बारिश में भीगे बाप-बेटी की चुदाई की कहानी

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम पंकज है. मैं 48 साल का हू, और देल्ही में रहता हू. मेरी फॅमिली में मेरी बीवी, बेटा, और बेटी है. मेरी बेटी का नाम कविता है, और वो 24 साल की है. बेटा मेरा 22 साल का है. ये घटना पिछले हफ्ते की है. तो चलिए शुरू करते है.

6 महीने पहले मेरी बेटी की शादी हुई. हमने आचे घर के आचे लड़के के साथ उसकी शादी की थी. शादी के 3 महीने बाद कविता की सास ने उसको तंग करना शुरू कर दिया, क्यूंकी वो प्रेग्नेंट नही हो पा रही थी.

फिर जब रिपोर्ट्स हुई, तो प्राब्लम कविता के पति में निकली, लेकिन उसके ससुराल में ये बात कोई मानने को तैयार नही था. अब उनके घर में इस बात को लेके रोज़ उसको सुनाया जाता था. उसका हज़्बेंड भी रोज़ उससे लड़ने लगा.

उन दोनो में जो प्यार था, वो कही खो सा गया था. कभी-कभी तो उसका पति अब उस पर हाथ भी उठाने लगा था. फाइनली तंग आके उसने घर वापस आने का डिसाइड किया. फिर मैं गया उसको कुछ दिन के लिए घर वापस लाने. हम गाड़ी में आ रहे थे.

बारिश का मौसम है, तो रास्ते में बहुत तेज़ बारिश होने लग गयी. पानी भरने से गाड़ी बीच रास्ते में ही रुक गयी, और अंदर पानी आने लगा. हम लोग जल्दी से जाके एक लॉड्ज में रुक गये. लेकिन वाहा पहुँचने तक हम पूरी तरह से भीग चुके थे.

मेरी बेटी ने पाजामी सूट पहना था, और बारिश में भीगने की वजह से उसके इननेर्स दिखने लगे थे. हम दोनो पूरी तरह से भीग गये थे, और ठंड लग रही थी. कविता का जिस्म भीगे कपड़ो में सॉफ नज़र आ रहा था.

पता नही ऐसा कैसे हो गया, लेकिन मेरा लंड मेरी बेटी को देख कर खड़ा होने लगा. हम दोनो बेड पर ही बैठे थे. तभी कविता की नज़र भी मेरे खड़े हुए लंड पर पड़ी. उसने पहले मेरे लंड की तरफ देखा, और फिर मेरी तरफ.

मुझे नही पता उसने क्या सोचा, लेकिन उसने अपना हाथ मेरे खड़े हुए लंड पर रख लिया. जब मैने उसकी तरफ देखा, तो उसने अपने होंठ मेरी तरफ बढ़ाए. मैने भी उसको रोका नही, और अपने होंठ उसके होंठो के साथ चिपका दिए.

हम दोनो की धड़कने तेज़ हो गयी, और हम दोनो किस करने लग गये. दोनो ने एक-दूसरे को बाहों में ले लिया, और हमारी किस और इनटेन्स होती गयी. शायद हम दोनो अपने बाप-बेटी के रिश्ते को भुला चुके थे.

किस करते हुए मैं उसकी पीठ सहलाने लगा, और वो मेरे बाल सहला रही थी. तभी किस करते हुए उसने मुझे पुश किया, और बेड पर लिटा दिया. अब वो मेरे उपर थी, और मैं नीचे. उसने अपना शर्ट निकाला, और इधर मैं अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा.

अब वो पाजामी और ब्रा में थी, और मैं सिर्फ़ पंत में. फिर हम दोनो ने किस करना शुरू कर दिया. मैने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए उसकी ब्रा खोल दी, और निकाल दी. अब मैं उसके चूचे दबाने लगा, और वो आयेज होके मुझे अपने निपल्स चुसवाने लगी.

हम दोनो के जिस्मों ने आग पकड़ ली थी. फिर मैने उसको नीचे किया, और खुद उसके उपर आ गया. मैने उसके पेट पर किस करते हुए उसकी सलवार खोल दी, और उसकी पनटी भी निकाल दी. अब मेरी बेटी मेरे सामने पूरी नंगी थी.

उसकी छूट एक-दूं क्लीन-शेव्ड थी. मैने उसकी छूट को देखते ही चाटना शुरू कर दिया. वो मेरे सर को अपनी छूट में दबा रही थी, और कामुक सिसकियाँ ले रही थी. बहुत अछा टेस्ट था मेरी बेटी की छूट का. मैं जब भी उसकी क्लिट को जीभ से टच करता, तो वो सिसक जाती. उसकी छूट पूरी गीली हो चुकी थी.

फिर मैने अपनी पंत और अंडरवेर उतार दिए. अब मेरा तन्ना हुआ 6.5 इंच का लंड मेरी बेटी के सामने था. फिर मैं अपनी बेटी की जांघों के बीच आ गया, और अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ना शुरू किया.

वो मचल रही थी. फिर उसने मेरा लंड पकड़ा, और उसको हिलाते हुए अपनी छूट पर सेट किया. जैसे ही लंड उसकी छूट के मूह पर लगा, मैने लंड पुश करना शुरू किया. धीरे-धीरे मेरा लंड उसकी गीली छूट के अंदर चला गया. उसकी बॉडी थोड़ी हिली, और मेरी भी आ निकल गयी.

बड़ी गरम छूट थी मेरी बेटी की, एक-दूं ओवेन की तरह. पूरा लंड अंदर डालने के बाद मैं उस पर लेट गया, और उसके होंठ चूसने लगा. उसने नीचे से अपनी गांद हिलनी शुरू करी तो मैं समझ गया की वो चूड़ना चाहती थी.

फिर मैने अपने दोनो हाथ उसकी बाजू के इर्द-गिर्द रखे, और लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. बहुत मज़ा आ रहा था. मैं उसके बूब्स चूसने लगा, और लंड अंदर-बाहर करता रहा.

धीरे-धीरे मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और कविता आ आ करती रही. उसने अपनी टांगे मेरी कमर पर लपेट ली, और मुझे अपनी तरफ खींचने लगी. मैं भी पुर जोश में आ गया, और फुल जोश से उसको छोड़ने लग गया.

15 मिनिट हमारी ऐसे ही चुदाई चलती रही. मैने उसके बूब्स चूस-चूस कर लाल कर दिए थे, और उसकी गरण भी लाल हुई पड़ी थी. फिर मैं आ आ करता हुआ उसकी छूट में निकल गया. मैं भी काफ़ी टाइम बाद चुदाई कर रहा था, तो मेरा बहुत माल निकला.

उसके बाद मैं कुछ देर उस पर लेट कर उसको किस करता रहा. फिर मैं उतार कर साइड में लेट गया. हम दोनो की साँसे जो तेज़ थी, अब ठंडी पद गयी. मैं तक गया था, और मेरी आँख लग गयी.

फिर जब 15 मिनिट बाद मेरी आँख खुली तो मैने देखा कविता मेरा लंड चूस रही थी. मेरा लंड फिरसे खड़ा हो चुका था. मुझे जगा हुआ देख कर वो घूम कर घोड़ी बन गयी, और अपनी गांद मेरी तरफ कर दी. मैं समझ गया की मुझे क्या करना था.

फिर मैने पीछे से लंड उसकी छूट में डाला, और डॉगी पोज़िशन में उसको छोड़ने लगा. उसके चूतड़ बड़े ही सॉफ्ट है. मैं छूतदों को मसालते हुए उसकी छूट को छोड़ रहा था. 15 मिनिट की चुदाई के बाद मैने फिरसे अपना माल उसकी छूट में भर दिया.

फिर मौसम ठीक हुआ, और हम घर आ गये. रास्ते में उसने मुझे कहा की मैं उसको छोड़ना जारी रखू, और प्रेग्नेंट कर डू. मैने भी हामी भारी दी.

तो दोस्तों ये है मेरी कहानी. अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.

यह कहानी भी पड़े  रंडी मम्मी नौकर के पीछे पड़ी


error: Content is protected !!