बड़ी मामी की बड़ी गांद चुदाई

नमस्कार दोस्तों!

मेरा नाम शेकर ह और मैं 22 साल का हूँ. मैं इंजिनियरिंग का च्चात्रा हूँ.

ये कहानी भागो मई है, इसलिए मैं पाठक गानो से तोड़ा धैर्या रखने का अनीरोरोध करता हूँ. मैं पाठकों को पहले ही आगाह करना चाहूँगा की इस कहानी मैं अधिक छोडांपत्ति नही ह.

इसका दोषी मैं अपने मामा को तेरना चाहूँगा क्योंकि मामा खुद इतने हवासी है की मामी की चुदाई का कोटा वाहा खुद ही पूरा कर देते है.

मैं बचपन से ही अपने मामा के साथ रहता हूँ. क्योंकि मेरा गाओं एक देहाती इलाक़े मैं है जहाँ स्कूल वा अन्या सारी व्यवस्थयें उपलब्ध नही हैं जो की पढ़ाई के लिए आवश्यक होती हैं.

मेरे नाना के टीन लड़के और दो लड़कियाँ हैं, क्रमवस:

बड़ी गांद वाली मामी वेल मामा, मेरी मम्मी, मौसी और फिर दो मामा.

मेरी मम्मी और मौसी की सॅडी बड़े मामा से पहले हो गयी थी.

मेरे तीनो मामा ही सरकारी नौकर हे. मनझले मामा अपनी बीवी के साथ दूसरे सहर मैं रहते हैं. घर मैं नाना, नानी दोनो मामा और उनकी मामियाँ मैं, बड़ी मामी का लड़का छोटू रहते हैं.

मेरे मामा अकचे पढ़े लिखे हैं जिसका मुझे बहुत लाभ मिलता है. वे नियमित रूप से कसरत भी करते हैं, मैं भी उनके साथ लग जाता हूँ, कारणवश मैं पढ़ाई के साथ साथ खेल कूंड मैं भी अछा हूँ.

कहानी सुरू करने से पहले मैं अपनी मामी के बारे मैं बताना चाहूँगा. मामी का नाम पिंकी ह. वे अभी 38 साल की ह.

कद उनका छ्होटा ही है , इतना की जब मामी किचन मैं खाना बनाते वक्त मुझे उँची जगह से कुछ उठाने के लिए बोलती ह और जब मैं उनके पीछे खड़ा होकर उनसे अपना लॅंड सतकर खड़ा होता हूँ तो मेरे लॅंड उनकी गांद की दरार जहाँ ख़तम होती है उससे 5-6 इंच उपर जाकर मार करता ह.

उनका वरना सांवला ह. परंतु छवि उनकी बड़ी ह लुभावनी ह. उनके स्थान 34 के हैं (उनकी ब्रा को देखकर मालूम हुआ). उनकी चीज़ जो सबसे अधिक प्रिया ह वो ह उनकी मोटी, मांसल गांद.

चलिए, अब कहानी सुरू करते ह…

बात ह साल 2018 की, जब मई 18 साल का था. मेरा नाना के घर टीन मंज़िल था जिसमे पहली मंज़िल पर नाना नानी, बीच मैं बड़ी मामी और उनका लड़का जो की 6 साल का था. तीसरे मैं मई और छ्होटे मामा. उस समाए मेरे छ्होटे ममाओं की शादी नही हुई थी.

सब का खाना वगेरा होने के बाद सब अपने अपने कमरे मैं चले जाते. मैं भी अपने कमरे मैं पढ़ाई बागेरा करने मैं व्यस्ता हो जाता. पढ़ाई करते समय कुछ दीनो से मेरा ध्यान उन घटनाओं के उपर केंद्रित हुआ जो की नियमित रूप से घटित हो रहीं थी.

जैसे ही रात के 12 बजे के लगभग का समय होता और घर का वातावरण सांत हो जाता कुछ घटनायें घटती.

वाहा कुछ इस प्रकार हैं, की नीचे के मंज़िल से हड़बड़ाहट मैं खोली गयी बड़ी मामी के कमरे की चितकनी और फिर उनके बातरूम के दरवाज़े का खुलना, उसके बाद मुग्गे मैं पानी का भरना और फिर मुग्गे से पानी च्चालकना, इन सबकी ध्वनि मैं अपने कमरे मैं अपनी कुर्सी पर बैठ कर कुछ दीनो से सुन रहा था. एक घटनाए कभी कबार एह ही दिन मैं एक बार तो कभी दो बार घाट ही जातीं.

आप लोग भी सोच रहे होंगे की किसी
की लघु संका का वर्णन कर रहा हूँ. मुझे भी उस समय ऐसा ही लग परंतु नियमित कारया मैं कोई इतनी हड़बाहात क्यों करेगा और बो भी कभी कभी दो-दो बार ये बात मेरे गले नहीं उतार रही थी.

गुत्थी को सुलझाने का एक ही तरीका था, खुद च्ानबीन की जाए. तो ऐसे ही एक दिन जब चितकनी की आवाज़ आई मैं उसी समय पानी लेने के बहाने नीचे चला गया .

मैं जब जीने से नीचे उतरा तब तक बातरूम का दरवाज़ा लग चुका था. मामी के कमरे का दरवाजा लघ्हभाग बंद था और अंदर. 5 वॉट (0 वॉट का कोई बल्ब नही होता) के बल्ब की रोशनी एक हल्की दरार से दिख रही थी.

मैं ये देखते हुए नीचे पानी लेने चला गया. जब मैं नीचे से पानी लेकर उपर आ रहा था तो मैने देखा की मामी के कमरे का दरवाज़ा लगभग आधा खुल चुका था (सयद हवा के कारण).

मैने जब कमरे के अंदर देखा तो मामी नीचे बिछे हुए बिस्तर (मामा नीचे सोते थे और उनका लड़का और मामी बेड पर (जब तक छ्होतू नही सो जाता था तब तक)) पर चिट पड़ी थी. मैने उस मद्धम रोशनी मैं देखा की मम्मी आध नग्न अवस्था मैं पड़ी हैं.

उनकी सॅडी और पेटिकोट उनके घुटने से भी उपर खिसका हुए थे. जिसके कारण उनकी गोल चिकनी टांगे, मासल जांघें उस मद्धम रोशनी मैं चमक रहीं थी.

उनके ब्लाउस और ब्रा भी तितर- बितर थे. उनके ब्लाउस खुला हुआ था, और उनकी अव्यवस्थित ब्रा उनके एक माममे को ढके हुई थी तो एक मामा सॉफ धिकाई दे रहा था. मामी को ऐसी चूड़ी हालत मैं देखकर मेरा लॉडा हरकत मारने लगा.

मैं कुछ पल उन्हे निहारता रहा और जब मुझे एहसास हुआ की मामा अब किसी भी बक्ट बातरूम से बेर आ सकते है तो मैं तुरंत बाहान से उपर चला गया.

अपने कमरे मैं जाकर, बेड पर लेते हुए अपनी चूड़ी हुई. मामी की तस्वीर मान मे लिए अपना लॅंड रगड़ने लगा. उस दिन से पहले मैने कभी अपनी मामी के बारे मैं ऐसा नहीं सोचा था. फिर उस दिन अपनी चूड़ी हुई मामी को याद करते हुए दो बार हिला कर सो गया.

उस दिन के बाद मामी के प्रीति मेरा नज़रिया ही बदल गया. मामी हर 3-4 दिन बाद मेरे कमरे मैं झाड़ू-पोंचा करने आती थी.

मामी जब झाड़ू लगाने के लिए झुकती थी तो उनकी मोटी गांद के बीच की दरार सॉफ दिखाई देती. मैं बेड पे लेता-लेता उनकी उस गांद की दरार को थोड़ी सी आँखें खोलकर जिससे मामी को पता ना चले की मैं सो रहा हूँ या जाग रहा निहारता रहता और अपने लॅंड को बिस्तेर मैं दबाते रहता.

मामी पोंचा लगाने के लिए अपने घुटनो पर बैठकर जब कमर झुका कर आयेज की और पोंचा लगतिन थी तो उनको देखकर मान करता की अभी जात से उठकर एक पल मैं मामी के पीछे घुटने के बाल बेत जौन.

फिर अपना लंड निकल के, झट से मामी की सॅडी और पेटिकोट उनकी जागों से खिसककर उनकी कमर के उपर रखकर. उनकी पनटी को अपने दोनो हाथों से उनकी मोटी गांद से होते हुए उनकी जांघों तक खिसकका डून.

उसके बाद अपने बायें हाथ की हथेली को अपनी बड़ी मामी की मोटी गांद की गहरी दरार के उपर टिककर. अपने दायें हाथ की उंगलियों को चाटके थूक लगाकर एक बार अपने लॅंड पे लगाकर उसे गीला करूँ और दूसरी बार अपनी मामी की छूट के होंठ, क्लिट और छूट के द्वार को.

फिर अपने लॉड को पकड़ कर, घुटने तोड़ा आगे खिसककर अपनी मामी की उस प्यारी छूट के ओँतों पर अपना लॅंड का टोपा रगदगार उसको तोड़ा उपर-नीचे, दायें बायें करके उसको मामी के छूट के प्रवेश द्वार पर सेट करके रख डून.

फिर अपने दोनो हाथों से मामी के कूल्हे पकड़ कर, अपनी कमर तोड़ा पीछे करके. जैसे एक बैल भैंस पर उछलकर चाड जाता है. और एक ही झटके मैं अपने गाजर जैसे लॅंड को एक ही बार मैं पूरा भैंस की छूट मैं उतार देता ह. मैं भी अपने लॅंड के टोपे को मामी की छूट की गहराइिओं मैं उतार कर उनकी बाकछे दानी मैं दे मारना चाहता था.

ये सोचकर मेरा चड्डी मैं ही पेर्कूं निकल जाता. पर अफ़सोस ये एक कल्पना मात्रा ही थी. मामी के चले जाना के बाद मैं बातरूम मई जाकर मामी को छोड़ने की कल्पना करके अपना माल निकल देता. ये सिलसिला काई दीनो तक यूँ ही चलता रहा.

मैं भी जिस दिन मामी पोंचा लगाने बाली होतीं उस दिन बेड पर लेते हुए उनका इंतेज़ार करता रहता था. बहुत दीनो तक ऐसा ही करते रहने से मामी को भी सयद शक होने लगा था की मैं उनको ही देख रहा हूँ. परंतु वाहा कुछ कहती नहीं थी.

आशा करता हूँ की आपको ये कहानी पसंद आई होगी. जल्द ही आयेज की कहानी बताने का प्रयास करूँगा.

आपको ये कहानी कैसी लगी बताने के लिए आप मेरे एमाइल के द्वारा संपर्क कर सकते हैं.

और यदि आपको कोई सॅल्हा या सुझाओ देना हो तो संपर्क करें.

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