स्वामी जी का इलाज

ममि ने उसे अपने दोनो हनथो से अपने चुद को फैलते हुए रसता दिखया। सवमिजि ने कमर को एक जोर का झतका देने के बाद कमर को हिलना सुरु किया तो कमरे मे आआआआआआआआअह्हह्हह्हह्ह, आआआआआआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊउईईईईईईअ औऊआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह नाआआआऐहैआआआआआआआआअ नाआआआआऐईईईईईईईई कि अवज गुनज उथि। सवमिजि ममि के उपर लेत गये। अब उनहोने कमर को हिलना बनद कर दिया और पास पदे दिबे से सरसो का तेल निकल कर ममि के दोनो चुचिओ पर लगया। अब उनको अपने हथेलियो मे लेकर मसलना सुरु कर दिया। अब जब ममि धिरे धिरे धिलि पदने लगि तो सवमिजि ने फिर से कमर को झतका देना सुरु कर दिया। फिर से कमरे मे आआआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह आआआआऔऊऊऊऊऊऊऊऊऊउ आआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह आआआऔचाआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह आआऐईईईईउआआआआआआआआआआआअ कि अवज अने लगि।

कुछ देर तक सवमि जि ने धिरे धिरे झतके लगते रहे। जब देखा कि मिमि कि मुह से अवज बनद नहि हो रहा तो उनहोने ममि के होतो को अपने होतो मे दबा कर चुसना सुरु कर दिया। अब एक तरफ़ सवमिजि ममि के कमर मे तेज रफ़तर से झतके लगा रहे थे तो दुसरे तरफ़ ममि के दोनो चुचिओ को मसल रहे थे और सथ मे उनके होतो को बुरि तरह से चुस रहे थे। ममि एक मछलि के तरह छतपता रहि थि।

सवमिजि रुकने का नम नहि ले रहे थे। कुछ देर के बाद ममि धिरे धिरे सनत परने लगि। तब सवमि जि ने उनके होतो को अपने होतो से अज़द कर दिया। और कमर को झतका देते हुए उथके बैथ गये। जब मैने धयन से देखा तो पया कि ममि के चुद मे सवमि जि का पुरा लुनद चला गया था। सवमिजि का झत ममि के कोमल झतो से तकरा रहे थे। ममि भि मुसकरा रहि थि और साथ मे कमर हिला हिला कर सवमिजि का साथ दे रहि थि। सवमिजि से ममि ने पुछा कि और कितना बहर है तो सवमिजि ने बोला कि पुरा का पुरा अनदर जा चुका है। ममि इतना सुन कर कमर उथा उथा कर झतका लगने लगि। कुछ देर तक झतका लगने के बाद सवमिजि जब ममि के होतो को चुसने के लिये उनके चेहरे के उपेर झुके तो मैं समझ गया कि अब सवमिजि का सपुरम ममि के चुद मे गिरने जरहा था। ममि भि उनका होथ चुस कर साथ दे रहि थि। थोदे देर मे दोनो सानत पद गये।

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दस मिनुत तक ममि के उपर पदे रहने के बाद सवमिजि उथके बैथ गये और ममि के चुद से लुनद को निकल कर उनके उपर से हत गये। सवमिजि कुछ देर के बाद ममि से करवत बदलने के लिये बोला तो ममि ने उनके तरफ़ अपना पिथ कर लिया। अब सवमिजि ने ममि के गनद मे तेल लगया। गनद मे तेल लगते समय सवमिजि ममि के चुद का तरिफ़ करते हुए बोले ‘कितना कसा हुअ बदन है। आज भि जवनि पोर पोर मे भरि हुइ है।’ इतना सुन कर मामि बोलि ‘अपकेभि लुनद मे जवनि इस कदर है कि वो मेरे चुद को फर देने के लिये बेतब था।’ अब सवमिजि मामि के बगल मे लेत गये। लेतने के बाद सवमिजि ने ममि के गनद पर लुनद को सतया। ममि ने लुनद को अपने हनथ मे लेलिया। सवमिजि ने ममि के गनद पर पहले हनथ फेरा फिर उसे फैलते हुए अपने लुनद के लिये उसमे रसता बनया।

ममि ने लुनद को अपने गनद के रसते पर लेजकर जैसे हि सतया सवमिजि ने ममि के कमर को पकद कर एक जोर से झतका मारा। ममि आआआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह धिरेआआआआआआईईईईईईईईईईईह्हह्हह्हह्हहीईईईईईईईईईईईईइ कर के कहर उथि। सवमि जि ने बोला कि कया हुअ। गया है। ममि बोलि अह्हह्हह्हह्हह्हहाआआआआआआआ आआआआआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह थोदाआआआआआअ धिरेआऐईईएआआआआआआआआऊऊऊउचाआआआआआअ धिरे मरिये। सवमिजि ने ममि के कमर को पकद कर जोर से झतका मरा। जब मैने धयन से देखा तो पया कि ममि के गनद मे सवमिजि का अधा लुनद चला गया था। सवमिजि अब ममि के चुचि को एक हनथ से पकद के मसलना सुरु कर दिया।

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