके थे. बारिश खूब हो रही थी. बारिश मे भाई ने मुझे घास (ग्रास) पर लेटया और मेरी छूट चाटने लगा. मई अब आआआआअहह उूुुुुुउउफफफफफफफफफ्फ़ उूुुुुुउउम्म्म्ममममम हााहह सस्स्सिईईईीीइसस्स्सस्स हह करके सिसकारी करने लगी.

मेरी छूट गरम गरम पानी छ्चोड़ रही थी और बारिश हो रही थी. फिर उसने अपना लॅंड मेरी मूह मे डाल दिया और मई चूसने लगी. बारिश मे ये मज़ा मुझे पूरी तरह से रोमांचित कर रही थी.

फिर भाई ने अपना लॅंड मेरी छूट पर सेट किया और एक ज़ोर का ढाका मारा. मेरी चीख निकल गयी पर लॅंड अभी आधा ही गया था. मई देखी मेरी छूट से हल्का हल्का खून भी आ रहा था.

मई समझ गयी की मेरी सील टूट चुकी है, मई अब काली से फूल बन गयी. भाई मेरा मूह अपना मूह से बंद कर दिया और एक और का शॉट मारा, मेरी छूट मे उसका लॅंड पूरा समा गया. मेरी आँख भर आई.

भाई तोड़ा रुका फिर धीरे धीरे छोड़ना शुरू किया. मुझे अब तोड़ा अच्छा ल्ज्ने लगा. भाई मेरी होत चूस्ते हुए मेरी चुदाई कर रहा था. मई आआआहह उूुुुुुउऊहह उूुुुुुउउफफफफफफफफ्फ़ म्‍म्म्मम्मूऊऊउउम्म्म्मय्यययी हमम्म्ममम आआआहह कर रही थी.

भाई जबरदस्त शॉट्स मार रहा था. मेरा पूरा बदन हिल जाता, बारिश का पानी और छूट के पानी के कारण छूट से फ़च फ़च पच की आवाज़ आ रही थी. मई भाई के लॅंड का पूरा मज़ा ले रही थी. भाई मेरी छूट छोड़ कर पूरी मज़ा ले रहा था.

मई अब चरम सीमा पर फूचने वाली थी. भाई भी अपना रफ़्तार तेज कर दिया जेसे ही झड़ने को हुई भाई ने लॅंड निकल लिया मे तड़प गयी आआअहह भ्ाााईयईईईई उूुुउउफफफफफफफ्फ़..

फिर उसने कहा डॉगी स्टाइल मे बनो, मैने वैसा ही किया. मनीष ने पीछे से लॅंड छूट मे डाला और छोड़ने लगा पीछे से, बोहोट मज़ा आ रहा थी.

मनीष तेज धक्को के साथ इस घने जंगल मे बारिश मे मुझे छोड़े जा रहा था. आआआआहह उूुउउफफफफफफ्फ़ मॉरीईईईई मैय्ाआआअ आआआआआअहह..

फिर उसने मुझे सीधा घास पर लेटया मे अपनी दोनो तंग उपर की और वो बीच मे आकर लॅंड से मेरी चुदाई करने लगा. मई अब झड़ने लगी, छूट से फ़च फ़च फ़च की आवाज़ आने लगी और झाड़ गयी.

मनीष भी झाड़ते हुए लॅंड निकल कर मेरी नाभि मे झाड़ गया. उूुुुुउउफफफफफफफ्फ़ इस बारिश मे खुले आसमान मे बगीचा के चूड़ने मे बहुत मज़ा आया.

फिर हमने अपना कपड़े पहने और घर की आयार चल दिए.

आपको मेरे मनीष भाई से खुले बगीचा के बीच बारिश मे चूड़ने की कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना. लोवे योउ ऑल तो ऋतु आंड मी ब्रदर मनीष.

यह कहानी भी पड़े  चुदाई का मज़ा बस में और बीच पर


error: Content is protected !!