बेरहम बाप ने फादी बेटी की गांद

ही दोस्तों, पापा से रात को चुदाई के बाद की सुबा मानो मेरा पूरा बदन टूट रहा था. दोपहर के 1 बाज चुके थे, मगर मुझसे बेड में से उठा नही जेया रहा था. मेरे फेस पर थप्पड़ के दाग थे, और फेस सूज भी गया था. मेरी गांद भी बिल्कुल लाल हो चुकी थी, और पूरी बॉडी पे दाग थे.

मम्मी ने भी मुझे उठाने के लिए दरवाज़े पर आवाज़ लगाई मगर पापा ने उन्हे रोक दिया. ये बोल कर की “बेचारी के एग्ज़ॅम्स चल रहे है, रात भर पढ़ रही थी.”

दोपहर 1 बजे जैसे-तैसे उठी. इस बार तो दाग पूरी तरह च्चिपा पाना नामुमकिन था. बाहर निकलते ही मम्मी मुझे देख कर दर्र गयी. मम्मी ने जल्दी से पापा को आवाज़ दी.

मम्मी: ये तेरे चेहरे को क्या हुआ? कितना सूज गया है.

मैं चुप थी. पापा भी आ कर अंजन बनने का नाटक करने लगे.

पापा: बेटी ये तुम्हारे चेहरे को क्या हुआ. कैसे हुआ ये?

मैं सिर झुकाए खड़ी थी. तभी पापा ने बोला-

पाप: लगता है तुम्हे भी उस कीड़े ने काटा है. मेरी जान-पहचान में एक आदमी है. वो भी सोक उठा तो उसका भी फेस ऐसे ही सूज गया था.

न्यूज़ में भी दिखा रहे थे. पापा और मैने जैसे-तैसे मम्मी को बेवकूफ़ बना दिया, और मैं वापस अंदर जेया कर मेडी-क्रीम लगाने लगी अपनी पूरी बॉडी पे. थोड़ी देर बाद मैं बातरूम में नहाने गयी, तो पापा मेरे पीछे-पीछे बातरूम में आ गये.

मे: पापा दिन में? मम्मी आ गयी तो दिक्कत हो जाएगी.

पापा: नही आएगी, वो बाहर गयी है मार्केट. कल रात तूने मेरा दिल खुश कर दिया. इतनी बड़ी रंडी बन जाएगी तू मुझे पता नही था.

पापा ने फिरसे मुझे दबोच लिया और मेरी त-शर्ट के उपर से ही मेरे बूब्स मसालने लगे. रात के दाग घाव की तरह दर्द कर रहे थे.

मे: पापा मैं अभी बिल्कुल इस हालत में नही हू. प्लीज़ छोढ़ दीजिए मुझे. कल की चुदाई के बाद मैं कुछ दिन तक कुछ नही कर पौँगी.

पापा: चुप साली. फिर नाटक चालू हो गया तेरा.

पापा ने मुझे दीवार पर चिपका दिया, और मेरी त-शर्ट को मेरी छाती के उपर तक उठा दिया. पापा भी पिछली रात के दाग देख कर हैरान हो गये. मगर फिर पापा मेरी बूब्स को मसालते हुए उन्हे चूसने लगे. मानो उसमे से कोई रस्स निकलेगा. मैं दर्द से सिसकियाँ लेने लगी.

फिर पापा ने त-शर्ट पूरी तरह उतार दी. पापा मेरे निपल्स को दांतो से पकड़ कर काटने और खींचने लगे. मुझसे दर्द सहा नही गया, और मैं पापा को धक्का देकर हटाने की कोशिश करने लगी. मगर मेरी मेहनत बर्बाद थी. पापा टॅस से मास नही हुए.

फिर पापा ने मेरी शॉर्ट्स को भी उतार दिया और मेरी छूट को उंगलियों से मसालने लगे. इतने दीनो की चुदाई से पापा मुझे कंट्रोल करना तो सीख गये थे. पापा ने फिर शवर ओं कर दिया. हम दोनो पानी में भीगने लगे. फिर पापा अपने घुटनो के बाल बैठ कर मेरी छूट चाटने लगे. मैं गरम होने लगी, और धीरे-धीरे मोन भी करने लगी.

पापा की ज़ुबान में शायद कोई जादू था. इतनी अची तरह से छूट चाट-ते थे की मैं कब ना जाने दर्द भूल कर मोन करने लगी मुझे भी नही पता. पापा ने मेरी कमर को अपने हाथो से लॉक किया हुआ था, तो मैं चाह कर भी खुद को हिला नही पा रही थी.

मे: आहह… अहह… ऊओ… पापा, आपसे अची छूट आज तक किसी ने नही छाती.

ऐसा बोलते-बोलते थोड़ी देर बाद मैं झाड़ गयी, और पापा ने मेरा सारा रस्स पी लिया. फिर पापा खड़े हुए और मुझे किस करने लगे. मेरी छूट के रस्स का टेस्ट अभी भी आ रहा था पापा के मूह से. फिर पापा ने मुझे पुश करके अपने घुटनो पर बिता दिया.

उसके बाद मैने पापा के ट्राउज़र को उतरा, तो उनका लंड सीधा खड़ा था. बिना देर किए पापा का लंड मैने अपने मूह में लिया. शवर में हम दोनो भीग रहे थे. इसके कारण पापा का लंड और भी रसीला लग रहा था.

पापा ने मेरे सिर को पकड़ा, और मेरे मूह को छोड़ने लगे. पापा का हर एक झटका मेरे गले तक जेया रहा था. इतनी चुदाई के बाद तो अब मुझे भी इसकी आदत हो गयी थी. मगर पापा हर बार कुछ नया लेकर आते थे मुझे तड़पने के लिए. इस बार पापा ने मेरी नाक बंद कर दी, जिससे मैं साँस नही ले पा रही थी.

उस हालत में जब पापा मूह में लंड डाल कर मेरे मूह को छोड़ने लगे, तो मैं चोक करने लगी. पापा को मैने रुकने को भी कहा मगर वो कहा रुकने वाले थे. पापा ने जाम कर मेरे मूह को छोड़ना शुरू किया. एक तो शवर के पानी का बहाव और पापा ने भी नाक बंद कर दी थी मेरी. साँस लेना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था.

जब भी मेरी हालत ज़्यादा खराब होने लगती, पापा थोड़ी देर के लिए मेरी नाक को छ्चोढ़ देते. मगर फिरसे उसे दबा देते. फिर पापा ने मुझे खड़ा किया, और मुझे दीवार की तरफ घुमा कर दीवार से चिपका दिया. मैं समझ गयी की अब पापा मुझे छोड़ेंगे तो मैने भी अपनी गांद को आयेज कर दिया.

पापा: रंडी साली, चूड़ने के लिए बेकरार है. पहले तो तेरी छूट छोड़ने वाला था. मगर अब तेरी गांद मारूँगा.

पापा ने मुझे और ज़ोर से दीवार पर दबाया, और लंड सीधा मेरी गांद में डाल दिया. अचानक से इतनी तेज़ी से मेरी गांद में लंड गया की मेरी ज़ोर की चीख निकल गयी. पापा ने एक हाथ से मेरे मूह को बंद किया और मेरी गांद की चुदाई जारी रखी.

मैं दर्द से तिलमिला रही थी. मेरे बस में कुछ नही था. शवर सेक्स का मेरा सपना तो था, मगर ऐसा नही था. मेरी गांद से तोड़ा खून भी आ गया.

पापा: देख साली तेरी गांद फाड़ दी आज मैने.

मे: पापा प्लीज़ और मत गांद मारो. बहुत दर्द हो रहा है.

पापा ने मेरी बात मान ली, और लंड गांद से निकाल कर मेरी छूट में डाल दिया. तब जेया कर थोड़ी राहत मिली, और मैने भी एंजाय करना शुरू किया.

पापा: बहुत बड़ी चुड़क्कड़ हो गयी है साली. अगले हफ्ते गाओं के कुछ मर्द आ रहे है. तब तेरी गर्मी शांत होगी.

ये बात सुन के मेरी हालत खराब हो गयी. पिछली बार गाओं की गंगबांग में तो मेरी हालत खराब हो गयी थी. शवर में होने के बाद भी मानो मेरे पसीने छ्छूट रहे हो.

तभी पापा ने मुझे पलटा कर एक टाँग उठा कर ताप पे रखवा दी. फिर सामने से मेरी छूट मारने लगे. मेरे दोनो चुचे उनके हाथो से मसले जेया रहे थे. मेरे बूब्स पर पापा के 6 लोवे बाइट्स के निशान थे. मैं चुदाई से ज़्यादा जब सब गाओं के रिश्तेदार आएँगे, तब मेरा क्या होगा सोचने लगी. मैने अपनी अशोल पर हाथ फेरा तो अभी भी तोड़ा-तोड़ा खून आ रहा था.

जब पापा ने नोटीस किया की मैं चुदाई के वक़्त कही और खोई थी, तो उन्होने एक ज़ोर का थप्पड़ मेरे फेस पे मारा और मैं होश में आई. नही पता क्यूँ मैं इतनी हॉर्नी हो गयी थी, की पापा को कस्स के पकड़ कर किस करने लगी. पापा भी थोड़े हैरान थे, मगर वो भी दोबारा किस करने लगे.

थोड़ी देर बाद पापा और मैं साथ में झाड़ गये. पापा ने अपना सारा माल मेरी छूट के अंदर ही गिरा दिया. छूट के अंदर से पापा का माल टपकने लगा. मैं उसको इकट्ठा करके चाट ही रही थी, की पापा ने बोला घुटनो पे बैठने को.

मे: पापा इतनी जल्दी सेकेंड रौंद?

पापा: जितना बोला उतना कर!

मैं जल्दी से घुटनो पर बैठ गयी. पापा ने शवर बंद किया. मैं सोच ही रही थी पापा अब क्या करेंगे. तभी पापा ने अपना लंड पकड़ा और मुझ पर पेशाब करने लगे.

पापा: सिर उठा साली अपना.

मैने सिर उठाया तो पापा ने दोबारा मेरे फेस पर मारना चालू किया. मैने रुकने को बोलना चाहा, मगर फिर पेशाब मेरे मूह में चला जाता. पापा ने मुझे पूरी तरह अपने पेशाब से नहला दिया. मैं वही बैठी रोने लगी. सब ख़तम होने के बाद पापा ने बस इतना बोला-

पापा: अगले हफ्ते के लिए तैयार हो जेया.

और वो वाहा से चले गये. मैं वही बैठी रही. थोड़ी देर बाद जब मैं शवर लेकर निकली, तो मेरे बेड पे एक मलम रखा था. शायद पापा ने ही रखा था. उसे मैने अपनी गांद पर लगाया, और दोबारा बेड पर सो गयी.

पापा ने मम्मी को भी माना कर दिया की मुझे ना उठाए, मेरी तबीयत ठीक नही. मम्मी को भी तोड़ा-तोड़ा शक तो होने लगा था, की मेरे साथ सब ठीक नही चल रहा.

तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरे शवर सेक्स की कहानी मुझे कॉमेंट्स में ज़रूर बताए.

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