बेहन की चुदाई कहानी के पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की मामा की लड़की की शादी पर भाई ने मुझे कहा की वो मुझसे जिस्मानी रिश्ता बनाना चाहता था. फिर मैं शादी वाली जगह से बहाना करके वापस आ गयी. अब आयेज-
घर पहुँच कर मैने देखा की घर पर बिल्कुल सन्नाटा था. बस एक-दो कांवली बाहर आँगन में सफाई कर रही थी. मैं उपर गयी, और भाई को ढूँढने लगी. तभी एक रूम की खिड़की से आवाज़ आई-
भाई: पूजा मैं यहाँ हू.
मैने देखा की उस रूम में बाहर से लॉक लगा हुआ था.
मैने कहा: तू अंदर कैसे गया? बाहर तो लॉक है.
उसने कहा: पीछे के दरवाज़े से आ जाओ.
भाई ने एक-दूं फुल प्रूफ प्लान बनाया था. मैं फिर अंदर गयी, तो भाई ने कुण्डी लगा दी. रूम में अंधेरा था, बस हल्की सी लाइट थी.
मैने कहा: बोल क्यूँ बुलाया है मुझे?
उसने कहा: यार पास तो आ, बताता हू.
मैने कहा: नही भाई, दर्र लग रहा है.
उसने कहा: मुझसे कैसा दर्र?
मैने कहा: कुछ करोगे तो नही?
उसने कहा: तेरी मर्ज़ी के बिना कुछ नही करूँगा. प्लीज़ पास तो आजा.
मैं धीरे-धीरे भाई के पास गयी, तो उसने मुझे बाहों में भर लिया.
मैने कहा: क्या कर रहे हो?
उसने कहा: पूजा मैं तुझे जी भर के प्यार करना चाहता हू.
मैने कहा: भाई किसी को पता चल गया तो क्या होगा?
उसने कहा: किसी को पता नही चलेगा. दुनिया के सामने हम भाई-बेहन ही रहेंगे.
ये कह कर भाई ने मुझे पीछे से हग कर लिया, और मेरी गर्दन पर किस करते हुए बूब्स दबाने लगा. तभी मैने भाई का हाथ सूट के पल्लू पर महसूस किया. उसने सूट उपर किया, तो मैने बाहें उपर उठा दी.
सूट उतार कर भाई मेरी पीठ पर किस करते हुए ब्रा का हुक खोलने लगा. हुक खोल कर भाई ने किस करते हुए बड़े प्यार से ब्रा उतार दी. अब मैं कमर के उपर बिल्कुल नंगी थी. भाई ने अपनी त-शर्ट उतरी. फिर जैसे ही भाई के बदन का स्पर्श मैने अपने बदन पर महसूस किया, मेरी आँखें बंद हो गयी.
भाई पीछे से मुझसे लिपट कर बूब्स दबा रहा था. अब भाई की उंगलियाँ मैने सलवार के नाडे पर महसूस की. नाडा खुलते ही सलवार नीचे गिर गयी, और मैने उतार कर साइड में कर दी.
भाई अब मेरी पीठ को चूमता हुआ नीचे बैठ गया, और मेरी गांद पर किस करने लगा. मैं पागल सी आ आ भाई आ आ किए जेया रही थी.
भाई उठा और धीरे-धीरे मुझे बेड पर लिटा दिया. फिर मेरे बूब्स चूसने लगा. मैं आँखें बंद करके बस इस पल का मज़ा ले रही थी. तभी भाई की उंगलियाँ मैने पनटी पर महसूस की. भाई ने धीरे-धीरे किस करते हुए मेरी पनटी उतरी, और पैरों से किस करता हुआ छूट के पास बैठ गया.
मेरी आँखें बंद थी. तभी भाई की गरम जीभ मैने छूट की फांको पर महसूस की. मैं एक-दूं हिल गयी. पहले भाई ने छूट पर जीभ फिराई, और फिर धीरे-धीरे छूट के अंदर जीभ डाल दी.
मैं उन पलों को शब्दों में बयान नही कर सकती. अब मेरे हाथ भाई के बालों में थे, और भाई मेरी छूट का रस्स चाट रहा था. मुझसे अब रहा नही गया, तो मैने भाई को बाज़ुओं से पकड़ कर उपर खींचा. तो भाई उपर आ कर बूब्स चूसने लगा.
मैने खुद भाई का लोवर नीचे किया, और पैरों से लोवर उतार दिया. मेरी नज़र भाई के लोड पर गयी, तो मैं हैरान रह गयी. लगभग 8 इंच लंबा, और आयेज से पतला, और पीछे एक-दूं मोटा बिल्कुल गाजर की तरह.
भाई का लोड्ा छूट के मूह पर टच हुआ, तो मेरे पैर अपने आप फैल गये, और लोड्ा छूट के मूह पर लगने लगा. मेरा हाथ अपने आप नीचे गये, और लोड को पकड़ कर छूट पर सेट करके मैने नशीली आँखों से भाई को देखा और कहा-
मैं: भाई प्लीज़ आराम से डालना.
भाई समझ गया की मैं तैयार थी. उसने तोड़ा सा थूक लोड पर लगाया, और फिर से किस करने लगा. मैने फिर से टाँगें और ज़्यादा फैलाई, और जैसे ही मैने लोड्ा छूट के मूह पर लगाया, भाई ने मुझे लिपलोक्क किया, और दबाव दे दिया. चिकनाहट और आयेज से पतला होने के कारण लोड्ा अंदर जाने लगा.
अगर मैं लिपलोक्क ना होती, तो चिल्ला पड़ती. तोड़ा सा लोड्ा डाल कर भाई रुका, और उतने में ही अंदर-बाहर करने लगा. हर बार भाई तोड़ा सा लोड्ा अंदर डाल देता. जैसे-जैसे लोड्ा अंदर जेया रहा था मुझे दर्द भी हो रहा था. पर कांवासना में डूबी औरत को दर्द से ज़्यादा मज़ा आता है.
मेरे कामरस्स से चुदाई अब स्मूद हो चुकी थी, और मैं नीचे से कमर हिला कर भाई का साथ देने लगी. भाई भी मुझे बहुत प्यार से छोड़ रहा था. वो कभी मेरे होंठ चूस्टा, कभी मेरी गर्दन चूस्टा, और कभी बूब्स.
चुदाई के दौरान भाई बार-बार ई लोवे योउ पूजा बोल रहा था. जवाब में मैं भी ई लोवे योउ टू बोलती. भाई का लोड्ा किसी आइरन रोड की तरह सख़्त था, जो मुझे बहुत मज़ा दे रहा था.
मैने हाथ नीचे ले जेया कर जायेज़ा लिया. लोड्ा अभी भी 25% बाहर था. मैं इतनी पागल हो चुकी थी, की मैं बोल पड़ी-
मैं: भाई अयाया अया ई लोवे योउ भाई. अयाया अया और अंदर डालो अया अया, प्लीज़ भाई पूरा डालो अया अया.
भाई ने तोड़ा और दबाव बनाया, तो मेरे मूह से हाए निकल गयी. लोड्ा पूरा अंदर जेया चुका था. मैं पूरी ताक़त से भाई से लिपट कर बोली-
मैं: आ आ बस बस भाई अया अया. ये क्या कर दिया भाई आ आ.
दरअसल ये झटका मेरी बच्चे-दानी पर लोड की ठोकर का था. भाई का 8 इंच का लोड्ा मेरी बच्चे-दानी पर टच हो रहा था. भाई रुक गया.
फिर उसने पूछा: क्या हुआ पूजा?
मैने कहा: भाई, अया अया बहुत मज़ा आ रहा है. प्लीज़ रूको मत आ आ करो भाई प्लीज़.
भाई ने घर्षण शुरू कर दिया. वो मेरे निपल चूस्टा हुआ लोड्ा जड़ तक डालने लगा. हर घर्षण पर लोड्ा बच्चे-दानी को हिट करता और मेरे बदन में लज़्जत सी दौड़ जाती. भाई मुझे प्यार करते हुए छोड़ रहा था. वो मेरे बूब्स चूस्टा हुआ लोड्ा आधा-बाहर निकालता, और फिर धीरे-धीरे पूरा अंदर डाल देता.
भाई ने घर्षण करते हुए मुझसे पूछा: पूजा मज़ा आ रहा है ना?
मैने कहा: भाई बहुत मज़ा आ रहा है. ई लोवे योउ भाई.
अब धीरे-धीरे भाई की स्पीड बढ़ती जेया रही थी, और मैं भाई के लोड को छूट में फील करके मज़ा लेते हुए चुड रही थी. हम दोनो सगे भाई-बेहन भूल चुके थे की हम कहाँ थे, हमारा रिश्ता क्या था, और हम क्या कर रहे थे. बस एक-दूसरे को प्यार करना याद था.
. . . . . पर थी. भाई की स्पीड बढ़ गयी थी. लगातार बच्चे-दानी पर हो रहे प्रहारों से मेरी छूट में संकुचन बहुत बढ़ गया. मेरी कमर अब हिलनी बंद हो गयी. अब मैं झड़ने वाली थी.
तभी भाई का लोड्ा मुझे छूट में सख़्त होता महसूस हुआ. भाई अब तेज़ी से चुदाई कर रहा था. मैं पूरी ताक़त से भाई से लिपट गयी. फिर बोली-
मैं: अया अया भाई अयाया. मैं झड़ने वाली हू अया अया. क्या तू भी मेरे साथ, मेरे साथ, मेरे साथ अयाया अया अया.
मैने नाख़ून भाई की पीठ पर गाड़ा दिए, और झटके के साथ झड़ने लगी. भाई लगातार घर्षण कर रहा था. जैसे ही मेरा सांखलन ख़तम हुआ, भाई ने एक हुंकार भारी और लोड्ा जड़ तक डाल कर सांखलित होने लगा. भाई का गरम वीर्या मैं अपने अंदर महसूस कर रही थी.
लगभग एक मिनिट तक भाई सांखलित होता रहा. उसके बाद भाई मेरे बगल में लेट गया. मैं उठी, और सीधा बातरूम में गयी. फिर शावेर ओं कर दिया. मेरी छूट से हम दोनो के बीज का मिश्रण और तोड़ा सा खून भी निकल रहा था.
नहाने के बाद मैं रेडी हुई. मेरा पूरा शरीर टूट रहा था, पर संत्ुस्ती थी. भाई ने मुझे देखा तो मैने नज़रें झुका ली, और बिना कुछ बोले वहाँ से चली गयी, और पॅलेस में पहुँच गयी.
कुछ देर बाद भाई भी आ गया. हम दोनो ने जैसा प्लान किया था, बिल्कुल वैसा ही हुआ. पर मुझे नही पता था की बात इतनी आयेज बढ़ जाएगी. मैने उसका भरपूर साथ दिया चुदाई में, जब की मैं सोच के गयी थी की अकेले में मिलेंगे, तोड़ा रोमॅन्स करेंगे, और वापस आ जाएँगे.
भाई अब मुझे ही देख रहा था, पर मैं उससे नज़रें नही मिला रही थी. खैर बारात आई और सभी रस्मे पूरी होने लगी. मैने खाना खाया और मौसी को बोला-
मैं: मौसी मैं घर जेया रही हू. तबीयत खराब है मेरी.
बाकी की कहानी नेक्स्ट पार्ट में. बाइ बाइ दोस्तों.